ओवर-द-टॉप मीडिया सेवाएं: ओव्हर-द-टॉप मीडिया सर्व्हिस और ओटीटी के प्रकार!

February 11, 2025
ओवर-द-टॉप मीडिया सेवाएं

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ओवर-द-टॉप मीडिया सेवाएं: ओव्हर-द-टॉप मीडिया सर्व्हिस और ओटीटी के प्रकार!

Published on February 11, 2025
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Quick Summary

  • ओटीटी (ओवर-द-टॉप) मीडिया सेवा इंटरनेट के माध्यम से सीधे दर्शकों को सामग्री प्रदान करती है।
  • इस सेवा के लिए केबल और सैटेलाइट टीवी की आवश्यकता नहीं होती।
  • ओटीटी पारंपरिक टीवी प्लेटफॉर्म को बायपास करती है।
  • यह दर्शकों को अधिक विकल्प और सुविधा प्रदान करती है।

Table of Contents

Authored by, Amay Mathur | Senior Editor

Amay Mathur is a business news reporter at Chegg.com. He previously worked for PCMag, Business Insider, The Messenger, and ZDNET as a reporter and copyeditor. His areas of coverage encompass tech, business, strategy, finance, and even space. He is a Columbia University graduate.

डिजिटल युग में ओवर-द-टॉप (ओटीटी) मीडिया सेवाएं मनोरंजन का एक प्रमुख स्रोत बन गई हैं। ये सेवाएं इंटरनेट के माध्यम से सीधे दर्शकों तक सामग्री पहुंचाती हैं, जिससे पारंपरिक केबल और सैटेलाइट टीवी की आवश्यकता समाप्त हो जाती है। नेटफ्लिक्स, अमेज़न प्राइम वीडियो, डिज़्नी+ हॉटस्टार जैसी सेवाएं ओटीटी प्लेटफार्म के उदाहरण हैं, जो दर्शकों को उनकी पसंदीदा फिल्में, टीवी शो, वेब सीरीज और अन्य मल्टीमीडिया कंटेंट देखने की सुविधा प्रदान करती हैं।

ओटीटी सेवाओं की लोकप्रियता का मुख्य कारण उनकी सुविधा और विविधता है, जो दर्शकों को कहीं भी, कभी भी, किसी भी डिवाइस पर कंटेंट देखने की स्वतंत्रता देती है। इसने मनोरंजन की दुनिया में एक नई क्रांति ला दी है, जिससे दर्शकों को अधिक विकल्प और बेहतर अनुभव मिल रहा है।

ओटीटी क्या है?

ओवर-द-टॉप मीडिया सेवाएं सीधे यूज़र्स तक वीडियो, ऑडियो, टेक्स्ट या अन्य मल्टीमीडिया कंटेंट को पहुंचाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली सर्विस है। ओटीटी सर्विस आज के समय में बहुत पॉपुलर हो गई है।

यह सर्विस इंटरनेट के द्वारा काम करती है। जिसे यूज़र्स अपनी पसंदीदा डिवाइस पर देख सकते हैं। इसमें सब्सक्रिप्शन चार्ज के आधार पर ओटीटी स्ट्रीमिंग करने की सुविधा देती है। इसमें यूज़र्स किसी स्थायी डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर स्ट्रीम कर सकते हैं।

कुछ लोकप्रिय ओवर-द-टॉप मीडिया सेवाएं हैं:

  • नेटफ्लिक्स(Netflix)
  • अमेज़ॅन प्राइम वीडियो(Amazon Prime Video)
  • डिज़्नी+ हॉटस्टार(Disney +Hotstar)
  • जियो सिनेमा(Jio Cinema)
  • वूट(Voot)
  • हुलु(Hulu)
  • हॉटस्टार(Hotstar)
  • सोनी लिव (Sony Liv)
  • जी फाइव (Zee 5)
  • एमएक्स प्लेयर(MX PLayer)

ओटीटी स्ट्रीमिंग का इतिहास

वर्षघटना
2007नेटफ्लिक्स ने वीडियो स्ट्रीमिंग सेवा शुरू की
2008भारत में बिगफ्लिक्स का लॉन्च
2010हुलु ने अपनी प्रीमियम सेवा, हुलु प्लस, लॉन्च की
2013भारत में ज़ी टीवी और सोनी लिव का लॉन्च
2015हॉटस्टार का भारत में लॉन्च
2016अमेज़न प्राइम वीडियो का भारत में आगमन
2017नेटफ्लिक्स ने भारत में अपनी सेवाएं शुरू की
2019डिज़्नी+ का वैश्विक लॉन्च
2020डिज़्नी+ हॉटस्टार का लॉन्च
2021वूट सेलेक्ट और एमएक्स प्लेयर का विस्तार
ओटीटी स्ट्रीमिंग का इतिहास

वीडियो-ऑन-डिमांड (VOD)

  • वीडियो-ऑन-डिमांड (VOD) ऐसी सर्विस है जिसमें उपयोगकर्ता किसी भी समय वीडियो स्ट्रीम कर सकते हैं।
  • रियल-टाइम डाउनलोड किए बिना भी इस पर स्ट्रीम कर सकते हैं।
  • इसमें वीडियो स्ट्रीम करने के लिए इंटरनेट कनेक्शन होना जरुरी है। जिससे यूसर्ज अपनी पसंदीदा वीडियो को सीधे उनके डिवाइस पर देख सकते हैं।
  • वीडियो-ऑन-डिमांड तकनीक से उपभोक्ता जब चाहे वीडियो को देख सकते हैं।
  • विशेष रूप से इसका उपयोग फ़िल्में, टीवी शो, वेब सीरीज़ और अन्य मल्टीमीडिया कंटेंट देखने के लिए किया जाता है।

सब्सक्रिप्शन बेस्ड (SVOD)ओटीटी सेवाओं के प्रकार

पिछले कुछ सालों में टीवी के दर्शकों की संख्या में भारी बदलाव आये है और यह बदलाव आते रहेंगे। क्योंकि विभिन्न ओटीटी प्लेटफ़ॉर्म दर्शकों के लिए उपलब्ध है। जो एक-दूसरे से ज्यादा अच्छी सुविधा देने की कोशिश में लगे रहते हैं। ओटीटी (ओवर-द-टॉप) सर्विस के विभिन्न प्रकार होते हैं।

यहां ओटीटी सेवाओं के मुख्य प्रकार हैं:

सब्सक्रिप्शन बेस्ड (SVOD)एड-सपोर्टेड (AVOD)ट्रांजेक्शन बेस्ड (TVOD)
ऑनलाइन स्ट्रीमिंग सोनी लिव, अमेज़ॅन प्राइम और नेटफ्लिक्स पर काम करता है।ये ऑनलाइन स्ट्रीमिंग वूट और एमएक्स प्लेयर पर काम करता है।एपल्स आईट्यून्स, स्काई बॉक्स ऑफिस, अमेज़न वीडियो स्टोर के लिए वर्क करता है।
यूजर्स को सब्सक्रिप्शन के लिए भुगतान करना पड़ता है।फ्री में कंटेंट देख सकते हैं।यूजर्स अपने वीडियो किराए पर लेते हैं या खरीद सकते हैं।
ओटीटी सेवाओं के मुख्य प्रकार

सब्सक्रिप्शन बेस्ड (SVOD)

सब्सक्रिप्शन बेस्ड ओटीटी (Over-the-Top) का मतलब होता है जहां उपयोगकर्ता एक मेम्बरशिप के रूप में वेब-आधारित सेवा के लिए शुल्क का भुगतान करते हैं।

इसके उदाहरण वेबसाइट और ऐप्स हैं। जो वीडियो ऑपरेशन सर्विस, म्यूजिक स्ट्रीमिंग, डिजिटल कंटेंट या किसी अन्य सर्विस के लिए मेम्बरशिप लेते हैं।

सब्सक्रिप्शन बेस्ड ओटीटी से इनकम करने के लिए आपके कंटेंट इन सभी प्लेटफार्मों पर होने चाहिए।

  1. मोबाइल ऐप्स – एंड्रॉइड मोबाइल, आईओएस मोबाइल।
  2. आपकी वेबसाइटें।
  3. ओटीटी टीवी ऐप्स (ओटीटी/कनेक्टेड टीवी) – फायर टीवी, रोकू, एंड्रॉइड टीवी, ऐप्पल टीवी।
  4. सोशल ऐप्स – यूट्यूब, फेसबुक।

एड-सपोर्टेड (AVOD)

AVOD का मतलब है “एडवरटाइजिंग वीडियो ऑन डिमांड” जहां उपयोगकर्ताओं को डिजिटल कंटेंट जैसे फिल्में, टीवी शो, या अन्य वीडियो देखने के लिए विज्ञापन देखना होगा।

इन डिजिटल कंटेंट को दर्शक मुफ्त में देख सकते हैं। AVOD में इनकम उन विज्ञापनों से होती है जो कंटेंट स्ट्रीम होने से पहले, दौरान या बाद में दिखाए जाते हैं।

एवीओडी सेवा विकल्प:

  • अपने एड ओटीटी टीवी ऐप्स पर पब्लिश करें। पहले अपने एड को कनेक्टेड टीवी एड नेटवर्क के साथ पब्लिश कर सकते हैं और अपना पेमेंट ले सकते हैं।
  • अपने डायरेक्ट एडवरटाइजर और स्पोंसर्स से वीडियो एड्स प्रस्तुत किये जा सकते है और आप स्वयं के एडवरटाइज प्राइस भी चुन सकते हैं। जो एडवरटाइजर और स्पोंसर्स से सीधे कलेक्ट किये जाते हैं।

ट्रांजेक्शन बेस्ड (TVOD)

टीवीओडी का मतलब है “ट्रांजैक्शनल वीडियो ऑन डिमांड” जहां दर्शकों को पे-पर-व्यू के आधार पर वीडियो-ऑन-डिमांड कंटेंट के किसी स्पेशल पार्ट को खरीद सकते हैं जैसे फिल्में या टीवी शो।

TVOD के द्वारा देखी गई प्रत्येक फिल्म या टीवी शो को खरीदने के बाद उसका भुगतान करना टीवीओडी में आता हैं।

टीवीओडी सेवाएं प्रदान करने वाले प्लेटफार्म है:

  1. अमेज़ॅन वीडियो।
  2. आईट्यून्स।
  3. गूगल प्ले मूवीज।

ओटीटी सेवाओं के उदाहरण

ओवर-द-टॉप मीडिया सेवाएं आजकल इंटरनेट के द्वारा बहुत सी इंटरटेनमेंट सर्विस प्रोवाइड कर रही है। इन सेवाओं का उपभोक्ता खुलकर आनंद ले सकते हैं।

यहां कुछ प्रमुख ओटीटी सेवाओं के उदाहरण हैं:

  1. Amazon Prime Video: अमेज़न की ओवर-द-टॉप सेवा जिस पर वीडियो स्ट्रीमिंग के माध्यम से फिल्में, ऑन-डिमांड मूवीज़, टीवी शो, और ऑरिजिनल सीरीज़ का आनंद उठा सकते है।
  2. Disney+ Hotstar: इसमें डिज़्नी की पिक्सार, फिल्में, टीवी शो, स्पोर्ट्स, मार्वल, स्टार वार्स, नेशनल जियोग्राफ़िक कंटेंट और अन्य प्रोग्राम उपलब्ध होते हैं।
  3. Apple TV+: एप्पल टीवी पर ऑरिजिनल शो, फिल्में, और ड्रामे देख सकते हैं।
  4. Netflix: यह एक प्रमुख ऑन-डिमांड स्ट्रीमिंग सर्विस है। जो फिल्में, टीवी शो, डॉक्यूमेंट्री, ऑरिजिनल कंटेंट और अन्य मनोरंजन सामग्री का मजा ले सकते है।
  5. Hulu: यह अमेरिकी स्ट्रीमिंग सर्विस है। जो फिल्में, टीवी शो और विशेष रूप से अमेरिकी टीवी शो प्रदान करती है।
  6. Hotstar: हॉटस्टार भारत में एक प्रमुख ओटीटी सेवा है। जिस पर इंडियन टीवी शो, बॉलीवुड फ़िल्में, स्पोर्ट्स और अन्य कंटेंट देख सकते हैं।

ओटीटी सेवाओं के लाभ

ओटीटी (ओवर-द-टॉप) सेवाओं के कई लाभ हैं, जो उन्हें पारंपरिक मीडिया से अलग और अधिक आकर्षक बनाते हैं:

  • कहीं भी, कभी भी एक्सेस: ओटीटी सेवाएं इंटरनेट के माध्यम से उपलब्ध होती हैं, जिससे आप अपनी पसंदीदा सामग्री को कहीं भी और कभी भी देख सकते हैं।
  • विविधता और विकल्प: ओटीटी प्लेटफार्म पर विभिन्न प्रकार की सामग्री उपलब्ध होती है, जैसे कि फिल्में, टीवी शो, वेब सीरीज, डॉक्यूमेंट्री, और लाइव स्पोर्ट्स।
  • कोई विज्ञापन नहीं: अधिकांश ओटीटी सेवाएं विज्ञापन-मुक्त होती हैं, जिससे दर्शकों को बिना किसी रुकावट के सामग्री का आनंद लेने का मौका मिलता है।
  • कस्टमाइज्ड कंटेंट: ओटीटी प्लेटफार्म आपके देखने की आदतों के आधार पर आपको कस्टमाइज्ड कंटेंट सुझाव देते हैं, जिससे आपको अपनी पसंदीदा सामग्री खोजने में आसानी होती है।
  • मल्टी-डिवाइस सपोर्ट: आप ओटीटी सेवाओं को स्मार्टफोन, टैबलेट, लैपटॉप, स्मार्ट टीवी आदि पर देख सकते हैं।
  • सस्ती सदस्यता योजनाएं: ओटीटी सेवाएं विभिन्न सदस्यता योजनाएं प्रदान करती हैं, जो दर्शकों के बजट के अनुसार होती हैं।

ओटीटी सेवाओं की चुनौतियाँ

ओटीटी (ओवर-द-टॉप) सेवाओं के सामने कई चुनौतियाँ हैं, जो उनके विकास और संचालन को प्रभावित कर सकती हैं:

  • विनियमन और कानूनी मुद्दे: ओटीटी प्लेटफार्मों को विभिन्न देशों में अलग-अलग विनियमन और कानूनी आवश्यकताओं का पालन करना पड़ता है, जिससे उनके संचालन में जटिलता बढ़ जाती है।
  • सामग्री की गुणवत्ता और सेंसरशिप: उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री का उत्पादन महंगा हो सकता है, और कई बार सेंसरशिप के कारण सामग्री को बदलना या हटाना पड़ता है।
  • प्रतिस्पर्धा: ओटीटी बाजार में कई बड़े और छोटे खिलाड़ी हैं, जिससे प्रतिस्पर्धा बहुत तीव्र हो गई है। यह प्लेटफार्मों को लगातार नई और अनोखी सामग्री प्रदान करने के लिए दबाव में रखता है।
  • प्रौद्योगिकी और बैंडविड्थ: उच्च गुणवत्ता वाली स्ट्रीमिंग के लिए तेज़ और स्थिर इंटरनेट कनेक्शन की आवश्यकता होती है। सभी क्षेत्रों में यह सुविधा उपलब्ध नहीं होती, जिससे दर्शकों को समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
  • सदस्यता शुल्क और मोनेटाइजेशन: विभिन्न सदस्यता योजनाओं और विज्ञापन-मॉडल के बीच संतुलन बनाना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। दर्शकों को आकर्षित करने के लिए सस्ती योजनाएं प्रदान करनी पड़ती हैं, जिससे राजस्व पर असर पड़ सकता है।
  • पायरेसी: डिजिटल सामग्री की पायरेसी एक बड़ी समस्या है, जिससे ओटीटी प्लेटफार्मों को वित्तीय नुकसान होता है।

ये चुनौतियाँ ओटीटी सेवाओं के विकास और संचालन में बाधा उत्पन्न कर सकती हैं, लेकिन सही रणनीतियों और नवाचारों के माध्यम से इन्हें पार किया जा सकता है।

ओटीटी और पारंपरिक मीडिया की तुलना

ओटीटी मीडिया और पारंपरिक मीडिया उपभोक्ताओं तक कंटेंट पहुंचाने के दो अलग-अलग तरीके हैं। यहां कुछ मुख्य अंतर बताए जा रहे हैं:

तुलनाओटीटी मीडियापारंपरिक मीडिया
पहुंचस्ट्रीमिंग प्लेटफ़ॉर्म्स और डिजिटल रिसोर्स शामिल होते हैं। ओटीटी मीडिया में कंटेंट इन डिवाइस (स्मार्टफोन, टैबलेट, स्मार्ट टीवी) से सीधे इंटरनेट पर उपयोगकर्ताओं तक पहुंचाए जाते हैं।टेलीविजन, रेडियो, अख़बार और मैगजीन द्वारा कंटेंट वितरण। जिनकी पहुंच विशेष भूमिका निभाती है।
विषय प्रतिष्ठाइसमें विभिन्न प्रकार की सीरीज़ और फ़िल्में होती हैं जो Written Based होती हैं।इस मीडिया में डायलॉग, न्यूज़, मूवीज और धारावाहिक शामिल हैं। जो सामाजिक मुद्दों पर प्रभाव डालते हैं।
प्रासंगिकताइसमें पर्सनल एक्सपीरियंस बताया जा सकता है, जिससे दर्शकों के Interest पर प्रभाव पड़ता है।इसमें कॉन्सेप्ट्स होते हैं, दर्शकों को सामाजिक संदेश दिए जाते हैं जो ज्यादा लोगों के लिए योग्य हो सकते हैं।
दृश्य प्रभावओटीटी मीडिया विशेष रूप से वीडियो-स्ट्रीमिंग और डिजिटल विज़ुअल पर निर्भर करता है।इसमें मुख्य रूप से वीडियो और ऑडियो का उपयोग होता है।
ओटीटी और पारंपरिक मीडिया की तुलना

OTT प्लेटफॉर्म को विनियमित करने संबंधित मौजूद कानून

भारत में अब तक किसी भी ओवर-द-टॉप मीडिया सेवाएं (OTT) प्लेटफॉर्म को विनियमित करने के लिये कोई विशिष्ट कानून या नियम नहीं हैं, क्योंकि यह अन्य मनोरंजन के माध्यमों की तुलना में एक नया माध्यम है।

यद्यपि ओवर-द-टॉप मीडिया सेवाएं (OTT) प्लेटफॉर्म को लेकर भारत में कोई नियम-कानून नहीं है, किंतु सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 79 इन वीडियो स्ट्रीमिंग सेवा प्रदाताओं पर लागू होती है।

अधिनियम की धारा 79 कुछ मामलों में मध्यस्थों को उत्तरदायित्त्व से छूट देती है। इसमें कहा गया है कि मध्यस्थ उनके द्वारा उपलब्ध कराए गए किसी भी तीसरे पक्ष की जानकारी, डेटा या संचार के लिये उत्तरदायी नहीं होंगे।

ओटीटी सेवाओं का भविष्य

ओटीटी (ओवर-द-टॉप) सेवाओं का भविष्य बहुत ही उज्ज्वल और संभावनाओं से भरा हुआ है। यहाँ कुछ प्रमुख बिंदु हैं जो ओटीटी सेवाओं के भविष्य को आकार देंगे:

  1. विस्तारित कंटेंट लाइब्रेरी: ओटीटी प्लेटफार्म अधिक से अधिक ओरिजिनल और विविध कंटेंट का उत्पादन करेंगे, जिससे दर्शकों को नई और अनोखी सामग्री देखने को मिलेगी।
  2. उन्नत तकनीक: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग का उपयोग करके, ओटीटी सेवाएं दर्शकों को और भी अधिक पर्सनलाइज्ड अनुभव प्रदान करेंगी।
  3. ग्लोबल एक्सपेंशन: ओटीटी प्लेटफार्म विभिन्न भाषाओं और संस्कृतियों में कंटेंट उपलब्ध कराकर वैश्विक दर्शकों तक पहुंचने का प्रयास करेंगे।
  4. इंटरएक्टिव कंटेंट: भविष्य में, दर्शकों को इंटरएक्टिव और इमर्सिव कंटेंट का अनुभव मिलेगा, जैसे कि वर्चुअल रियलिटी (VR) और ऑगमेंटेड रियलिटी (AR) का उपयोग।
  5. स्मार्ट टीवी और अन्य डिवाइस: स्मार्ट टीवी और अन्य कनेक्टेड डिवाइसों की बढ़ती लोकप्रियता के साथ, ओटीटी सेवाएं और भी अधिक सुलभ और उपयोगकर्ता-मित्र बनेंगी।
  6. लाइव स्ट्रीमिंग और इवेंट्स: लाइव स्पोर्ट्स, कंसर्ट्स, और अन्य इवेंट्स की लाइव स्ट्रीमिंग ओटीटी प्लेटफार्म पर और भी अधिक लोकप्रिय होगी।

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निष्कर्ष

ओवर-द-टॉप मीडिया सेवाओं (ओटीटी सेवाओं) ने मनोरंजन उद्योग में क्रांति ला दी है। इन सेवाओं के माध्यम से उपयोगकर्ता बिना किसी केबल या सेट-टॉप बॉक्स के सीधे इंटरनेट के जरिए अपनी पसंदीदा फिल्में, शो, और अन्य कंटेंट देख सकते हैं। OTT प्लेटफॉर्म्स ने पारंपरिक टेलीविजन और सिनेमा को चुनौती दी है, क्योंकि इन पर कंटेंट की उपलब्धता 24/7 होती है और दर्शकों को अपनी सुविधानुसार देखने की स्वतंत्रता मिलती है।

नेटफ्लिक्स, अमेज़न प्राइम, हॉटस्टार जैसे प्लेटफॉर्म्स ने इस क्षेत्र में प्रमुख स्थान बना लिया है। इसके साथ ही, भारत में ओटीटी सेवाओं की लोकप्रियता तेजी से बढ़ी है, जिससे डिजिटल मीडिया की ओर एक नया रुझान देखा जा रहा है। भविष्य में यह सेवाएं और भी अधिक प्रासंगिक हो सकती हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

क्या ओटीटी सेवाओं में यूजर इंटरफेस की डिजाइन महत्वपूर्ण होती है?

हाँ, यूजर इंटरफेस की डिजाइन महत्वपूर्ण होती है क्योंकि यह उपयोगकर्ता अनुभव को सहज और सुगम बनाती है

क्या ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर कंटेंट को कस्टमाइज किया जा सकता है?

हाँ, उपयोगकर्ता अपनी पसंद के अनुसार कंटेंट को कस्टमाइज कर सकते हैं, जैसे सिफारिशें और प्लेलिस्ट बनाना।

क्या ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर कंटेंट की उपलब्धता देश और क्षेत्र के आधार पर बदलती है?

हाँ, कंटेंट की उपलब्धता विभिन्न देशों और क्षेत्रों के लिए भिन्न हो सकती है, और जियो-लॉकिंग की वजह से कुछ कंटेंट केवल विशेष क्षेत्रों में ही उपलब्ध हो सकता है।

क्या ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर एचडीआर (High Dynamic Range) कंटेंट उपलब्ध होता है?

हाँ, कुछ OTT प्लेटफॉर्म्स पर एचडीआर (High Dynamic Range) कंटेंट उपलब्ध होता है, जो बेहतर रंग और कॉन्ट्रास्ट प्रदान करता है।

OTT सेवाओं पर कंटेंट को बफरिंग से कैसे बचाया जाता है?

कंटेंट को बफरिंग से बचाने के लिए एडवांस्ड कैशिंग तकनीक, कंटेंट डिलीवरी नेटवर्क (CDN), और उच्च बैंडविड्थ कनेक्शन का उपयोग किया जाता है।

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