सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश list (1950-2023)

August 21, 2024
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Quick Summary

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भारत के सर्वोच्च न्यायालय के वर्तमान मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्री धनञ्जय यशवंत चंद्रचूड़ हैं। यहाँ उनके बारे में पाँच महत्वपूर्ण बिंदु दिए गए हैं:

  • न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ को 9 नवंबर 2022 को भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया।
  • उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से एलएलबी और हार्वर्ड लॉ स्कूल से एलएलएम और एसजेडी की डिग्री प्राप्त की है।
  • उनका कार्यकाल 10 नवंबर 2024 तक है।
  • उन्होंने बॉम्बे उच्च न्यायालय और इलाहाबाद उच्च न्यायालय में भी सेवा की है।
  • न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कई महत्वपूर्ण फैसलों में योगदान दिया है, जिनमें निजता का अधिकार और धारा 377 को निरस्त करना शामिल है।

Table of Contents

भारतीय लोकतंत्र के तीन स्तंभों में न्यायालय एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है और इनमें सर्वोच्च न्यायालय का स्थान सबसे ऊपर है। सर्वोच्च न्यायालय को उच्चतम न्यायालय या फिर अंग्रेजी में सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया के नाम से भी जाना जाता है। सर्वोच्च न्यायालय देश में लोकतंत्र को बहाल रखने और सरकार की भूमिका को सही रखने में भी एक अमूल्य योगदान देता है।

आज के ब्लॉग में हम सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश list के साथ वर्तमान में भारत के मुख्य न्यायाधीश धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ के बारे में जानेंगे और देखेंगे कि सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश कि कैसे नियुक्ति होती है तथा भारत में मुख्य न्यायधीश का क्या महत्व है।

भारत के मुख्य न्यायाधीश

मुख्य न्यायाधीश का परिचय :

  • उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश भारतीय न्यायपालिका के प्रमुख होते हैं। इनके ऊपर न्यायपालिका की स्वतंत्रता और अखंडता को बनाए रखने तथा महत्वपूर्ण मामलों में अपनी शक्तियों का इस्तेमाल कर भारतीय लोकतंत्र से होने वाले खिलवाड़ को भी रोकने की अहम जिम्मेदारी होती है।
  • उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश का पद देश के सबसे प्रतिष्ठित और जिम्मेदारी से भरे पदों में से एक है। 
  • वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट इंडिया में मुख्य न्यायाधीश के अलावा 31 अन्य न्यायाधीश कार्यरत हैं और मुख्य न्यायधीश के रूप में श्री धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ कार्य कर रहे हैं।
  • सर्वोच्च न्यायालय के प्रमुख के रूप में, भारत के मुख्य न्यायाधीश मामलों के आवंटन और संवैधानिक पीठों की नियुक्ति के लिए जिम्मेदार होते हैं। साथ ही मुख्य न्यायाधीश, न्यायालय की सभी न्यायिक और प्रशासनिक गतिविधियों के संचालन के जिम्मेदार भी होते हैं।
  • इनके ऊपर न्यायिक कार्य, प्रशासनिक कार्य, नेतृत्व और मार्गदर्शन, संवैधानिक कर्तव्य और सार्वजनिक प्रतिनिधित्व समेत कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां भी होती हैं।

मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति

  • सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया में मुख्य न्यायाधीश का चयन आमतौर पर वरिष्ठता और योग्यता के आधार पर किया जाता है। उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति भारतीय संविधान के अनुच्छेद 124 के तहत, राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
  • भारत के सर्वोच्च न्यायालय में पहले मुख्य न्यायाधीश के साथ 31 न्यायधीशों की नियुक्ति की जाती थी, लेकिन अब इस संख्या को बढ़ाकर 34 कर दिया गया है।
  • सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया में मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति के लिए कोलेजियम प्रणाली का उपयोग किया जाता है। इसमें मुख्य न्यायाधीश समेत सर्वोच्च न्यायालय के चार वरिष्ठतम न्यायाधीश शामिल होते हैं।
  • मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति के लिए कोलेजियम की सिफारिश के बाद, केंद्रीय कानून मंत्रालय राष्ट्रपति के पास सिफारिश भेजता है और राष्ट्रपति उस सिफारिश को मंजूरी देते हैं। इसके बाद उस शख्स को भारत का मुख्य न्यायाधीश घोषित किया जाता है।
  • राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद शपथ समारोह का आयोजन होता है, जिसमें भारत के राष्ट्रपति द्वारा मुख्य न्यायाधीश को शपथ दिलाई जाती है।
  • सुप्रीम कोर्ट के ऑफ इंडिया के मुख्य न्यायाधीश बनने के आमतौर पर वही योग्यताएं चाहिए होती हैं, जो सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया में न्यायाधीश बनने के लिए चाहिए होती हैं। गौरतलब है कि मुख्य न्यायाधीश के लिए सेवानिवृत्ति की उम्र 65 वर्ष है, इसलिए सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश को कॉलेजियम की सिफारिश के बाद भारत का मुख्य न्यायाधीश घोषित किया जाता है।

भारत के मुख्य न्यायाधीशों की सूची 

28 जनवरी 1950 को भारत के उच्चतम न्यायालय के रूप स्थापित इस न्यायालय में अब तक 50 मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किये जा चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश list आप आगे देख सकते हैं और उनके कार्यकाल के भी बारे में जानकारी हासिल कर सकत्व हैं।

तालिका: भारत के मुख्य न्यायाधीश और उनका कार्यकाल

क्रममुख्य न्यायाधीशकार्यकाल
1एचजे कनिया26 जनवरी 1950 से 6 नवंबर 1951
2एम. पतंजलि शास्त्री7 नवंबर 1951 से 3 जनवरी 1954
3मेहर चंद महाजन4 जनवरी 1954 से 22 दिसंबर 1954
4बिजन कुमार मुखर्जी23 दिसंबर 1954 से 31 जनवरी 1956
5सुधी रंजन दास1 फरवरी 1956 से 30 सितंबर 1959
6भुवनेश्वर प्रसाद सिन्हा1 अक्टूबर 1959 से 31 जनवरी 1964
7पीबी गजेन्द्रगडकर1 फरवरी 1964 से 15 मार्च 1966
8अमल कुमार सरकार16 मार्च 1966 से 29 जून 1966
9कोका सुब्बा राव30 जून 1966 से 11 अप्रैल 1967
10कैलाश नाथ वांचू12 अप्रैल 1967 से 24 फ़रवरी 1968
11मोहम्मद हिदायतुल्लाह25 फ़रवरी 1968 से 16 दिसंबर 1970
12जयंतीलाल छोटेलाल शाह17 दिसंबर 1970 से 21 जनवरी 1971
13सर्व मित्र सीकरी22 जनवरी 1971 से 25 अप्रैल 1973
14ए.एन. रे26 अप्रैल 1973 से 28 जनवरी 1977
15मिर्ज़ा हमीदुल्लाह बेग29 जनवरी 1977 से 21 फ़रवरी 1978
16वाई.वी. चंद्रचूड़22 फ़रवरी 1978 से 11 जुलाई 1985
17पीएन भगवती12 जुलाई 1985 से 20 दिसंबर 1986
18रघुनंदन स्वरूप पाठक21 दिसंबर 1986 से 18 जून 1989
19एंग्लागुप्पे सीतारामैया वेंकटरामैया19 जून 1989 से 17 दिसंबर 1989
20सब्यसाची मुखर्जी18 दिसंबर 1989 से 25 सितंबर 1990
21रंगनाथ मिश्रा26 सितंबर 1990 से 24 नवंबर 1991
22कमल नारायण सिंह25 नवंबर 1991 से 12 दिसंबर 1991
23मधुकर हीरालाल कनिया13 दिसंबर 1991 से 17 नवंबर 1992
24ललित मोहन शर्मा18 नवंबर 1992 से 11 फरवरी 1993
25एमएन वेंकटचलैया12 फ़रवरी 1993 से 24 अक्टूबर 1994
26अज़ीज़ मुशब्बर अहमदी25 अक्टूबर 1994 से 24 मार्च 1997
27जे.एस. वर्मा25 मार्च 1997 से 17 जनवरी 1998
28मदन मोहन पुंछी18 जनवरी 1998 से 9 अक्टूबर 1998
29आदर्श सेन आनंद10 अक्टूबर 1998 से 31 अक्टूबर 2001
30सैम पिरोज भरुचा1 नवंबर 2001 से 5 मई 2002
31भूपिंदर नाथ किरपाल6 मई 2002 से 7 नवंबर 2002
32गोपाल बल्लव पटनायक8 नवंबर 2002 से 18 दिसंबर 2002
33वी.एन. खरे19 दिसंबर 2002 से 1 मई 2004
34एस. राजेंद्र बाबू2 मई 2004 से 31 मई 2004
35रमेश चंद्र लाहोटी1 जून 2004 से 31 अक्टूबर 2005
36योगेश कुमार सभरवाल1 नवंबर 2005 से 13 जनवरी 2007
37के.जी. बालकृष्णन14 जनवरी 2007 से 11 मई 2010
38एस.एच. कपाड़िया12 मई 2010 से 28 सितंबर 2012
39अल्तमस कबीर29 सितंबर 2012 से 18 जुलाई 2013
40पी. सदाशिवम19 जुलाई 2013 से 26 अप्रैल 2014
41राजेंद्र मल लोढ़ा27 अप्रैल 2014 से 27 सितंबर 2014
42एच.एल. दत्तू28 सितंबर 2014 से 2 दिसंबर 2015
43टीएस ठाकुर3 दिसंबर 2015 से 3 जनवरी 2017
44जगदीश सिंह खेहर4 जनवरी 2017 से 27 अगस्त 2017
45दीपक मिश्रा28 अगस्त 2017 से 2 अक्टूबर 2018
46रंजन गोगोई3 अक्टूबर 2018 से 17 नवंबर 2019
47शरद अरविंद बोबडे18 नवंबर 2019 से 23 अप्रैल 2021
48एनवी रमण24 अप्रैल 2021 से 26 अगस्त 2022
49यूयू ललित27 अगस्त 2022 से 8 नवंबर 2022
50डी.वाई. चंद्रचूड़9 नवंबर 2022 से वर्तमान

वर्तमान मुख्य न्यायाधीश: धनंजय यशवंत चंद्रचूड़

सर्वोच्च न्यायालय के वर्तमान मुख्य न्यायाधीश धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ का जन्म 11 नवंबर 1959 को हुआ था। इनके पिता वाई.वी. चंद्रचूड़ भी 22 फ़रवरी 1978 से 11 जुलाई 1985 तक भारत के 16वें मुख्य न्यायाधीश रहे थे। वहीं इनकी मां प्रभा चंद्रचूड़ ऑल इंडिया रेडियो की गायिका थीं।

न्यायमूर्ति धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ का परिचय

  • सर्वोच्च न्यायालय के वर्तमान मुख्य न्यायाधीश धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ ने 1979 में दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज से डिग्री हासिल की तथा इसके बाद इन्होंने 1982 में दिल्ली विश्वविद्यालय के विधि संकाय से कानून में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। इन्होंने न्यायिक विज्ञान में 1986 में मशहूर हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से डॉक्टरेट की उपाधि भी प्राप्त की है।
  • श्री धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ को 9 नवंबर 2022 को भारत का मुख्य न्यायाधीश घोषित किया गया था और इनका कार्यकाल 10 नवंबर 2024 तक रहने वाला है।
  • जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ इससे पहले भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, बॉम्बे उच्च न्यायालय के स्थायी न्यायाधीश रह चुके हैं। इन्होंने वरिष्ठ अधिवक्ता, बॉम्बे उच्च न्यायालय और भारत संघ के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के रूप में भी काम किया है।

योगदान और उपलब्धियाँ

  • सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया के मुख्य न्यायाधीश के रूप में धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ ने कई ऐसे कदम उठाए हैं, जो मुख्य न्यायाधीश के रूप में उनके योगदान और उपलब्धियों को रेखांकित करते हैं।
  • भारत के मुख्य न्यायधीश के रूप में इन्होंने न्यायिक सुधार और पारदर्शिता को बढाने के लिए भी कई कदम उठाए हैं। इनके मुख्य न्यायधीश बनने के बाद उच्चतम न्यायालय में मामलों के निपटारे में तेजी आई और इन्होंने न्यायालय की कार्यवाही को अधिक पारदर्शी बनाया। इनके कार्यकाल में सर्वोच्च न्यायालय में कई महत्वपूर्ण डिजिटल रिफॉर्म्स भी हुए, जिससे न्यायालय की बात ज्यादा लोगों तक पहुँचने में आसानी हुई।
  • इन्होंने अपने कार्यकाल में कई ऐसे महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए, जो समाज के सबसे निचले तबके पर खड़े लोगों के हित में थे। साथ ही इलेक्ट्रोल बांड्स समेत कई मुद्दों पर इनकी अध्यक्षता वाली बेंच ने महत्वपूर्ण निर्णय लेकर देश में लोकतंत्र को मजबूत करने का काम किया है।

मुख्य न्यायाधीश के अधिकार और कर्तव्य

भारत के मुख्य न्यायाधीश को न्यायिक प्रशासन ने नेतृत्व, पीठ के गठन, प्रशासनिक कार्य तथा महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई समेत कई अहम अधिकार प्राप्त हैं।

इसके अलावा न्यायिक प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से संचालित करने, न्यायाधीशों को मार्गदर्शन और आवश्यक निर्देश देने तथा संवैधानिक मूल्यों की रक्षा और न्यायपालिका की स्वतंत्रता जैसे अहम कर्तव्य इनके कंधे पर होते हैं।

न्यायिक प्रशासन

  • सर्वोच्च न्यायालय के मुखिया के रूप में मुख्य न्यायधीश के ऊपर सर्वोच्च न्यायालय के न्यायिक प्रशासन की भी जिम्मेदारी होती है।
  • इसलिए भारत के मुख्य न्यायधीश के ऊपर मामलों के आवंटन और संवैधानिक पीठों की नियुक्ति से जुड़ी जिम्मेदार होती है। मुख्य न्यायाधीश अन्य न्यायाधीशों को सभी कार्य भी आवंटित करते हैं।
  • मुख्य न्यायाधीश के ऊपर रोस्टर के रखरखाव, सर्वोच्च अदालत के अधिकारियों की नियुक्ति और सर्वोच्च न्यायालय के पर्यवेक्षण और कामकाज से संबंधित सामान्य और विविध मामलों को देखने की भी जिम्मेदारी होती है।

मुख्य न्यायाधीश का महत्व

  • भारतीय लोकतंत्र चेक एंड बैलेंस के सिद्धांत पर काम करता है और ऐसे में इसे चलाने में कार्यपालिका, विधयिका और न्यायपालिका, तीनों का महत्वपूर्ण योगदान है। इसलिए भारतीय लोकतंत्र को सही तरीके से चलाने में मुख्य न्यायाधीश का काफी महत्व होता है।
  • मुख्य न्यायाधीश सुप्रीम कोर्ट का नेतृत्व करते हैं और प्रमुख मामलों की सुनवाई करते हैं। वे संवैधानिक बेंच का नेतृत्व करते हैं जो महत्वपूर्ण संवैधानिक मुद्दों पर निर्णय देती है। साथ ही ये न्यायालयों और अधीनस्थ न्यायालयों के बीच समन्वय का भी कार्य करते हैं। इससे हमें इस पद की अहमियत पता चलती है।
  • साथ ही मुख्य न्यायाधीश की सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में न्यायाधीशों की नियुक्ति में भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। मुख्य न्यायाधीश न्यायिक सुधारों और नीतियों को लागू करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। इससे पता चलता है कि सिर्फ न्यायिक निर्णयों ही नहीं, बल्कि न्यायिक प्रणाली की प्रभावशीलता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने में भी मुख्य न्यायाधीश का काफी महत्व है।

निष्कर्ष

आज के इस सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश list के ब्लॉग से हमें पता चलता है कि भारतीय न्यायव्यवस्था में मुख्य न्यायाधीश का क्या महत्व है तथा संविधान और लोकतंत्र को जीवंत रखने में वो कितनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हम ये भी कह सकते हैं कि भारतीय न्यायपालिका के मुखिया के रूप में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश अपने कर्तव्यों का सही ढंग से निर्वहन करके लोकतंत्र को मजबूत कर रहे हैं और ये आमलोगों के लिए न्याय की आखिरी उम्मीद भी हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की अनुपस्थिति की स्थिति में कौन कार्यभार संभालता है?

मुख्य न्यायाधीश की अनुपस्थिति या छुट्टी के दौरान, सुप्रीम कोर्ट का वरिष्ठतम न्यायाधीश या एक विशेष न्यायाधीश उनकी जिम्मेदारियाँ संभालता है।

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता में किस प्रकार की विशेष समितियाँ कार्य करती हैं?

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता में विभिन्न विशेष समितियाँ कार्य करती हैं, जैसे कि न्यायिक सुधार समिति और कानूनी शिक्षा समिति। ये समितियाँ न्यायिक प्रणाली के सुधार, केस प्रबंधन, और कानूनी शिक्षा से संबंधित मुद्दों पर विचार करती हैं और सिफारिशें प्रस्तुत करती हैं।

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के लिए क्या कोई विशेष नैतिक कोड होता है जिसे उन्हें पालन करना होता है?

हाँ, मुख्य न्यायाधीश को एक उच्च नैतिक मानक का पालन करना होता है, जिसमें न्याय की स्वतंत्रता, निष्पक्षता, और पारदर्शिता शामिल है, जो उनकी न्यायिक भूमिका का मूल आधार हैं।

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के फैसलों को कानूनी भाषाओं के अलावा अन्य भाषाओं में कैसे अनुवादित किया जाता है?

मुख्य न्यायाधीश के फैसलों का अनुवाद विभिन्न भाषाओं में कानूनी अनुवादकों द्वारा किया जाता है, ताकि फैसले का व्यापक प्रसार और समझ सुनिश्चित की जा सके।

क्या सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के लिए कोई विशिष्ट पोशाक या ड्रेस कोड होता है?

हाँ, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के लिए न्यायिक पोशाक का एक विशिष्ट कोड होता है, जिसमें गहरे रंग की जॉज और गाउन शामिल होते हैं, जो अदालत की औपचारिकता और गरिमा को बनाए रखते हैं।

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