Quick Summary
भारत के राष्ट्रीय उद्यान वन्यजीव संरक्षण के महत्वपूर्ण केंद्र होने के साथ-साथ प्राकृतिक सौंदर्य और जैव विविधता के अद्वितीय उदाहरण भी हैं। 1936 में स्थापित जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान, भारत का पहला राष्ट्रीय उद्यान था, और तब से अब तक देश में 100 से अधिक राष्ट्रीय उद्यान स्थापित हो चुके हैं। ये उद्यान विभिन्न प्रकार के वन्यजीवों, जैसे बाघ, हाथी, गैंडा और कई दुर्लभ पक्षियों के लिए सुरक्षित आवास प्रदान करते हैं। राष्ट्रीय उद्यानों का उद्देश्य न केवल वन्यजीवों की सुरक्षा करना है, बल्कि पर्यटकों को प्रकृति के करीब लाना और पर्यावरण शिक्षा को बढ़ावा देना भी है। इन उद्यानों में घूमना एक रोमांचक अनुभव होता है, जो हमें प्रकृति की अद्भुत विविधता और सुंदरता से रूबरू कराता है।
इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि राष्ट्रीय उद्यान किसे कहते हैं, भारत में उनकी गिनती कितनी है और उनके नाम।
सबसे पहले हम समझेंगे कि राष्ट्रीय उद्यान किसे कहते हैं? दरअसल यह उद्यान सरकार द्वारा एक संरक्षित क्षेत्र होता है जहाँ वन्यजीवों और वनस्पतियों को संरक्षित किया जाता है। यहां शिकार, पेड़ काटने, और अन्य मानव हस्तक्षेप पर सख्त प्रतिबंध होता है, जिससे वन्यजीव सुरक्षित रहते हैं।
एक ऐसा क्षेत्र, जिसके प्राकृतिक वातावरण और वन्यजीवों को संरक्षित रखा जाता है, उसको राष्ट्रीय उद्यान कहा जाता है। ये क्षेत्र प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा, अनुसंधान, शिक्षा, और प्रकृति प्रेमियों के लिए पर्यटन स्थल के रूप में कार्य करते हैं।
भारत में 106 राष्ट्रीय उद्यान हैं, जो देश के कुल भूमि क्षेत्र का लगभग 5% हिस्सा कवर करते हैं। ये उद्यान वन्यजीवों की सुरक्षा और जैव विविधता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
भारत में वर्तमान में 106 राष्ट्रीय उद्यान हैं, जो देश के विभिन्न भागों में फैले हुए हैं। ये उद्यान लगभग 1,71,921 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैले हुए हैं| हर साल हजारों पर्यटक इन उद्यानों में वन्यजीवों और प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेने के लिए आते हैं।
राज्य | राष्ट्रीय उद्यान | राज्य | राष्ट्रीय उद्यान |
राजस्थान | 1. केवला देवी राष्ट्रीय उद्यान 2. रणथंभौर राष्ट्रीय पार्क 3. सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान 4. डेजर्ट राष्ट्रीय पार्क 5. दर्रा राष्ट्रीय पार्क 6. घना पक्षी राष्ट्रीय पार्क 7. केवला देवी राष्ट्रीय पार्क 8. ताल छापर अभयारण्य 9. माउंट आबू वाइल्ड लाइफ सैंचुरी | असम | 1. मानस राष्ट्रीय पार्क 2. काजीरंगा राष्ट्रीय पार्क 3. नामेरी राष्ट्रीय पार्क 4. ओरांग पार्क 5. डिब्रूगढ़ शेखोवाल राष्ट्रीय पार्क 6. दिहांग पटकई राष्ट्रीय पार्क 7. रायमोना राष्ट्रीय पार्क |
मध्य प्रदेश | 1. कान्हा राष्ट्रीय पार्क 2. पेंच राष्ट्रीय पार्क 3. पन्ना राष्ट्रीय पार्क 4. सतपुड़ा राष्ट्रीय पार्क 5. वन विहार पार्क 6. रुद्र सागर झील राष्ट्रीय पार्क 7. बांधवगढ़ राष्ट्रीय पार्क 8. संजय राष्ट्रीय पार्क 9. माधव राष्ट्रीय पार्क 10. कुनो राष्ट्रीय पार्क 11. मंडला प्लांट फॉसिल राष्ट्रीय पार्क | आंध्र प्रदेश | 1. कसरू ब्रह्मानंदा रेड्डी राष्ट्रीय पार्क 2. इंदिरा गांधी प्राणी विज्ञान पार्क 3. मरूगवामी राष्ट्रीय पार्क 4. श्री वेंकटेश्वरम राष्ट्रीय पार्क 5. कावला राष्ट्रीय पार्क 6. नागार्जुन सागर राष्ट्रीय पार्क 7. नेलापत्तू पक्षी राष्ट्रीय पार्क |
अरुणाचल प्रदेश | 1. नामदफा राष्ट्रीय पार्क | महाराष्ट्र | 1. बोरीवली (संजय गांधी) राष्ट्रीय पार्क 2. चांदोली राष्ट्रीय पार्क 3. तबोड़ा राष्ट्रीय पार्क 4. गुग्गामल राष्ट्रीय पार्क 5. नवागांव राष्ट्रीय पार्क 6. तन्सा राष्ट्रीय पार्क, थाणे 7. मेलघाट राष्ट्रीय अभयारण्य |
हरियाणा | 1. सुलतानपुर राष्ट्रीय पार्क 2. कलेशर राष्ट्रीय पार्क | अंडमान-निकोबार | 1. सैडिल पीक राष्ट्रीय उद्यान 2. महात्मा गांधी मैरीन (वंदूर) राष्ट्रीय उद्यान 3. माउंट हैरिट राष्ट्रीय पार्क 4. रानी झांसी मैरीन राष्ट्रीय पार्क 5. साउथ बटन राष्ट्रीय पार्क (सबसे छोटा) |
उत्तर प्रदेश | 1. दुधवा राष्ट्रीय पार्क 2. चंद्रप्रभा वन्यजीव विहार | हिमाचल प्रदेश | 1. पिन वैली पार्क 2. ग्रेट हिमालय राष्ट्रीय पार्क 3. रोहल्ला राष्ट्रीय पार्क 4. खीरगंगा राष्ट्रीय पार्क 5. सीमलबरा राष्ट्रीय पार्क |
झारखंड | 1. बेतला राष्ट्रीय पार्क 2. हजारीबाग राष्ट्रीय पार्क 3. धीमा राष्ट्रीय पार्क | गुजरात | 1. गिर राष्ट्रीय पार्क 2. मरीन राष्ट्रीय पार्क 3. ब्लेक बुक राष्ट्रीय पार्क 4. गल्फ ऑफ कच्छ |
मणिपुर | 1. कीबुल लामजाओ राष्ट्रीय पार्क 2. सिरोही राष्ट्रीय पार्क | उत्तराखंड | 1. जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय पार्क 2. फूलों की घाटी राष्ट्रीय पार्क 3. नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क 4. राजाजी राष्ट्रीय पार्क 5. गोविंद पासू विहार राष्ट्रीय पार्क 6. गंगोत्री राष्ट्रीय पार्क |
सिक्किम | 1. कंचनजंगा राष्ट्रीय पार्क | छत्तीसगढ़ | 1. कांगेर घाटी (कांगेर वैली) राष्ट्रीय पार्क 2. इंद्रावती राष्ट्रीय पार्क 3. गुरु घासीदास (संजय) राष्ट्रीय उद्यान |
त्रिपुरा | 1. क्लाउडेड राष्ट्रीय पार्क | केरल | 1. साइलेंट वैली राष्ट्रीय पार्क 2. पेरियार राष्ट्रीय पार्क 3. मैथीकेटन राष्ट्रीय पार्क 4. अन्नामुदाई राष्ट्रीय पार्क 5. एर्नाकुलम राष्ट्रीय पार्क |
तमिलनाडु | 1. गल्फ ऑफ मनार राष्ट्रीय पार्क 2. इंदिरा गांधी (अन्नामलाई) राष्ट्रीय पार्क 3. प्लनी हिल्स राष्ट्रीय पार्क 4. मुकुरूथी राष्ट्रीय पार्क 5. गुनीडे राष्ट्रीय पार्क | कर्नाटक | 1. बांदीपुर राष्ट्रीय पार्क 2. नागरहोल (राजीव गांधी) राष्ट्रीय उद्यान 3. अंसी राष्ट्रीय पार्क 4. बनेरघाटला राष्ट्रीय पार्क 5. कुडूरमुख राष्ट्रीय पार्क 6. तुंगभद्रा राष्ट्रीय पार्क |
ओडिशा | 1. भीतरगनिका राष्ट्रीय पार्क 2. सिंमली राष्ट्रीय पार्क 3. नंदनकानन राष्ट्रीय चिड़ियाघर 4. चिल्का झील अभयारण्य | पंजाब | 1. हरिके वेटलैंड राष्ट्रीय पार्क |
मिजोरम | 1. माउंटेन राष्ट्रीय पार्क 2. मुरलेन राष्ट्रीय पार्क 3. फांगपुई राष्ट्रीय पार्क 4. डाम्फा अभयारण्य | तेलंगाना | 1. महावीर हरिणा वनस्थली राष्ट्रीय पार्क 2. किन्नरसानी अभयारण्य |
जम्मू-कश्मीर | 1. दाचीग्राम राष्ट्रीय पार्क 2. सलीम अली राष्ट्रीय पार्क 3. किस्तवाड़ राष्ट्रीय पार्क 4. जैव मंडल रिजर्व, श्रीनगर | गोवा | 1. सलीम अली बर्ड सैंचुरी 2. नेत्रावली वन्यजीव पार्क 3. चौरा राष्ट्रीय पार्क 4. भगवान महावीर राष्ट्रीय पार्क |
लद्दाख | 1. हेमिस राष्ट्रीय पार्क (सबसे बड़ा) | बिहार | 1. वाल्मीकि राष्ट्रीय पार्क 2. विक्रमसिला गंगटिक डॉल्फिन सैंचुरी 3. कंवर लेक बर्ड सैंचुरी |
पश्चिम बंगाल | 1. सुंदरवन राष्ट्रीय पार्क 2. बुक्सा राष्ट्रीय पार्क 3. जलधापारा राष्ट्रीय पार्क 4. गोरूवारा राष्ट्रीय पार्क 5. सिंघालिला राष्ट्रीय पार्क 6. नियोरा वैली राष्ट्रीय पार्क |
राष्ट्रीय उद्यान और अभयारण्यों में मुख्य अंतर प्रबंधन और उद्देश्यों में होता है। इन उद्यानों में सख्त संरक्षण कानून होते हैं, जबकि अभयारण्यों में मानव गतिविधियो की कुछ हद तक अनुमति होती हैं
राष्ट्रीय उद्यान और अभयारण्य दोनों ही संरक्षित क्षेत्र होते हैं, लेकिन उनके उद्देश्यों और प्रबंधन में कुछ भिन्नताएँ होती हैं। इन उद्यानों में वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए कड़े नियम लागू होते हैं और यहां मानवीय गतिविधियों को नियंत्रित या प्रतिबंधित किया जाता है। वहीं, वन्यजीव अभयारण्यों में वन्यजीवों के संरक्षण के साथ-साथ स्थानीय समुदायों के जीवन और सांस्कृतिक धरोहर की भी रक्षा की जाती है। अभयारण्यों में स्थानीय लोगों को कुछ गतिविधियों की अनुमति होती है, जैसे कि कृषि और मवेशी चराना।
वन्यजीव अभयारण्य एक ऐसा संरक्षित क्षेत्र है जहाँ वन्यजीवों और उनके प्राकृतिक आवासों की रक्षा के लिए कानूनी संरक्षण प्रदान किया जाता है। इन क्षेत्रों में वन्यजीवों को शिकार, अतिक्रमण, और अन्य मानवजनित खतरों से सुरक्षित रखा जाता है।
अभयारण्यों का उद्देश्य वन्यजीवों का संरक्षण, जैव विविधता को बनाए रखना, और पर्यावरणीय शिक्षा को बढ़ावा देना है। ये क्षेत्र अनुसंधान और वैज्ञानिक अध्ययन के लिए भी महत्वपूर्ण हैं, जहाँ वैज्ञानिक वन्यजीवों के व्यवहार और पारिस्थितिक तंत्र का अध्ययन करते हैं।
ये उद्यान न केवल जैव विविधता को संरक्षित करते हैं, बल्कि वे पर्यावरणीय संतुलन को बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
राष्ट्रीय उद्यान वन्यजीव संरक्षण के मुख्य केंद्र होते हैं। इन उद्यानों में वन्यजीवों के लिए सुरक्षित और अनुकूल आवास प्रदान किया जाता है। वन्यजीव संरक्षण के तहत, शिकार, अवैध कटाई, और भूमि अतिक्रमण जैसी गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखी जाती है। इसके अलावा, यह उद्यान वन्यजीवों के लिए प्राकृतिक प्रजनन स्थल भी होते हैं, जो उनकी संख्या को बनाए रखने और बढ़ाने में मदद करते हैं।
यहाँ इंसानों के हस्तक्षेप पर सरकार द्वारा नियुक्त वन-विभाग के कर्मचारियो द्वारा नज़र रखी जाती है। इन उद्यानों में घूमने के लिए विज़िटर की संख्या और समय निर्धारित रहता है, जिससे वन्यजीवों को कोई परेशानी न हो।
इन उद्यानों को अवैध शिकार, वन्यजीवों की तस्करी, और जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। ये समस्याएँ वन्यजीवों के जीवन और उनके प्राकृतिक आवासों को खतरे में डालती हैं।
इन उद्यानों के संरक्षण में सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक अवैध शिकार और वन्यजीवों की तस्करी है। वन्यजीवों की खाल, दांत, सींग, और अन्य अंगों की अवैध बिक्री और तस्करी के कारण कई प्रजातियाँ लुप्तप्राय हो गई हैं। इसके अलावा, वन्यजीवों के अवैध व्यापार से उनके आवास भी खतरे में पड़ जाते हैं। सरकारें और गैर-सरकारी संगठन इन गतिविधियों को रोकने के लिए कड़े कदम उठा रहे हैं, लेकिन यह समस्या अभी भी बनी हुई है।
जलवायु परिवर्तन का प्रभाव इन उद्यानों और उनके वन्यजीवों पर भी देखा जा सकता है। तापमान में वृद्धि, मौसम की पैटर्न में बदलाव, और प्राकृतिक आपदाओं की आवृत्ति में वृद्धि से वन्यजीवों के आवास प्रभावित हो रहे हैं। उदाहरण के लिए, ग्लेशियरों के पिघलने से हिमालयी क्षेत्रों में स्थित राष्ट्रीय उद्यानों में जलवायु परिवर्तन का सीधा प्रभाव देखा जा सकता है। इससे वन्यजीवों के जीवन चक्र और प्रजातियों की विविधता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
राष्ट्रीय उद्यान संरक्षण के लिए सरकारी नीतियाँ, जैसे वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, और गैर-सरकारी संगठनों के सहयोग से चलाए जा रहे जागरूकता अभियान और संरक्षण कार्यक्रम महत्वपूर्ण हैं। ये उपाय वन्यजीवों की सुरक्षा और उनके आवासों को संरक्षित रखने में मदद करते हैं।
भारत सरकार ने राष्ट्रीय उद्यानों और वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए कई नीतियाँ और योजनाएँ लागू की हैं। इनमें वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972, और पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 शामिल हैं।
इसके अलावा, सरकार ने बाघ संरक्षण परियोजना, हाथी संरक्षण परियोजना, और अन्य योजनाओं के माध्यम से विशेष संरक्षित क्षेत्रों की स्थापना की है। इन नीतियों का उद्देश्य वन्यजीवों की सुरक्षा, उनके आवासों का संरक्षण, और वन्यजीवों के साथ मानव संघर्ष को कम करना है।
गैर-सरकारी संगठन (NGOs) भी राष्ट्रीय उद्यान संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये संगठन जन जागरूकता अभियान चलाते हैं, वन्यजीव संरक्षण के लिए धन जुटाते हैं, और सरकार को नीतिगत सलाह देते हैं।
इसके अलावा, NGOs वन्यजीवों के पुनर्वास, अवैध शिकार विरोधी गतिविधियों, और अनुसंधान परियोजनाओं में सक्रिय भूमिका निभाते हैं। इन संगठनों के सहयोग से कई लुप्तप्राय प्रजातियों की संख्या में वृद्धि हुई है और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की गई है।
इस ब्लॉग में हमने राष्ट्रीय उद्यान किसे कहते हैं, भारत के राष्ट्रीय उद्यान के नाम और इन उद्यानों और अभयारण्य में क्या होता है, ये समझने की कोशिश की है।
संक्षेप में, भारत के राष्ट्रीय उद्यान न केवल वन्यजीवों के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, बल्कि वे पर्यटकों को प्रकृति की अद्वितीय सुंदरता और जैव विविधता का अनुभव करने का अवसर भी प्रदान करते हैं। ये उद्यान वन्यजीवों के लिए सुरक्षित आवास हैं और पर्यावरण शिक्षा को बढ़ावा देते हैं, जिससे लोगों में प्रकृति के प्रति जागरूकता और सम्मान बढ़ता है। राष्ट्रीय उद्यानों का दौरा करना एक रोमांचक और शिक्षाप्रद अनुभव होता है, जो हमें प्रकृति की अद्भुत विविधता से रूबरू कराता है।
2024 में, भारत में कुल 106 राष्ट्रीय उद्यान हैं। ये उद्यान देश के विभिन्न हिस्सों में फैले हुए हैं और वन्यजीव संरक्षण, पर्यावरण शिक्षा, और पर्यटन को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
राष्ट्रीय उद्यान एक संरक्षित क्षेत्र होता है जिसे वन्यजीवों और उनके प्राकृतिक आवासों की सुरक्षा के लिए स्थापित किया जाता है। इन उद्यानों का मुख्य उद्देश्य वन्यजीवों को शिकार, अवैध कटाई, और अन्य खतरों से बचाना है। इसके अलावा, राष्ट्रीय उद्यान पर्यावरण शिक्षा, अनुसंधान, और पर्यटन को भी बढ़ावा देते हैं।
राष्ट्रीय उद्यानों में विभिन्न प्रकार के वन्यजीव, जैसे बाघ, हाथी, गैंडा, और कई दुर्लभ पक्षी पाए जाते हैं। ये उद्यान पर्यटकों को प्रकृति की अद्वितीय सुंदरता और जैव विविधता का अनुभव करने का अवसर भी प्रदान करते हैं।
भारत का पहला राष्ट्रीय उद्यान जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान है, जिसे 1936 में ब्रिटिश शासन के दौरान स्थापित किया गया था। इसे पहले हैली नेशनल पार्क के नाम से जाना जाता था, जो उस समय के यूनाइटेड प्रोविंसेस के गवर्नर विलियम मैल्कम हैली के नाम पर रखा गया था। 1956 में, भारत की स्वतंत्रता के बाद, इसका नाम बदलकर जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान कर दिया गया, जो प्रसिद्ध शिकारी और प्रकृतिवादी जिम कॉर्बेट के सम्मान में रखा गया था।
भारत का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान हेमिस राष्ट्रीय उद्यान है, जो लद्दाख में स्थित है और लगभग 3350 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। इसके बाद डेजर्ट राष्ट्रीय उद्यान आता है, जो 3162 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है।
ऐसे और आर्टिकल्स पड़ने के लिए, यहाँ क्लिक करे
adhik sambandhit lekh padhane ke lie
Chegg India does not ask for money to offer any opportunity with the company. We request you to be vigilant before sharing your personal and financial information with any third party. Beware of fraudulent activities claiming affiliation with our company and promising monetary rewards or benefits. Chegg India shall not be responsible for any losses resulting from such activities.
Chegg India does not ask for money to offer any opportunity with the company. We request you to be vigilant before sharing your personal and financial information with any third party. Beware of fraudulent activities claiming affiliation with our company and promising monetary rewards or benefits. Chegg India shall not be responsible for any losses resulting from such activities.
© 2024 Chegg Inc. All rights reserved.