उपसर्ग और प्रत्यय के 50 उदाहरण

September 11, 2024
उपसर्ग और प्रत्यय के 50 उदाहरण
Quick Summary

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उपसर्ग किसी शब्द के आरंभ में जुड़कर उसका अर्थ बदल देता है। प्रत्यय किसी शब्द के अंत में जुड़कर उसका अर्थ बदल देता है।

उपसर्ग के उदाहरण:
अ + योग्य = अयोग्य
नि +राश = निराश

प्रत्यय के उदाहरण:
बच्चा + पन = बचपन
लिख + ने = लिखने
गुरु + वर = गुरुवर

Table of Contents

उपसर्ग और प्रत्यय के 50 उदाहरण की जानकारी केवल छात्रों के लिए ही नहीं, बल्कि लेखकों, कवियों और सामान्य पाठकों के लिए भी महत्वपूर्ण है। यहाँ प्रस्तुत 20 उपसर्ग और प्रत्यय के उदाहरणों से अधिक उपसर्ग और प्रत्यय के 50 उदाहरण हिंदी में आपकी भाषा की समझ को और भी सशक्त बनाएंगे। अगर आप 20 उपसर्ग और प्रत्यय के उदाहरणों से अधिक उपसर्ग और प्रत्यय के 50 उदाहरण हिंदी में ढूंढ रहे हैं, तो यह ब्लॉग आपके लिए एक अमूल्य संसाधन साबित होगा इसे पूरा पढ़ें।

उपसर्ग क्या हैं?

उपसर्ग वे छोटे-छोटे शब्दांश होते हैं जो किसी शब्द के पहले जोड़े जाते हैं ताकि उसके अर्थ में बदलाव किया जा सके। ये शब्द के मूल अर्थ को बदलते हैं या उसे विशेष बनाते हैं। उदाहरण के लिए, दिन में “प्रति” उपसर्ग जोड़ने से “प्रतिदिन” शब्द बनता है, जिसका मतलब है “हर दिन”।

हिंदी व्याकरण में उपसर्ग के महत्व और उपयोग

महत्व:

  1. नए शब्द बनाने की कुंजी: उपसर्गों की मदद से हम बहुत सारे नए शब्द बना सकते हैं। इससे हमारी भाषा और अधिक समृद्ध होती है।
  2. अर्थ को स्पष्ट करते हैं: उपसर्ग शब्दों के अर्थ को और अधिक स्पष्ट करते हैं। जैसे “शब्द” में “अप” जोड़ने पर “अपशब्द” की प्राप्ति होती है, जिसका अर्थ गलत शब्द होता है।
  3. भाषा को सजीव बनाते हैं: उपसर्गों के प्रयोग से हमारी भाषा और अधिक सजीव और रोचक बन जाती है।
  4. विचारों को व्यक्त करने में मदद करते हैं: उपसर्गों की मदद से हम अपने विचारों को और अधिक सटीक और प्रभावी ढंग से व्यक्त कर सकते हैं।

उपसर्गों के कुछ उपयोग

  1. विशेषण बनाने के लिए: जैसे, ‘सुंदर’ में ‘अति’ उपसर्ग लगाकर ‘अतिसुंदर’ बना सकते हैं, जिसका अर्थ अधिक सुंदर होता है।
  2. क्रिया बनाने के लिए: जैसे, ‘चल’ में ‘अव’ उपसर्ग लगाकर ‘अवचल’ बना सकते हैं, जिसका अर्थ स्थिर होता है।
  3. संज्ञा बनाने के लिए: जैसे, ‘ज्ञान’ में ‘अधि’ उपसर्ग लगाकर ‘अधिज्ञान’ बना सकते हैं, जिसका अर्थ पहचान होता है।
  4. विभिन्न भावों को व्यक्त करने के लिए: जैसे, ‘दुख’ में ‘अति’ उपसर्ग लगाकर ‘अत्यधिक दुःख” बना सकते हैं, जिसका अर्थ बहुत अधिक दुख होता है।

उपसर्ग के कितने प्रकार होते हैं?

उपसर्ग के प्रकारों में मुख्य रूप से संस्कृत उपसर्ग, हिंदी उपसर्ग और उर्दू उपसर्ग आते हैं।

संस्कृत उपसर्ग

संस्कृत उपसर्ग, उपसर्ग के प्रकार में से एक है। संस्कृत भाषा में उपसर्गों की संख्या काफी अधिक है। इसकी खास बात यह है कि बहुत सारे हिंदी शब्दों में भी इनका इस्तेमाल होता है। जो नए शब्द बनाने में मदद करता करता है।

संकृत उपसर्ग के कुछ उदाहरण:

  • अ: असत्य, अयोग्य
  • अति: अतिथि, अत्यधिक 
  • प्र: प्रगति, प्रारंभ
  • अधि: अध्यापक
  • परि: परिणाम, परिस्थिति

हिंदी उपसर्ग 

हिंदी उपसर्ग, उपसर्ग के प्रकार में से एक है। हिंदी उपसर्ग ऐसे छोटे-छोटे शब्दांश हैं जो किसी शब्द की शुरुआत में लगकर उसके अर्थ को बदल देते हैं या उसे और स्पष्ट करते हैं। हिंदी उपसर्गों की मदद से हम बहुत सारे नए शब्द बना सकते हैं। ये ज्यादातर संस्कृत भाषा से आए हैं। इनका प्रयोग हिंदी में व्यापक रूप से होता है। ये शब्दों को अर्थपूर्ण और सार्थक बनाते हैं। 

हिंदी उपसर्ग के कुछ उदाहरण:

  • अन: अनपढ़, अनजाना, अनंत
  • अध: अधूरा, अध्याय, अधीर
  • नि: निर्णय, निश्चय, निराश
  • सु: सुंदर, सुखी, सुगंध
  • बेर: बेरोजगार, बेईमान, बेवकूफ
  • कु: कुटिल, कुशल, कुप्रभाव

उर्दू उपसर्ग 

उर्दू उपसर्ग छोटे-छोटे शब्दांश होते हैं जो किसी उर्दू शब्द की शुरुआत में लगकर उसके अर्थ को बदल देते हैं या नया अर्थ जोड़ देते हैं।

उर्दू उपसर्गों की खासियत:

  • अरबी और फ़ारसी मूल: ज़्यादातर उर्दू उपसर्ग अरबी और फ़ारसी भाषाओं से आए हैं।
  • शब्द रचना में मदद: ये उपसर्ग नए शब्द बनाने में बहुत मदद करते हैं।
  • अर्थ में विविधता: हर उपसर्ग का अपना अलग अर्थ होता है, जिससे शब्दों के अर्थ में विविधता आती है।

उर्दू उपसर्ग के उदाहरण:

  • ना: नाकाम
  • बे: बेवफ़ा
  • गैर: गैर-मिल्की
  • बद: जैसे बदकिस्मत
  • अल: अल्लाह

प्रत्यय क्या है?

प्रत्यय वे शब्द हैं, जो दूसरे शब्दों के अंत में जोड़े जाते हैं ताकि उनका अर्थ बदल सके या नया शब्द बन सके। प्रत्यय शब्दों को विशेषता, क्रिया, या अन्य भाव देने का काम करते हैं।

उदाहरण: 

  • ता: सुंदर + ता = सुंदरता
  • ई: राजा + ई = राजाई
  • पन: पागल + पन = पागलपन

हिंदी व्याकरण में प्रत्यय का महत्व और उपयोग

हिंदी व्याकरण में प्रत्यय का काफी उपयोग है ये शब्दों के अंत में जोड़े जाते हैं ताकि उनका अर्थ या रूप बदल सके। ये छोटे-छोटे अंश शब्द के अंत में लगकर उसके अर्थ को विशेष बनाते हैं। प्रत्यय का सही उपयोग करके हम नए शब्द बना सकते हैं और अपने विचारों को स्पष्टता से व्यक्त कर सकते हैं।

प्रत्यय का महत्व:

  1. नए शब्द बनाना: प्रत्यय जोड़कर हम नए शब्द बना सकते हैं, जैसे ‘लेख’ शब्द में ‘क’ प्रत्यय जोड़ने से ‘लेखक’ (लिखने ) शब्द बनता है।
  2. शब्द की विशेषता: प्रत्यय शब्द की विशेषता को दर्शाते हैं, जैसे ‘सुंदर’ में ‘ता’ प्रत्यय जोड़ने से ‘सुंदरता’ (सौंदर्य) बनता है।
  3. व्यवहार और अवस्था: प्रत्यय शब्द के व्यवहार या अवस्था को व्यक्त करते हैं, जैसे ‘खेल’ में ‘ड़ी’ प्रत्यय जोड़ने से ‘खिलाड़ी’ (खेलने वाला) बनता है।

प्रत्यय के कितने प्रकार के होते हैं?

मुख्य रूप से प्रत्यय के दो प्रकार होते हैं, कृत प्रत्यय और तद्धित प्रत्यय जिनका उपयोग अलग अलग शब्दों में होता है। 

कृत प्रत्यय

कृत प्रत्यय, प्रत्यय के प्रकार में से एक है ये हमेशा क्रिया के अंत में आने वाले प्रत्यय हैं। जब ये किसी क्रिया के साथ जुड़ते हैं, तो एक नया शब्द बनता है जो या तो संज्ञा या विशेषण होता है। कृत प्रत्ययों की मदद से हम बहुत सारे नए शब्द बना सकते हैं और शब्दों के अर्थ को और अधिक स्पष्ट कर सकते हैं।

कृत प्रत्यय के उदाहरण:

  • ना: पढ़ना, लिखना
  • ता: चलता, खाता
  • आ: जाना, आना

तद्धित प्रत्यय

तद्धित प्रत्यय हिंदी व्याकरण में वे प्रत्यय होते हैं जो किसी मूल शब्द के अंत में जोड़कर उससे नया शब्द बनाते हैं। तद्धित प्रत्यय जोड़ने से नए शब्द का अर्थ मूल शब्द से संबंधित होता है, लेकिन उसमें कुछ नया गुण या विशेषता जुड़ जाती है।

तद्धित प्रत्यय के उदाहरण:

  • पन: मीठापन, लालच
  • ता: चलता, खाता
  • आ: पढ़ना, लिखना
  • ई: खुशी, उदासी

उपसर्ग और प्रत्यय में अंतर

अंतरउपसर्गप्रत्यय
स्थानउपसर्ग किसी शब्द के शुरुआत में जुड़तें हैं।प्रत्यय किसी शब्द के अंतिम में जुड़तें हैं।
प्रभावउपसर्ग शब्द के अर्थ बदलते हैं।प्रत्यय शब्द के अर्थ और कभी-कभी रूप भी बदलते हैं। 
उदाहरणअ: असत्य, अधि: अधिकारपन: मीठापन, आ: पढ़ना

उपसर्ग और प्रत्यय के 50 उदाहरण हिंदी में

उपसर्ग और प्रत्यय के 50 उदाहरण हिंदी में निम्नलिखित हैं।

उपसर्ग और प्रत्यय के उदाहरण

संख्या
उपसर्ग के 50 उदाहरणप्रत्यय के 50 उदाहरण
उपसर्गशब्दप्रत्ययशब्द
1असामान्यतासज्जता
2अधिअधिकारतासामर्थ्यता
3अतिअतिउत्साहीजीकामकाजी
4अन्अंतिकर्मसदकर्म
5आवाजकृतिसाहित्यकृति
6अर्थअर्थशास्त्रकियराजकीय
7उत्साहशास्त्रआयुर्वेदशास्त्र
8उपउपकारकर्मसदकर्म
9प्रतिप्रतिनिधिकृतिसाहित्यकृति
10संबंधज्ञज्ञान
11सुसुखदतिसहानुभूति
12अप्रअप्राकृतिकगिरीपर्वतगिरी
13नकारात्मककर्मस्वकर्म
14अलक्षितकरणउपकरण
15अपअपराधयकगायक
16उपउपस्थिततावीरता
17अतिअतिरेकरीपानीधारी
18सुसुभगनायिका
19अनुअनुपस्थितिपंथधर्मपंथ
20विविविधइकअधिक
21अधिअधिकारयकनायक
22अवअवसरधनसंबंधन
23सासांस्कृतिकशरणआशरण
24प्रतिप्रतिकूलधनमूलधन
25निनिर्धारितप्रकारसंबंधप्रकार
26परिपरिवर्तनत्वसौंदर्यत्व
27अधिअधिकरूपसौंदर्यरूप
28सृसृजनशास्त्रवेदशास्त्र
29अनुअनुकरणलिपिदेवनागरीलिपि
30मधमध्यममान
31निजकृतिसाहित्यकृति
32सुसुंदरआर्थीविद्यार्थी
33परिपरिवारधनअर्थवर्धन
34विविपरीतदारीपानीधारी
35अवअवांछनीयपद्धतिशैक्षणिकपद्धति
36अधअध्यायकारीशिल्पकारी
37प्रप्रभातअधिकारीसहायकअधिकारी
38असुअसुरक्षितपंथसामाजिकपंथ
39उत उत्पत्तिपुत्रधनपुत्र
40अनअनदेखीपंथधर्मपंथ
41सासाधकविद्याउच्चविद्या
42संसंशोधनआलयविद्यालय
43अधिअधिकारीथनसमर्थन
44अथवाज्ञानविज्ञान
45अलक्षितरकधारक
46प्रप्रेरणाकर्मीसेवाकर्मी
47अनुअनुवादइत्रमित्र
48संसंघइयप्रिय
49पुनपुनरावृत्तिओदविनोद
50अदअद्भुतदानयोगदान

उपसर्ग और प्रत्यय के प्रयोग के महत्व

शब्द निर्माण, व्याकरणिक शुद्धता और स्पष्टता में उपसर्ग और प्रत्यय का प्रयोग काफी महत्वपूर्ण है।

शब्द निर्माण में योगदान

  • नए शब्दों का निर्माण: उपसर्ग और प्रत्यय के प्रयोग से हम नए शब्द बना सकते हैं, जिससे हमारी भाषा और समृद्ध होती है।
  • अर्थ में विविधता: ये शब्दांश एक ही मूल शब्द से कई नए शब्द बनाकर, उस शब्द के अर्थ में विविधता लाते हैं।

व्याकरणिक शुद्धता और स्पष्टता

  • अर्थ स्पष्टता: उपसर्ग और प्रत्यय शब्दों को अधिक सटीक और स्पष्ट बनाने में मदद करते हैं। इससे हमारी बातचीत या लेखन अधिक प्रभावी हो जाता है।
  • व्याकरणिक शुद्धता: इनका सही उपयोग व्याकरणिक शुद्धता बनाए रखने में मदद करता है।
  • विचारों और भावों का सटीक अभिव्यक्ति: उपसर्ग और प्रत्यय हमें अपने विचारों और भावों को अधिक सटीक रूप से व्यक्त करने में मदद करते हैं।

निष्कर्ष

“उपसर्ग और प्रत्यय के 50 उदाहरण हिंदी में” के माध्यम से हमने देखा कि किस प्रकार ये शब्दों में नए अर्थ और संचार जोड़ते हैं। इनका सही और सटीक प्रयोग न केवल भाषा को समृद्ध बनाता है, बल्कि हमारे संवाद को भी अधिक प्रभावशाली और प्रभावशाली बनाता है। उपसर्ग और प्रत्यय का ज्ञान एक महत्वपूर्ण उपकरण है जो हमें भाषा की जटिलताओं को समझने और उनका उपयोग करने में मदद करता है।

इस ब्लॉग में आपने 20 उपसर्ग और प्रत्यय से अधिक उपसर्ग और प्रत्यय के उदाहरणों के बारे में जाना। आशा है कि ये ब्लॉग “उपसर्ग और प्रत्यय के 50 उदाहरण हिंदी में” आपको “उपसर्ग और प्रत्यय के उदाहरण” को समझने और अपने लेखन को और भी शुद्ध करने में सहायक सिद्ध होगा।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

उपसर्ग कैसे लिखते हैं?

उपसर्ग किसी शब्द के आरंभ में जुड़कर उसका अर्थ बदल देता है। आप किसी भी शब्द के आरंभ में उपसर्ग जोड़कर एक नया शब्द बना सकते हैं।

उदाहरण:
अ + योग्य = अयोग्य
सु +ंदर = सुंदर
नि +राश = निराश

प्रत्यय कैसे लिखते हैं?

प्रत्यय किसी शब्द के अंत में जुड़कर उसका अर्थ बदल देता है। आप किसी भी शब्द के अंत में प्रत्यय जोड़कर एक नया शब्द बना सकते हैं।

उदाहरण:
बच्चा + पन = बचपन
लिख + ने = लिखने
गुरु + वर = गुरुवर

प्रत्यय 20 उदाहरण क्या है?

प्रत्यय के 20 उदाहरण:

पन: बचपन, बुढ़ापा
ता: मिठास, लालच
त्व: गौरव, सौंदर्य
आ: पढ़ाकू, खिलाड़ी
वा: गुरुवा, देवा
ई: रानी, देवी
नीय: पढ़नीय, जाननीय
अनीय: अज्ञात, अचिन्तनीय
स्थान: पुस्तकालय, अस्पताल
वासी: नगरवासी, ग्रामीण
काल: प्राचीनकाल, भविष्यकाल
दार: पुस्तकालय, संग्रहालय
वान: धावक, कवि
मान: मानव, गृहमान
हार: विजेता, पराजय
कर: लेखक, शिक्षक
वत: शक्तिशाली, बुद्धिमान
रत: प्रेमरत, ज्ञानरत
हीन: दुर्बल, निर्धन
वान: धावक, कवि

सुंदरता का प्रत्यय क्या है?

“सुंदरता” शब्द में “ता” प्रत्यय जुड़ा हुआ है।

हिंदी में प्रत्यय कितने होते हैं?

मुख्य रूप से दो प्रकार के प्रत्यय होते हैं:

2कृत प्रत्यय: ये धातुओं से नए शब्द बनाते हैं।
तद्धित प्रत्यय: ये संज्ञा या विशेषणों से नए शब्द बनाते हैं।

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