मुंशी प्रेमचंद की 5 छोटी कहानियाँ

October 16, 2024
मुंशी प्रेमचंद की 5 छोटी कहानियाँ
Quick Summary

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मुंशी प्रेमचंद की सबसे छोटी कहानी की कोई सटीक जानकारी मिलना मुश्किल है। क्योंकि उन्होंने कई छोटी कहानियाँ लिखी है। प्रमुख तौर पर ईदगाह, यह भी नशा, वह भी नशा, बंद दरवाजा, कश्मीरी सेब, कफन, और भी बहुत से मुंशी प्रेमचंद की छोटी कहानियाँ है। 

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ख्वाहिश नहीं मुझे, मशहूर होने की,

आप मुझे पहचानते हो, बस इतना ही काफी है।

अच्छे ने अच्छा और, बुरे ने बुरा जाना मुझे,

जिसकी जितनी जरूरत थी, उसने उतना ही पहचाना मुझे!

ये खूबसूरत पंक्तियाँ भारत के उपन्यास सम्राट धनपत राय श्रीवास्तव ने लिखी हैं। शायद आप इस महान शख्सियत को मुंशी प्रेमचंद के नाम से जानते हैं। वे उन खास लोगों में गिने जाते हैं, जिनकी अपनी जिंदगी में तो गरीबी और संघर्ष था, लेकिन उनके काम ने उन्हें ऐसी पहचान दि, की उनका नाम सुनहरे अक्षरों में इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया। प्रेमचंद ने अपने साहित्य में समाज की जटिलताओं और मानवीय संवेदनाओं को इतनी गहराई से उकेरा कि भारतीय साहित्य का रंग-रूप ही बदल गया।

इस ब्लॉग में मुंशी प्रेमचंद की 5 छोटी कहानियाँ,  मुंशी प्रेमचंद की सबसे छोटी कहानी,मुंशी प्रेमचंद की रचनाएँ के बारे में विस्तार से जानेंगे।

मुंशी प्रेमचंद का जीवन परिचय

मुंशी प्रेमचंद की रचनाएँ जानने से पहले हम उनके जीवन पर कुछ रोशनी डालते है। 

  • मुंशी प्रेमचंद का जन्म 31 जुलाई, 1880 को बनारस के पास लमही गाँव में हुआ था।  वे चित्रगुप्तवंशी कायस्थ परिवार से थे जिनके पास 6 बीगा जमीन थी। 
  • उनके दादाजी, गुरुसहाय राय, एक पटवारी थे। उनके पिता, मुंशी अजायबलाल, एक किसान थे और बाद में पोस्ट ऑफिस में क्लर्क बने। जिससे उन्हें महीने का लगभग 20 रुपए मिलता था। उनकी माँ का नाम आनंदी देवी था जिनका देहांत तब हुआ जब प्रेमचंद महज 8 साल के थे। 
  • उनकी सौतेली माँ से उनका संबंध अच्छा नहीं था।  उनके सौतेले नाना ने प्रेमचंद की 15 साल की आयु में ही एक बड़ी उम्र की लड़की से शादी करा दि। और अगले ही साल उनके पिता का भी देहांत हो गया।
  • उन्होंने अपनी दस्वी की पढ़ाई पूरी की। बाद में 5 रुपए तनख्वा पर एक वकील के बेटे को ट्यूइशन दि, उन्होंने 18 रुपए की तनख्वा पर टीचर की नौकरी कर ली। नौकरी के साथ साथ उन्होंने 12 वी की पढ़ाई की और इंग्लिश, इतिहास, और फारसी लिटरचर में BA किया। 
  • ‘ज़माना’ नाम की मगज़ीन में उन्होंने लिखने की शुरुआत की। उन दिनों उन्होंने अपना पहला लघु उपन्यास लिखा, Asrar-e-Ma’abid। और उसके बाद Awaz-e-Khalk। 
  • पत्नी और सौतेली माँ के झगड़ों में इतने परेशान हुए की जब उनकी पत्नी उन्हें छोड़ मायके चली गई तो वे उन्हें लेने नहीं गए।
  • कुछ सालों बाद उन्होंने शिवरानी देवी से शादी की जो एक बाल विधवा थी। उनके इस कदम से उन्हें बहुत आलोचना झेलनी पड़ी। 
  • बाद में गांधी जी के असहयोग आंदोलन से वो इतना प्रेरित हुए की अपनी नौकरी छोड़कर  उनके साथ जुड़ गए। इसके बाद फिर से उन्होंने अलग अलग जगह हाथ आजमाया जैसे चरखों की दुकान खोल दि जो चली नहीं, प्राइवेट स्कूल में नौकरी की, सरस्वती प्रेस भी खोली जिसमें भी घाटे का सामना करना पड़ा। 
  • उन्होंने मुंबई जा कर ‘मजदूर’ फिल्म की कहानी लिखी। इन सब के बाद वो वापस बनारस आ गए।
  • 8 अक्तूबर 1936 प्रेमचंद के देहांत के बाद, शिवरानी देवी ने उन पर एक किताब लिखी जिसका नाम था “प्रेमचंद घर में”।

मुंशी प्रेमचंद की रचनाएँ: लेखन शैली

चूंकि उनकी शुरुवाती पढ़ाई उर्दू में हुई, सबसे उर्दू भाषा से ही उन्होंने उपन्यास लिखे। बाद में खड़ी हिंदी में लिखने लगे। अपनी लिखावट उन्होंने हमेशा साधी और सरल ही रखी। उन्हें मुहावरों ए साथ लिखना पसंद था। मुंशी प्रेमचंद की रचनाएँ  4 तरह की शैलियाँ दर्शाती है। वर्णनात्मक, व्यंगतमक, विवेचनात्मक और भावात्मक शैली।

यथार्थवादी और सामाजिक दृष्टिकोण

मुंशी प्रेमचंद की रचनाएँ उनके अपने अनुभवों से भरी हुई है। उनके मन में महिलाओं के लिए बहुतउ सम्मान था। उन्होंने अपने उपन्यास और लेखों के जरिए समाज की गलत धरणाएं, कुरीतियाँ, यौन शोषण, गरीबी, कर्ज की वजह से होने वाली प्रताड़ना, इन सभी विषयों को सारी दुनिया के सामने रखा और समझने का प्रयास किया।

मुंशी प्रेमचंद की सबसे छोटी कहानी 

मुंशी प्रेमचंद की सबसे छोटी कहानी की कोई सटीक जानकारी मिलना मुश्किल है। क्योंकि उन्होंने कई छोटी कहानियाँ लिखी है। प्रमुख तौर पर ईदगाह, यह भी नशा, वह भी नशा, बंद दरवाजा, कश्मीरी सेब, कफन, और भी बहुत से मुंशी प्रेमचंद की छोटी कहानियाँ है। 

मुंशी प्रेमचंद की 5 छोटी कहानियाँ

मुंशी प्रेमचंद की 5 छोटी कहानियाँ – मुंशी प्रेमचंद की सर्वश्रेष्ठ कहानियाँ हैं:

  1. चूड़ियाँ – ये एक महिला की दुखद कहानी, जो अपनी शादी की चूड़ियाँ पहनने जैसी साधारण को इच्छा को मार कर अपने पति की गरीबी में उसका साथ निभाती है। और उसका पति उसकी इस छोटी सी इच्छा का भी मान नहीं रख पाता।
  2. गुड़िया – मुंशी प्रेमचंद की छोटी कहानियाँ में इस कहानी को भी बहुत  पसंद किया जाता है। एक प्यारी और गरीब लड़की की कहानी, जो एक टूटी फूटी गुड़िया में खुशी ढूंढ लेती है और संतुष्ट रहती है।
  3. खुदा की सौगात – एक गरीब आदमी और उसकी पत्नी की कहानी है जिन्हें ऊपरवाले पर अपार श्रद्धा है। एक दिन पति को तोहफे में कुछ रुपए मिलते है जिसे अपनी जरूरत पर खरच करने की जगह वो जरूरतमंदों में बाँट देता है।   
  4. प्रीत का पैगाम – प्रेम और सामाजिक कट्टरता की कहानी, जिसमें प्रेम की सच्चाई को उजागर किया गया है।
  5. यह भी नशा, वह भी नशा– ये कहानी है एक इंसान जो नशे की लत में पड़ जाता है। उसे लगता है की शराब उसकी परेशानी को सुलझा देगी लेकिन अब वही उसकी सबसे बड़ी परेशानी बन जाती है।

मुंशी प्रेमचंद की सर्वश्रेष्ठ कहानियाँ

आइए बात करते हैं मुंशी प्रेमचंद की सर्वश्रेष्ठ कहानियाँ के बारे में। यूं तो उनकी हर कहानी और लेख में बहुत कुछ सीखने लायक है लेकिन यहाँ हम कुछ खास कहानियों की चर्चा करेंगे।

1. “गोदान” का संक्षिप्त विवरण और महत्व

गोदान मुंशी प्रेमचंद का एक महान उपन्यास है, जो भारतीय साहित्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसे 1936 में प्रकाशित किया गया था ।

संक्षिप्त विवरण:

इस कहानी में मुख्य पात्र हीरो महतो एक किसान है। गांव में उसकी जमीन है जिस पर वह खेती करता है और बैल खरीदने का सपना देख रहा है। वह अपनी पूरी लगन से काम करता है लेकिन उसकी स्थिति दिन-ब-दिन खराब होती जाती है। उसकी पत्नी रूपा, उसकी बहुत मदद करती है लेकिन फिर भी वह लोग कर्ज में डूबते जाते हैं। एक बड़ा जमींदार हीरो की जमीन का शोषण करता है। यह कहानी एक भारतीय ग्रामीण की है जिसे जमींदारी की प्रथा के चलते बहुत परेशानियां उठानी पड़ती है।

महत्व:

  1. सामाजिक:  गोदान ग्रामीण समाज की परेशानियां और किसने की समस्याओं को गहराई से समझता है किस तरह से उनका शोषण होता है यह दिखाती है।
  2. मानवता: किस तरह से एक गरीब किसान का शोषण हो रहा है। इस कहानी में दिखाया गया है। एक जमींदार जो मानवता का हनन कर रहा है और गरीबों को पीड़ा दे रहा है।

2. “कफन” का संक्षिप्त विवरण और समाज पर प्रभाव

संक्षिप्त विवरण:

यह कहानी है मदान  और बिलकिस की जो आर्थिक तंगी के कारण अपने बीमार बच्चे का ना तो इलाज कर पाए और ना ही उसके मरने पर उसके लिए कफन खरीद पाए। हर तरफ से वह अपने बच्चे के कफन के लिए पैसे इकट्ठा करने में जुटे रहे पर उन्हें कहीं से भी सफलता नहीं मिली।  हद तब हो गई जब उन्हें कहीं से पैसे तो मिले लेकिन मदान ने वह पैसे शराब में खर्च कर दिए।

समाज पर प्रभाव

  1. आर्थिक तंगी: इस कहानी में साफ तौर पर यह दिखाया गया है की एक गरीब की स्थिति इतनी खराब है कि वह ना जिंदा इंसान की देखभाल कर पता है ना उसके मरने पर उसकी ठीक से अंतिम क्रिया कर पता है। ये समाज में असमानता दर्शा रहा है।
  2. सामाजिक जिम्मेदारी: इस कहानी में यह भी दिखाया गया है की एक परिवार जो दर दर की ठोकरे खा रहा है, समाज उसकी किसी तरह से मदद करने को तैयार नहीं है। उन्हें समाज नजरअंदाज कर रहा है।
  3. कमजोरी: यह कहानी यह भी बताती है कि किस तरह अपनी जरूरत को बाजू में रख कोई अपनी खराब आदतों के चलते अपने परिवार को और खराब स्थिति में डालता है। समाज से सवाल भी कर रहा है की आखिर जीवन ज्यादा क्या जरूरी है?

3. “ईदगाह” का संक्षिप्त विवरण और नैतिक शिक्षा

यह कहानी मुंशी प्रेमचंद जी की प्रसिद्ध कहानियों में से एक है जिसमें एक छोटे से लड़के की एक सोच ने सभी का दिल जीत लिया। यह कहानी है एक लड़के हामिद की जो ईद के मौके पर मेले में जाता है। वहां सभी अपनी मनपसंद चीज खरीदते हैं लेकिन वह मासूम सा बच्चा अपने सारे पैसों को सिर्फ और सिर्फ एक चिमटा खरीदने में लगाता है। वह चिमटा उसने अपनी दादी के लिए खरीद है जिससे रोटी बनाते वक्त उनके हाथ जलेंगे नहीं।

नैतिक शिक्षा:

  1. अपनों के लिए त्याग: कहानी बताती है कि अपनों की खुशियों के लिए किस तरह हम अपनी कुछ इच्छाओं का त्याग कर सकते हैं, दूसरों की मदद कर सकते हैं।
  2. पैसों से बड़े हैं गुण: हामिद के पास पैसे नहीं थे लेकिन वह गुणवान था। उसके अंदर अच्छे संस्कार थे इसीलिए कम पैसे होते हुए भी वह, वहां का सबसे अमीर बच्चा था और यही असली खुशी का स्त्रोत है।

4.”पूस की रात” का संक्षिप्त विवरण और सामाजिक संदर्भ

यह कहानी एक गरीब किसान रघुवीर की है उत्तर भारत के कड़ाके की सर्दी में काम कर रहा है। उनके पास ना तो गर्म कपड़े हैं और ना ही गीले कपड़े सुखाने की जगह। रघुवीर अपने खेतों की देखभाल के लिए ठंड में बाहर रहना पड़ता है जबकि उसकी पत्नी और बच्चे घर में ठंड से ठिठुर रहे हैं। ठंड के कारण उसकी स्थिति और उसकी फसल की स्थिति और ज्यादा खराब हो जाती है जिस वजह से अब वह आर्थिक तंगी में फंस जाता है।

सामाजिक संदर्भ:

  1. किसान की परेशानियां: यह कहानी दिखती है भारत के किसानों की दशा। किस तरह उन्हें पैसों की तकलीफों से तो जूझना ही पड़ता है साथ ही हर मौसम उनके लिए अलग-अलग परेशानियां खड़ी करता है, जिसका उनके पास कोई सॉल्यूशन नहीं होता।
  2. सामाजिक असमानता: प्रेमचंद इस कहानी से यह भी बता रहे हैं की किसान जो इतनी मेहनत करता है उसके बावजूद उसकी हालत में कोई सुधार नहीं होता। अक्सर उसे नजरअंदाज कर दिया जाता है।

मुंशी प्रेमचंद की रचनाएँ 

उपन्यास

मुंशी प्रेमचंद ने कुल मिलाकर 15 उपन्यास लिखे। उनकी रचनाओं में भारतीय समाज की जटिलताओं, कुरीतियाँ और गरीबों की समस्याओं को बारीकी से चित्रित किया गया है। उनके उपन्यासों ने भारतीय साहित्य को एक नई दिशा दी और समाज में सुधार की आवश्यकता को उजागर किया।

यहाँ उनके उपन्यासों में शामिल है:

  1. कर्मभूमि
  2. चंपा
  3. मंजूर
  4. गोदान
  5. रंगभूमि
  6. सेवासदन
  7. प्रेमाश्रम
  8. नमक का दारोगा
  9. मंगलसूत्र
  10. मधुशाला
  11. कस्मीर
  12. वेदना
  13. मंत्रणा
  14. सत्यवती 
  15. रजनीश 

कहानियाँ

मुंशी प्रेमचंद ने कुल 300 से भी ज्यादा कहानियाँ लिखी हैं। उनकी कहानियाँ भारतीय समाज के के हर पहलू को छूने की कोशिश की है और उनकी सच्चाई को उजागर किया हैं। अक्सर उनकी कहानियों में गरीबों, किसानों और महिलाओं की समस्याओं पर ध्यान दीया गया है। यहाँ पर उनकी कुछ प्रमुख कहानियों के नाम दिए गए हैं:

  1. कफन
  2. ईदगाह
  3. पूस की रात
  4. दो बैलों की कथा
  5. चूड़ियाँ
  6. गुड़िया
  7. खुदा की सौगात
  8. प्रीत का पैगाम
  9. सेवासदन
  10. धनिया की कहानी
  11. अवसाद
  12. चमार
  13. संसार
  14. मुल्कराज
  15. मृत्यु
  16. दूसरा आदमी
  17. समाज
  18. रात का सफर
  19. उपकार
  20. माधुरी

मुंशी प्रेमचंद की सर्वश्रेष्ठ कहानियां तो जान ही चुके हैं लेकिन यह जानना भी बहुत रोचक होगा कि उन्होंने 3 नाटक और कई निबंध भी लिखे हैं। उनका हर नाटक और निबंध समाज की समस्याओं से जुड़ा हुआ है।

नाटक

मुंशी प्रेमचंद जी के प्रमुख  नाटक है:

  1. संग्राम 
  2. प्रेम की वेदी
  3. कर्बला

साहित्यिक पत्रिकाएँ और संपादन कार्य

मुंशी प्रेमचंद ने कई साहित्यिक पत्रिकाओं और संपादन कार्यों के जरिए भारतीय साहित्य में बहुत बड़ा योगदान दिया है उन्होंने अलग-अलग पत्रिकाएं लिखी और कई लोगों को आज भी प्रभावित करते हैं।

साहित्यिक पत्रिकाएं 

  1. हंस: प्रेमचंद ने 1930 में हंस नाम की पत्रिका की स्थापना की।
  2. जमाना: यह 1920 में प्रेमचंद जी ने इसका संपादन किया था जो समाज के अलग-अलग मुद्दों पर लेख और विचार प्रस्तुत करने का बड़ा जरिया बनी।
  3. जागरण: 1916 से 1918 तक प्रेमचंद ने जागरण नाम की पत्रिका का भी संपादन किया।

निष्कर्ष

हिंदी साहित्य को अपने बेहतरीन दृष्टिकोण से खूबसूरती से तराशा है इसीलिए उन्हें सम्राट की उपाधि दि गई है। साहित्य प्रेमियों के लिए मुंशी प्रेमचंद  की सर्वश्रेष्ठ कहानियां, मुंशी प्रेमचंद की छोटी कहानियाँ और साहित्य कार्य की मदद जरूर लेते हैं। उनमें किसानों और गरीबों के लिए बहुत सहानुभूति थी और वह अपने तरीके से समाज को सुधारना चाहते थे, और ये बात आप मुंशी प्रेमचंद की 5 छोटी कहानियाँ में समझ चुके होंगे। 

मुंशी प्रेमचंद की छोटी कहानियाँ, उपन्यास और साहित्यिक कार्य अद्वितीय हैं। उन्हें सरकार की तरफ से कोई पुरस्कार नहीं मिला था लेकिन 31 जुलाई सन 1980 में उनके जन्मदिन की 100वी सालगिरह पर 30 पैसे मूल्य के डाक टिकट जारी किए गए थे।  सिर्फ मुंशी प्रेमचंद की 5 छोटी कहानियाँ ही नहीं, 200 से भी ज्यादा मुंशी प्रेमचंद की सबसे छोटी कहानी, मुंशी प्रेमचंद की सर्वश्रेष्ठ कहानियाँ का संकलन है जिसे ‘मानसरोवर’ के नाम से प्रकाशित किया गया।

साहित्य में उनका योगदान कभी ना भूलने वाला है। मुंशी प्रेमचंद की सर्वश्रेष्ठ कहानियाँ और अन्य कृतियों को जरूर पढ़ें और उनमें जिस सरलता से जीवन की सच्चाई दिखाई गई है उसे समझे। 

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

सबसे छोटी कहानी कौन सी है?

सबसे छोटी कहानी आमतौर पर “अर्नेस्ट हेमिंग्वे” द्वारा लिखी गई एक प्रसिद्ध छह शब्दों की कहानी मानी जाती है: “फॉर सेल: बेबी शूज़, नेवर यूज़्ड।” यह कहानी न केवल संक्षिप्त है, बल्कि इसमें गहराई और भावनाएं भी हैं। क्या आप और छोटी कहानियाँ सुनना चाहेंगे?

प्रेमचंद की सर्वश्रेष्ठ रचना कौन सी है?

प्रेमचंद की सर्वश्रेष्ठ रचना “गोदान” मानी जाती है। यह उपन्यास भारतीय किसान की पीड़ा और सामाजिक समस्याओं को गहराई से दर्शाता है, और मानव भावनाओं का जीवंत चित्रण करता है, जिसे आज भी सराहा जाता है।

प्रेमचंद की पहली कहानी क्या थी?

प्रेमचंद की पहली कहानी “दो बैल” थी, जो 1910 में प्रकाशित हुई। यह कहानी ग्रामीण जीवन की सरलता और संघर्ष को दर्शाती है, और लेखक की सामाजिक चेतना की पहली झलक पेश करती है।

हिंदी की सबसे प्रसिद्ध कहानी कौन सी है?

हिंदी की सबसे प्रसिद्ध कहानी “कफन” है, जो प्रेमचंद द्वारा लिखी गई है। यह कहानी सामाजिक असमानता और मानवता के संघर्ष को दर्शाती है, और इसकी गहरी संवेदनशीलता इसे हिंदी साहित्य में अमिट बनाती है।

सबसे छोटी छोटी कहानियां कौन सी हैं?

हिंदी की सबसे प्रसिद्ध कहानियों में निम्नलिखित शामिल हैं:
कफन (प्रेमचंद)
ठंडा गोश्त (सaadat hasan manto)
कर्मभूमि (प्रेमचंद)
टोटा और मटका (शरत चंद्र चट्टोपाध्याय)
बुढ़िया (जगदीश चंद्र माथुर)

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