पॉलिटेक्निक कोर्स डिटेल्स: कॉलेज, फीस, और जॉब अवसर

September 3, 2024
पॉलिटेक्निक कोर्स डिटेल्स
Quick Summary

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पॉलिटेक्निक एक तकनीकी डिप्लोमा कोर्स है, जो आमतौर पर 10वीं या 12वीं पास करने के बाद किया जाता है। यह कोर्स इंजीनियरिंग के विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञता हासिल करने का एक लोकप्रिय विकल्प है।

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आज के दौर में एजुकेशन के साथ स्किल्स को बहुत अधिक महत्व दिया जाता है। बदलते समय के साथ अब सिर्फ पारंपरिक पढ़ाई तक सीमित रहना काफी नहीं है| ऐसे में आप पॉलटेक्निक कोर्स करके तकनीकी जानकारी और प्रैक्टिकल स्किल्स में निपुण हों सकते हैं जिससे आपको करियर में नौकरी के बेहतर अवसर मिल सकें। पॉलिटेक्निक कोर्स इस दिशा में बहुत ही उपयोगी सिद्ध होते हैं। 

इस ब्लॉग में हम पॉलिटेक्निक कोर्स डिटेल्स को विस्तार से जानेंगे। इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि पॉलिटेक्निक क्या है?, पॉलिटेक्निक करने के फायदे, पॉलिटेक्निक में सबसे अच्छा कोर्स कौन सा है? और पॉलिटेक्निक की फीस कितनी है?

पॉलिटेक्निक कोर्स क्या होता हैं?

सबसे पहले हम समझेंगे कि पॉलीटेक्निक क्या है? पॉलिटेक्निक एक तरह का तकनीकी शिक्षण संस्थान होता है जो व्यावहारिक और तकनीकी शिक्षा प्रदान करता है। यहां पर छात्रों को विभिन्न तकनीकी विषयों जैसे इंजीनियरिंग, टेक्नोलॉजी, और व्यावसायिक अध्ययन सिखाए जाते हैं।

दरअसल पॉलीटेक्निक एक टेक्निकल कोर्स होता है जो इंडस्ट्री के जरुरी प्रैक्टिकल स्किल पर फोकस करते हैं| बीटैक की तरह पॉलीटेक्निक में भी कई तरह की ब्रांच होती है, जैसे – डिप्लोमा इन सिविल इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साइंस, मैकेनिकल इंजीनियरिंग आदि। पॉलीटेक्निक की मांग इन दिनों बहुत बढ़ गयी है, क्योंकि ये कोर्स 2 या 3 दिन साल के होते हैं और इसके बाद आपको जूनियर इंजीनियर के पद पर नौकरी मिलती है| पॉलीटेक्निक कोर्स को 10th या 12th किया जा सकता है| 

पॉलिटेक्निक कोर्स के प्रकार

पॉलिटेक्निक कॉलेज में एडमिलेशन लेते समय कई छात्र इस दुविधा में रहते हैं कि पॉलिटेक्निक में कितने कोर्स होते हैं और पॉलिटेक्निक में सबसे अच्छा कोर्स कौन सा है? इसलिए सबसे पहले हम पॉलिटेक्निक कोर्स के नाम और पॉलिटेक्निक कोर्स डिटेल्स को जानेंगे –

पॉलिटेक्निक कोर्स का नामविवरणअवधि 
डिप्लोमा इन पेट्रोलियम इंजीनियरिंगयह 2 वर्षीय अंडरग्रेजुएट डिप्लोमा प्रोग्राम पेट्रोलियम इंडस्ट्री में करियर बनाने के इच्छुक छात्रों के लिए है, जो ड्रिलिंग तकनीक, तेल और गैस के उत्पादन और पर्यावरण संरक्षण के बारे में सिखाता है।2 साल 
डिप्लोमा इन कंप्यूटर प्रोग्रामिंगयह 2 वर्षीय डिप्लोमा प्रोग्राम कंप्यूटर प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेज पर फोकस करता है जैसे कि Java, C#, .NET, Oracle और SQL। यह कोर्स छात्रों को मोबाइल और कंप्यूटर उपकरणों में हाल में हुई तकनीकी प्रगति का ज्ञान देता है।2 साल 
डिप्लोमा इन बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशनयह 2 वर्षीय डिप्लोमा प्रोग्राम उद्यमिता के क्षेत्र को समझने के लिए है, जो बिज़नस के डायनामिक्स और स्टार्टअप को सफल बनाने के लिए आवश्यक स्किल्स प्रदान करता है।2 साल 
डिप्लोमा इन एनीमेशन आर्ट एंड डिज़ाइनयह 7 तिमाही का कोर्स है जो ग्राफिक डिजाईन, डिजिटल आर्ट्स, 2D और 3D एनीमेशन और वेक्टर एनीमेशन में विशेषज्ञता प्रदान करता है, जिससे गेमिंग, फिल्म्स, और विज्ञापन जैसे क्षेत्रों में करियर बनाने में मदद मिलती है।2-3 साल 
डिप्लोमा ऑफ़ एकाउंटिंगयह 6 महीने का कोर्स है जो बुक कीपिंग और रिकॉर्ड कीपिंग पर केंद्रित है। यह वित्तीय खातों के विश्लेषण, निगरानी और रिपोर्टिंग में गहन दृष्टि प्रदान करता है, और इसे पूरा करने के बाद आप असिस्टेंट अकाउंटेंट के पद के लिए आवेदन कर सकते हैं।1 साल 
मार्केटिंग मैनेजमेंट में ग्रेजुएट सर्टिफिकेटयह 1 वर्षीय स्नातक प्रमाणपत्र प्रोग्राम डिजिटल मार्केटिंग में विशेषज्ञता प्रदान करता है, जिसमें SEO, मार्केटिंग एनालिसिस और सोशल मीडिया मार्केटिंग के टूल्स और तकनीक शामिल हैं।1 साल 
डिप्लोमा इन हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंटयह 18 महीने का कोर्स है जो हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री में मैनेजरियल करियर के लिए आवश्यक स्किल्स सिखाता है, जिसमें होटल मैनेजमेंट के सामान्य पहलुओं से लेकर बजट प्रबंधन और ग्राहक सेवा शामिल है।2 साल 
डिप्लोमा इन एस्टेट मैनेजमेंटयह 3 वर्षीय डिप्लोमा प्रोग्राम रियल एस्टेट इंडस्ट्री के लीगल, फाइनेंसियल, मैनेजरियल और तकनीकी ज्ञान को एक साथ जोड़ता है। इस कोर्स को पूरा करने के बाद आप रियल एस्टेट मैनेजमेंट के स्नातक की डिग्री के द्वितीय वर्ष में प्रवेश पा सकते हैं।3 साल 

पॉलिटेक्निक कोर्स क्यों करना चाहिए?

अब हम समझेंगे कि पॉलिटेक्निक करने के फायदे कौन-कौन से होते हैं और पॉलिटेक्निक कोर्स क्यों करना चाहिए?

  1. टेक्निकल सर्टिफिकेट: पॉलिटेक्निक कोर्स करने के बाद आपको एक मान्यता प्राप्त तकनीकी प्रमाणपत्र मिलता है, जो आपके कौशल को प्रमाणित करता है।
  2. तत्काल नौकरी: इस कोर्स के बाद आपको आसानी से नौकरी मिल सकती है, क्योंकि पॉलिटेक्निक कोर्स व्यावहारिक ज्ञान और कौशल पर केंद्रित होते हैं।
  3. सरकारी पदों के लिए आवेदन: आप जूनियर इंजीनियर, लोको पायलट, टेक्निकल असिस्टेंट और कई अन्य सरकारी पदों के लिए आवेदन कर सकते हैं।
  4. इंटरमीडिएट के बराबर मान्यता: पॉलिटेक्निक डिप्लोमा को इंटरमीडिएट के बराबर मान्यता प्राप्त होती है, जिससे आप कई प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठ सकते हैं।
  5. बेहतर समझदारी: डिप्लोमा की पढ़ाई के दौरान प्राप्त ज्ञान और समझदारी आमतौर पर इंटरमीडिएट छात्रों से अधिक होती है।
  6. बी.टेक में सीधे एडमिशन: यदि आप बी.टेक करना चाहते हैं, तो पॉलिटेक्निक डिप्लोमा करने के बाद आपको सीधे दूसरे वर्ष में प्रवेश मिल सकता है।
  7. इंजीनियरिंग के क्षेत्र में सही रास्ता: पॉलिटेक्निक डिप्लोमा इंजीनियरिंग में सफलता पाने का एक सही मार्ग है। यह कोर्स आपको तकनीकी ज्ञान और कौशल प्रदान करता है जो आपको इंजीनियरिंग में उत्कृष्टता प्राप्त करने में मदद करता है।
  8. आसान ट्रांजिशन: जब आप डिप्लोमा करने के बाद इंजीनियरिंग करते हैं, तो आपको यह कोर्स अपेक्षाकृत आसान लगता है क्योंकि आपके पास पहले से ही संबंधित विषयों का ज्ञान होता है।

पॉलिटेक्निक और बी.टेक में क्या अंतर है?

आपको पॉलिटेक्निक और बी.टेक के बीच के अंतर को जरूर जान लेना चाहिए, क्योंकि इसी के आधार पर आप पॉलिटेक्निक कोर्स और बी.टेक के बारे में जान पाएंगे। साथ ही इसी के आधार पर आप अपने लिए करियर के बेहतर विकल्पों को चुन सकते हैं। पॉलिटेक्निक और बी.टेक के बीच के अंतर को निम्नलिखित बिंदुओं से समझ सकते हैं-

  • पॉलिटेक्निक और बी.टेक के बीच एक मूल अंतर यह है कि पॉलिटेक्निक एक डिप्लोमा कोर्स है, जबकि बी.टेक एक डिग्री कोर्स है।
  • पॉलिटेक्निक कोर्स आम तौर पर केवल तीन साल के लिए होता हैं, जबकि बी.टेक का डिग्री प्रोग्राम चार साल का होता है।
  • शुल्क संरचना यानि कि फी स्ट्रक्चर के रूप में देखा जाए तो पॉलिटेक्निक कोर्स की तुलना में बी.टेक एक उच्च शुल्क वाला यानि कि हाई फी स्ट्रक्चर वाला प्रोग्राम है।

पॉलिटेक्निक कोर्स के लिए प्रवेश परीक्षा और प्रक्रिया

पॉलीटेक्निक कोर्स में प्रवेश के लिए 10वी या 12वी के बाद आप पॉलीटेक्निक में प्रवेश के लिए एंट्रेंस एग्ज़ाम दे सकते हैं ये एंट्रेंस एग्ज़ाम अलग-अलग क़ॉलेज भारत के सभी राज्यों में अलग-अलग होते हैं| कुछ राज्यों की पॉलीटेक्निक एंट्रेंस एग्ज़ाम इस प्रकार है-

पॉलीटेक्निक एंट्रेंस एग्ज़ाम राज्य 
JEECUPउत्तर प्रदेश 
Delhi CETदिल्ली 
TS POLYCET तेलंगाना 
AP POLYCETआंध्र-प्रदेश 
MH CETमहाराष्ट्र 

एडमिशन लेने के लिए योग्यता

  • शैक्षणिक योग्यता: छात्र को कम से कम 10वीं कक्षा पास होना चाहिए। कुछ विशेष कोर्सों के लिए 12वीं कक्षा की भी आवश्यकता हो सकती है।
  • उम्र: पॉलिटेक्निक कोर्स के लिए न्यूनतम आयु 15 से 17 साल हो सकती है, जबकि अधिकतम आयु सीमा संस्थान के नियमों पर निर्भर करती है।
  • प्रवेश परीक्षा: प्रवेश परीक्षा में उत्तीर्ण होना आवश्यक है। राज्य और संस्थान के आधार पर परीक्षाओं के नाम और पैटर्न अलग-अलग हो सकते हैं।

प्रवेश परीक्षा

पॉलिटेक्निक प्रवेश परीक्षा में सामान्यत 10वी स्तर के मैथ्स, साइंस और अंग्रेजी के प्रश्न पूछे जाते हैं। परीक्षा में सफल होने के बाद छात्रों को मेरिट लिस्ट के आधार पर काउंसलिंग के लिए बुलाया जाता है, जहां वे अपनी पसंद के कॉलेज और कोर्स का चयन कर सकते हैं।

पॉलिटेक्निक की फीस कितनी है?

भारत में कई प्रतिष्ठित पॉलिटेक्निक कॉलेज और यूनिवर्सिटीज़ हैं जो विभिन्न प्रकार के पॉलिटेक्निक कोर्सेज प्रदान करते हैं। नीचे टेबल में कुछ प्रमुख पॉलीटेक्निक कॉलेज, अलग-अलग कॉलेजों में पॉलीटेक्निक की फीस कितनी है इसकी जानकारी और कोर्स की अवधि दी गई है-

कॉलेज का नामकोर्स की अवधिफीस (प्रति वर्ष)
गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक, मुंबई3 साल₹6,000
एस एच जोंधले पॉलिटेक्निक, ठाणे3 साल₹30,000 – ₹35,000
वी.पी.एम. पॉलिटेक्निक, ठाणे3 साल₹35,000
विवेकानंद एजुकेशन सोसाइटी पॉलिटेक्निक, मुंबई3 साल₹30,000
आदेश पॉलिटेक्निक कॉलेज, मुक्तसर3 साल₹40,000 – ₹50,000

पॉलिटेक्निक करने के फायदे

अगर हम पॉलिटेक्निक कोर्स डिटेल्स में पॉलीटेक्निक करने के फायदे की बात करे तो पॉलिटेक्निक कोर्स करने के कई फायदे होते हैं जो इसे छात्रों को एक बेहतरीन करियर अवसर देते हैं, जैसे-

  • तकनीकी ज्ञान और स्किल्स : पॉलिटेक्निक कोर्स छात्रों को तकनीकी ज्ञान और व्यावहारिक स्किल्स प्रदान करते हैं, जो उन्हें उद्योग में रोजगार के लिए तैयार करता है।
  • शॉर्ट टर्म कोर्स: यह कोर्स सामान्यतः तीन साल का होता है, जिससे छात्र कम समय में तकनीकी एजुकेशन पूरी कर सकते हैं और जल्दी करियर शुरू कर सकते हैं।
  • लोअर फीस स्ट्रक्चर: पॉलिटेक्निक कोर्स की फीस आमतौर पर कम होती है, जिससे यह आर्थिक रूप से भी सहायक होता है।
  • उद्योग की मांग के अनुसार प्रशिक्षण: पॉलिटेक्निक कोर्स में उद्योग की जरूरतों के अनुसार प्रशिक्षण दिया जाता है, जिससे छात्र तुरंत नौकरी के लिए तैयार हो जाते हैं।
  • करियर के कई विकल्प: पॉलिटेक्निक कोर्स करने के बाद छात्रों के पास विभिन्न क्षेत्रों में करियर बनाने के अवसर होते हैं।

पॉलिटेक्निक विषय और सिलेबस 

पॉलिटेक्निक कोर्स डिटेल्स में पॉलिटेक्निक सिलेबस जान लेना बहुत आवश्यक है। पॉलिटेक्निक डिप्लोमा कोर्सेज में थ्योरी और प्रैक्टिकल दोनों ही होते हैं| नीचे दिए गए सिलेबस में पॉलीटेक्निक की ब्राच और सिलेबस दिया गया है-

ब्रांच पॉलिटेक्निक कोर्स सिलेबस 
इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंगडिजिटल इलेक्ट्रॉनिक्स और माइक्रोप्रोसेसर, इलेक्ट्रिकल मशीनें, एनालॉग इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिकल उपकरणों की स्थापना और रखरखाव, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग डिजाइन और ड्राइंग
बायोमेडिकल इंजीनियरिंगइंजीनियरिंग अर्थशास्त्र और अकाउंटेंसी, शरीर रचना विज्ञान और शरीर विज्ञान, जैव सामग्री, एनालॉग इलेक्ट्रॉनिक्स, जैवयांत्रिकी
सिविल इंजीनियरिंगकंक्रीट प्रौद्योगिकी, इस्पात और इमारती लकड़ी संरचनाएं डिजाइन और आरेखण, हाईवे इंजीनियरिंग, भूमि की नाप, सिंचाई इंजीनियरिंग और ड्राइंग, जल आपूर्ति और अपशिष्ट जल इंजीनियरिंग, आरसीसी डिजाइन और ड्राइंग, भूकंपरोधी भवन निर्माण
कंप्यूटर इंजीनियरिंगकंप्यूटर अनुप्रयोग और प्रोग्रामिंग, कंप्यूटर वास्तुकला और संगठन, माइक्रोप्रोसेसर और इंटरफेसिंग, कंप्यूटर हार्डवेयर और नेटवर्किंग, डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक्स, इंजीनियरिंग अर्थशास्त्र और लेखा
एग्रीकल्चर इंजीनियरिंगजल संसाधन इंजीनियरिंग, फार्म पावर और मशीनरी, खेत की संरचना, ग्रामीण और उद्यमिता विकास, ग्रामीण विद्युतीकरण और गैर पारंपरिक ऊर्जा, प्रक्रिया अभियंता
मैकेनिकल इंजीनियरिंगविनिर्माण प्रक्रियाएं और अभ्यास, प्रशीतन और एयर कंडीशनिंग, उत्पादन प्रबंधन, तरल यांत्रिकी, एप्लाइड थर्मोडायनामिक्स, औद्योगिक प्रशिक्षण (चौथे सेमेस्टर के 4 सप्ताह बाद), हाइड्रोलिक और हाइड्रोलिक मशीनें, सामग्री की ताकत, मशीन डिजाइन, रखरखाव अभियांत्रिकी
इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंगमोबाइल कम्यूनिकेशन, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और माप, इलेक्ट्रॉनिक डिजाइन और निर्माण तकनीक, नेटवर्क फिल्टर ट्रांसमिशन लाइन्स, संचार इंजीनियरिंग के सिद्धांत, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, उन्नत संचार, माइक्रोवेव और रडार इंजीनियरिंग, डिजिटल सिग्नल प्रोसेसिंग
ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंगऑटोमोबाइल चेसिस और ट्रांसमिशन, ऑटो इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल वर्कशॉप प्रैक्टिस, ऑटो मरम्मत एवं रखरखाव, इंजन और वाहन परीक्षण प्रयोगशाला, परियोजना, औद्योगिक यात्रा और संगोष्ठी, ऑटोमोटिव अनुमान और लागत, ऑटोमोबाइल मशीन, कैड प्रैक्टिस (ऑटो), विशेष वाहन और उपकरण, ऑटोमोटिव इंजन सहायक सिस्टम, कंप्यूटर एडेड इंजीनियरिंग ग्राफिक, ऑटोमोटिव प्रदूषण और नियंत्रण
केमिकल इंजीनियरिंगबेसिक केमिकल इंजीनियरिंग, औद्योगिक स्टोइकोमेट्री, पर्यावरण इंजीनियरिंग, अप्लाइड रसायन विज्ञान, संयंत्र उपयोगिताएं, इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग, सुरक्षा और रासायनिक खतरे, औद्योगिक प्रबंधन, हीट ट्रांसफर, इंजीनियरिंग मैटेरियल, फ्लूड फ्लो, ऊष्मप्रवैगिकी, रासायनिक प्रौद्योगिकी

पॉलिटेक्निक के बाद उच्च एजुकेशन के अवसर

पॉलिटेक्निक कोर्स करने के बाद छात्र उच्च एजुकेशन के लिए भी विकल्प चुन सकते हैं। वे बी.टेक या बी.ई. में दाखिला लेकर अपनी एजुकेशन को आगे बढ़ा सकते हैं। इसके लिए उन्हें इंजीनियरिंग के दूसरे वर्ष में प्रवेश मिलता है, जिसे लेटरल एंट्री कहा जाता है। उच्च एजुकेशन के बाद छात्रों के लिए और भी बेहतर करियर अवसर उपलब्ध होते हैं।

पॉलिटेक्निक कोर्स करने के दौरान स्किल डेवलपमेंट

पॉलिटेक्निक कोर्स के दौरान छात्रों को विभिन्न प्रकार की स्किल्स विकसित करने का अवसर मिलता है, जो उनके प्रोफेशनल करियर में सहायक होती हैं:

  • टेक्निकल स्किल्स: पॉलिटेक्निक कोर्स में छात्रों को तकनीकी विषयों में विशेषज्ञता प्राप्त होती है।
  • प्रैक्टिकल नॉलेज: छात्रों को प्रैक्टिकल प्रोजेक्ट्स और वर्कशॉप्स के माध्यम से व्यावहारिक अनुभव प्राप्त होता है।
  • प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल्स: छात्रों को विभिन्न तकनीकी समस्याओं का समाधान खोजने की क्षमता विकसित होती है।
  • कम्युनिकेशन स्किल्स: छात्रों को इंडस्ट्री के पेशेवरों के साथ इंटरैक्ट करने का अवसर मिलता है, जिससे उनकी कम्युनिकेशन स्किल्स बेहतर होती हैं।
  • टीमवर्क: छात्रों को टीम में काम करने का अनुभव प्राप्त होता है, जो कि प्रोफेशनल लाइफ में बहुत महत्वपूर्ण होता है।

पॉलिटेक्निक कोर्स के लिए स्कॉलरशिप

कई पॉलिटेक्निक संस्थान और सरकारें आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए स्कॉलरशिप और वित्तीय सहायता प्रदान करती हैं। इससे छात्रों को अपनी पढ़ाई जारी रखने में मदद मिलती है। पॉलीटेक्निक कोर्स डिटेल्स ब्लॉग में हम प्रमुख स्कॉलरशिप योजनाओ के बारे में जानेंगे -:

  • मेडिकल स्कॉलरशिप: आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए चिकित्सा स्कॉलरशिप।
  • माइनॉरिटी स्कॉलरशिप: अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों के लिए विशेष स्कॉलरशिप।
  • मेरिट-बेस्ड स्कॉलरशिप: मेधावी छात्रों के लिए मेरिट-बेस्ड स्कॉलरशिप।

पॉलिटेक्निक करने के बाद जॉब के अवसर

पॉलिटेक्निक कोर्स करने के बाद छात्रों के पास विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के अच्छे अवसर होते हैं। कुछ प्रमुख जॉब के अवसर निम्नलिखित हैं:

  • सिविल इंजीनियरिंग: इस क्षेत्र में छात्र निर्माण, योजना और डिजाइनिंग में नौकरी पा सकते हैं।
  • इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग: इस क्षेत्र में बिजली उत्पादन, वितरण और मैनेजमेंट में अवसर मिलते हैं।
  • मैकेनिकल इंजीनियरिंग: इस क्षेत्र में मशीनों और उपकरणों के निर्माण, रखरखाव और डिजाइनिंग में नौकरी मिलती है।
  • कंप्यूटर साइंस: इस क्षेत्र में सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, आईटी सपोर्ट और नेटवर्किंग में करियर बना सकते हैं।
  • इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन: इस क्षेत्र में संचार उपकरणों और नेटवर्क की डिजाइनिंग, निर्माण और रखरखाव में अवसर मिलते हैं।

निष्कर्ष

पॉलीटेक्निक कोर्स डिटेल्स ब्लॉग में हमने समझा कि पॉलिटेक्निक क्या है?, पॉलिटेक्निक करने के फायदे, पॉलिटेक्निक में सबसे अच्छा कोर्स कौन सा है? और पॉलिटेक्निक की फीस कितनी है? वे छात्र जो तकनीकी क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं, पॉलिटेक्निक कोर्स उनके लिए एक बेहतरीन विकल्प है। यह कोर्स न सिर्फ टेक्निकल पर प्रैक्टिकल ज्ञान देते हैं, बल्कि नौकरी के बेहतरीन अवसर भी प्रदान करते हैं| इसके अलावा, पॉलिटेक्निक कोर्स करने के बाद उच्च एजुकेशन के विकल्प भी खुले रहते हैं, जिससे छात्र अपने करियर को और अधिक मजबूत बना सकते हैं। 

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

पॉलिटेक्निक से क्या बनते हैं?

पॉलिटेक्निक के बाद जूनियर इंजीनियर के पद के लिए अप्लाई कर सकते हैं। इसके अलावा, लोको पायलट टेक्निकल असिस्टेंट, और बहुत सारे सरकारी पदों के लिए भी आवेदन कर सकते हैं।

पॉलिटेक्निक में सबसे अच्छा कोर्स कौन सा होता है?

पॉलिटेक्निक में सबसे अच्छा कोर्स आपकी रुचि और भविष्य के लक्ष्यों पर निर्भर करता है। कुछ लोकप्रिय और मांग वाले कोर्स हैं:
1. कंप्यूटर इंजीनियरिंग
2. इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग
3. मैकेनिकल इंजीनियरिंग
4. सिविल इंजीनियरिंग

पॉलिटेक्निक में कितना खर्च आता है?

पॉलिटेक्निक के लिए कोर्स शुल्क संस्थान के प्रकार के आधार पर 10,000 रु. से 5,00,000 रुपये तक हो सकता है।

पॉलिटेक्निक में कौन कौन से विषय होते हैं?

आमतौर पर डिप्लोमा पाठ्यक्रमों के लिए गणित, विज्ञान और अंग्रेजी को अनिवार्य पॉलिटेक्निक विषय माना जाता है।

पॉलिटेक्निक से कौन सी नौकरी मिल सकती है?

पॉलिटेक्निक के बाद सरकारी नौकरी के विकल्पों में जूनियर इंजीनियर, आईटी असिस्टेंट, पीएसयू जॉब, क्लर्क, तकनीशियन आदि शामिल हैं।

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