एयर क्वालिटी इंडेक्स | AQI क्या है?

September 12, 2024
aqi क्या है
Quick Summary

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  • AQI यानी वायु गुणवत्ता सूचकांक हमारे आसपास की हवा की गुणवत्ता को समझने का एक आसान तरीका है। यह एक संख्यात्मक मान है जो बताता है कि हवा सांस लेने के लिए कितनी सुरक्षित है।
  • AQI को विभिन्न प्रदूषकों जैसे कि पार्टिकुलेट मैटर (PM2.5 और PM10), ओजोन, कार्बन मोनोऑक्साइड आदि के स्तर के आधार पर मापा जाता है। ये प्रदूषक वाहनों, उद्योगों और अन्य मानवीय गतिविधियों से निकलते हैं।
  • AQI को 0 से 500 तक के पैमाने पर मापा जाता है। जितना अधिक AQI होगा, उतनी ही खराब होगी हवा की गुणवत्ता।

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हमारी सेहत के लिए साफ और शुद्ध हवा कितनी जरूरी है, यह हम सभी जानते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि हवा की क्वालिटी को कैसे मापा जाता है? अक्सर आपने मौसम अनुमानों में हवा की क्वालिटी को AQI के जरिए बताते हुए देखा होगा। ऐसे में, “एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) क्या है” जानना आपके लिए बेहद जरूरी हो जाता है।

इस ब्लॉग में आपको मौसम में aqi क्या है, वायु गुणवत्ता मापने के उपकरण, AQI की श्रेणियाँ, वायु प्रदूषण के कारण और समाधान तथा इसको कम करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी मिलेगी।

एयर क्वालिटी इंडेक्स – AQI क्या है?

AQI क्या है? एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) एक ऐसा पैमाना है जो हमें बताता है कि हवा की क्वालिटी कितनी प्रदूषित है। यह एक संख्या होती है जो 0 से 500 के बीच होती है। यह संख्या जितनी अधिक होगी, हवा उतनी ही अधिक प्रदूषित होगी।

मौसम में AQI क्या है?

“मौसम में AQI क्या है” ये अक्सर पूछे जाने वाला सवाल है। मौसम में AQI एक सूचकांक है जिसे वायु गुणवत्ता सूचकांक कहा जाता है। इसके ज़रिए हम हवा की साफ-सफाई को मापते हैं। मौसम में AQI 0 से 500 के बीच की संख्या होती है जो अलग अलग श्रेणी में बटी होती हैं।

AQI का महत्व 

  • हमारी सेहत का ख्याल रखना: AQI हमें बताता है कि हम जो हवा सांस ले रहे हैं, वह कितनी साफ या गंदी है। अगर AQI ज्यादा है, तो इसका मतलब है कि हवा में प्रदूषण का स्तर ज्यादा है और हमारी सेहत को खतरा हो सकता है।
  • बीमारियों से बचाना: प्रदूषित हवा से सांस की बीमारियां, दिल की बीमारियां और यहां तक कि कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। AQI हमें इन बीमारियों से बचने के लिए सतर्क रहने में मदद करता है।
  • दैनिक जीवन में निर्णय लेना: AQI के आधार पर हम यह तय कर सकते हैं कि हमें घर से बाहर निकलना चाहिए या नहीं, क्या हमें मास्क पहनना चाहिए या नहीं, और क्या हमें कुछ खास गतिविधियां करनी चाहिए या नहीं।
  • सरकारों और उद्योगों के लिए: AQI सरकारों और उद्योगों को प्रदूषण कम करने के लिए कदम उठाने में मदद करता है। वे AQI के आंकड़ों का इस्तेमाल यह जानने के लिए करते हैं कि प्रदूषण कहां ज्यादा है और उसे कैसे कम किया जा सकता है।

AQI को मॉनिटर करना क्यों जरूरी है?

AQI (Air Quality Index) को मॉनिटर करना बहुत जरूरी है क्योंकि यह हमें बताता है कि हवा की क्वालिटी कैसी है और यह हमारे स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव डाल सकती है। जब हवा में प्रदूषण का स्तर बढ़ता है, तो यह सांस संबंधी बीमारियों, हृदय रोग और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। AQI के माध्यम से हम यह जान सकते हैं कि कब बाहर निकलना सुरक्षित है और कब नहीं। इससे हम समय रहते सावधानियाँ बरत सकते हैं, जैसे कि मास्क पहनना या घर के अंदर रहना, ताकि हम और हमारे परिवार स्वस्थ रह सकें।

वायु गुणवत्ता मापने का उपकरण

वायु गुणवत्ता मापने के लिए मुख्य रूप से वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) का इस्तेमाल किया जाता है साथ ही पीएम 2.5 को भी इस्तेमाल में लाया जाता है।

वायु गुणवत्ता सूचकांक

वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) एक ऐसा मापदंड है जो हमें हवा की क्वालिटी के बारे में जानकारी देता है। यह सूचकांक हमें बताता है कि हमारी हवा कितनी साफ या प्रदूषित है और इसका हमारे स्वास्थ्य पर क्या असर हो सकता है। AQI को विभिन्न रंगों और नंबरों में विभाजित किया गया है, जिससे हम आसानी से समझ सकते हैं कि हवा की स्थिति कैसी है।

पीएम 2.5 को कैसे मापा जाता है?

पीएम 2.5 (Particulate Matter 2.5) वे छोटे-छोटे कण होते हैं जो हवा में मौजूद होते हैं और हमारे फेफड़ों में आसानी से जा सकते हैं। इन कणों का मापना बहुत जरूरी है ताकि हम हवा की क्वालिटी को समझ सकें।

पीएम 2.5 को मापने के लिए विशेष उपकरणों का उपयोग किया जाता है। ये उपकरण हवा में मौजूद कणों को एक फिल्टर पर इकट्ठा करते हैं। फिर, इन कणों का वजन और संख्या मापी जाती है।

इसके बाद, इन आंकड़ों को विश्लेषित करके यह पता लगाया जाता है कि हवा में पीएम 2.5 का स्तर कितना है। इस प्रक्रिया से हमें यह जानकारी मिलती है कि हवा में प्रदूषण का स्तर कितना खतरनाक है और हमें किस प्रकार की सावधानियाँ बरतनी चाहिए।

इस प्रकार, पीएम 2.5 को मापकर हम अपने स्वास्थ्य को सुरक्षित रख सकते हैं और आवश्यक कदम उठा सकते हैं।

एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) की श्रेणियाँ

AQI वैल्यूश्रेणिरंगविवरण
0–50अच्छाहराAQI अच्छा होता है, तो हवा साफ होती है और हमें कोई स्वास्थ्य समस्या नहीं होती है।
51-100मध्यम पीलामध्यम AQI का मतलब है कि हवा थोड़ी प्रदूषित है, लेकिन अधिकांश लोगों के लिए यह हानिकारक नहीं है।
101-150संवेदनशील समूहों के लिए अस्वास्थ्यकरनारंगीकुछ संवेदनशील लोगों को सांस लेने में परेशानी हो सकती है।
151-200खराबलालखराब AQI वाले दिन सभी लोगों को स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जैसे कि खांसी, सांस लेने में तकलीफ और आंखों में जलन।
201-300बहुत खराबबैंगनीबहुत खराब AQI वाले दिन सभी लोगों को गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
301-500गंभीरलालगंभीर AQI वाले दिन सभी लोगों को बहुत गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में, बाहर निकलना टालना चाहिए।

वायु प्रदूषण के कारण और समाधान

वायु प्रदूषण के प्रमुख कारण मानव जनित हैं तथा इसके कुछ प्राकृतिक कारण भी हैं। इन कारणों के समाधान के लिए सरकारी नीतियां, जागरूकता कार्यक्रम और तकनीकी उपाय उपयोगी हैं।

प्रमुख कारण: मानव जनित और प्राकृतिक कारण

मानव जनित कारण

  1. औद्योगिक गतिविधियाँ: फैक्ट्रियां और उद्योग जब प्रोडक्ट्स बनाते हैं, तो वे कई तरह के हानिकारक पदार्थों को हवा में छोड़ते हैं। जैसे धुआं, राख और कई तरह की गैसें।
  2. वाहनों का धुआं: कारें, बसें, ट्रक और अन्य वाहन जब ईंधन जलाते हैं, तो वे भी हवा को प्रदूषित करते हैं।
  3. ऊर्जा उत्पादन: बिजली बनाने के लिए कोयला या तेल जलाने से भी बहुत प्रदूषण होता है।
  4. कचरा जलाना: कई जगहों पर लोग कचरे को जला देते हैं, जिससे हवा में कई तरह के जहरीले पदार्थ मिल जाते हैं।
  5. कृषि गतिविधियाँ: खेती में इस्तेमाल होने वाले कुछ रसायन और जब किसान खेतों को जलाते हैं, तो इससे भी हवा प्रदूषित होती है।

प्राकृतिक कारण

  1. ज्वालामुखी विस्फोट: जब ज्वालामुखी फटते हैं, तो वे राख, धूल और कई तरह की गैसें निकालते हैं जो हवा को प्रदूषित करती हैं।
  2. जंगलों में आग: जंगलों में लगने वाली आग से भी बहुत सारा धुआं और राख निकलता है, जिससे हवा प्रदूषित होती है।
  3. धूल के तूफान: रेगिस्तानी इलाकों में धूल के तूफान आते हैं, जिससे हवा में धूल के कण भर जाते हैं।

समाधान: नीतियाँ, जागरूकता कार्यक्रम, तकनीकी उपाय

नीतियां

सरकारें वायु प्रदूषण को कम करने के लिए कई तरह की नीतियां बनानी चाहिए साथ ही ये सुनिश्चित करना चाहिए की ये नीतियां सुचारू रूप से कार्यान्वित हो। इसके कुछ उदाहरण हैं:

  • उत्सर्जन मानक में कमी: सरकार को कारखानों और वाहनों से निकलने वाले प्रदूषण की सीमा और कम करनी चाहिए।
  • प्रदूषण टैक्स: प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों पर अलग से प्रदूषण टैक्स लगाना चाहिए।
  • सब्सिडी: प्रदूषण कम करने वाली तकनीकों और ईंधन पर सब्सिडी को और बढ़ाना चाहिए।
  • अनुसंधान और विकास: प्रदूषण कम करने के नए तरीकों पर शोध करने के लिए फंड्स दिया जाना चाहिए।

जागरूकता कार्यक्रम

सरकार के साथ-साथ हम सभी को भी वायु प्रदूषण कम करने में योगदान देना चाहिए। जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से लोग प्रदूषण के खतरों के बारे में जानते हैं और प्रदूषण कम करने के तरीके सीखते हैं। कुछ उदाहरण हैं:

  • स्कूलों में शिक्षा: बच्चों को छोटी उम्र से ही प्रदूषण के बारे में बताया जाना चाहिए।
  • मीडिया अभियान: टेलीविजन, रेडियो और अखबारों के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाना चाहिए।
  • समुदाय कार्यक्रम: लोगों को प्रदूषण कम करने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए।

तकनीकी उपाय

नई तकनीकों का उपयोग करके भी वायु प्रदूषण को कम किया जा सकता है। इसके कुछ उदाहरण हैं:

  • विद्युत वाहन: पेट्रोल और डीजल के बजाय बिजली से चलने वाले वाहन।
  • सौर ऊर्जा: सूर्य की रोशनी से बिजली बनाना।
  • पवन ऊर्जा: हवा से बिजली बनाना।
  • उत्प्रेरक कनवर्टर: वाहनों से निकलने वाले हानिकारक गैसों को कम करने के लिए।

सरकार की पहल और नीतियाँ

वायु प्रदूषण को कम करने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं साथ ही इसे लेकर कई अंतर्राष्ट्रीय नीतियां भी हैं, जिनके बारे में आपको जानकारी होनी चाहिए।

सरकार के कदम

भारत के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा 07 दिसंबर 2023 को वायु प्रदूषण को लेकर जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक वायु प्रदूषण को कम करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदम कुछ इस प्रकार हैं:

  1. राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP): सरकार ने 2019 में NCAP लॉन्च किया था, जिसका उद्देश्य 24 राज्यों के 131 शहरों में वायु गुणवत्ता में सुधार करना है।
    • 2024 तक पीएम 10 में 20-30% की कमी लाने की परिकल्पना की गई है।
    • सरकार द्वारा 2025-26 तक पीएम 10 के स्तर में 40% तक की कमी लाने का लक्ष्य रखा गया है।
  2. भारत स्टेज (BS) उत्सर्जन मानक: सरकार ने वाहनों के उत्सर्जन को नियंत्रित करने के लिए BS-VI मानकों को लागू किया। ये मानक पेट्रोल और डीजल वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने में मदद करते हैं।
  3. परिवहन के साधनों में सुधार: इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दिया जा रहा है और सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को सुधारा जा रहा है। 
  4. उद्योगों पर नियंत्रण: उद्योगों से होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सख्त नियम लागू किए गए हैं। थर्मल पावर प्लांट्स के लिए SO2 और NOx मानकों को निर्धारित किया गया है।
  5. स्वच्छ ऊर्जा: सौर और पवन ऊर्जा जैसे स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा दिया जा रहा है। 
  6. पराली जलाने पर नियंत्रण: पराली जलाने की समस्या को हल करने के लिए किसानों को जागरूक किया जा रहा है और उन्हें पराली प्रबंधन के बेहतर तरीके सिखाए जा रहे हैं।

अंतर्राष्ट्रीय नीतियां

वायु प्रदूषण एक गंभीर समस्या है, और इसे कम करने के लिए कई अंतर्राष्ट्रीय नीतियां बनाई गई हैं। आइए, इन नीतियों को सरल भाषा में समझते हैं।

  1. पेरिस समझौता: यह एक वैश्विक समझौता है, जिसका लक्ष्य है ग्लोबल वार्मिंग को 2°C से नीचे रखना। इसमें सभी देशों ने कार्बन उत्सर्जन को कम करने और स्वच्छ ऊर्जा का उपयोग बढ़ाने का संकल्प लिया है।
  2. संयुक्त राष्ट्र का वायु गुणवत्ता दिशानिर्देश: संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने वायु गुणवत्ता के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं, जो देशों को वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। इन दिशानिर्देशों के अनुसार, देशों को अपने वायु गुणवत्ता मानकों को अपडेट करने की सलाह दी जाती है।
  3. क्लीन एयर कोएलिशन (CCAC): यह एक अंतर्राष्ट्रीय पहल है, जो विभिन्न देशों को साथ लाकर वायु प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन से निपटने का प्रयास करती है। इसमें नीति निर्माताओं को तकनीकी सहायता और वित्तीय सहयोग प्रदान किया जाता है।

निष्कर्ष

“एयर क्वालिटी इंडेक्स – AQI क्या है” को समझना और इसे मॉनिटर करना आज के समय में बेहद महत्वपूर्ण हो गया है। यह हमें न केवल हवा की क्वालिटी के बारे में जानकारी देता है, बल्कि हमें सुरक्षित रहने के लिए समय रहते चेतावनी भी देता है। अगर हम AQI को नियमित रूप से ट्रैक करें और इसके अनुसार आवश्यक कदम उठाएं, तो हम न केवल अपने स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं, बल्कि एक स्वच्छ और सुरक्षित पर्यावरण का निर्माण भी कर सकते हैं। 

इस ब्लॉग में आपने मौसम में aqi क्या है, वायु गुणवत्ता मापने के उपकरण, AQI की श्रेणियाँ, वायु प्रदूषण के कारण और समाधान तथा इसको कम करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में जाना।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

Aqi का मतलब क्या होता है?

AQI का मतलब है वायु गुणवत्ता सूचकांक (Air Quality Index)। यह एक संख्यात्मक मान है जो हवा की गुणवत्ता को मापता है और बताता है कि हवा सांस लेने के लिए कितनी सुरक्षित है। AQI को विभिन्न प्रदूषकों जैसे कि पार्टिकुलेट मैटर (PM2.5 और PM10), ओजोन, कार्बन मोनोऑक्साइड आदि के स्तर के आधार पर मापा जाता है।

Aqi कितनी होनी चाहिए?

AQI 50 से कम: अच्छा
AQI 51 से 100: संवेदनशील समूहों के लिए अस्वास्थ्यकर
AQI 101 से 150: अस्वस्थ
AQI 151 से 200: बहुत अस्वस्थ
AQI 200 से अधिक: खतरनाक

एक अच्छा एक्यूआई स्तर क्या है?

100 या उससे कम AQI मान आम तौर पर संतोषजनक माने जाते हैं।

हवा की शुद्धता कैसे चेक करें?

हवा की शुद्धता मापने के लिए AQI का इस्तेमाल किया जाता है। भारत सरकार की केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की वेबसाइट पर आप अपने शहर की हवा की गुणवत्ता की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

दिल्ली में प्रदूषण कितना है?

Delhi का वायु प्रदूषण: वास्तविक समय वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 95 हैं।

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