निपुण भारत मिशन: उद्देश्य, लक्ष्य और शुरुआत

November 28, 2024
निपुण भारत मिशन
Quick Summary

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  • निपुण भारत मिशन का उद्देश्य बच्चों को बुनियादी साक्षरता और गणितीय कौशल प्रदान करना है।
  • यह मिशन कक्षा 3 तक बच्चों के शिक्षा स्तर को सुधारने पर केंद्रित है।
  • भारत सरकार ने इसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत लागू किया है।
  • मिशन का लक्ष्य हर बच्चे को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करना है।
  • इसे विद्यालयों, शिक्षकों और मूल्यांकन प्रणाली के सुधार से लागू किया जाएगा।

Table of Contents

निपुण भारत मिशन, बच्चों को बुनियादी साक्षरता और अंकगणितीय ज्ञान में दक्ष बनाने के उद्देश्य से शुरू किया गया है। इसका लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी बच्चे पढ़ने, लिखने और गणित की बुनियादी समझ को अच्छी तरह से विकसित कर सकें। 

इस ब्लॉग में हम निपुण भारत मिशन क्या है, निपुण भारत मिशन कब शुरू हुआ, निपुण भारत मिशन का उद्देश्य, निपुण भारत मिशन प्रश्नोत्तरी, निपुण भारत मिशन लक्ष्य सूची और निपुण भारत मिशन उत्तर प्रदेश की सफलता के बारे में विस्तार से जानेंगे। 

निपुण भारत मिशन कब शुरू हुआ?

सबसे पहले हम समझेंगे कि निपुण भारत मिशन कब शुरू हुआ। तो निपुण भारत मिशन की शुरुआत 5 जुलाई 2021 को शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और धर्मेंद्र प्रधान की अध्यक्षता में हुई थी। यह मिशन शिक्षा के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम है, जिसका उद्देश्य देशभर में बच्चों के शिक्षा स्तर को बढ़ाना, शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना है। 

निपुण भारत मिशन क्या है? 

निपुण भारत मिशन क्या है? इसको समझने से पहले हम निपुण का पूरा नाम जानेंगे। निपुण भारत मिशन का पूरा नाम “नेशनल इनिशिएटिव फॉर प्रोफिशिएंसी इन रीडिंग विद अंडरस्टैंडिंग एंड न्यूमेरेसी” है। यह मिशन देशभर में कक्षा 3 से 6 तक के बच्चों में बुनियादी साक्षरता और अंकगणितीय ज्ञान को मजबूत करने के लिए शुरू किया गया है। इसका उद्देश्य बच्चों को न केवल पढ़ने और लिखने में सक्षम बनाना है, बल्कि उन्हें समझ के साथ पढ़ने और गणितीय समस्याओं को हल करने में भी निपुण बनाना है।

निपुण भारत मिशन की जानकारी

विवरण जानकारी
मिशन का नामनिपुण भारत मिशन
मिशन का शुभारंभ5 जुलाई 2021
उद्देश्यकक्षा 3 से 6 तक के बच्चों को 2026-27 तक बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मकता में सक्षम बनाना
आयु वर्ग3 से 9 वर्ष
प्रमुख तत्वपढ़ाई और गणित में बुनियादी कौशल, स्कूल में बनाए रखना, समग्र विकास, शिक्षक प्रशिक्षण, गतिविधि आधारित लर्निंग, समग्र प्रगति कार्ड

निपुण भारत मिशन का उद्देश्य 

निपुण भारत मिशन का उद्देश्य बच्चों को पढ़ने, लिखने, और गणित में बुनियादी कौशल सिखाना है। यह कक्षा 3 से 6 तक के बच्चों को 2026-27 तक तैयार करने पर ध्यान देता है। इसके तहत शिक्षा की गुणवत्ता और समावेशिता को सुधारने की कोशिश की जाती है।

मूल उद्देश्य 

  • समावेशी कक्षा वातावरण: बच्चों की घरेलू भाषाओं को शामिल करके खेल और गतिविधि-आधारित शिक्षा को बढ़ावा देना।
  • साक्षरता और लेखन कौशल: बच्चों को प्रेरित, स्वतंत्र और सक्षम पाठक और लेखक बनाना।
  • तर्क और समस्या समाधान: बच्चों को संख्या, माप, और आकृतियों के तर्क और समस्या समाधान में निपुण बनाना।
  • उच्च गुणवत्ता शिक्षण सामग्री: मातृभाषा में उच्च गुणवत्ता की शिक्षण सामग्री सुनिश्चित करना।
  • शिक्षक क्षमता निर्माण: शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों की निरंतर क्षमता निर्माण पर ध्यान देना।
  • सभी हितधारकों का समावेश: शिक्षा में सभी हितधारकों का सक्रिय रूप से जुड़ाव सुनिश्चित करना।
  • सीखने का मूल्यांकन: बच्चों के सीखने का आकलन करने के लिए विविध मूल्यांकन तकनीकों का उपयोग करना।
  • मूलभूत साक्षरता और संख्यागणना: यह सुनिश्चित करना कि हर बच्चा ग्रेड 3 के अंत तक आवश्यक साक्षरता और संख्यागणना कौशल प्राप्त करे।

विशिष्ट लक्ष्य 

मिशन के विशिष्ट लक्ष्यों में स्कूल छोड़ने वाले बच्चों की संख्या को कम करना, बच्चों के संपूर्ण विकास को प्रोत्साहित करना, और उन्हें विभिन्न गतिविधियों में शामिल करना शामिल है। मिशन के तहत, बच्चों को खेल, संगीत, कविता, और नाटक जैसी गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रेरित किया जाता है, जिससे उनका सर्वांगीण विकास हो सके।

निपुण भारत मिशन लक्ष्य सूची 

निपुण भारत मिशन लक्ष्य सूची इस प्रकार है:

स्तरसीखने के परिणाम
बालवाटिकअक्षरों और ध्वनियों को पहचानता है
2-3 अक्षरों वाले सरल शब्द पढ़ता है 
10 तक के अंकों को पहचानता और पढ़ता है 
संख्याओं/वस्तुओं/आकृतियों/घटनाओं को क्रम में व्यवस्थित करता है
ग्रेड 1आयु के अनुसार अज्ञात पाठ में 4-5 सरल शब्दों वाले वाक्य पढ़ता है 
99 तक की संख्या पढ़ता और लिखता है सरल जोड़ और घटाव करता है
ग्रेड 2अर्थ सहित पढ़ता है 45-60 शब्द प्रति मिनट पढ़ता है 
99 तक की संख्याएं पढ़ता और लिखता है 99 तक की संख्याओं की घटाव करता है
ग्रेड 3प्रति मिनट 60 शब्द अर्थपूर्ण ढंग से पढ़ता है 
99 तक की संख्याएं पढ़ता और लिखता है सरल गुणन समस्याओं को हल करता है

प्राथमिक लक्ष्य 

1. बच्चों की पढ़ाई में सुधार:

  • कक्षा 3 से 6 तक के बच्चों को पढ़ने और लिखने में कुशल बनाना।
  • गणित और अंकगणित में मूलभूत समझ विकसित करना।

2. शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार:

  • सभी बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना।
  • शिक्षण विधियों और सामग्री को अद्यतित करना।

3. असमानता को कम करना:

  • कमजोर और वंचित वर्गों के बच्चों को बेहतर शिक्षा प्रदान करना।
  • हर बच्चे को समान अवसर देना।

4. शिक्षा का संपूर्ण विकास:

  • बच्चों के शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक विकास को बढ़ावा देना।
  • उन्हें सामाजिक और जीवन कौशल से लैस करना।

उपलक्ष्य 

1. कक्षा 3 से 5 तक के बच्चों की पढ़ाई का स्तर:

  • कक्षा 3 के अंत तक बच्चों को बुनियादी पढ़ने और लिखने की क्षमता विकसित करना।
  • कक्षा 5 तक गणित और पढ़ाई के आधारभूत कौशल में सुधार लाना।

2. शिक्षकों की क्षमता निर्माण:

  • शिक्षकों को प्रशिक्षण देना ताकि वे नई शिक्षण विधियों और सामग्री का सही ढंग से उपयोग कर सकें।
  • उन्हें अपडेटेड शिक्षा विधियों और पाठ्यक्रम के बारे में जानकार बनाना।

3. सार्वजनिक और सरकारी स्कूलों में सुधार:

  • स्कूलों में इंफ्रास्ट्रक्चर और संसाधनों में सुधार करना।
  • विद्यालयों के प्रबंधन और संचालन में सुधार लाना।

4. मूल्यांकन और निगरानी:

  • शिक्षा के परिणामों की निगरानी करना और जरूरत के अनुसार सुधारात्मक कदम उठाना।
  • समय-समय पर प्रगति की समीक्षा और रिपोर्टिंग करना।

निपुण भारत मिशन उत्तर प्रदेश 

उत्तर प्रदेश, भारत का सबसे बड़ा राज्य है, और यहाँ “निपुण भारत मिशन” को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए विशेष प्रयास किए गए हैं।

राज्य स्तर पर प्रयास 

निपुण भारत मिशन उत्तर प्रदेश मिशन के तहत राज्य सरकार ने शिक्षा के स्तर में सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। राज्य में 1.6 लाख से अधिक स्कूलों में इस मिशन को लागू किया गया है। इसके तहत, बच्चों को बुनियादी साक्षरता और अंकगणितीय ज्ञान में दक्ष बनाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।

राज्य सरकार की भूमिका 

उत्तर प्रदेश सरकार ने “निपुण भारत मिशन” को सफल बनाने के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया है और उन्हें आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए हैं। इसके अलावा, राज्य सरकार ने मिशन के सफल कार्यान्वयन के लिए विभिन्न एजेंसियों और संगठनों के साथ साझेदारी की है।

सफलता के संकेत 

उत्तर प्रदेश में “निपुण भारत मिशन” के सफल कार्यान्वयन के संकेत स्पष्ट रूप से दिखाई देते हैं। राज्य में शिक्षा के स्तर में सुधार हुआ है, और बच्चों में बुनियादी साक्षरता और अंकगणितीय ज्ञान के प्रति रुचि बढ़ी है। इसके परिणामस्वरूप, स्कूल छोड़ने वाले बच्चों की संख्या में कमी आई है और उनके शैक्षिक परिणामों में सुधार हुआ है।

निपुण भारत मिशन के लाभ 

  • 3 से 9 वर्ष की आयु के बच्चों की पढ़ाई और गणितीय कौशल में सुधार होगा।
  • प्रीस्कूल से लेकर कक्षा 3 तक के बच्चों को विशेष सहायता और समर्थन मिलेगा।
  • कक्षा 4 और 5 के उन बच्चों को विशेष मदद मिलेगी जिनके पास बुनियादी कौशल नहीं हैं। इसमें सहकर्मी सहायता, ट्यूटर मार्गदर्शन और अतिरिक्त शिक्षण सामग्री शामिल होगी।
  • सामाजिक-आर्थिक रूप से वंचित समूहों को भी लाभ मिलेगा, जिससे सभी बच्चों को समान और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी।
  • गतिविधि आधारित लर्निंग और अनुकूल वातावरण से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा।
  • बच्चों के शारीरिक, सामाजिक-भावनात्मक, साक्षरता, संख्यात्मकता, और संज्ञानात्मक विकास पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जिससे उनका समग्र विकास होगा।
  • प्राथमिक स्तर पर बच्चों की पढ़ाई में ध्यान देने से पढ़ाई छोड़ने की दर कम होगी।
  • बच्चों की तेजी से सीखने की गति उनके भविष्य के जीवन और रोजगार पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।
  • स्कूल, शिक्षक, माता-पिता और समुदाय के सहयोग से बच्चों की वास्तविक क्षमता को बढ़ावा मिलेगा और देश को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया जा सकेगा।

निपुण भारत मिशन की चुनौतियाँ 

हालांकि “निपुण भारत मिशन” के कई फायदे हैं, इसके कार्यान्वयन में कुछ चुनौतियाँ भी हैं।

भौगोलिक चुनौतियाँ 

भारत के विभिन्न हिस्सों में, विशेषकर ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में, मिशन को लागू करना एक बड़ी चुनौती है। इन क्षेत्रों में संसाधनों की कमी और बुनियादी सुविधाओं की अनुपलब्धता के कारण मिशन का कार्यान्वयन कठिन हो जाता है।

संसाधनों की कमी 

मिशन के सफल कार्यान्वयन के लिए पर्याप्त संख्या में प्रशिक्षित शिक्षकों और शैक्षिक संसाधनों की आवश्यकता होती है। हालांकि सरकार ने इस दिशा में प्रयास किए हैं, लेकिन कई जगहों पर संसाधनों की कमी बनी हुई है।

सामाजिक बाधाएँ 

कुछ क्षेत्रों में, सामाजिक और सांस्कृतिक बाधाएँ भी मिशन के कार्यान्वयन में रुकावट पैदा करती हैं। उदाहरण के लिए, कुछ समुदायों में शिक्षा को प्राथमिकता नहीं दी जाती है, जिससे बच्चों को स्कूल भेजने में समस्या होती है।

निपुण भारत मिशन की कार्यान्वयन प्रक्रिया

निपुण भारत मिशन का मुख्य उद्देश्य 3 से 9 वर्ष तक के बच्चों को बुनियादी शिक्षा देना है। यह मिशन प्री-स्कूल से लेकर ग्रेट 3 तक के बच्चों पर केंद्रित है, और इसे 5 स्तरीय तंत्र के माध्यम से लागू किया जाएगा। यह स्तर हैं: राष्ट्रीय, राज्य, जिला, ब्लॉक, और स्कूल स्तर।

राष्ट्रीय स्तर पर संचालन

मिशन का संचालन राष्ट्रीय स्तर पर स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा किया जाएगा। इस स्तर पर लर्निंग गैप्स, असेसमेंट, लर्निंग स्ट्रेटेजी, और दस्तावेजों की तैयारी पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। यह सुनिश्चित करने के लिए कि देशभर के छात्रों को समान गुणवत्ता की शिक्षा मिले, राष्ट्रीय स्तर पर सभी आवश्यक योजनाएँ और रणनीतियाँ तैयार की जाएंगी।

राज्य स्तर पर जिम्मेदारी

राज्य स्तर पर, स्कूल शिक्षा विभाग और स्टेट रिपेयरिंग समिति मिशन के कार्यान्वयन के लिए जिम्मेदार होंगे। राज्य सरकारें इस स्तर पर योजनाओं को लागू करेंगी और राज्य के सेक्रेटरी हेड के मार्गदर्शन में कार्य करेंगी।

जिला और ब्लॉक स्तर पर कार्यान्वयन

जिला स्तर पर, डिप्टी मजिस्ट्रेट और डिप्टी कमिश्नर मिशन की निगरानी करेंगे। जिलों में जिला शिक्षा ऑफिसर और अन्य संबंधित सदस्य भी कार्य में शामिल होंगे। ब्लॉक स्तर पर, एजुकेशन ऑफीसर और ब्लॉक रिसोर्स पर्सन मिशन की निगरानी और कार्यान्वयन सुनिश्चित करेंगे।

स्कूल और स्थानीय समुदाय की भूमिका

स्कूल और स्थानीय समुदाय भी इस मिशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। स्कूल मैनेजमेंट और अभिभावक बच्चों की शिक्षा में सुधार लाने के लिए सक्रिय रूप से भाग लेंगे। इसके साथ ही, स्थानीय समुदाय को जागरूक किया जाएगा ताकि सभी मिलकर बच्चों की शिक्षा को बेहतर बना सकें और मिशन के उद्देश्यों को पूरा कर सकें।

निपुण भारत मिशन प्रश्नोत्तरी (MCQs)

प्रश्न 1 – निपुण (NIPUN) भारत मिशन का पूरा नाम क्या है?

  1. National Initiative for Proficiency in Reading with Understanding and Numeracy
  2. National Information Public and Union of Nation
  3. Natural Institute of Pune and United Nations
  4. Need Initiative for Proficiency in Reading with Understanding and Numeracy

उत्तर – National Initiative for Proficiency in Reading with Understanding and Numeracy

प्रश्न 2 – निपुण भारत मिशन की शुरुआत कब हुई?

  1. 5 जुलाई 2022
  2. 5 जुलाई 2021
  3. 15 जून 2022
  4. 10 मई 2021

उत्तर – 5 जुलाई 2021

प्रश्न 3 – निपुण भारत योजना किस क्षेत्र के लिए लागू की गईं हैं:

  1. सेना क्षेत्र के लिए
  2. कृषि क्षेत्र के लिए
  3. शिक्षा क्षेत्र के लिए
  4. उद्योगिक क्षेत्र के लिए

उत्तर – शिक्षा क्षेत्र के लिए

प्रश्न 4 – निपुण भारत योजना का उद्देश्य क्या है:

  1. नौकरी के अवसर उपलब्ध कराना
  2. छात्रों को नौकरी उपलब्ध कराना 
  3. छात्रों के लिए स्वास्थ्य सुविधा देना
  4. बच्चों को पढ़ने, लिखने और गणना करने के बुनियादी कौशल में सुधार करना

उत्तर – बच्चों को पढ़ने, लिखने और गणना करने के बुनियादी कौशल में सुधार करना

प्रश्न 5 – निपुण भारत मिशन का लाभ किन बच्चों को मिलेगा 

  1. इंटरमीडिएट के छात्रों को
  2. स्नातक छात्रों को
  3. प्री स्कूल से लेकर ग्रेड 3 के बच्चों को 
  4. मेडिकल छात्रों को

उत्तर – प्री स्कूल से लेकर ग्रेड 3 के बच्चों को 

प्रश्न 6 – निपुण भारत योजना का शुभारंभ किसने किया था 

  1. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
  2. केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
  3. केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’
  4. आदित्य योगी नाथ

उत्तर – केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’

प्रश्न 7 – निपुण भारत योजना का लक्ष्य कब से कब तक रखा गया है:

  1. 2022-2023 तक
  2. 2023-2024 तक
  3. 2026-2027 तक
  4. 2026-2028 तक

उत्तर – 2026-2027 तक

प्रश्न 8 – भारत निपुण योजना को लागू करने में किसकी भूमिका महत्वपूर्ण होगी:

  1. ज़िलाधिकारी
  2. तहसीलदार
  3. अभिभावकों
  4. शिक्षकों

उत्तर – शिक्षकों

प्रश्न 9 -निपुण योजना का कार्यान्वयन कितने स्तर पर किया जाएगा:

  1. छह स्तर पर
  2. तीन स्तर पर
  3. पाँच स्तर पर 
  4. दो स्तर पर

उत्तर – पाँच स्तर पर 

प्रश्न 10 – निपुण योजना के स्तर कौन-कौन से हैं:

  1. राष्ट्रीय-राज्य-ज़िला-गाँव
  2. राष्ट्रीय-राज्य-ज़िला-ब्लॉक-स्कूल 
  3. राष्ट्रीय-राज्य-ज़िला-ब्लॉक-गाँव
  4. अंतरराष्ट्रीय-राष्ट्रीय-राज्य-ज़िला-ब्लॉक-स्कूल

उत्तर – (आ) राष्ट्रीय-राज्य-ज़िला-ब्लॉक-स्कूल 

निष्कर्ष 

इस ब्लॉग में हमने निपुण भारत मिशन क्या है, निपुण भारत मिशन कब शुरू हुआ, निपुण भारत मिशन का उद्देश्य, निपुण भारत मिशन प्रश्नोत्तरी, निपुण भारत मिशन लक्ष्य सूची और निपुण भारत मिशन उत्तर प्रदेश की सफलता के बारे में विस्तार से जाना। 

निपुण भारत मिशन” एक महत्वपूर्ण शैक्षिक पहल है, जिसका उद्देश्य देशभर में बच्चों के शैक्षिक स्तर को बढ़ाना है। हालांकि इसके कार्यान्वयन में कुछ चुनौतियाँ हैं, लेकिन इसके लाभ और प्रभाव महत्वपूर्ण हैं। इससे बच्चों की शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हुआ है और उनके समग्र विकास पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। इस मिशन के सफल कार्यान्वयन के लिए सरकार, शिक्षकों, और समुदायों के संयुक्त प्रयास आवश्यक हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

निपुण भारत मिशन क्या है?

निपुण भारत मिशन भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी पहल है जिसका उद्देश्य देश के हर बच्चे को तीसरी कक्षा तक मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मक कौशल (FLN) हासिल करना सुनिश्चित करना है। यह मिशन राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

निपुण भारत के तीन लक्ष्य क्या हैं?

1. यह सुनिश्चित करना कि हर बच्चा तीसरी कक्षा तक पढ़ सके और लिख सके।
2. बच्चों को संख्याओं को समझने, गणितीय संक्रियाएं करने और दैनिक जीवन में गणित का उपयोग करने में सक्षम बनाना।
3. शिक्षकों को आवश्यक प्रशिक्षण और उपकरण प्रदान करना ताकि वे बच्चों को प्रभावी ढंग से पढ़ा सकें।

FLN और निपुण भारत क्या है?

• FLN का मतलब है फंडामेंटल लिटरेसी एंड न्यूमेरेसी यानी मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता। यह उन बुनियादी कौशलों को संदर्भित करता है जो हर बच्चे को जीवन जीने और सीखने के लिए आवश्यक होते हैं।
• निपुण भारत मिशन का मुख्य लक्ष्य ही FLN को हासिल करना है। यह सुनिश्चित करना कि हर बच्चा तीसरी कक्षा तक FLN हासिल कर ले।

निपुण भारत मिशन कब शुरू हुआ?

निपुण भारत मिशन को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत शुरू किया गया था। हालांकि, इसकी औपचारिक शुरुआत और कार्यान्वयन 5 जुलाई 2021 से शुरू हुआ।

निपुण भारत का पूरा नाम क्या है?

निपुण भारत मिशन का पूरा नाम – National Initiative For Proficiency in Reading with Understanding & Numeracy है।

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