लोको पायलट कैसे बनें?: योग्यता, परीक्षा और सैलरी

October 16, 2024
लोको पायलट
Quick Summary

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लोको पायलट भारतीय रेलवे में एक महत्वपूर्ण सीनियर लेवल की पोस्ट होती है। ये व्यक्ति ट्रेन को चलाने और उसके रखरखाव के लिए जिम्मेदार होते हैं। लोको पायलट की जिम्मेदारी होती है कि ट्रेन में बैठे यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो और ट्रेन समय पर अपने गंतव्य तक पहुंचे। उनका काम अत्यंत महत्वपूर्ण और जिम्मेदारीपूर्ण होता है।

Table of Contents

लोको पायलट, जिन्हें ट्रेन चालक भी कहा जाता है, भारतीय रेलवे के महत्वपूर्ण और जिम्मेदार पदों में से एक हैं। उनका मुख्य कार्य ट्रेन को सुरक्षित और समय पर गंतव्य तक पहुंचाना होता है, जिसके लिए उन्हें रेलवे के नियमों और संकेतों का पालन करना पड़ता है। लोको पायलट बनने के लिए उम्मीदवारों को शैक्षिक योग्यता के साथ-साथ शारीरिक और मानसिक रूप से भी फिट होना आवश्यक है। इस पद के लिए 10वीं कक्षा उत्तीर्ण होना और संबंधित ट्रेड में ITI या इंजीनियरिंग डिप्लोमा होना आवश्यक है। लोको पायलट की नौकरी में उच्च वेतन, स्थिरता और सम्मान के साथ-साथ चुनौतियाँ भी होती हैं, जैसे कि लंबे समय तक काम करना और आपातकालीन परिस्थितियों में त्वरित निर्णय लेना।

लोको पायलट क्या है?

लोको पायलट, जिसे ट्रेन चालक भी कहा जाता है, वह व्यक्ति होता है जो रेल इंजन को चलाने और ट्रेन को सुरक्षित रूप से संचालित करने के लिए जिम्मेदार होता है।

जिम्मेदारियाँ

  • ट्रेन को निर्धारित समय पर और सुरक्षित रूप से गंतव्य तक पहुंचाना।
  • रेलवे के नियमों और संकेतों का पालन करना।
  • ट्रेन के इंजन और अन्य उपकरणों का संचालन और रखरखाव करना।
  • आपातकालीन परिस्थितियों में तुरंत निर्णायक रूप से कार्य करना।
  • यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना।

लोको पायलट की योग्यता

शैक्षिक योग्यता

योग्यता (शैक्षिक)
110वीं कक्षा किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से उत्तीर्ण होना आवश्यक है।
10वीं के साथ NCVT/ SCVT से ITI उत्तीर्ण होना चाहिए।
या
2कक्षा 10वीं के साथ मैकेनिकल / इलेक्ट्रिकल / इलेक्ट्रॉनिक्स / ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा।
या
3मैकेनिकल / इलेक्ट्रिकल / इलेक्ट्रॉनिक्स / ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग में B.E / B.Tech डिग्री।
लोको पायलट की योग्यता

आयु सीमा

लोको पायलट की योग्यता के लिए आयु सीमा 18 से 30 वर्ष है। लेकिन, लोको पायलट वैकेंसी 2024 के लिए अधिकतम आयु सीमा को 33 वर्ष रखा गया है।

वर्गआयु में छूट
OBC 3 वर्ष
SC5 वर्ष 
ST5 वर्ष
Ex-Serviceman3-8 वर्ष
लोको पायलट आयु सीमा

लोको पायलट कैसे बने?

इसकी योग्यता जानने के बाद अक्सर यह सवाल रह जाता है कि लोको पायलट कैसे बने? लोको पायलट बनने के लिए आपको आवेदन करने की अंतिम तिथि से पहले https://www.rrbapply.gov.in पर आवेदन करना होता है। इस वैकेंसी 2024 के लिए ये अंतिम तिथि 19/02/2024 की थी। 

आवेदन स्वीकृत होने के बाद चयन प्रक्रिया के लिए आपको प्रतियोगी परीक्षा देनी होती है।

प्रतियोगी परीक्षा

लोको पायलट प्रतियोगी परीक्षा 3 चरणों में होती है, जिसे CBT 1, CBT 2 और CBAT कहा जाता है। परीक्षा में पूछे जाने वाले सभी प्रश्न 10वी स्तर के होते हैं।

CBT 1

  • लोको पायलट प्रतियोगी परीक्षा CBT1 (Computer Based Test) कुल 4 विषयों की होती हैं। 
  • परीक्षा के लिए समय सीमा 60 मिनट की होती है।
  • प्रत्येक सही उत्तर के लिए 1 नंबर दिए जाते हैं, वहीं प्रत्येक गलत उत्तर के लिए एक 1/3 नंबर काटे जाते हैं। 
विषयप्रश्नों की संख्याअधिकतम अंक
गणित2020
सामान्य बुद्धि एवं तर्क2525
सामान्य विज्ञान2020
सामान्य जागरूकता और समसामयिक मामले1010
कुल7575

CBT 2 

  • CBT2 परीक्षा में 2 पेपर होते है, जिसमे प्रत्येक सही उत्तर के लिए 1 नंबर दिए जाते हैं, वहीं प्रत्येक गलत उत्तर के लिए एक 1/3 नंबर काटे जाते हैं।
  • पहला पेपर (पेपर 1) 100 अंकों का होता है जिसके लिए 90 मिनट का समय दिया जाता है।
  • दूसरा पेपर (पेपर 2) 75 अंकों का होता है जिसके लिए 60 मिनट का समय दिया जाता है।
  • पेपर 2 में पूछे जाने वाले सवाल आपके ट्रेड से जुड़े होते हैं, जिस ट्रेड से आपने ITI किया हुआ है।

विषय
प्रश्नों की संख्याअधिकतम अंक
पेपर 1गणित2525
सामान्य बुद्धि एवं तर्क2525
सामान्य विज्ञान और इंजीनियरिंग4040
सामान्य जागरूकता और समसामयिक मामले1010
कुल (पेपर 1)100100
पेपर 2प्रासंगिक ट्रेड7575
कुल (पेपर 1+2)175175

CBAT

  • CBAT यानी Computer Based Aptitude Test में सिर्फ आपको उत्तीर्ण होना होता है। 
  • यह परीक्षा इसलिए ली जाती है ताकि यह जाना जा सके की गंभीर परिस्थितियों में आप क्या निर्णय लेंगे और क्या प्रतिक्रिया देंगे। 

चयन प्रक्रिया 

  1. CBT1: सबसे पहले आपको CBT 1 परीक्षा देनी होती है। यह सिर्फ क्वालीफाई नेचर का होता है। अगर आप CBT 1 में उत्तीर्ण होते हो तो आपको CBT 2 परीक्षा के लिए बुलाया जाता है।
  2. CBT2: लोको पायलट का चयन CBT 2 के अंकों के आधार पर ही होता है। जिसको लेकर एक कटऑफ नंबर RRB (Railway Recruitment Board) द्वारा जारी की जाती है। अगर आपका पेपर 1 का अंक कटऑफ से ज्यादा है और आप पेपर 2 में उत्तीर्ण हैं, तो आपको CBAT के लिए बुलाया जाता है।
  3. CBAT: CBAT में उत्तीर्ण होना ज्यादा कठिन नहीं है अधिकतम विद्यार्थी इसमें उत्तीर्ण हो जाते हैं। 
  4. मेडिकल: CBAT के बाद आपको मेडिकल परीक्षा से गुजरना होता है जिसमे आपके आंख, कान, ब्लड, आदि की जांच होती है।
  5. डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन: मेडिकल प्रक्रिया पूरी होने के बाद आती है अंतिम चयन प्रक्रिया जिसमे कागजात की जांच की जाती है। इसे डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन कहा जाता है। इस प्रक्रिया के बाद आपको ट्रेनिंग के लिए बुलाया जाता है, ट्रेनिंग के बाद आप नौकरी शुरू करते हैं

लोको पायलट सिलेबस

लोको पायलट कैसे बने जानने के बाद आपको CBT1 और CBT2 परीक्षा में पूछे जाने वाले इसके सिलेबस के बारे में जानकारी होनी चाहिए। इसके सिलेबस में गणित, सामान्य बुद्धिमत्ता, सामान्य ज्ञान, इंजीनियरिंग, सामान्य जागरूकता और करेंट अफेयर्स सामिल हैं। 

लोको पायलट वैकेंसी 2024 का सिलेबस सभी विषयों के नाम उनके संभावित प्रश्नों की संख्या के साथ निम्नलिखित हैं।

गणित

विषयसंभावित प्रश्नों की संख्या
संख्या प्रणाली3-4
बोडमास1
दशमलव1-2
भिन्न1
LCM & HCF2-3
अनुपात और समानुपात 2-3
प्रतिशत2-3
क्षेत्रमिति0-1
लाभ और हानि2-3
समय और कार्य1-2
गति, दूरी और समय1-2
साधारण व्याज 2-3
चक्रवृद्धि ब्याज1-2
बीजगणित2-3
ज्यामिति
त्रिकोणमिति
प्राथमिक सांख्यिकी1-2
वर्गमूल1-2
आयु गणना0-1
कैलेंडर और घड़ी1-2
पाइप और टंकी1-2

सामान्य बुद्धिमत्ता

विषयसंभावित प्रश्नों की संख्या
निष्कर्ष और निर्णय5-6
विश्लेषणात्मक तर्क
कथन – तर्क
सामान्य बुद्धिमता और तर्क सादृश्य
धारणाएं
समानताएं और अंतर2-3
वर्गीकरण 2-3
वर्णमाला और संख्या श्रृंखला2-3
डेटा व्याख्या और पर्याप्तता1-2
कोडिंग और डिकोडिंग2-3
गणितीय संचालन1-2
रिश्ते0-1
सिलोगिज़्म2-3
वेन आरेख1-2
दिशाएं2-3
पासा
जंबलिंग

सामान्य जागरूकता और करेंट अफेयर्स

CBT2 के लिए आपको सामान्य जागरूकता और करेंट अफेयर्स पढ़ने की जरूरत नहीं होती इन विषयों से सिर्फ CBT1 में प्रश्न पूछे जाते हैं।

विषयसंभावित प्रश्नों की संख्या
कंटेंट अफेयर्स3-4
इतिहास2-3
राजनीति2-3
भूगोल1-2
अर्थशास्त्र 0-1
स्टेटिक GK1-2

सामान्य ज्ञान

CBT2 में रासायनिक विज्ञान और जीव विज्ञान से प्रश्न नहीं पूछे जाते ये सिर्फ CBT1 के लिए हैं।

विषयसंभावित प्रश्नों की संख्या
भौतिक विज्ञान8-9
रासायनिक विज्ञान7-9
जीव विज्ञान 5-6

बेसिक विज्ञान और इंजीनियरिंग

इन विषयों को आपको CBT2 के लिए पढ़ना होता है। 

विषयसंभावित प्रश्नों की संख्या
इंजीनियरिंग ड्राइंग4-5
इकाइयां और माप4-5
द्रव्यमान, वजन और घनत्व 1-2
कार्य शक्ति और ऊर्जा4-5
गति और वेग 2-3
गर्मी और तापमान2-3
बेसिक इलेक्ट्रिसिटी3-4
लीवर और सरल मशीनें3-4
व्यावसायिक सुरक्षा और स्वास्थ्य1-2
पर्यावरण शिक्षा3-4
IT शिक्षा1-2

ध्यान रखें, संभावित प्रश्नों की संख्या रेलवे द्वारा पिछले कुछ सालों मैं पूछे गए प्रश्नों के आधार पर है। यह रेलवे द्वारा जारी की गई आधिकारिक जानकारी नहीं है। यह सिर्फ अनुमानित है असल प्रश्नों की संख्या इनसे अलग भी हो सकती है।

लोको पायलट की जिंदगी

कार्य समय

भारतीय रेलवे में लोको पायलट (ALP) की ड्यूटी का समय और विश्राम अवधि ड्यूटी के प्रकार पर निर्भर करता है।

  1. यात्री ट्रेन: अधिकतम 6 घंटे की ड्यूटी के बाद 30 मिनट का विश्राम, फिर 6 घंटे की ड्यूटी और 3 घंटे का विश्राम।
  2. मालगाड़ी: अधिकतम 8 घंटे की ड्यूटी के बाद 2 घंटे का विश्राम।

लोको पायलट की ड्यूटी 24 घंटे में अधिकतम 12 घंटे की होती है। 24 घंटे में कम से कम 8 घंटे का अनिवार्य विश्राम होता है। लगातार 6 घंटे से अधिक ड्यूटी के बाद कम से कम 30 मिनट का विश्राम दिया जाता है।

दबाव और चुनौतियाँ

  1. लंबे कार्य घंटे: आप को कई बार बिना रुके लंबी दूरी तय करनी पड़ती है तथा ओवरटाइम भी करना पड़ता है। जिससे थकान और तनाव बढ़ती है।
  2. रात को काम: कई बार लोको पायलट को नाइट ड्यूटी भी दी जाती है।
  3. मानसिक दवाब: ट्रेन में बैठे सभी यात्रियों की जिम्मेदारी लोको पायलट के कंधो पर होती है, किसी कोई हादसे की जिम्मेदारी उन्हें लेनी होती है। ऐसे में, उन्हें हमेशा ट्रेन को सुरक्षा को लेकर मानसिक दवाब झेलना पड़ता है। 

सुरक्षा की जिम्मेदारी

  1. सिग्नल की निगरानी: लोको पायलट को सिग्नलों का पालन करना होता है ताकि ट्रेन सुरक्षित रूप से चल सके।
  2. स्पीड कंट्रोल: ट्रेन की गति को नियंत्रित रखना ताकि दुर्घटनाओं से बचा जा सके।
  3. रेलगाड़ी की स्थिति: ट्रेन के इंजन और डिब्बों की स्थिति की नियमित जांच करना।
  4. आपातकालीन स्थिति: किसी भी आपात स्थिति में तुरंत प्रतिक्रिया देना और आवश्यक कदम उठाना।
  5. संपर्क बनाए रखना: कंट्रोल रूम और अन्य रेल कर्मचारियों के साथ नियमित संपर्क में रहना।

लोको पायलट की सैलरी

प्रारंभिक सैलरी

लोको पायलट सैलरी प्रारंभ में आमतौर पर ₹30,000 से ₹35,000 प्रति माह के बीच होती है। ये 7वे CPC वेतन स्तर के लेवल 2 में आता है। जिसमें बेसिक वेतन ₹19900 है। अन्य लाभ जुटने के बाद सैलरी ₹30000-35000 हो जाती है। 

अनुभव के साथ सैलरी

अनुभव के साथ सैलरी भी बढ़ती है। 5-10 साल के अनुभव के बाद, लोको पायलट सैलरी ₹60,000 से ₹70,000 प्रति माह तक पहुँच सकती है।

अन्य लाभ

  1. डियरनेस अलाउंस (DA): महंगाई भत्ते के रूप में अतिरिक्त राशि।
  2. हाउस रेंट अलाउंस (HRA): रहने के लिए किराए की सहायता।
  3. ट्रांसपोर्ट अलाउंस (TA): ये यातायात के लिए दिया जाता है। 
  4. किलोमीटर अलाउंस (KA): लोको पायलट द्वारा ट्रेन से तय की गई दूरी के आधार पर दिया जाता है।
  5. नाईट ड्यूटी अलाउंस (NDA): नाईट ड्यूटी के लिए अतिरिक्त राशि।
  6. नेशनल हॉलीडे एलाउंस (NHA): महीने के राष्ट्रीय हॉलीडे के लिए दिया जाता है।

लोको पायलट के लाभ और चुनौतियाँ

लाभ

  1. अच्छी सैलरी: प्रारंभिक सैलरी ठीक होती है और अनुभव के साथ बढ़ती जाती है।
  2. सरकारी नौकरी का स्थायित्व: सरकारी नौकरी होने के कारण जॉब सिक्योरिटी होती है।
  3. मेडिकल और अन्य सुविधाएँ: मेडिकल सुविधाएँ, पेंशन, ग्रेच्युटी और हाउस रेंट अलाउंस मिलते हैं।
  4. यात्रा की सुविधा: लोको पायलट और उनके परिवार को मुफ्त या रियायती यात्रा की सुविधा मिलती है।
  5. सम्मान और सामाजिक प्रतिष्ठा: लोको पायलटों को समाज में सम्मान और प्रतिष्ठा प्राप्त होती है।

चुनौतियाँ

  1. लंबी कार्य अवधि: कई बार लंबे समय तक काम करना पड़ता है, खासकर रात में।
  2. मानसिक और शारीरिक तनाव: लगातार सतर्क रहना और खतरे का डर लोको पायलट की जिंदगी में तनावपूर्ण हो सकता है।
  3. स्वास्थ्य जोखिम: लोको पायलटों को लंबे समय तक बैठे रहने, कंपन और शोर के संपर्क में आने से लोको पायलट की जिंदगी में स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
  4. दुर्घटनाओं का खतरा: ट्रेन दुर्घटनाएं, भले ही दुर्लभ हों, लोको पायलटों के लिए एक गंभीर खतरा हैं।
  5. जिम्मेदारी का बोझ: लोको पायलटों पर सैकड़ों या हजारों यात्रियों की जान और सुरक्षा की जिम्मेदारी होती है। यह एक भारी बोझ हो सकता है, खासकर आपातकालीन स्थितियों में।

निष्कर्ष

लोको पायलट का कार्य न केवल भारतीय रेलवे के संचालन में महत्वपूर्ण है, बल्कि यह एक सम्मानजनक और स्थिर करियर विकल्प भी है। इस पद के लिए आवश्यक शैक्षिक योग्यता और शारीरिक फिटनेस के साथ-साथ मानसिक दृढ़ता भी महत्वपूर्ण है। लोको पायलट की नौकरी में उच्च वेतन और स्थिरता के साथ-साथ चुनौतियाँ भी होती हैं, जैसे कि लंबे समय तक काम करना और आपातकालीन परिस्थितियों में त्वरित निर्णय लेना। कुल मिलाकर, लोको पायलट का कार्य न केवल रोमांचक है, बल्कि यह समाज के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

लोको पायलट के लिए क्या योग्यता होनी चाहिए?

लोको पायलट बनने के लिए 10वीं कक्षा उत्तीर्ण, संबंधित ट्रेड में ITI या इंजीनियरिंग डिप्लोमा, 18-30 वर्ष की आयु, शारीरिक फिटनेस, और RRB द्वारा आयोजित ALP परीक्षा में उत्तीर्ण होना आवश्यक है।

5 साल बाद लोको पायलट की सैलरी कितनी होती है?

लोको पायलट की सैलरी अनुभव के साथ बढ़ती है। शुरुआत में एक असिस्टेंट लोको पायलट को ₹25,000 से ₹35,000 प्रति माह मिलते हैं। 5 साल के अनुभव के बाद, उनकी सैलरी ₹50,000 से ₹1,00,000 प्रति माह तक हो सकती है।

लोको पायलट में कौन-कौन से सब्जेक्ट होते हैं?

लोको पायलट बनने के लिए गणित, सामान्य बुद्धि एवं तर्क, सामान्य विज्ञान, और सामान्य जागरूकता जैसे विषयों का अध्ययन करना आवश्यक है। इनमें अंकगणित, तार्किक सोच, भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीवविज्ञान, और समसामयिक मामलों की जानकारी शामिल होती है। ये विषय तैयारी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

लोको पायलट कौन से ग्रुप में आते हैं?

लोको पायलट भारतीय रेलवे में ग्रुप ‘बी’ श्रेणी में आते हैं। यह पद रेलवे के महत्वपूर्ण और जिम्मेदार पदों में से एक है, जिसमें ट्रेन को सुरक्षित और समय पर गंतव्य तक पहुंचाने की जिम्मेदारी होती है।

लोको पायलट में कौन सी डिग्री लगती है?

लोको पायलट बनने के लिए 10वीं कक्षा उत्तीर्ण, संबंधित ट्रेड में ITI या इंजीनियरिंग डिप्लोमा, या मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स, या ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग में B.E/B.Tech डिग्री आवश्यक है। इसके अलावा, लिखित परीक्षा और मेडिकल जांच भी होती है।

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