Quick Summary
मनरेगा योजना जिसे NREGA से भी जाना जाता है। ये योजना एक सफल योजना के रूप में स्थापित हुई जिससे ग्रामीण भारत के 25 करोड़ से अधिक गरीब लोगों को रोजगार का अवसर मिला साथ ही उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर हुई। ऐसे में आपको मनरेगा क्या है और मनरेगा योजना कब लागू हुई के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए।
इस ब्लॉग में आप मनरेगा क्या है, मनरेगा योजना कब लागू हुई, मनरेगा योजना की विशेषता, मनरेगा योजना के लाभ, मनरेगा योजना की प्रक्रिया और मनरेगा से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में विस्तार से जानेंगे।
मनरेगा यानी महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम भारत सरकार द्वारा भारतीय ग्रामीणों की अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए की गई एक पहल है। जिससे उन्हें 100 दिनों तक के लिए रोजगार उपलब्ध हो सके।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) भारत सरकार द्वारा 2 फरवरी 2006 को लागू किया गया एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है। शुरुआत में इसका नाम NREGA (राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) था । इस योजना के मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं:
मनरेगा योजना की विशेषताएं अनेक हैं जिनमें रोजगार की गारंटी, स्थानीय विकास, न्यूनतम मजदूरी, जल संरक्षण, महिला सशक्तिकरण, पारदर्शिता और पर्यावरण संरक्षण शामिल हैं इनके अतिरिक्त लाभार्थियों को 15 दिनों के भीतर काम भी उपलब्ध करवाया जाता है। इन मनरेगा योजना की विशेषताओं का लाभ अब तक 14.8 करोड़ से अधिक गरीब परिवारों को मिला है।
मनरेगा जॉब कार्ड (MGNREGA Job Card) भारत सरकार द्वारा शुरू की गई राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत जारी किया जाने वाला एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है। यह कार्ड ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले गरीब और बेरोजगार लोगों को कानूनी तौर पर 100 दिनों का काम और न्यूनतम मजदूरी का अधिकार देता है। जॉब कार्ड धारकों को बीमा, मातृत्व लाभ, और बुढ़ापा पेंशन जैसी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का भी लाभ मिलता है।
जॉब कार्ड के लिए योग्यता:
भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में कई मनरेगा योजना के लाभ देखने को मिले हैं जिसमें रोजगार के अवसर, गरीबी में कमी, गांवों में विकास कार्य सामिल हैं। मनरेगा योजना के लाभ विस्तार से कुछ इस प्रकार हैं:
मनरेगा योजना ग्राम पंचायत से सभी परिवारों में से एक व्यक्ति को रोजगार का अवसर दिलाता हैं। जिससे उन्हें 100 दिनों तक रोजगार की गारंटी मिलती है। मनरेगा योजना ग्राम पंचायत से महिलाओं, दलितों, आदिवासियों, और पिछड़े वर्गों को विशेष रूप से लाभ होता है, जिन्हें अक्सर रोजगार के अवसरों में कम प्रतिरूप दिया जाता है।
MGNREGA Wage Rate 2024 – मनरेगा के तहत मिलने वाला मेहनताना (राज्यवार) | ||
S. No. | राज्य एवं संघ शासित प्रदेश (State and Union Territory) | Daily Wage Rate for NREGA Labor (दैनिक मजदूरी दर) |
1 | Andhra Pradesh | ₹300.00 |
2 | Arunachal Pradesh | ₹234.00 |
3 | Assam | ₹249.00 |
4 | Bihar | ₹245.00 |
5 | Chhattisgarh | ₹243.00 |
6 | Goa | ₹356.00 |
7 | Gujarat | ₹280.00 |
8 | Haryana | ₹374.00 |
9 | Himachal Pradesh (Non-Scheduled Area) | ₹236.00 |
10 | Himachal Pradesh (Scheduled Area) | ₹295.00 |
11 | Jammu & Kashmir | ₹259.00 |
12 | Ladakh | ₹259.00 |
13 | Jharkhand | ₹245.00 |
14 | Karnataka | ₹349.00 |
15 | Kerala | ₹346.00 |
16 | Madhya Pradesh | ₹243.00 |
17 | Maharashtra | ₹297.00 |
18 | Manipur | ₹272.00 |
19 | Meghalaya | ₹254.00 |
20 | Mizoram | ₹266.00 |
21 | Nagaland | ₹234.00 |
22 | Odisha | ₹254.00 |
23 | Punjab | ₹322.00 |
24 | Rajasthan | ₹266.00 |
25 | Sikkim | ₹249.00 |
26 | Sikkim (Gyathang, Lachung, Lachen Panchayats) | ₹374.00 |
27 | Tamil Nadu | ₹319.00 |
28 | Telangana | ₹300.00 |
29 | Tripura | ₹242.00 |
30 | Uttar Pradesh | ₹237.00 |
31 | Uttarakhand | ₹237.00 |
32 | West Bengal | ₹250.00 |
33 | Andaman and Nicobar Islands (Andaman District) | ₹329.00 |
34 | Andaman and Nicobar Islands (Nicobar District) | ₹374.00 |
35 | Chandigarh | ₹324.00 |
36 | Dadra and Nagar Haveli | ₹324.00 |
37 | Daman and Diu | ₹324.00 |
38 | Lakshadweep | ₹315.00 |
39 | Puducherry | ₹319.00 |
मनरेगा योजना की प्रक्रिया काफी सामान्य है। इसमें मनरेगा के लिए रजिस्ट्रेशन, काम का चयन और वेतन का भुगतान सामिल हैं। इसे विस्तार से कुछ इस प्रकार समझें:
मनरेगा योजना का लाभ उठाने के लिए सबसे पहले रजिस्ट्रेशन करना होता है। मनरेगा योजना में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करने के लिए web.umang.gov.in या Umang ऐप का इस्तेमाल किया जा सकता है। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा सिर्फ गोवा राज्य के लिए है। गोवा राज्य में रहने वाले इस प्रक्रिया से मनरेगा योजना में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर सकते है:
गोवा के अलावा किसी अन्य राज्यों में रहने वाले लोग मनरेगा योजना ग्राम पंचायत ऑफिस में संपर्क करके मनरेगा योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए वहां एक नि:शुल्क फॉर्म दिया जाता है, उस फॉर्म को भरकर और अपने पहचान दस्तावेजों से साथ मनरेगा योजना ग्राम पंचायत ऑफिस में जमा करना होता है।
आपके गांव के निकट हो रहे कामों में से आपको किसी काम का चयन करना होता है। कई जगह उपभोगताओं को काम का चयन करने का विकल्प नहीं दिया जाता लेकिन इस योजना में उपभोक्ताओं का अधिकार होता है कि वह कौन से काम का चयन करना चाहते हैं।
मनरेगा योजना के तहत काम करने वाले श्रमिकों के पैसे उनके बैंक खाते में हर माह डीबीटी के जरिए स्थांतरण किए जाते हैं। जिससे बिचौलिए की समस्या खत्म हो जाती है। इसके लिए श्रमिकों के पास अपना खुद का बैंक अकाउंट होना चाहिए और वो आधार कार्ड से सीडेड होना चाहिए।
मनरेगा योजना के आंकड़े और सफलता की कहानियाँ इस योजना के सफल होने का प्रमाण हैं जिसमें ग्राम पंचायत की अहम भूमिका रही है।
मनरेगा योजना में ग्राम स्तर पर कार्यान्वयन की निगरानी से लेकर जॉब कार्ड (जे.सी.) जारी करना और पंजीकरण के लिए आवेदन प्राप्त करके उनका सत्यापन करना ग्राम पंचायत की भूमिकाओं के अंदर आती है। अब तक ग्राम पंचायत द्वारा 25 करोड़ से अधिक लोगों की पुष्टि कर उन्हें जॉब कार्ड उपलब्ध करवाया है।
महाराष्ट्र की बात की जाए तो, मनरेगा योजना महाराष्ट्र में ग्रामीण क्षेत्रों के विकास और रोजगार रचना के लिए एक महत्वपूर्ण साधन बन गई है। इस योजना के तहत महाराष्ट्र में कई गांवों में सड़कों, जलाशयों, और अन्य बुनियादी ढांचे के निर्माण कार्यों को प्राथमिकता दी गई है। मनरेगा योजना महाराष्ट्र के ग्रामीण इलाकों में आर्थिक स्थिरता लाने और 2.87 करोड़ लोगों को रोजगार प्रदान करने में सहायक सिद्ध हो रही है।
झारखंड के खूंटी जिले के तोरपा ब्लॉक की ललिता भेंगरा का परिवार 2015 में भयंकर आर्थिक संकट से गुज़र रहा था। उनके पास ज्यादातर जमीन बंजर थी। शुरू में, वह मनरेगा के तहत आम की खेती करने से संकोच कर रही थी क्योंकि उन्हें संभावित जोखिमों का संदेह था।
आज ललिता अपने गांव की कई अन्य महिलाओं के लिए एक आदर्श बन गई हैं। उन्होंने न केवल 1.5 एकड़ जमीन पर एक सुंदर बाग लगाया है, बल्कि उस पर साल भर व्यावसायिक खेती भी कर रही हैं। उनका परिवार बाग में सब्जियों की खेती से 13,200 रुपये से अधिक कमाता है, इसके अलावा उस समय बागवानी साइट पर 100 दिन काम करके मनरेगा के तहत 16,800 रुपये भी कमाई।
सिक्किम में बुसुक नदी के तट पर रहने वाला शेरपा कुछ साल पहले तक लोगों का भारी बोझ अपने शरीर पर ढोकर लगभग 2 घंटे पहाड़ों का रास्ता तय करके गांव से ऊपर-नीचे की ओर जाता था और अपने परिवार का पेट पालने के लिए रोजाना करीब 100 रुपये कमाता था। 2017 में, एक ग्राम सभा में, शेरपा, जो केवल 8,000 रुपये प्रति माह कमा रहा था, को उन लोगों की सूची में डाल दिया गया गया जिन्हें राज्य सहायता की सबसे अधिक आवश्यकता है।
इसके तुरंत बाद, उनके गांव के रोजगार सहायक (या मनरेगा हेल्पर) उनके घर आए। साल के भीतर, शेरपा की जर्जर बांस की गौशाला जिसमें 3 गाय थी को कंक्रीट के खंभों, टिन की छत और खाद भंडारण गड्ढों वाली गौशाला से बदल दिया गया। कुछ समय बाद उसने अपने गायों की संख्या को बढ़ाया और उनकी आय भी लगभग दोगुनी होकर 15,000 रुपये प्रति माह से अधिक हो गई।
मनरेगा योजना ग्रामीण भारत के गरीब और बेरोजगार लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण योजना है। यह योजना उन्हें रोजगार, सामाजिक सुरक्षा, और बेहतर जीवन स्तर प्रदान करने में मदद करती है। लेकिन दुर्भाग्य से, इसमें अभी भी काफी चुनौतियाँ हैं जिसमें भ्रष्ट्राचार और प्रशासनिक समस्याएँ प्रमुख हैं।
मनरेगा योजना में भ्रष्टाचार एक बड़ी चुनौती बन गया है जिससे ग्रामीण विकास में बाधा, धन का दुरुपयोग और गरीबों का शोषण जैसी समस्या सामने आ रही हैं। मनरेगा योजना में भ्रष्टाचार कुछ इन तरीकों से हो रहे हैं:
मनरेगा योजना में प्रशासनिक समस्याएं भी देखी जाती हैं, जो इसके प्रभावी कार्यान्वयन में रुकावट बनती हैं। कुछ मुख्य प्रशासनिक समस्याएं निम्नलिखित हैं:
मनरेगा योजना में सुधार के कई उपाय हैं जिसमें सरकारी स्तर पर निगरानी, जवाबदारी और दोषियों के खिलाफ शख़्त कार्यवाही हो सकती है।
मनरेगा योजना ने ग्रामीण भारत की तस्वीर बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस योजना ने न केवल लाखों लोगों को रोजगार दिया है, बल्कि गांवों के बुनियादी ढांचे में सुधार और आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में भी अहम कदम उठाए हैं। सही निगरानी और सामुदायिक भागीदारी के साथ, मनरेगा योजना आने वाले वर्षों में भी ग्रामीण भारत की प्रगति का महत्वपूर्ण स्तंभ बनी रहेगी।
इस ब्लॉग में आपने मनरेगा क्या है, मनरेगा योजना कब लागू हुई, मनरेगा योजना की विशेषता, मनरेगा योजना के लाभ, मनरेगा योजना की प्रक्रिया, सफलता की कहानियाँ, मनरेगा योजना में चुनौतियां और उनके समाधानों के बारे में विस्तार से जाना।
मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना) के तहत जॉब कार्ड धारकों को उनके काम का पैसा तभी मिलेगा जब उनका बैंक खाता आधार से लिंक होगा।
मनरेगा में समय-समय पर नियमों में बदलाव होते रहते हैं। हाल ही में, आधार को भुगतान के लिए अनिवार्य किया गया है। इसके अलावा, कुछ राज्यों ने भुगतान प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाने के लिए नए नियम लागू किए हैं।
मनरेगा योजना की शुरुआत 2 फरवरी, 2006 को हुई थी।
मनरेगा के तहत मिलने वाली मजदूरी की दरें अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग होती हैं और समय-समय पर बदलती रहती हैं।
मनरेगा योजना के अंतर्गत देश के सभी राज्यों में श्रमिकों की औसत दैनिक मजदूरी दर 261 रुपये से बढ़ाकर 289 रुपये कर दी गई है, अर्थात प्रतिदिन 28 रुपये की वृद्धि हुई है।
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