Quick Summary
GST Kya Hai? भारत में GST, यानी वस्तु एवं सेवा कर (Goods and Services Tax), एक ऐसा कर प्रणाली है जिसने भारत के अप्रत्यक्ष करों के ढांचे को पूरी तरह से बदल दिया है। GST के लागू होने से पहले, केंद्र और राज्य स्तर पर कई प्रकार के कर लगाए जाते थे, जैसे कि वैट, एक्साइज ड्यूटी, सर्विस टैक्स, इत्यादि। इस कर को एकीकृत कर पूरे देश में समान रूप से लागू कर दिया गया है ताकि वस्तुओं और सेवाओं के मूल्य निर्धारण में पारदर्शिता हो सके। इस ब्लॉग में वस्तु एवं सेवा कर, gst in hindi, sgst kya hota hai, जीएसटी(GST in Hindi) रिटर्न क्या है इन सबके बारे में पूरी जानकारी देंगे।
जीएसटी, या वस्तु एवं सेवा कर, एक अप्रत्यक्ष कर है जो वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर लगाया जाता है। यह एक बहु-चरणीय, गंतव्य-आधारित कर प्रणाली है जो प्रत्येक मूल्य संवर्धन पर लागू होता है, और यह वैट, उत्पाद शुल्क, सेवा कर जैसे विभिन्न अप्रत्यक्ष करों की जगह लेता है।
GST kya hai यह एक व्यापक कर प्रणाली है जिसमें वस्तुओं और सेवाओं दोनों पर एक समान कर लगाया जाता है। भारत में इसे 2017 में लागू किया गया था और इसके तहत सभी अप्रत्यक्ष करों को समाप्त कर दिया गया है। GST ने भारत की वस्तु एवं सेवा कर प्रणाली में कई सुधार किए हैं जिससे कर का बोझ उपभोक्ताओं पर समान रूप से बनता गया है। यह उपभोक्ताओं के लिए वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में समानता लाने के उद्देश्य से लागू किया गया था।
GST के लागू होने के पीछे कई महत्वपूर्ण उद्देश्य थे, जिनमें से कुछ प्रमुख उद्देश्य इस प्रकार हैं-
GST भारत में एक विशेष प्रकार का कर है, जिसे चार मुख्य प्रकारों में विभाजित किया गया है। इनका वर्गीकरण इस आधार पर किया गया है कि कौन-सा कर किसे भुगतान करना है और किस राज्य में इसे लागू करना है।
भारत में GST के चार प्रमुख प्रकार होते हैं, जिन्हें इस प्रकार वर्गीकृत किया गया है:
2000 में, भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री ने वस्तु एवं सेवा कर की अवधारणा पेश की। उन्होंने नए अप्रत्यक्ष कर कानून का मसौदा तैयार करने के लिए एक समिति भी बनाई।
हालांकि, इसके कार्यान्वयन में 17 साल और लग गए। इस बीच, बिल कई बार पेश किया गया, संशोधन किए गए और पुनर्निर्धारित किया गया।
gst kya hai? इस प्रणाली में कुछ वस्तुओं को छूट प्रदान की गई है। इसका उद्देश्य आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को कम रखना और आम लोगों को आर्थिक रूप से सहारा देना है। GST से छूट प्राप्त वस्तुओं में शामिल हैं:
2024 में GST दरें विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं के आधार पर अलग-अलग निर्धारित की गई हैं। ये दरें सरकार द्वारा अर्थव्यवस्था के अनुसार तय की गई हैं। नीचे दी गई GST दरें वस्तुओं और सेवाओं पर लागू की जाती हैं:
उत्पाद | जीएसटी दर (GST in Hindi) |
दूध | 0% |
काजल | 0% |
अंडे | 0% |
शैक्षणिक सेवाएं | 0% |
दही | 0% |
लस्सी | 0% |
स्वास्थ्य सेवाएं | 0% |
बच्चों की ड्राइंग और भरने वाली किताबें | 0% |
अनपैक्ड फूड | 0% |
अनपैक्ड आटा /मैदा | 0% |
अनपैक्ड पनीर | 0% |
गुड़ | 0% |
बेसन | 0% |
ताजी सब्जियां | 0% |
बिना ब्रांड वाला प्राकृतिक शहद | 0% |
नमक | 0% |
प्रसाद | 0% |
बाल्मिक गुड़ | 0% |
फूल भरी झाड़ू | 0% |
उत्पाद | जीएसटी दर (GST in Hindi) |
चीनी | 5% |
पैक्ड पनीर | 5% |
चाय | 5% |
कोयला | 5% |
खाद्य तेल | 5% |
किशमिश | 5% |
घरेलू एलपीजी | 5% |
भूनी हुई कॉफी बींस | 5% |
मलाई उतरे दूध का चूर्ण | 5% |
काजू | 5% |
जूते (<रू 500) | 5% |
शिशुओं का दूध युक्त भोजन | 5% |
परिधान (<रू 1000) | 5% |
कपड़ा | 5% |
कॉयर मैट | 5% |
चटाई और फर्श कवरिंग मसाले | 5% |
अगरबत्ती | 5% |
जीवन रक्षक दवाइयां | 5% |
मिठाई (भारतीय) | 5% |
कॉफी (इंस्टेंट छोड़ कर) | 5% |
उत्पाद | जीएसटी दर (GST in Hindi) |
मक्खन | 12% |
घी | 12% |
बना हुआ खाना | 12% |
बादाम | 12% |
फल | 12% |
सब्जी की तैयारी | 12% |
मोबाइल | 12% |
फलों का रस | 12% |
मेवे या पौधों के अन्य भाग | 12% |
छाता | 12% |
जेली | 12% |
जैम | 12% |
चटनी | 12% |
पैक्ड नारियल पानी | 12% |
उत्पाद | जीएसटी दर (GST in Hindi) |
साबुन | 18% |
कपड़ा | 18% |
बालों का तेल | 18% |
टूथपेस्ट | 18% |
पूंजीगत माल | 18% |
साबुन | 18% |
औद्योगिक मध्यस्थआईटीआई | 18% |
भुट्टा | 18% |
पास्ता | 18% |
टॉयलेटरीज़ | 18% |
आइस क्रीम | 18% |
सूप | 18% |
प्रिंटर | 18% |
कंप्यूटर | 18% |
फ्रिज और वाशिंग मशीन | 18% |
उत्पाद | जीएसटी दर (GST in Hindi) |
उच्च श्रेणी के मोटरसाइकिल (+15%उपकर) | 28% |
छोटी कार (+1 % या 3% उपकर) | 28% |
बीएमडब्ल्यू | 28% |
सिगरेट | 28% |
एयर कंडीशनर | 28% |
उत्पाद | जीएसटी दर (GST in Hindi) |
बहुमूल्य धातु से बनी वस्तुएं बहुमूल्य धातु से लिपट वस्तुएं | 3% |
प्राकृतिक मोती या संवर्धित मोती, चाहे वे काम किए गए हों या वर्गीकृत किए गए हों या नहीं, लेकिन पिरोए, लगाए या सेट नहीं किए गए हों; या परिवहन की सुविधा के लिए अस्थायी रूप से पिरोए गए हों | 3% |
हीरे, चाहे वे काम किए गए हों या नहीं, लेकिन जड़े या जड़े नहीं गए हों (गैर-औद्योगिक को छोड़कर) | 3% |
बहुमूल्य पत्थर (हीरे के अलावा) और अर्द्ध-कीमती पत्थर | 3% |
चाँदी | 3% |
सोना | 3% |
बहुमूल्य धातु या बहुमूल्य धातु से लिपटी धातु का अपशिष्ट और स्क्रैप | 3% |
उत्पाद | जीएसटी दर (GST in Hindi) |
गैर-औद्योगिक हीरे | 0.25% |
बिना काम किए हुए कीमती/अर्द्ध कीमती पत्थर | 0.25% |
सिंथेटिक या पुनर्निर्मित कीमती या अर्ध-कीमती पत्थर | 0.25% |
GST रिटर्न एक ऐसा दस्तावेज है जिसमें व्यापारी अपने व्यापार से जुड़े लेन-देन और कर भुगतान की जानकारी देते हैं। GST प्रणाली में रिटर्न दाखिल करना जरूरी है क्योंकि इससे सरकार को यह समझने में मदद मिलती है कि किस व्यापारी ने कितना कर चुकाया है और उसके व्यापार में क्या-क्या गतिविधियाँ हो रही हैं। रिटर्न दाखिल करने से टैक्स संग्रह की प्रक्रिया में पारदर्शिता आती है और इससे टैक्स चोरी को रोकने में भी मदद मिलती है।
आइए इन रिटर्न के प्रकारों के बारे में आसान भाषा में समझते हैं:
इन सभी GSTR फॉर्म्स का सही और समय पर दाखिल होना आवश्यक है ताकि व्यापारी जान सकें gst kya hai और इससे जुड़े नियमों का पालन कर सकें और व्यापारिक प्रक्रियाओं में पारदर्शिता बनाए रख सकें।
GST के कई लाभ हैं, लेकिन इसके कुछ नकारात्मक पहलू भी हैं:
इस प्रकार, GST ने भारतीय अर्थव्यवस्था को एक नया दृष्टिकोण दिया है, जिससे न केवल उपभोक्ता बल्कि व्यापारी और सरकार सभी लाभान्वित हुए हैं।
GST ने भारत में कर प्रणाली को नया रूप दिया है, जिससे व्यापारिक प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और समानता आई है। हालांकि, GST प्रणाली को और भी सुधारने की आवश्यकता है ताकि यह सभी व्यापारियों के लिए अधिक सरल और लाभकारी हो सके। व्यापारियों और उपभोक्ताओं दोनों के लिए यह प्रणाली अधिक प्रभावी बन सके, इसके लिए GST दरों, छूटों, और प्रक्रियाओं में सुधार की जरूरत है। इस ब्लॉग में gst kya hai, gst in hindi, sgst kya hota hai, जीएसटी रिटर्न क्या है, वस्तु एवं सेवा कर के बारे में विस्तार से जाना।
जीएसटी (Goods and Services Tax) एक अप्रत्यक्ष कर है जो वस्तुओं और सेवाओं की खरीद पर लगाया जाता है। यह भारत में एक एकीकृत कर प्रणाली है जिसने पहले के कई अप्रत्यक्ष करों को बदल दिया है।
जीएसटी कब देना पड़ता है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस श्रेणी में आते हैं। नीचे दिए गए पेशे में GST देना अनिवार्य होता है:
व्यापारी
उत्पादक
सेवा प्रदाता
ई-कॉमर्स विक्रेता
भारत में जीएसटी के चार प्रकार हैं:
– एकीकृत वस्तु एवं सेवा कर (आईजीएसटी),
– राज्य वस्तु एवं सेवा कर (एसजीएसटी),
– केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी),
– और केंद्र शासित प्रदेश वस्तु एवं सेवा कर (यूटीजीएसटी)।
18% जीएसटी में आने वाली कुछ प्रमुख वस्तुएं और सेवाएं निम्नलिखित हैं:
इलेक्ट्रॉनिक्स: जैसे मोबाइल फोन, लैपटॉप, टेलीविजन आदि पर 18% जीएसटी लागू होता है।
होटल: होटलों में ठहरने पर 18% जीएसटी लगता है।
पेंट: अधिकांश प्रकार के पेंट पर 18% जीएसटी लगता है।
जूते: 500 रुपये से अधिक की कीमत वाले जूतों पर 18% जीएसटी लगता है।
कपड़े: कुछ प्रकार के कपड़ों पर 18% जीएसटी लगता है।
कैपिटल गुड्स: कई तरह के औद्योगिक उपकरण और मशीनरी पर 18% जीएसटी लगता है।
कुछ खाद्य पदार्थ: पास्ता, कॉर्न फ्लैक्स, जैम, सूप, आइसक्रीम आदि पर 18% जीएसटी लगता है।
कुछ सेवाएं: कई तरह की सेवाओं जैसे कि रेस्तरां, ट्रांसपोर्ट, टूर पैकेज आदि पर 18% जीएसटी लगता है।
अक्सर अटल बिहारी वाजपेयी जी को भारत में जीएसटी का जनक माना जाता है क्योंकि उनके कार्यकाल के दौरान जीएसटी की नींव रखी गई थी।
GST, यानी गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स, एक अप्रत्यक्ष कर है जो वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर लागू होता है। यह एक मल्टी-स्टेज, डेस्टिनेशन-ओरिएंटेड टैक्स है, जो हर मूल्य वृद्धि पर लागू होता है। यह कई अप्रत्यक्ष करों जैसे VAT, एक्साइज ड्यूटी, सर्विस टैक्स आदि की जगह लेता है।
हर व्यक्ति जो एक वित्तीय वर्ष में 20 लाख रुपये से अधिक मूल्य की वस्तुओं और/या सेवाओं की आपूर्ति करता है (कुछ विशेष राज्यों में यह सीमा 10 लाख रुपये है), उसे अनिवार्य रूप से पंजीकरण कराना होगा। यह नियम तब लागू होता है जब टर्नओवर 20 लाख रुपये से अधिक हो (कुछ विशेष राज्यों में यह सीमा 10 लाख रुपये है)।
भारत में, उन व्यवसायों को जीएसटी के लिए पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा जिनका वार्षिक कारोबार 40 लाख रुपये (विशेष श्रेणी के राज्यों में 20 लाख रुपये) से अधिक है। जीएसटी पंजीकरण के लिए न्यूनतम टर्नओवर की सीमा वस्तुओं के लिए 40 लाख रुपये या उससे अधिक और सेवाओं के लिए 20 लाख रुपये या उससे अधिक वार्षिक बिक्री है।
Editor's Recommendations
Authored by, Amay Mathur | Senior Editor
Amay Mathur is a business news reporter at Chegg.com. He previously worked for PCMag, Business Insider, The Messenger, and ZDNET as a reporter and copyeditor. His areas of coverage encompass tech, business, strategy, finance, and even space. He is a Columbia University graduate.
Chegg India does not ask for money to offer any opportunity with the company. We request you to be vigilant before sharing your personal and financial information with any third party. Beware of fraudulent activities claiming affiliation with our company and promising monetary rewards or benefits. Chegg India shall not be responsible for any losses resulting from such activities.
Chegg India does not ask for money to offer any opportunity with the company. We request you to be vigilant before sharing your personal and financial information with any third party. Beware of fraudulent activities claiming affiliation with our company and promising monetary rewards or benefits. Chegg India shall not be responsible for any losses resulting from such activities.