दशहरा पर निबंध: Essay on Dussehra in Hindi

September 12, 2024
दशहरा पर निबंध
Quick Summary

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  • दशहरा का सबसे महत्वपूर्ण पक्ष भगवान राम और रावण की कहानी से जुड़ा है। रामायण के अनुसार, भगवान राम ने 10 सिर वाले राक्षस राजा रावण को मारकर लंका पर विजय प्राप्त की थी। दशहरा इसी विजय का प्रतीक है।
  • दशहरा के दिन शमी के पेड़ की पूजा करने की परंपरा है। मान्यता है कि भगवान राम ने लंका पर चढ़ाई करने से पहले शमी के पेड़ की पूजा की थी।
  • दशहरा के दिन रावण का पुतला जलाया जाता है, जो बुराई का प्रतीक है। यह रावण के वध का प्रतीकात्मक रूप है।
  • दशहरा नवरात्रि के नौ दिनों के उपवास का समापन होता है। नवरात्रि में देवी दुर्गा की पूजा की जाती है और दशहरा के दिन विजयदशमी मनाई जाती है।

Table of Contents

दशहरा पर निबंध हिंदी में (Essay on Dussehra in Hindi) लिखने के माध्यम से आप दशहरा के संस्कृतिक महत्व को गहराई से समझ सकते हैं। दशहरा हिंदुओं का एक बहुत ही महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसे हम विजयदशमी के नाम से भी जानते हैं। यह त्योहार बुराई पर अच्छी की जीत का प्रतीक है।

इस ब्लॉग में आप दशहरा पर निबंध हिंदी में लिखने के बारे में जानेंगे। जिसमें दशहरा पर निबंध 10 लाइनों में, दशहरा पर निबंध 20 लाइनों में, दशहरा पर निबंध 100 शब्दों में, दशहरा पर निबंध 150 words में और दशहरा पर निबंध 200 words में शामिल होंगे जिससे आप महापर्व दशहरा को अच्छी तरह समझ पाएंगे।

दशहरा क्यों मनाया जाता है?

दशहरा मनाने के कई कारण हैं जो कुछ इस प्रकार हैं:

  1. असत्य पर सत्य की जीत: दशहरा को अच्छाई की बुराई पर जीत के लिए मनाया जाता है। क्योंकि, इसी दिन भगवान श्री राम जी ने रावण का वध किया था।
  2. नवरात्रि का समापन: दशहरा नवरात्रि के नौ दिनों के उपवास और पूजा का समापन भी होता है। इन नौ दिनों में हम देवी दुर्गा के रूपों की पूजा करते हैं और बुराई से लड़ने की शक्ति मांगते हैं।
  3. नया साल: दशहरा हिंदू नववर्ष का भी प्रारंभ होता है। इस दिन लोग नए साल की शुरुआत में अच्छे काम करने और बुराई से दूर रहने का संकल्प लेते हैं।

दशहरा का पौराणिक महत्व

दशहरा को लेकर दो पौराणिक घटनाएं हैं, जिसे दशहरा का पौराणिक महत्व भी कहा जा सकता है।

पहली घटना रामायण से जुड़ी है, जिसमें भगवान श्री राम जी ने रावण का वध किया था। रावण, जो लंका का राजा था, ने सीता माता का अपहरण कर लिया था। भगवान श्री राम ने अपनी पत्नी सीता को रावण से मुक्त कराने के लिए वानर सेना के साथ मिलकर एक बड़ा युद्ध लड़ा और अंततः रावण का वध किया। इस दिन को विजयदशमी के रूप में मनाया जाता है, जो दशहरे का एक अन्य नाम है।

दूसरी घटना मां दुर्गा से जुड़ी है, जिसमें देवी दुर्गा ने महिषासुर नामक राक्षस का वध किया था। देवी दुर्गा ने नौ दिनों तक युद्ध करके उसे पराजित किया। इस महत्व के कारण भी दसवें दिन को विजयदशमी के रूप में मनाया जाता है।

दशहरा पर निबंध 10 लाइन | Dussehra Par Nibandh in 10 Lines

हिंदी में दशहरा पर निबंध 10 लाइनों में कुछ इस प्रकार है:

  1. दशहरा, विजय और उत्साह का पर्व है।
  2. दशहरा राम-रावण की पौराणिक गाथा से जुड़ा है।
  3. यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। 
  4. यह त्योहार, हमें सत्य और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। 
  5. नवरात्रि के उपवासों के बाद दशमी को विजय दिवस के रूप में मनाते हैं।
  6. दशहरा को ही हम विजयादशमी से जानते हैं।
  7. दशहरा केवल धार्मिक महत्व ही नहीं रखता बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी समृद्ध है। 
  8. रावण दहन, रामलीला जैसे आयोजन इस दिन की शोभा बढ़ाते हैं। 
  9. यह त्योहार हमें साहस, धर्म और संस्कृति की सीख देता है। 
  10. दशहरा भारत की सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। 

दशहरा पर निबंध 20 लाइन | Dussehra Par Nibandh in 20 Lines

हिंदी में दशहरा पर निबंध 20 लाइनों में कुछ इस प्रकार है:

  1. दशहरा, जिसे विजयदशमी भी कहा जाता है, भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है। 
  2. यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है।
  3. दशहरा मुख्यतः हिंदू धर्म में मनाया जाता है। 
  4. दशहरा का पर्व आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है।
  5. इस दिन का पौराणिक और ऐतिहासिक महत्व दोनों ही अत्यधिक है।
  6. लंका के राजा राक्षस रावण ने भगवान श्री राम की पत्नी सीता माता का अपहरण कर लिया था।
  7. दशहरा के दिन भगवान राम ने लंका के राजा रावण का वध करके माता सीता को मुक्त कराया था। 
  8. इस घटना का वर्णन रामायण में मिलता है।
  9. रावण को जलाने का प्रतीक बुराई के नाश और सत्य की विजय को दर्शाता है। 
  10. देश के विभिन्न हिस्सों में रामलीला का आयोजन किया जाता है, जिसमें भगवान राम की कथा का नाटकीय प्रदर्शन होता है। 
  11. रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के बड़े-बड़े पुतले बनाए जाते हैं और अंत में उनका दहन किया जाता है।
  12. दूसरी ओर, यह दिन देवी दुर्गा की महिषासुर पर विजय के रूप में भी मनाया जाता है। 
  13. महिषासुर, जो एक शक्तिशाली राक्षस था, देवी दुर्गा द्वारा नौ दिनों के युद्ध के बाद पराजित हुआ था। 
  14. नवरात्रि के नौ दिनों के बाद दसवें दिन, विजयदशमी के रूप में देवी दुर्गा की विजय का उत्सव मनाया जाता है।
  15. दशहरा का पर्व केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। 
  16. इस दिन लोग नए वस्त्र धारण करते हैं, घरों को सजाते हैं और मित्रों एवं परिवार के साथ मिलकर खुशियाँ मनाते हैं। 
  17. कई जगहों पर मेले और प्रदर्शनों का आयोजन किया जाता है, जो इस त्योहार की रंगीनता को और बढ़ा देते हैं।
  18. दशहरा हमें यह सिखाता है कि बुराई कितनी भी शक्तिशाली क्यों न हो, सत्य और धर्म की हमेशा जीत होती है। 
  19. यह पर्व हमारे अंदर उत्साह, जोश और नैतिकता का संचार करता है। 
  20. दशहरे का संदेश सदैव यही रहता है कि हम अपने जीवन में सच्चाई और न्याय का पालन करें और बुराई का नाश करें।

दशहरा पर निबंध 100 शब्द | Dussehra Par Nibandh in 100 Words

हिंदी में दशहरा पर निबंध 100 शब्दों में कुछ इस प्रकार है:

दशहरा, जिसे विजयदशमी भी कहा जाता है, हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। यह त्योहार भगवान राम द्वारा रावण के वध और देवी दुर्गा द्वारा महिषासुर के संहार की याद में मनाया जाता है। देश भर में रामलीला का आयोजन होता है और रावण, मेघनाद, और कुंभकर्ण के पुतलों का दहन किया जाता है। यह दिन न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। दशहरा हमें सिखाता है कि सत्य और धर्म की हमेशा जीत होती है, चाहे बुराई कितनी भी शक्तिशाली क्यों न हो।

दशहरा पर निबंध 150 words | Dussehra Par Nibandh in 150 Words

हिंदी में दशहरा पर निबंध 150 words में कुछ इस प्रकार है:

दशहरा हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है जो बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। यह त्योहार आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान राम ने लंका के राजा रावण का वध कर माता सीता को मुक्त कराया था। रामलीला के रूप में इस कथा का नाटकीय प्रदर्शन होता है और रावण, मेघनाद, और कुंभकर्ण के पुतलों का दहन किया जाता है।

दशहरा का महत्व सिर्फ रामायण से ही नहीं जुड़ा है, बल्कि यह देवी दुर्गा की महिषासुर पर विजय को भी दर्शाता है। नवरात्रि के नौ दिनों की पूजा-अर्चना के बाद दसवें दिन देवी दुर्गा की विजय का उत्सव मनाया जाता है।

दशहरा का पर्व हमें सिखाता है कि सत्य और धर्म की हमेशा विजय होती है। यह त्योहार हमें बुराई के खिलाफ संघर्ष करने और सच्चाई की राह पर चलने की प्रेरणा देता है।

दशहरा पर निबंध 200 words | Dussehra Par Nibandh in 200 Words

हिंदी में दशहरा पर निबंध 200 words में कुछ इस प्रकार है:

दशहरा, भारत के सबसे महत्वपूर्ण और धूमधाम से मनाए जाने वाले त्योहारों में से एक है। यह पर्व बुराई पर अच्छाई की प्रतीकात्मक जीत का उत्सव है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दिन भगवान राम ने 10 दिनों के संघर्ष के बाद रावण का वध किया था और माता सीता को उसके चंगुल से मुक्त कराया था। इसलिए इसे विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है।

दशहरा का उत्सव पूरे देश में विभिन्न तरीकों से मनाया जाता है। रावण के पुतले का दहन, रामलीला का आयोजन, शस्त्र पूजन और नवरात्रि के उपवास इसकी प्रमुख विशेषताएं हैं। रावण का पुतला जलाकर लोग बुराई के प्रतीक का नाश करते हैं और अच्छाई की विजय का जश्न मनाते हैं। रामलीला के माध्यम से रामायण की गाथा का जीवंत रूप देखने को मिलता है, जो लोगों को धर्म और कर्तव्य के प्रति जागरूक करता है। 

दशहरा का सांस्कृतिक महत्व भी अत्यंत गहरा है। यह त्योहार हमें हमारे इतिहास और परंपराओं से जोड़ता है। साथ ही, यह एकता, भाईचारा और सामाजिक सद्भाव का संदेश देता है। लोग इस पर्व पर एक-दूसरे के घर जाते हैं, मिठाइयाँ बांटते हैं और खुशी का आदान-प्रदान करते हैं। इस तरह दशहरा न केवल धार्मिक महत्व रखता है बल्कि सामाजिक जीवन को भी समृद्ध बनाता है।

दशहरा के प्रमुख आयोजन

दशहरा के प्रमुख आयोजनों में रामलीला और रावण दहन शामिल हैं जो दशहरा के उत्सव को और मजेदार बनाते हैं।

रामलीला

दशहरा के दौरान होने वाली रामलीला एक नाटकीय प्रदर्शन है, जिसमें भगवान राम की कहानी को मंच पर प्रस्तुत किया जाता है। इसमें रावण द्वारा सीता माता का अपहरण, श्री राम और रावण का युद्ध, और अंततः रावण का दहन दिखाया जाता है। यह आयोजन धार्मिक शिक्षा और मनोरंजन का मिश्रण होता है, जो दर्शकों को रामायण की कथा से जोड़ता है। रामलीला के माध्यम से बुराई पर अच्छाई की विजय की सीख दी जाती है, और यह सांस्कृतिक परंपरा को जीवित रखता है।

रावण दहन

दशहरे के दिन रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के बड़े पुतलों का दहन किया जाता है, जो बुराई के विनाश का प्रतीक है। पुतलों में जलने वाले पटाखे भरे जाते हैं, जो जलने पर जोरदार धमाके के साथ फूटती है, जिससे माहौल उत्साहपूर्ण हो जाता है। यह आयोजन हमें सिखाता है कि सत्य की हमेशा जीत होती है और बुराई का अंत निश्चित है।

भारत में दशहरा के विभिन्न रूप

दशहरा मनाने के लिए भारत के विभिन्न हिस्सों से आकर्षित दृश्य देखने को मिलते हैं, चाहे वो उत्तर भारत हो, पश्चिम बंगाल हो या दक्षिण भारत का मैसूर हो।

उत्तर भारत: दिल्ली, वाराणसी, और अन्य उत्तर भारतीय राज्यों में दशहरा

उत्तर भारत में दशहरा बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। इस दौरान रामलीला का आयोजन होता है, जहां भगवान राम की कथा का नाटकीय प्रदर्शन किया जाता है। बड़े-बड़े मैदानों में रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के विशाल पुतले बनाए जाते हैं, जिन्हें दशहरे के दिन जलाया जाता है। दिल्ली, वाराणसी और अन्य उत्तरी क्षेत्रो में लोग नए कपड़े पहनते हैं, मिठाइयां बांटते हैं और मेले का आनंद लेते हैं। 

पश्चिम बंगाल: दुर्गा पूजा के साथ दशहरा का महत्व

पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा के साथ दशहरे का उत्सव बेहद धूमधाम से मनाया जाता है। हर साल दुर्गा पूजा के दौरान दुर्गा मां के सबसे भव्य पंडाल यहां सजाए जाते हैं और देवी दुर्गा की मूर्तियों की पूजा की जाती है। दशमी के दिन, जिसे विजयदशमी कहा जाता है, देवी दुर्गा की मूर्तियों का विसर्जन होता है। इसी दिन यहां रावण दहन भी किया जाता है। लोग एक-दूसरे को सिंदूर लगाते हैं और मिठाइयां बांटते हैं। यह भव्य उत्सव समाज में भाईचारा और एकता का संदेश देता है, जिससे पूरे राज्य में उल्लास और खुशी का माहौल बनता है।

दक्षिण भारत: मैसूर का दशहरा उत्सव

दक्षिण भारत के मैसूर में दशहरे का उत्सव अत्यधिक धूमधाम से मनाया जाता है। इसे मैसूर दशहरा कहा जाता है और यह कर्नाटक राज्य का राजकीय उत्सव है। इस दौरान मैसूर महल को सुंदर रोशनी से सजाया जाता है। दस दिनों तक चलने वाले इस उत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रम, जुलूस और झांकियाँ होती हैं। विजयदशमी के दिन, हाथियों की सवारी और भव्य शोभायात्रा निकाली जाती है, जिसमें देवी चामुंडेश्वरी की मूर्ति को सजाया जाता है। 

निष्कर्ष

दशहरा पर निबंध हिंदी में (Essay on Dussehra in Hindi) के माध्यम से हमने इस महत्वपूर्ण त्योहार के विभिन्न पहलुओं को समझने का प्रयास किया। दशहरा न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन में भी एक विशेष स्थान रखता है। भगवान श्री राम और देवी दुर्गा की विजय की कथाएँ हमें सिखाती हैं कि सत्य और धर्म की हमेशा जीत होती है। इस त्योहार के दौरान रावण दहन और मैसूर दशहरा जैसे भव्य आयोजनों से हमें जो प्रेरणा मिलती है, वह अद्वितीय हैं।

इस ब्लॉग में आपने दशहरा पर निबंध हिंदी में लिखने के लिए दशहरा पर निबंध 10 लाइनों में, दशहरा पर निबंध 20 लाइनों में, दशहरा पर निबंध 100 शब्दों में, दशहरा पर निबंध 150 words में और दशहरा पर निबंध 200 words में लिखने के बारे में जाना।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

दशहरा पर निबंध कैसे लिखें?

निबंध लिखने के लिए आप इन बिंदुओं पर ध्यान दे सकते हैं:

प्रस्तावना: दशहरा त्योहार का संक्षिप्त परिचय दें।
रामायण की कहानी: राम और रावण के युद्ध और रावण के वध के बारे में संक्षेप में बताएं।
दशहरे का महत्व: इस त्योहार का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व क्या है, इसे विस्तार से बताएं।
दशहरा कैसे मनाया जाता है: भारत के विभिन्न हिस्सों में दशहरा कैसे मनाया जाता है, इसकी जानकारी दें।
दशहरा का मुख्य संदेश: दशहरा हमें क्या सिखाता है, इस पर विस्तार से चर्चा करें।
निष्कर्ष: दशहरा त्योहार की प्रासंगिकता और भविष्य में इसकी प्रासंगिकता पर चर्चा करें।

दशहरा क्यों मनाया जाता है 10 लाइन?

1. दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
2. इस दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था।
3. दशहरा नवरात्रि के नौ दिनों के उपवास का समापन होता है।
4. इस दिन शमी के पेड़ की पूजा की जाती है।
5. दशहरा विजय का प्रतीक है।
6. इस दिन रावण का पुतला जलाया जाता है।
7. दशहरा भारत के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है।
8. दशहरा हमें बुराई से लड़ने और अच्छाई का मार्ग अपनाने की प्रेरणा देता है।
9. दशहरा एक सांस्कृतिक और धार्मिक त्योहार है।
10. दशहरा हमें एकता और भाईचारे का संदेश देता है।

दशहरा का मुख्य संदेश क्या है?

दशहरा का मुख्य संदेश है बुराई पर अच्छाई की जीत। यह हमें सिखाता है कि हमें हमेशा अच्छाई का मार्ग अपनाना चाहिए और बुराई से लड़ना चाहिए।

दशहरा की क्या विशेषता है?

दशहरा की कुछ विशेषताएं हैं:

रावण दहन
शमी पूजन
नवरात्रि के उपवास का समापन
विजय का प्रतीक

दशहरे का त्यौहार क्यों मनाया जाता है?

विजयदशमी यानी दशहरा नवरात्रि खत्म होने के अगले दिन मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान राम ने रावण का वध करने से पहले 9 दिनों तक मां दुर्गा की उपासनी की थी और 10वें दिन रावण का वध किया था। विजयदशमी का पर्व आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाए जाने वाले मुख्य पर्वों में से है।

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