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Authored by, Amay Mathur | Senior Editor
Amay Mathur is a business news reporter at Chegg.com. He previously worked for PCMag, Business Insider, The Messenger, and ZDNET as a reporter and copyeditor. His areas of coverage encompass tech, business, strategy, finance, and even space. He is a Columbia University graduate.
डिजिटल युग में ओवर-द-टॉप (ओटीटी) मीडिया सेवाएं मनोरंजन का एक प्रमुख स्रोत बन गई हैं। ये सेवाएं इंटरनेट के माध्यम से सीधे दर्शकों तक सामग्री पहुंचाती हैं, जिससे पारंपरिक केबल और सैटेलाइट टीवी की आवश्यकता समाप्त हो जाती है। नेटफ्लिक्स, अमेज़न प्राइम वीडियो, डिज़्नी+ हॉटस्टार जैसी सेवाएं ओटीटी प्लेटफार्म के उदाहरण हैं, जो दर्शकों को उनकी पसंदीदा फिल्में, टीवी शो, वेब सीरीज और अन्य मल्टीमीडिया कंटेंट देखने की सुविधा प्रदान करती हैं।
ओटीटी सेवाओं की लोकप्रियता का मुख्य कारण उनकी सुविधा और विविधता है, जो दर्शकों को कहीं भी, कभी भी, किसी भी डिवाइस पर कंटेंट देखने की स्वतंत्रता देती है। इसने मनोरंजन की दुनिया में एक नई क्रांति ला दी है, जिससे दर्शकों को अधिक विकल्प और बेहतर अनुभव मिल रहा है।
ओवर-द-टॉप मीडिया सेवाएं सीधे यूज़र्स तक वीडियो, ऑडियो, टेक्स्ट या अन्य मल्टीमीडिया कंटेंट को पहुंचाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली सर्विस है। ओटीटी सर्विस आज के समय में बहुत पॉपुलर हो गई है।
यह सर्विस इंटरनेट के द्वारा काम करती है। जिसे यूज़र्स अपनी पसंदीदा डिवाइस पर देख सकते हैं। इसमें सब्सक्रिप्शन चार्ज के आधार पर ओटीटी स्ट्रीमिंग करने की सुविधा देती है। इसमें यूज़र्स किसी स्थायी डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर स्ट्रीम कर सकते हैं।
कुछ लोकप्रिय ओवर-द-टॉप मीडिया सेवाएं हैं:
वर्ष | घटना |
---|---|
2007 | नेटफ्लिक्स ने वीडियो स्ट्रीमिंग सेवा शुरू की |
2008 | भारत में बिगफ्लिक्स का लॉन्च |
2010 | हुलु ने अपनी प्रीमियम सेवा, हुलु प्लस, लॉन्च की |
2013 | भारत में ज़ी टीवी और सोनी लिव का लॉन्च |
2015 | हॉटस्टार का भारत में लॉन्च |
2016 | अमेज़न प्राइम वीडियो का भारत में आगमन |
2017 | नेटफ्लिक्स ने भारत में अपनी सेवाएं शुरू की |
2019 | डिज़्नी+ का वैश्विक लॉन्च |
2020 | डिज़्नी+ हॉटस्टार का लॉन्च |
2021 | वूट सेलेक्ट और एमएक्स प्लेयर का विस्तार |
पिछले कुछ सालों में टीवी के दर्शकों की संख्या में भारी बदलाव आये है और यह बदलाव आते रहेंगे। क्योंकि विभिन्न ओटीटी प्लेटफ़ॉर्म दर्शकों के लिए उपलब्ध है। जो एक-दूसरे से ज्यादा अच्छी सुविधा देने की कोशिश में लगे रहते हैं। ओटीटी (ओवर-द-टॉप) सर्विस के विभिन्न प्रकार होते हैं।
यहां ओटीटी सेवाओं के मुख्य प्रकार हैं:
सब्सक्रिप्शन बेस्ड (SVOD) | एड-सपोर्टेड (AVOD) | ट्रांजेक्शन बेस्ड (TVOD) |
ऑनलाइन स्ट्रीमिंग सोनी लिव, अमेज़ॅन प्राइम और नेटफ्लिक्स पर काम करता है। | ये ऑनलाइन स्ट्रीमिंग वूट और एमएक्स प्लेयर पर काम करता है। | एपल्स आईट्यून्स, स्काई बॉक्स ऑफिस, अमेज़न वीडियो स्टोर के लिए वर्क करता है। |
यूजर्स को सब्सक्रिप्शन के लिए भुगतान करना पड़ता है। | फ्री में कंटेंट देख सकते हैं। | यूजर्स अपने वीडियो किराए पर लेते हैं या खरीद सकते हैं। |
सब्सक्रिप्शन बेस्ड ओटीटी (Over-the-Top) का मतलब होता है जहां उपयोगकर्ता एक मेम्बरशिप के रूप में वेब-आधारित सेवा के लिए शुल्क का भुगतान करते हैं।
इसके उदाहरण वेबसाइट और ऐप्स हैं। जो वीडियो ऑपरेशन सर्विस, म्यूजिक स्ट्रीमिंग, डिजिटल कंटेंट या किसी अन्य सर्विस के लिए मेम्बरशिप लेते हैं।
सब्सक्रिप्शन बेस्ड ओटीटी से इनकम करने के लिए आपके कंटेंट इन सभी प्लेटफार्मों पर होने चाहिए।
AVOD का मतलब है “एडवरटाइजिंग वीडियो ऑन डिमांड” जहां उपयोगकर्ताओं को डिजिटल कंटेंट जैसे फिल्में, टीवी शो, या अन्य वीडियो देखने के लिए विज्ञापन देखना होगा।
इन डिजिटल कंटेंट को दर्शक मुफ्त में देख सकते हैं। AVOD में इनकम उन विज्ञापनों से होती है जो कंटेंट स्ट्रीम होने से पहले, दौरान या बाद में दिखाए जाते हैं।
एवीओडी सेवा विकल्प:
टीवीओडी का मतलब है “ट्रांजैक्शनल वीडियो ऑन डिमांड” जहां दर्शकों को पे-पर-व्यू के आधार पर वीडियो-ऑन-डिमांड कंटेंट के किसी स्पेशल पार्ट को खरीद सकते हैं जैसे फिल्में या टीवी शो।
TVOD के द्वारा देखी गई प्रत्येक फिल्म या टीवी शो को खरीदने के बाद उसका भुगतान करना टीवीओडी में आता हैं।
टीवीओडी सेवाएं प्रदान करने वाले प्लेटफार्म है:
ओवर-द-टॉप मीडिया सेवाएं आजकल इंटरनेट के द्वारा बहुत सी इंटरटेनमेंट सर्विस प्रोवाइड कर रही है। इन सेवाओं का उपभोक्ता खुलकर आनंद ले सकते हैं।
यहां कुछ प्रमुख ओटीटी सेवाओं के उदाहरण हैं:
ओटीटी (ओवर-द-टॉप) सेवाओं के कई लाभ हैं, जो उन्हें पारंपरिक मीडिया से अलग और अधिक आकर्षक बनाते हैं:
ओटीटी (ओवर-द-टॉप) सेवाओं के सामने कई चुनौतियाँ हैं, जो उनके विकास और संचालन को प्रभावित कर सकती हैं:
ये चुनौतियाँ ओटीटी सेवाओं के विकास और संचालन में बाधा उत्पन्न कर सकती हैं, लेकिन सही रणनीतियों और नवाचारों के माध्यम से इन्हें पार किया जा सकता है।
ओटीटी मीडिया और पारंपरिक मीडिया उपभोक्ताओं तक कंटेंट पहुंचाने के दो अलग-अलग तरीके हैं। यहां कुछ मुख्य अंतर बताए जा रहे हैं:
तुलना | ओटीटी मीडिया | पारंपरिक मीडिया |
पहुंच | स्ट्रीमिंग प्लेटफ़ॉर्म्स और डिजिटल रिसोर्स शामिल होते हैं। ओटीटी मीडिया में कंटेंट इन डिवाइस (स्मार्टफोन, टैबलेट, स्मार्ट टीवी) से सीधे इंटरनेट पर उपयोगकर्ताओं तक पहुंचाए जाते हैं। | टेलीविजन, रेडियो, अख़बार और मैगजीन द्वारा कंटेंट वितरण। जिनकी पहुंच विशेष भूमिका निभाती है। |
विषय प्रतिष्ठा | इसमें विभिन्न प्रकार की सीरीज़ और फ़िल्में होती हैं जो Written Based होती हैं। | इस मीडिया में डायलॉग, न्यूज़, मूवीज और धारावाहिक शामिल हैं। जो सामाजिक मुद्दों पर प्रभाव डालते हैं। |
प्रासंगिकता | इसमें पर्सनल एक्सपीरियंस बताया जा सकता है, जिससे दर्शकों के Interest पर प्रभाव पड़ता है। | इसमें कॉन्सेप्ट्स होते हैं, दर्शकों को सामाजिक संदेश दिए जाते हैं जो ज्यादा लोगों के लिए योग्य हो सकते हैं। |
दृश्य प्रभाव | ओटीटी मीडिया विशेष रूप से वीडियो-स्ट्रीमिंग और डिजिटल विज़ुअल पर निर्भर करता है। | इसमें मुख्य रूप से वीडियो और ऑडियो का उपयोग होता है। |
भारत में अब तक किसी भी ओवर-द-टॉप मीडिया सेवाएं (OTT) प्लेटफॉर्म को विनियमित करने के लिये कोई विशिष्ट कानून या नियम नहीं हैं, क्योंकि यह अन्य मनोरंजन के माध्यमों की तुलना में एक नया माध्यम है।
यद्यपि ओवर-द-टॉप मीडिया सेवाएं (OTT) प्लेटफॉर्म को लेकर भारत में कोई नियम-कानून नहीं है, किंतु सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 79 इन वीडियो स्ट्रीमिंग सेवा प्रदाताओं पर लागू होती है।
अधिनियम की धारा 79 कुछ मामलों में मध्यस्थों को उत्तरदायित्त्व से छूट देती है। इसमें कहा गया है कि मध्यस्थ उनके द्वारा उपलब्ध कराए गए किसी भी तीसरे पक्ष की जानकारी, डेटा या संचार के लिये उत्तरदायी नहीं होंगे।
ओटीटी (ओवर-द-टॉप) सेवाओं का भविष्य बहुत ही उज्ज्वल और संभावनाओं से भरा हुआ है। यहाँ कुछ प्रमुख बिंदु हैं जो ओटीटी सेवाओं के भविष्य को आकार देंगे:
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ओवर-द-टॉप मीडिया सेवाओं (ओटीटी सेवाओं) ने मनोरंजन उद्योग में क्रांति ला दी है। इन सेवाओं के माध्यम से उपयोगकर्ता बिना किसी केबल या सेट-टॉप बॉक्स के सीधे इंटरनेट के जरिए अपनी पसंदीदा फिल्में, शो, और अन्य कंटेंट देख सकते हैं। OTT प्लेटफॉर्म्स ने पारंपरिक टेलीविजन और सिनेमा को चुनौती दी है, क्योंकि इन पर कंटेंट की उपलब्धता 24/7 होती है और दर्शकों को अपनी सुविधानुसार देखने की स्वतंत्रता मिलती है।
नेटफ्लिक्स, अमेज़न प्राइम, हॉटस्टार जैसे प्लेटफॉर्म्स ने इस क्षेत्र में प्रमुख स्थान बना लिया है। इसके साथ ही, भारत में ओटीटी सेवाओं की लोकप्रियता तेजी से बढ़ी है, जिससे डिजिटल मीडिया की ओर एक नया रुझान देखा जा रहा है। भविष्य में यह सेवाएं और भी अधिक प्रासंगिक हो सकती हैं।
हाँ, यूजर इंटरफेस की डिजाइन महत्वपूर्ण होती है क्योंकि यह उपयोगकर्ता अनुभव को सहज और सुगम बनाती है
हाँ, उपयोगकर्ता अपनी पसंद के अनुसार कंटेंट को कस्टमाइज कर सकते हैं, जैसे सिफारिशें और प्लेलिस्ट बनाना।
हाँ, कंटेंट की उपलब्धता विभिन्न देशों और क्षेत्रों के लिए भिन्न हो सकती है, और जियो-लॉकिंग की वजह से कुछ कंटेंट केवल विशेष क्षेत्रों में ही उपलब्ध हो सकता है।
हाँ, कुछ OTT प्लेटफॉर्म्स पर एचडीआर (High Dynamic Range) कंटेंट उपलब्ध होता है, जो बेहतर रंग और कॉन्ट्रास्ट प्रदान करता है।
कंटेंट को बफरिंग से बचाने के लिए एडवांस्ड कैशिंग तकनीक, कंटेंट डिलीवरी नेटवर्क (CDN), और उच्च बैंडविड्थ कनेक्शन का उपयोग किया जाता है।
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