भारत के राष्ट्रपति के लिस्ट | List of Presidents of India

September 13, 2024
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स्वतंत्र भारत के पहले राष्ट्रपति का चुनाव 1950 में हुआ था। यह एक ऐतिहासिक घटना थी क्योंकि देश ने पहली बार अपने राष्ट्रपति का चुनाव किया था। इस चुनाव में एक विशेष प्रकार की मतदान प्रणाली का इस्तेमाल किया गया था, जिसे आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली कहते हैं। इस प्रणाली में, लोकसभा, राज्यसभा और सभी राज्य विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य मतदान करते हैं। हर सदस्य के वोट का मूल्य अलग-अलग होता है। इस चुनाव में डॉ. राजेंद्र प्रसाद को देश का पहला राष्ट्रपति चुना गया था। वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के एक प्रमुख नेता थे और महात्मा गांधी के करीबी सहयोगी थे।

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भारत में राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का पद भारत देश के सर्वोच्च संवैधानिक पदों में से एक है, जिसका भारतीय संविधान और लोकतंत्र के विकास में बहुत बड़ा योगदान है। एक देश का राष्ट्रपति उस देश का मुखिया होता है और उपराष्ट्रपति उनका सहायक होता है, जो राष्ट्रपति के अभाव में उनके कार्यों का निर्वहन करता है।

आज के इस ब्लॉग में हम भारत के राष्ट्रपति के लिस्ट 2024 के साथ – साथ वर्तमान में भारत के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति कौन है के बारे में भी जानेंगे, साथ ही भारत के राष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया को भी समझेंगे|

भारत के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति कौन है?

भारत के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का पद एक संवैधानिक पद होता है। राष्ट्रपति पद पर व्यक्ति का चुनाव संवैधानिक तरीके से होता है। राष्ट्रपति को विभिन्न राजनीतिक पार्टियों की सहायता से चुना जाता है। राष्ट्रपति का कार्यकाल पांच वर्षों का होता है और वे राष्ट्र के शीर्ष संवैधानिक पदों में से एक होते हैं। राष्ट्रपति की प्रमुख कार्यों की बात की जाए तो उनका प्रमुख कार्य – राजनीतिक नेताओं के साथ बातचीत, विभिन्न सामाजिक कार्यक्रमों का समर्थन, और सर्वोच्च संवैधानिक अधिकारों का पालन करना होता है।

भारत का राष्ट्रपति देश का मुखिया और भारत का प्रथम नागरिक होता है। राष्ट्रपति के पास भारतीय सशस्त्र सेना की भी सर्वोच्च कमान होती है। आइये अब जानते हैं कि वर्तमान में इस पद पर बैठे हुए राष्ट्रपति का नाम क्या है?

वर्तमान में इस पद पर बैठे हुए राष्ट्रपति का नाम श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी है। द्रौपदी मुर्मू जी ने 25 जुलाई, 2022 को भारत के 15वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। इससे पहले, वह 2015 से 2021 तक झारखंड की राज्यपाल थीं। उन्होंने अपना जीवन दलितों के साथ-साथ समाज के हाशिए पर पड़े वर्गों को सशक्त बनाने और लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूत करने के लिए समर्पित किया है।

भारत के राष्ट्रपति और उनके चुनाव की प्रक्रिया 

भारत में राष्ट्रपति का चुनाव नागरिकों द्वारा नहीं बल्कि संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्यों और राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्यों द्वारा किया जाता है। यानी राष्‍ट्रपति का चुनाव निर्वाचिका के सदस्‍यों द्वारा किया जाता है जिसमें संसद के दोनों सदनों के चयनित सदस्‍य, समानुपातिक प्रतिनिधित्‍व प्रणाली के अनुसार राज्‍यों में विधान सभा के सदस्‍यों के द्वारा एकल अंतरणीय मत में द्वारा होता है। राज्‍यों के बीच परस्‍पर एकरूपता लाने के लिए तथा सम्‍पूर्ण रूप से राज्‍यों और केंद्र के बीच संगतता लाने के लिए प्रत्‍येक मत को उचित महत्‍व दिया जाता है। 

राष्ट्रपति पद के लिए योग्यता – 

  • भारत का नागरिक होना चाहिए। 
  • आयु कम से कम 35 साल होनी चाहिए।
  • लोकसभा का सदस्य होने की पात्रता होनी चाहिए। 
  • इलेक्टोरल कॉलेज के पचास प्रस्तावक और पचास समर्थन करने वाले होने चाहिए।

भारत के राष्ट्रपति के चुनाव में निम्नलिखित लोगों का समूह शामिल नहीं होता है:

  • राज्य सभा के मनोनीत सदस्य (12)
  • राज्य विधान सभाओं के मनोनीत सदस्य
  • द्विसदनीय विधायिकाओं में विधान परिषद के सदस्य (निर्वाचित और मनोनीत दोनों)
  • दिल्ली और पुडुचेरी संघ शासित प्रदेशों के मनोनीत सदस्य

भारत के उपराष्ट्रपति कौन है?

बहुत बार इंटरव्यू के दौरान पूछा जाता है कि भारत के उपराष्ट्रपति कौन है? आपको बता दें कि भारत के उपराष्ट्रपति, राष्ट्रपति के सहायक होते हैं। उपराष्ट्रपति का चयन भी राष्ट्रपति के चयन के समान प्रक्रिया के माध्यम से होता है। उपराष्ट्रपति के प्रमुख कार्यों की बात की जाए तो उनका प्रमुख कार्य – राज्यसभा के अध्यक्ष के रूप में राष्ट्रपति के साथ नियमित रूप से बैठकों का संचालन करना होता है और उन्हें राज्यों और केंद्र शासन के साथ अच्छे संबंध बनाए रखना होता है। आइये अब जानते हैं वर्तमान में भारत के भारत के उपराष्ट्रपति कौन है?

वर्तमान में भारत के उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ जी है। जगदीप धनखड़ एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं, जो भारत के निर्वाचित 14वें उपराष्ट्रपति हैं। उन्होंने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में भी कार्य किया था।

भारत के राष्ट्रपति का नाम

भारत में अभी तक 15 व्यक्तियों ने राष्ट्रपति का पदभार संभाला है – आइए भारत के राष्ट्रपति के लिस्ट में सभी राष्ट्रपति का नाम और उनके कार्यकाल के बारे में जानते हैं –

क्रम संख्या कार्यकाल नाम 
113 मई 1952 – 13 मई 195713 मई 1957 – 13 मई 1962राजेन्द्र प्रसाद
213 मई 1962 – 13 मई 196713 मई 1967 – 3 मई 1969सर्वपल्ली राधाकृष्णन
33 मई 1969 – 20 जुलाई 1969जाकिर हुसैन
424 अगस्त 1969 – 24 अगस्त 1974वराहगिरि वेंकट गिरि
524 अगस्त 1974 – 11 फ़रवरी 1977फखरुद्दीन अली अहमद
625 जुलाई 1977 – 25 जुलाई 1982नीलम संजीव रेड्डी
725 जुलाई 1982 – 25 जुलाई 1987जैल सिंह
825 जुलाई 1987 – 25 जुलाई 1992रामास्वामी वेंकटरमन
925 जुलाई 1992 – 25 जुलाई 1997शंकर दयाल शर्मा
1025 जुलाई 1997 – 25 जुलाई 2002कोचेरिल रमन नारायणन
1125 जुलाई 2002 – 25 जुलाई 2007अवुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम
1225 जुलाई 2007 – 25 जुलाई 2012प्रतिभा पाटिल
1325 जुलाई – 25 जुलाई 2017प्रणब मुखर्जी
1425 जुलाई 2017 – 25 जुलाई 2022राम नाथ कोविंद
1525 जुलाई 2022 – वर्तमानद्रौपदी मुर्मू

प्रत्येक राष्ट्रपति का संक्षिप्त परिचय

भारत के राष्ट्रपति के लिस्ट जानने के बाद, आइए सभी राष्ट्रपतियों के बारे में जानते हैं –

1. डॉ. राजेंद्र प्रसाद – डॉ. राजेंद्र प्रसाद भारत के पहले राष्ट्रपति थे, जिन्होंने दो कार्यकाल तक राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया था। उन्हें 1962 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।

2. डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन – डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को हुआ था और इस दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है । उन्हें 1954 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।

3. डॉ. जाकिर हुसैन – डॉ. जाकिर हुसैन भारत के पहले मुस्लिम राष्ट्रपति बने और उनकी मृत्यु उनके पद पर ही हुई। तत्कालीन उपराष्ट्रपति वी.वी. गिरी को कार्यवाहक राष्ट्रपति बनाया गया। 

4. वी.वी. गिरि – वी.वी. गिरि भारत के चौथे राष्ट्रपति थे। उनका पूरा नाम वराहगिरि वेंकट गिरि था। वे स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में राष्ट्रपति चुने जाने वाले एकमात्र व्यक्ति बने। 1975 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया।

5. फखरुद्दीन अली अहमद – फखरुद्दीन अली अहमद भारत के पांचवें राष्ट्रपति थे। वे दूसरे राष्ट्रपति थे जिनकी मृत्यु राष्ट्रपति पद पर रहते हुए हुई। 

6. नीलम संजीव रेड्डी – नीलम संजीव रेड्डी भारत के छठे राष्ट्रपति बने। वे आंध्र प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री थे। वे सीधे लोकसभा अध्यक्ष के पद के लिए चुने गए और राष्ट्रपति भवन में आने वाले सबसे युवा राष्ट्रपति बने।

7. ज्ञानी जैल सिंह – राष्ट्रपति बनने से पहले वे पंजाब के मुख्यमंत्री और केंद्र में मंत्री भी रहे। उन्होंने भारतीय डाकघर विधेयक पर पॉकेट वीटो का भी इस्तेमाल किया। 

8. आर. वेंकटरमन – आर. वेंकटरमण 25 जुलाई 1987 से 25 जुलाई 1992 तक भारत के राष्ट्रपति चुने गए। इससे पहले वे 1984 से 1987 तक भारत के उपराष्ट्रपति थे। 

9. डॉ. शंकर दयाल शर्मा – राष्ट्रपति बनने से पहले वे भारत के आठवें उपराष्ट्रपति थे। 1952 से 1956 तक वे भोपाल के मुख्यमंत्री और 1956 से 1967 तक कैबिनेट मंत्री रहे। 

10. के.आर. नारायणन – के.आर. नारायणन भारत के पहले दलित राष्ट्रपति और देश का सर्वोच्च पद प्राप्त करने वाले पहले मलयाली व्यक्ति थे। 

11. डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम – डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को ‘भारत के मिसाइल मैन’ के रूप में जाना जाता है। वे पहले वैज्ञानिक थे जिन्होंने राष्ट्रपति का पद संभाला और भारत के पहले राष्ट्रपति थे जिन्होंने सबसे ज़्यादा वोट जीते। उन्हें 1997 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया।

12. श्रीमती प्रतिभा सिंह पाटिल – ये भारत की पहली महिला राष्ट्रपति थी। 

13. प्रणब मुखर्जी – राष्ट्रपति चुनाव लड़ने से पहले प्रणब मुखर्जी केंद्र सरकार में वित्त मंत्री थे। उन्हें 1997 में सर्वश्रेष्ठ संसदीय पुरस्कार और 2008 में भारत के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। 

14. राम नाथ कोविंद – ये भारत के 14वें थे। ये 25 जुलाई 2017 को राष्ट्रपति बने। ये बिहार के पूर्व राज्यपाल भी रहे हैं। राज्यपाल के रूप में उनकी उपलब्धियों में विश्वविद्यालयों में भ्रष्टाचार की जांच के लिए न्यायिक आयोग का गठन करना शामिल था।

15. द्रौपदी मुर्मू – द्रौपदी मुर्मू 21 जुलाई, 2022 को भारत की 15वीं राष्ट्रपति बनीं। द्रौपदी मुर्मू को 2007 में ओडिशा विधान सभा द्वारा सर्वश्रेष्ठ विधायक (विधानसभा सदस्य) के लिए नीलकंठ पुरस्कार मिला था। 

भारत के राष्ट्रपति की शक्तियां और कर्तव्य

राष्ट्रपति का प्राथमिक कर्तव्य अनुच्छेद 60 के अनुसार भारत के संविधान और कानून का संरक्षण, सुरक्षा और बचाव करना है। इसके लिए राष्ट्रपति के पास अनेक प्रकार की शक्तियां/अधिकार होते हैं, जो निम्न प्रकार है – 

राष्ट्रपति की कार्यकारी शक्तियाँ

  • भारत सरकार द्वारा की जाने वाली प्रत्येक कार्यकारी कार्रवाई राष्ट्रपति के नाम पर की जाएगी।
  • राष्ट्रपति केंद्र सरकार के कामकाज को सरल बनाने के लिए नियम बना सकता है/हटा भी सकता है।

राष्ट्रपति निम्नलिखित लोगों को नियुक्त करता है:

  • भारत के अटॉर्नी जनरल ।
  • भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी)।
  • मुख्य चुनाव आयुक्त एवं अन्य चुनाव आयुक्त।
  • संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्य।
  • राज्य के राज्यपाल।
  • भारतीय वित्त आयोग के अध्यक्ष और सदस्य।

राष्ट्रपति निम्नलिखित राष्ट्रीय आयोगों की नियुक्ति करता है:

  • अनुसूचित जातियां ( राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग)।
  • अनुसूचित जनजातियाँ ( राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग)।
  • अन्य पिछड़ा वर्ग (राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग)।
  • अंतर-राज्यीय परिषद ।
  • केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासक ।

राष्ट्रपति की विधायी शक्तियाँ

  • राष्ट्रपति सांसद को बुला सकता है या स्थगित कर सकता है और लोकसभा को भंग कर सकता है।
  • गतिरोध की स्थिति में वह लोक सभा और राज्य सभा की संयुक्त बैठक बुला सकता है। 
  • वह प्रत्येक आम चुनाव के बाद पहले सत्र की शुरुआत में भारतीय संसद को संबोधित करता है। 
  • वह लोकसभा के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति/उपसभापति की नियुक्ति करता है।
  • वह राज्य सभा के 12 सदस्यों को मनोनीत कर सकता है। 
  • वह एंग्लो-इंडियन समुदाय से लोक सभा में दो सदस्यों को मनोनीत कर सकता है।
  • वह सांसदों की अयोग्यता के प्रश्नों पर भारत के चुनाव आयोग से परामर्श करता है।
  • वह कुछ प्रकार के विधेयकों को प्रस्तुत करने की सिफारिश/अनुमति देते हैं
  • वह अध्यादेश जारी करता है।

राष्ट्रपति की वित्तीय शक्तियां

  • धन विधेयक पेश करने के लिए राष्ट्रपति की पूर्व सिफारिश आवश्यक है।
  • वह संसद के समक्ष केन्द्रीय बजट प्रस्तुत करवाता है।
  • अनुदान की मांग करने के लिए उसकी सिफारिश एक पूर्व शर्त है।
  • भारत की आकस्मिकता निधि उनके नियंत्रण में है।
  • वह हर पांच साल में वित्त आयोग का गठन करते हैं।

राष्ट्रपति की न्यायिक शक्तियाँ

  • मुख्य न्यायाधीश और सर्वोच्च न्यायालय/उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति का अधिकार उनके पास है।
  • वह सुप्रीम कोर्ट से सलाह लेता है, हालांकि, यह सलाह उसके लिए बाध्यकारी नहीं है।
  • उसके पास क्षमादान की शक्ति है : अनुच्छेद 72 के तहत, उसे संघ कानून के विरुद्ध अपराध, मार्शल कोर्ट द्वारा दंड या मृत्युदंड के लिए क्षमादान देने की शक्ति प्रदान की गई है।

राष्ट्रपति की क्षमादान शक्तियाँ 

  • क्षमादान के साथ दोषियों को दोषसिद्धि और सजा दोनों से पूरी तरह मुक्त कर दिया जाता है।
  • इस प्रकार के दंड में अपराधी की सजा में परिवर्तन किया जा सकता है।
  • छूट से कारावास की अवधि कम हो जाती है।
  • किसी अपराधी की विशेष स्थिति को देखते हुए मूल सजा की तुलना में कम सजा का प्रावधान है।
  • रिप्रिव (Reprieve) से दी गई सजा के क्रियान्वयन पर अस्थायी अवधि के लिए रोक लग जाती है।

राष्ट्रपति की कूटनीतिक शक्तियाँ

  • संसद द्वारा अनुमोदित अंतर्राष्ट्रीय संधियों और समझौतों पर बातचीत की जाती है और उन्हें उनके नाम पर संपन्न किया जाता है।
  • वह अंतर्राष्ट्रीय मंचों और मामलों में भारत का प्रतिनिधि है।

राष्ट्रपति की सैन्य शक्तियाँ

वह भारत के रक्षा बलों के कमांडर हैं। वह निम्नलिखित की नियुक्ति करते हैं:

  • सेना प्रमुख।
  • नौसेना प्रमुख।
  • वायु सेना प्रमुख।

राष्ट्रपति की आपातकालीन शक्तियां

वह भारतीय संविधान में दी गई तीन प्रकार की आपात स्थितियों से निपटते हैं:

  • राष्ट्रीय आपातकाल (अनुच्छेद 352)।
  • राष्ट्रपति शासन (अनुच्छेद 356 और 365)।
  • वित्तीय आपातकाल (अनुच्छेद 360)।

राष्ट्रपति की वीटो शक्ति 

जब कोई विधेयक संसद में पेश किया जाता है, तो संसद उसे पारित कर सकती है और विधेयक के अधिनियम बनने से पहले उसे भारत के राष्ट्रपति के समक्ष उनकी स्वीकृति के लिए प्रस्तुत किया जाना चाहिए। यह भारत के राष्ट्रपति पर निर्भर करता है कि वह विधेयक को अस्वीकार करें, विधेयक को वापस करें या विधेयक पर अपनी सहमति न दें। विधेयक पर राष्ट्रपति की पसंद को उसकी वीटो शक्ति कहा जाता है। भारत के राष्ट्रपति की वीटो शक्ति भारतीय संविधान के अनुच्छेद 111 द्वारा निर्देशित है। 

भारत के राष्ट्रपति के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी

  • देश का पहला नागरिक राष्ट्रपति होता है। 
  • प्रतिभा देवीसिंह पाटिल भारत की पहली महिला राष्ट्रपति थी। 
  • द्रौपदी मुर्मू देश की पहली जनजातीय महिला राष्ट्रपति तथा दूसरी महिला राष्ट्रपति हैं। 
  • अब तक देश के 12 राष्ट्रपतियों ने अपना पांच-वर्षीय कार्यकाल पूरा किया है। 
  • दो कार्यकाल तक पद संभालने वाले भारत के एकमात्र राष्ट्रपति डॉ.राजेंद्र प्रसाद रहें। 
  • भारत में अब तक कुल तीन कार्यवाहक राष्ट्रपति रहे हैं। 
  • राष्ट्रपति के रूप में सबसे छोटा कार्यकाल(1967 से 1969) तीसरे राष्ट्रपति डॉ ज़ाकिर हुसैन का रहा था। 
  • डॉ.सर्वपल्ली राधाकृष्णन देश के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति थे। 
  • देश के सबसे कम उम्र के राष्ट्रपति संजीव रेड्डी थे। वह आंध्र प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री थे।

निष्कर्ष

इस प्रकार, आज के इस ब्लॉग भारत के राष्ट्रपति के लिस्ट 2024 में हमने जाना कि भारत के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति कौन है साथ ही यह भी जाना कि किस प्रकार भारतीय राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का पद देश के संवैधानिक और लोकतंत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आजादी के बाद से राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के योगदान के माध्यम से देश के राजनीतिक, सामाजिक, और आर्थिक विकास में सुधार आया है और वे देश की संवैधानिक व्यवस्था के स्तर को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

भारत के किस राष्ट्रपति का कार्यकाल सबसे लंबा था?

डॉ. राजेंद्र प्रसाद का कार्यकाल सबसे लंबा था, उन्होंने 1950 से 1962 तक दो बार राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया।

भारत के राष्ट्रपति के चुनाव में किस प्रकार की वोटिंग प्रणाली का उपयोग किया जाता है?

राष्ट्रपति के चुनाव में एकल संक्रमणीय मत प्रणाली (Single Transferable Vote) और आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली (Proportional Representation) का उपयोग किया जाता है।

भारत के राष्ट्रपति के विशेष अधिकारों में ‘Pocket Veto’ का क्या महत्व है?

‘Pocket Veto’ राष्ट्रपति को बिना किसी समय सीमा के संसद द्वारा पारित विधेयक को रोककर रखने की शक्ति प्रदान करता है, जिसका प्रयोग राष्ट्रपति ने एक बार 1986 में किया था।

कौन सा राष्ट्रपति अपने कार्यकाल के दौरान निधन हो गया?

डॉ. ज़ाकिर हुसैन राष्ट्रपति के पद पर रहते हुए निधन हो गए थे। उनका निधन 3 मई 1969 को हुआ था।

भारत के किस राष्ट्रपति ने देश के पहले अंतरिक्ष मिशन का उद्घाटन किया?

राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने भारत के पहले अंतरिक्ष मिशन, ‘आज़ादीन’ (Aryabhata) के उद्घाटन का कार्य किया था।

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