Quick Summary
“म्यूच्यूअल फंड में निवेश करना वह सफर है जो आपको आपके सपनों की दुनिया तक पहुँचा सकता है।”
– सुनिल भारती मित्र
क्या आप म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करना चाहते है पर आपको ये नहीं पता के Mutual Fund kya hai और इसमें निवेश कैसे करें? तो यह आर्टिकल आपके लिए है। म्यूच्यूअल फंड एक निवेश का तंत्र है जो बहुत सारे लोगों के पैसे को एकत्र करता है और उन्हें विभिन्न निवेश संसाधनों में निवेश करता है। इसका प्रबंधन एक पेशेवर फंड मैनेजर(Fund Manager) करता है, जो आपके पैसे को शेयर, बॉन्ड, और अन्य Securities में सवार करता है।
यह निवेश का तंत्र आपको वित्तीय विकल्पों के लिए एक सुरक्षित और सही रास्ता प्रदान करता है, जिससे आपका निवेश बढ़ता है और आपका भविष्य सुरक्षित रहता है। इससे आपको निवेश करने के लिए अधिक विकल्प मिलते हैं और आपकी निवेश संभावनाएँ बढ़ जाती हैं।
बहुत से लोग या investors जो पैसा इकट्ठा करते हैं, वही पैसा म्यूचुअल फंड बनता है। इस फंड को फंड मैनेजर मैनेज करता है। म्यूचुअल फंड में SIP (सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान) के जरिए fix amount इन्वेस्ट कर सकते हैं। SIP एक तरह का ऐसा प्लान है, जिसके through कोई भी mutual fund में इन्वेस्ट कर सकता है। SIP इन्वेस्टमेंट बढ़ाने में मददगार है। इसमें regular basis पर इन्वेस्ट करना होता है। SIP में 100 रुपए से भी इन्वेस्ट शुरू किया जा सकता है।
अपने जोखिम उठाने की क्षमता को समझें (Risk Tolerance): हर म्यूचुअल फंड में अलग-अलग जोखिम होता है। इसलिए निवेश करने से पहले आपको यह समझना चाहिए कि आप कितना जोखिम उठा सकते हैं।
म्यूचुअल फंड (MF) विभिन्न प्रकार के पोर्टफोलियो प्रदान करते हैं। वे पूंजी सुरक्षा, वृद्धि और कर-बचत के विकल्प प्रदान करते हैं। ये फंड निवेशकों को उनके लक्ष्य प्राप्त करने में मदद करते हैं। म्यूचुअल फंड के मुख्य उद्देश्य इस प्रकार हैं:
एकल निवेश पर ध्यान केंद्रित करने से बचकर, म्यूच्यूअल फण्ड (MF) प्रतिभूतियों, परिसंपत्तियों और भौगोलिक क्षेत्रों में व्यवस्थित रूप से विविधता लाते हैं, जिससे जोखिम कम होता है। यह तकनीक एक संतुलित और लचीला पोर्टफोलियो प्रदान करती है।
कुछ फंडों के लिए पूंजी संरक्षण सर्वोच्च प्राथमिकता है, जैसे कि मनी-मार्केट और लिक्विड फंड। वे उन निवेशकों के लिए उपयुक्त हैं जो स्थिरता चाहते हैं और अपनी पूंजी की सुरक्षा करना चाहते हैं। वे अधिक सुरक्षित हो सकते हैं लेकिन कम रिटर्न देते हैं।
शेयरों में निवेश करके, इक्विटी फंड पूंजी वृद्धि पर ध्यान केंद्रित करते हैं और मुद्रास्फीति के खिलाफ एक बफर प्रदान करते हैं। वे उन निवेशकों के लिए उपयुक्त हैं जो अधिक जोखिम उठा सकते हैं। हालाँकि वे उच्च पुरस्कार प्रदान करते हैं, लेकिन वे अधिक खतरे भी लेकर आते हैं।
इक्विटी-लिंक्ड सेविंग स्कीम (ईएलएसएस), या टैक्स-सेविंग फंड, दो महत्वपूर्ण लाभ प्रदान करते हैं: पूंजी वृद्धि और कर बचत। वे प्रत्येक वित्तीय वर्ष में 1.5 लाख रुपये तक की आयकर कटौती प्रदान करते हैं। यह उन्हें उन निवेशकों के लिए एक अच्छा विकल्प बनाता है जो करों के बारे में परवाह करते हैं।
श्रेणी | उदाहरण | लाभ | विशेषताएँ |
इक्विटी Mutual Funds | SBI Bluechip Fund HDFC Equity Fund | उच्च रिटर्न की संभावना, लंबी अवधि के लिए अच्छा | – शेयर बाजार में निवेश – उच्च जोखिम – लंबी अवधि के निवेश के लिए उपयुक्त |
डेट Mutual Funds | ICICI Prudential Short Term Fund HDFC Short Term Debt Fund | सुरक्षित और स्थिर रिटर्न, पूंजी संरक्षण | – बांड और सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश – कम जोखिम – तरलता |
हाइब्रिड Mutual Funds | HDFC Balanced Advantage Fund ICICI Prudential Equity & Debt Fund | संतुलित जोखिम, विविधीकरण | – इक्विटी और डेट दोनों में निवेश – मध्यम जोखिम – नियमित आय |
लिक्विड Mutual Funds | Aditya Birla Sun Life Liquid Fund SBI Liquid Fund | उच्च तरलता, सुरक्षित निवेश | – अत्यधिक तरल – कम अवधि के लिए उपयुक्त – कम जोखिम |
टैक्स सेविंग (ELSS) Mutual Funds | Axis Long Term Equity Fund Aditya Birla Sun Life Tax Relief 96 | टैक्स बचत, उच्च रिटर्न की संभावना | – 3 साल की लॉक-इन अवधि – इक्विटी में निवेश – टैक्स में छूट (80C) |
गोल्ड Mutual Funds | HDFC Gold Fund ICICI Prudential Regular Gold Savings Fund | सोने में निवेश, महंगाई से बचाव | – सोने की कीमतों पर आधारित रिटर्न – सुरक्षित निवेश – तरलता |
इंडेक्स Mutual Funds | UTI Nifty Index Fund HDFC Index Fund-NIFTY 50 Plan | बाजार के अनुरूप रिटर्न, कम लागत | – निफ्टी या सेंसेक्स को ट्रैक करता है – निष्क्रिय प्रबंधन – कम शुल्क |
mutual fund kya hai ये अपने जान लिया है, अब जानते है की आप म्यूच्यूअल फण्ड कैसे खरीद सकते है। निचे दिए गए स्टेप्स के माध्यम से आप म्यूच्यूअल फंड्स को खरीद सकते है।
Step 1 – निवेश की योजना बनाएं: यह जानने के बाद की mutual fund kya hai,सबसे पहला कदम है निवेश की योजना बनाना। आपको यह तय करना होगा कि आप कितने समय तक निवेश करना चाहते हैं और आपका लक्ष्य क्या है।
Step 2 – म्यूचुअल फंड की चयन करें: आपके लक्ष्य के आधार पर एक अच्छा म्यूचुअल फंड चुनें। आपके पास विकल्प होंगे जैसे कि इक्विटी फंड, डेट फंड, और हाइब्रिड फंड।
Step 3 – KYC प्रक्रिया पूरी करें: निवेश करने से पहले आपको KYC (Know Your Customer) प्रक्रिया पूरी करनी होगी। इसमें आपकी पहचान प्रमाणित की जाती है।
Step 4 – निवेश करें: आप अपने बैंक खाते से या ऑनलाइन तरीके से म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं।
Step 5 – निवेश की निगरानी करें: निवेश के बाद आपको निगरानी करते रहना होगा। फंड की प्रगति को देखें और आवश्यकता अनुसार निवेश में बदलाव करें।
ध्यान रखें कि म्यूच्यूअल फंड्स की पोजीशन बदलती रहती है। निवेश करने से पहले उस समय के सबसे फायदेमंद म्यूच्यूअल फण्ड के बारे में पता कर लें। नीचे हमने साल 2024 से पिछले एक साल में सबसे ज़ादा Return देने वाले Mutual Fund Kya Hai इसकी जानकारी दी हुई है।
Fund का नाम | 6 महीने के Returns | एक साल के Returns |
Invesco India PSU Equity Fund (G) | 63.7% | 107.2% |
DSP India T I G E R Fund (G) | 47.0% | 87.1% |
Quant Infrastructure Fund (G) | 49.8% | 86.0% |
Quant Mid Cap Fund (G) | 39.6% | 80.0% |
Tata Infrastructure Fund (G) | 42.7% | 75.4% |
एक अच्छे mutual fund को चुनना ज्यादा बड़ी बात नहीं है लेकिन यह जरुरी भी है क्योंकि यह लम्बे समय तक आपके लिए फायदेमंद होगा। आप आगे दिए गए guidance की मदद से निवेश करने के लिए सबसे अच्छा Mutual Fund kya hai और म्यूचुअल फंड कैसे चुने ये देख सकते है।
Mutual Fund kya hai ये जानने के लिए आपको उसकी फण्ड हिस्ट्री जानना जरुरी है। फंड की हिस्ट्री से समय के साथ फंड की performance का रिकॉर्ड पता चलता है। हाल ही में लॉन्च हुए म्यूचुअल फंड के लिए खुले फंडों का कोई ट्रैक रिकॉर्ड नहीं मिलता है। इसकी वजह से market cycles में उनके रिटर्न और performance के बारे में अनुमान लगाना मुश्किल हो जाता है।
Mutual Fund में इन्वेस्ट करते समय आपको अपने गोल को ध्यान में रखना है कि आप इन्वेस्ट क्यों करना चाहते हैं। आप कब तक इंवेस्टमेंट प्लान कर रहे हैं और रिटर्न की क्या उम्मीद कर रहे हैं?
Mutual Fund kya hai और इसमें निवेश करने से पहले फंड मैनेजर का ट्रैक रिकॉर्ड कैसा है यह जानना जरुरी है। Investors को बाजार में तेजी और गिरावट के दौरान फंड की performance पर ध्यान देना चाहिए। फंड मैनेजर ने जो प्लान्स मैनेज किये हैं, उसकी performance को भी देख सकते हैं।
Investors को इस बारे में पता होना चाहिए कि उन्हें कब इन्वेस्ट करने की जरूरत हो सकती है। अगर इसकी जरूरत जल्दी ही होने वाली है तो इक्विटी म्यूचुअल फंड सही नहीं होगा। क्योंकि ये उम्मीद जितना रिटर्न नहीं दे सकता है। अगर आप कम समय के लिए पैसा जोड़ना चाहते हैं, तो लिक्विड फंड को चुनना सही होगा।
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अपना खुद का बिजनेस कैसे शुरू करें?
Mutual Fund kya hai और इसमें मोबाइल से कैसे इन्वेस्ट करे आइये जानते है। कुछ मोबाइल एप्लिकेशन निम्नलिखित हैं जो आपको अपनी व्यक्तिगत आवश्यकताओं के अनुसार म्यूचुअल फंड का चयन करने में मदद कर सकते हैं:
ये एप्लिकेशन निवेशकों को विभिन्न म्यूचुअल फंड की जानकारी, निवेश की प्रक्रिया, और निवेश सलाह प्रदान करके उन्हें व्यक्तिगत आवश्यकताओं के अनुसार सही निवेश विकल्प का चयन करने में मदद कर सकते हैं।
म्यूचुअल फंड को Security Exchange Board of India (SEBI) रेगुलेट करती हैं और उनके NAV (नेट एसेट वैल्यू) या कीमत को हर दिन monitor किया जाता है। यहां तक कि हर महीने उनके पोर्टफोलियो की announcement भी की जाती है और इसकी जानकारी भी लोगों को दी जाती है।
यह तो जान लिया की mutual fund kya hai, लेकिन निवेश लागत आपके शुद्ध रिटर्न में एक महत्वपूर्ण कारक हो सकती है। यह समझना महत्वपूर्ण है कि म्यूचुअल फंड फीस और खर्चों का आकलन कैसे करते हैं। ये तीन व्यापक श्रेणियों में आते हैं:
यह प्रबंधन शुल्क, विपणन लागत और प्रशासनिक खर्चों सहित अपने परिचालन खर्चों को कवर करने के लिए फंड कंपनी द्वारा लिया जाने वाला वार्षिक शुल्क है।
आपके निवेश प्लेटफॉर्म के आधार पर, म्यूचुअल फंड यूनिट खरीदने या बेचने से जुड़ी फीस हो सकती है।
यदि आप खरीद तिथि से एक विशिष्ट अवधि के भीतर अपनी इकाइयों को कैश करवाते हैं तो यह कुछ फंडों द्वारा लगाया जाने वाला शुल्क है।
म्यूचुअल फंड के फायदे | म्यूचुअल फंड के नुकसान |
विभिन्नता (Diversification): म्यूचुअल फंड आपके निवेश को विभिन्न कंपनियों और परिसंपत्तियों में फैला देते हैं, जिससे जोखिम कम हो जाता है। | शुल्क (Fees): म्यूचुअल फंड में कई तरह के शुल्क होते हैं, जैसे कि प्रबंधन शुल्क, प्रवेश शुल्क, निकास शुल्क आदि। ये शुल्क आपके रिटर्न को कम कर सकते हैं। |
पेशेवर प्रबंधन (Professional Management): फंड मैनेजर शेयर बाजार के जानकार होते हैं और वही आपके फंड का निवेश संभालते हैं। | जोखिम (Risk): कोई भी निवेश जोखिम से मुक्त नहीं होता है। म्यूचुअल फंड भी जोखिम भरे होते हैं। यदि बाजार गिरता है, तो आपके फंड का मूल्य भी गिर सकता है। |
कम निवेश (Low Investment): आप कम राशि से भी म्यूचुअल फंड में निवेश शुरू कर सकते हैं। | कम नियंत्रण (Less Control): जब आप म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं, तो आप अपने पैसे का निवेश कैसे किया जाता है, इस पर आपका कम नियंत्रण होता है। फंड मैनेजर ही यह तय करते हैं कि आपके पैसे को किस कंपनी या सेक्टर में लगाया जाएगा। |
सुविधा (Convenience): म्यूचुअल फंड का लेन-देन आसान होता है। आप ऑनलाइन या ब्रोकर के जरिए इसमें निवेश कर सकते हैं। | तात्कालिक निकासी (No Immediate Withdrawal): कुछ म्यूचुअल फंडों में लॉक-इन पीरियड (Lock-in Period) होता है। इस दौरान आप अपना पैसा नहीं निकाल सकते। |
कर लाभ (Tax Benefits): कुछ म्यूचुअल फंडों में निवेश पर आपको आयकर अधिनियम के तहत कर कटौती का लाभ मिलता है। |
म्यूचुअल फंड इन्वेस्ट करने के लिए सबसे best है। क्योंकि इससे बहुत से फायदे भी होते हैं। अगर आप सही म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट करते हैं, तो इससे आपको अच्छा फायदा मिलेगा। आपको इन्वेस्ट करने से पहले अपने कल के बारे में सोच लेना चाहिए। अपने financial goals और रिस्क लेने की क्षमता के बारे में जरूर सोचें। आज आपको यहां म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट कैसे करें के बारे में पूरी जानकारी मिली। इसके क्या फायदे और नुकसान हैं यह भी आपने जाना। हम उम्मीद करते हैं कि इस जानकारी से आपको एक अच्छा investor बनने में मदद मिलेगी।
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म्यूचुअल फंड एक financial resource है। जिसमें बहुत से investors निवेश करते हैं। म्यूचुअल फंड कंपनियां बहुत सी तरह की securities में फंड allot करती हैं। AMC Mutual fund को मैनेज करती हैं। AMC शेयर, बॉन्ड, स्टॉक और म्यूचुअल फंड कंपनियों की other assets में इन्वेस्ट करती हैं।
म्यूचुअल फंड में कम से कम रुपये से invest शुरू कर सकते हैं। 100 रुपए से शुरू कर maximum इन्वेस्टमेंट कितना भी कर सकते हैं। नए investors को जानकारी नहीं होती कि कहां और कैसे इन्वेस्ट करना है। तो यह एक अच्छा फायदा है कि इनका मैनेजमेंट experienced professionals करते हैं।
कुछ म्यूचुअल फंड एंट्री या एग्जिट लोड या फिर यह दोनों के लिए चार्ज कर सकते हैं। म्यूचुअल फंड में रिटर्न की गारंटी नहीं होती हैं। इसलिए इन्वेस्ट करने से पहले फंड के बारे में जान लेना चाहिए। अगर manager अपने अधिकार का गलत इस्तेमाल कर रहा है तो टर्नओवर और विंडो ड्रेसिंग हो सकती है। जब म्यूचुअल फंड में capital gains payment की बात आती है, तो फिर investors इसमें कुछ नहीं कर सकते हैं। उनके पास दूसरा कोई option नहीं होता।
जब भी आपको लगने लगे की आपके फण्ड की performance अच्छी नहीं चल रही हैं, तब आप पैसा निकाल सकते हैं। कंपनियां बहुत बार इन्वेस्टमेंट प्लान में बदलाव करती रहती हैं। हो सकता है, इस बदलाव से आपके इन्वेस्टमेंट का गोल पूरा नहीं हो रहा हो। ऐसे में फण्ड से पैसा निकाला जा सकता हैं।
AMC या एजेंट से म्यूचुअल फंड खरीदने के साथ ही ऑनलाइन फंड हाउस पार्टनर पोर्टल से भी म्यूचुअल फंड खरीद सकते हैं। अगर KYC पूरा हो जाता है तो म्यूचुअल फंड में ऑफलाइन या ऑनलाइन इन्वेस्ट कर सकते हैं। अगर ऑनलाइन नहीं करना चाहते तो अपने पास की ब्रांच में जाकर fund में इन्वेस्ट कर सकते हैं।
जिस तरह से बैंक बचत या FD पर एक interest rate का payment करता है। इसी तरह कम्पनी ने जो अपने बांड्स जारी किये होते हैं, वो उस पर एक interest rate को fix करके payment करती है और जब म्यूच्यूअल फंड्स इन बांड्स को खरीदते हैं, तो उनकी interest के रूप में income होती है। बांड्स की value interest rate के opposite होती है। जैसे बांड की value ज्यादा होगी तो Interest Rate कम होगा।
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