धन-शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग)
धन-शोधन, जिसे मनी लॉन्ड्रिंग भी कहा जाता है, एक गंभीर कानूनी अपराध है जो देश की आर्थिक और सामाजिक संरचना को प्रभावित करता है। इसे रोकने के लिए भारतीय सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिनमें से प्रमुख है धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए एक्ट 2002)। इस कानून का उद्देश्य अवैध रूप से अर्जित […]
धर्मनिरपेक्षता: Secularism in Hindi
धर्मनिरपेक्षता किसी भी लोकतंत्र की नींव होती है। यह सिद्धांत सुनिश्चित करता है कि सभी नागरिक, चाहे उनका धर्म कोई भी हो, समान अधिकार और न्याय प्राप्त करें। धर्मनिरपेक्षता के बिना, समाज में भेदभाव और असमानता बढ़ सकती है, जिससे लोकतंत्र कमजोर हो जाता है। यह केवल एक सिद्धांत नहीं, बल्कि एक व्यवहारिक आवश्यकता है […]
संघवाद क्या है?: भारत में संघीय व्यवस्था
संघवाद एक ऐसा शब्द है जो अक्सर सुनने में आता है। संघवाद क्या है? यह सरकार चलाने की कई प्रणालियों में से एक है, जिसमें प्रशासनिक शक्तियों का विभाजन होता है। हमारा देश भी संघवाद के आधार पर संचालित होता है। इस ब्लॉग में, आप जानेंगे कि संघवाद क्या है, इसे कैसे परिभाषित किया जाता […]
भारत का ग्रामीण क्षेत्र: संस्कृति, चुनौतियाँ और संभावनाएँ
भारत को गाँवों का देश कहा जाता है। आज भी देश की आधी आबादी ग्रामीण क्षेत्र में निवास करती है। हालांकि, अब ग्रामीण क्षेत्र के लोग धीरे धीरे शहर की तरफ पलायन कर रहे हैं। वहीं कई गांव शहर में विलय होता जा रहा है। भारत का ग्रामीण जीवन, शहर के जीवन से काफी भिन्न […]
भारत के राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह | National Symbols of India in Hindi
भारत के राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह देश की अस्मिता और सांस्कृतिक विरासत के प्रतीक हैं। इसमें शामिल हैं: राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा, राष्ट्रीय गान “जन गण मन”, राष्ट्रीय गीत “वंदे मातरम्,” राष्ट्रीय पशु बाघ, राष्ट्रीय पक्षी मोर, राष्ट्रीय पुष्प कमल, राष्ट्रीय पेड़ बरगद, राष्ट्रीय खेल हॉकी, और राष्ट्रीय फल आम। ये सभी चिन्ह हमारे गौरव, एकता और […]
भारत के नागरिकों के मौलिक अधिकार | Fundamental Rights In Hindi
मौलिक अधिकार क्या हैं? अक्सर आपने देखा होगा कि लोग छोटी-छोटी बातों पर अपने अधिकारों का बखान करने लगते हैं। हालांकि, उन्हें भी अपने अधिकारों के बारे में पूरी तरह पता नहीं होता है। दरअसल, भारत सरकार ने सभी को कई तरह के अधिकार दिए है, जिसे मौलिक अधिकार कहा जाता है। भारत के नागरिकों […]
वन महोत्सव का इतिहास, उद्देश्य और महत्व
प्रकृति को बचाने के लिए पेड़ लगाने के उद्देश से इस दिन की शुरुआत की गई और लोगों को बताया गया की “वन महोत्सव क्या है”? घटते पेड़ो की संख्या को देखते हुए बीते कुछ सालों में वातावरण में बहुत से बदलाव देखने को मिले हैं बढ़ता हुआ तापमान और बढ़ता हुआ पॉल्यूशन इसके कुछ […]
पोषण अभियान: राष्ट्रीय पोषण मिशन क्या है?
पोषण अभियान की शुरुआत क्यों हुई? आज की दुनिया में जहां जीवनशैली में प्रसंस्कृत खाना (Processed Food) और गतिहीन आदतें बढ़ती जा रही है। ऐसे में पोषण एक महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य मुद्दा बनकर उभरा है। खराब पोषण से कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जिनमें मोटापा, मधुमेह, हृदय रोग, माइक्रो न्यूट्रिएंट्स की कमी […]
भारतीय संविधान की प्रस्तावना
भारत का संविधान 26 नवंबर 1949 को अपनाया गया था। यह भारत का सर्वोच्च कानून है और इसमें 25 भागों में 448 अनुच्छेद और 12 अनुसूचियां शामिल हैं। संविधान की प्रस्तावना संविधान का एक प्रारंभिक भाग है जो इसके मूल्यों, उद्देश्यों और लक्ष्यों को निर्धारित करता है। यह एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है जो भारत की […]
देवदासी प्रथा का इतिहास और प्रभाव: भारत की एक कुप्रथा
‘देवदासी प्रथा’ संभवत: छठी सदी में शुरू हुई थी। मान्यता है कि अधिकांश पुराण भी इसी काल में लिखे गए। इस प्रथा का प्रचलन दक्षिण भारतीय मंदिरों में अधिक है। देवदासी का अर्थ होता है ‘सर्वेंट ऑफ गॉड’, यानी देव की दासी या पत्नी। देवदासी प्रथा, में धर्म की आड़ में कुंवारी लड़कियों का विवाह […]