सार्क क्या है: दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC)

September 11, 2024
सार्क क्या है
Quick Summary

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  • सार्क का पूरा नाम दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (South Asian Association for Regional Cooperation) है। यह दक्षिण एशिया के देशों का एक समूह है, जिसका उद्देश्य क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देना और आर्थिक विकास को गति देना है।
  • सार्क में कुल सदस्य देशों के नाम ये है:
    1. भारत
    2. पाकिस्तान
    3. बांग्लादेश
    4. नेपाल
    5. भूटान
    6. श्रीलंका
    7. मालदीव
    8. अफगानिस्तान

Table of Contents

सार्क क्या है? सार्क दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) दक्षिण एशियाई देशों के बीच सहयोग और विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बनाया गया एक संगठन है। सार्क की स्थापना 8 दिसंबर 1985 को बांग्लादेश की राजधानी ढाका में सार्क घोषणा पत्र के हस्ताक्षर के साथ की गई थी। । इस संगठन के माध्यम से सदस्य देश आपस में आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, तकनीकी और वैज्ञानिक सहयोग को बढ़ावा देते हैं। 2007 में 13वें वार्षिक शिखर सम्मेलन में अफगानिस्तान सार्क का सबसे नया सदस्य बना। सार्क को अस्‍तित्‍व में आए अब तीन दशक हो चुके हैं। अठारह शिखर सम्मेलन हो चुके हैं। कुछ उल्लेखनीय ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल की गयी हैं। 

इस ब्लॉग में सार्क क्या है, सार्क में कितने देश हैं सार्क का मुख्यालय कहां है , सार्क के वर्तमान अध्यक्ष कौन है, और सार्क के उद्देश्य क्या हैं इन सब के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करेंगे।

सार्क क्या है और सार्क के उद्देश्य क्या हैं?

सार्क क्या है? जानने के लिए सार्क के उद्देश्य क्या हैं पर एक नजर डालते हैं। सार्क उन मुख्य उद्देश्यों पर जोर देता है जो इसके संचालन को निर्देशित करते हैं और इसकी संस्कृति को आकार देते हैं निम्नलिखित अनुभाग इन मौलिक सार्क उद्देश्यों पर विस्तार से प्रकाश डालता है:

1. सार्क संप्रभु समानता का उद्देश्य

  • सार्क सभी सदस्य देशों की संप्रभु समानता को अत्यधिक महत्व देता है। इसका तात्पर्य है कि संगठन में प्रत्येक सदस्य की स्थिति समान है, चाहे उनका आकार या आर्थिक शक्ति कुछ भी हो। यह सिद्धांत सुनिश्चित करता है कि सभी सदस्य देशों की आवाज़ों को निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में सुना और सम्मानित किया जाए, जिससे न्याय की भावना को बढ़ावा मिलता है।

2. सार्क का क्षेत्रीय अखंडता से संबंधित उद्देश्य

  • सार्क के उद्देश्यों में क्षेत्रीय अखंडता एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है, जो इसके सदस्य देशों की सीमाओं और भौगोलिक अखंडता की रक्षा की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह विचार सभी सदस्य देशों की क्षेत्रीय संप्रभुता को मान्यता देने और उसे बनाए रखने पर जोर देता है, साथ ही विश्वास और सहयोग को प्रोत्साहित करता है।

3. सार्क का उद्देश्य आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप से बचाव

  • सार्क का एक प्रमुख उद्देश्य है कि वह अपने सदस्य देशों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप से बचाता है। इसका मतलब है कि प्रत्येक सदस्य देश स्वतंत्र रूप से अपनी राजनीतिक, आर्थिक, और सामाजिक व्यवस्थाओं को बिना बाहरी दबाव या हस्तक्षेप के स्वतंत्रता से प्रबंधित कर सकता है। यह सिद्धांत सदस्य देशों के बीच विश्वास और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है, जिससे एक सौहार्दपूर्ण और शांतिपूर्ण क्षेत्रीय संबंध बनाए रखे जा सकें।

4. सदस्य देशों को आपसी विवादों को सुलझाना

  • सार्क का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को सुनिश्चित करना है। इसके सदस्य देश विवादों को हल करने के लिए संचार और वार्ता का उपयोग करने के प्रति प्रतिबद्ध हैं। यह सिद्धांत कूटनीति और सहयोग के महत्व को बढ़ावा देता है, जिससे दक्षिण एशियाई क्षेत्र में एक सुरक्षित और सहयोगी वातावरण का निर्माण किया जा सके।

5. सार्क का क्षेत्रीय अखंडता से संबंधित उद्देश्य

  • सार्क का उद्देश्य क्षेत्रीय अखंडता को बनाए रखना है, जिसका मतलब है कि सदस्य देशों की भौगोलिक सीमाओं और राष्ट्रीय संप्रभुता का सम्मान किया जाए। इसके उद्देश्यों के तहत, सार्क सुनिश्चित करता है कि प्रत्येक सदस्य देश की क्षेत्रीय संप्रभुता की सुरक्षा की जाए और किसी भी तरह की बाहरी हस्तक्षेप को रोका जाए। इसके द्वारा, सदस्य देशों के बीच आपसी विश्वास और सहयोग को बढ़ावा दिया जाता है, जिससे क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को प्रोत्साहन मिलता है।

सार्क क्या है और सार्क में कितने देश हैं?

सार्क के कुल 8 सदस्य देश हैं। ये देश और उनकी जनसंख्या (2024 के अनुसार) इस प्रकार हैं:

संख्यादेशजनसंख्या (2024)शामिल होने का वर्ष
1भारत1.4 अरब2007
2पाकिस्तान231 मिलियन1985
3बांग्लादेश172 मिलियन1985
4श्रीलंका22 मिलियन1985
5नेपाल30 मिलियन1985
6मालदीव0.5 मिलियन1985
7भूटान0.8 मिलियन1985
8अफगानिस्तान40 मिलियन1985

सार्क का मुख्यालय कहां है?

सवाल आता है कि सार्क का मुख्यालय कहां है तो हम आपको बता दें सार्क का मुख्यालय नेपाल की राजधानी काठमांडू में स्थित है। मुख्यालय की स्थापना 1987 में हुई थी और यह संगठन के प्रशासनिक कार्यों को संचालित करता है।

सार्क के महासचिवों की सूची

नीचे तालिका में सार्क के शुरू से लेकर अब तक के 15 महासचिवों की नाम, देश कार्यकाल के साथ सूची दी गई है – 

संख्यानामदेशकार्यकाल शुरूकार्यकाल ख़तम
1.अबुल एहसानबांग्लादेश16 जनवरी 198515 अक्टूबर 1989
2.किशोर कांत भार्गवभारत17 अक्टूबर 198931 दिसम्बर 1991
3.इब्राहिम हुसैन जाकीमालदीव1 जनवरी 199231 दिसम्बर 1993
4.सिल्लवाल कांत यादवनेपाल1 जनवरी 199431 दिसम्बर 1995
5.नीम यू. हसनपाकिस्तान1 जनवरी 199631 दिसम्बर 1998
6.निहाल रोड्रिगोश्रीलंका1 जनवरी 199910 जनवरी 2002
7.Q. A. M. A. रहीमबांग्लादेश11 जनवरी 200228 फरवरी 2005
8.चेन्याब चेंकयाब दोरजीभूटान1 मार्च 200529 फरवरी 2008
9.शील कांत शर्माभारत1 मार्च 200828 फरवरी 2011
10.फातिमाथ धियाना सईदमालदीव1 मार्च 201111 मार्च 2012
11.अहमद सलीममालदीव12 मार्च 201228 फरवरी 2014
12.अर्जुन बहादुर थापानेपाल1 मार्च 201428 फरवरी 2017
13.अमजद हुसैन बी. सियालपाकिस्तान1 मार्च 20172020
14.एसाला रुवान वीराकोनश्रीलंका1 मार्च 20202023
15.गुलाम सरवरबांग्लादेश25 अक्टूबर 2023वर्तमान

सार्क के वर्तमान अध्यक्ष कौन हैं?

बांग्लादेश जनवादी गणराज्य के महामहिम राजदूत गुलाम सरवर ने 25 अक्टूबर 2023 को दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) के महासचिव के रूप में सचिवालय में कार्यभार संभाला। 

वर्तमान अध्यक्ष का परिचय

सार्क में महासचिव का पद होता है। बांग्लादेश जनवादी गणराज्य के महामहिम राजदूत गुलाम सरवर ने 25 अक्टूबर 2023 को दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) के महासचिव के रूप में सचिवालय में कार्यभार संभाला। राजदूत गुलाम सरवर SAARC के पंद्रहवें महासचिव और बांग्लादेश सरकार के तीसरे महासचिव हैं। राजदूत सरवर जुलाई 1966 का जन्म ढाका में हुआ। उन्होंने ढाका विश्वविद्यालय से वाणिज्य/व्यवसाय में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की है। 

राजदूत गुलाम सरवर ने जर्मनी में उन्नत कूटनीतिक प्रशिक्षण प्राप्त किया था। उनकी शादी सुश्री तस्लीमा से हुई है और उनके दो बेटे हैं। इस ब्लॉग में सार्क क्या है जानने के साथ ही साथ इसके वर्तमान अध्यक्ष का परिचय भी जाना। 

अध्यक्ष की जिम्मेदारियाँ और कार्य

सार्क के अध्यक्ष की मुख्य जिम्मेदारियाँ और कार्य निम्नलिखित हैं:

  1. सदस्य देशों के बीच संवाद: सदस्य देशों के बीच संवाद को बढ़ावा देना और सहयोग को सुनिश्चित करना।
  2. नीतियों का कार्यान्वयन: सार्क के उद्देश्यों और नीतियों का कार्यान्वयन सुनिश्चित करना।
  3. सम्मेलनों का आयोजन: सार्क सम्मेलनों और बैठकों का आयोजन और संचालन करना।
  4. नए कार्यक्रम और परियोजनाएँ: संगठन के लिए नए कार्यक्रम और परियोजनाओं को विकसित करना और उनका कार्यान्वयन करना।

अध्यक्ष के कार्यकाल की अवधि और चयन प्रक्रिया

सार्क के अध्यक्ष का कार्यकाल आमतौर पर एक वर्ष का होता है। महासचिव को सदस्य देशों के मंत्रिपरिषद द्वारा चुनाव के माध्यम से तीन साल के कार्यकाल के लिए नियुक्त किया जाता है।अध्यक्ष का चयन सदस्य देशों के नेताओं के आपसी सहमति से किया जाता है। अध्यक्षता प्रत्येक सदस्य देश के पास क्रमवार बदलती रहती है।

सार्क की संरचना

सार्क संगठन निम्नलिखित परतों में विभाजित है:

शिखर सम्मेलन

शिखर सम्मेलन हर दो साल में आयोजित होने वाली एक बैठक है और इसमें सार्क सदस्य देशों के सभी राज्यों/सरकारों के प्रमुख शामिल होते हैं। यह सार्क के तहत सर्वोच्च प्राधिकरण या निर्णय लेने वाला प्राधिकरण है।

मंत्रिमंडल

प्रत्येक देश का प्रतिनिधित्व परिषद में सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों द्वारा किया जाता है। परिषद सर्वोच्च नीति-निर्धारक निकाय है। यह हर दो साल में मिलता है।

स्थाई समिति

यह सदस्य देशों के विदेश सचिवों से बना है। इसकी प्राथमिक भूमिकाएँ इस प्रकार हैं:

  • कार्यक्रमों का निरीक्षण एवं समन्वय करना।
  • यह वित्तपोषण मोड और अंतर-क्षेत्रीय प्राथमिकताओं को परिभाषित करने पर केंद्रित है।
  • यह क्षेत्रीय और विदेशी संसाधनों को जुटाने के साथ-साथ उचित शोध के आधार पर सहयोग के नए क्षेत्रों को विकसित करने का प्रयास करता है।

तकनीकी समिति

सदस्य-राज्य के प्रतिनिधि अपने संबंधित विषयों में कार्यक्रम स्थापित करते हैं और पहल की योजना बनाते हैं। 

प्रोग्रामिंग समिति

यह समिति सदस्य राज्यों के सार्क प्रभागों के प्रमुखों (जेएस/डीजी/निदेशक) से बनी है। इसके कार्यों में निम्नलिखित शामिल हैं:

  • क्षेत्रीय परियोजना चयन के लिए प्रासंगिक विभिन्न क्षेत्रों पर स्थायी समिति का समर्थन करने के लिए, जिसमें सदस्य राज्यों के बीच लागत-साझाकरण तंत्र और बाह्य निधि जुटाना शामिल है।
  • गतिविधि कैलेंडर की समीक्षा करें।

कार्य समिति

सार्क चार्टर दो से अधिक, लेकिन सभी नहीं, सदस्य राज्यों की पहल के कार्यान्वयन में शामिल सदस्य राष्ट्रों से बनी कार्य समितियों के लिए प्रदान करता है।

सचिवालय

  • सार्क सचिवालय का गठन 1987 में हुआ था और इसने 1 जनवरी, 1988 को काम करना शुरू किया। 
  • सचिवालय का मिशन सार्क संचालन के कार्यान्वयन की निगरानी करना, संगठन की बैठकों की सेवा करना और संचार के माध्यम के रूप में कार्य करना है।

सार्क शिखर सम्मेलन

हर साल सार्क शिखर सम्मेलन के लिए एक अलग देश चुना जाता है। शिखर सम्मेलन के बारे में जानकारी यहाँ दी गई है।

क्रमांकवर्षआयोजन स्थल
11985ढाका, बांग्लादेश
21986बंगलौर, भारत
31987काठमांडू, नेपाल
41988इस्लामाबाद, पाकिस्तान
51990माले, मालदीव
61991कोलंबो, श्रीलंका
71993ढाका, बांग्लादेश
81995दिल्ली, भारत
91997माले, मालदीव
101998कोलंबो, श्रीलंका
112002काठमांडू, नेपाल
122004इस्लामाबाद, पाकिस्तान
132005ढाका, बांग्लादेश
142007दिल्ली, भारत
152008कोलंबो, श्रीलंका
162010थिम्पू, भूटान
172011अड्डू शहर, मालदीव
182014काठमांडू, नेपाल
192016इस्लामाबाद, पाकिस्तान (भारत द्वारा भागीदारी रद्द)

सार्क के कार्य और उपलब्धियां

प्रमुख परियोजनाएँ और कार्यक्रम

मुक्त व्यापार क्षेत्र: सार्क के अंतर्गत- वैश्विक क्षेत्र में सार्क तुलनात्मक रूप से एक नया संगठन है। सार्क के सदस्य देशों ने एक मुक्त व्यापार क्षेत्र (Free Trade Area – FTA) स्थापित किया है, जिसका उद्देश्य सदस्य देशों के बीच आंतरिक व्यापार में वृद्धि करना और कुछ देशों के व्यापार अंतराल में कमी लाना है।

SAPTA: साउथ एशिया प्रेफरेंशियल ट्रेडिंग एग्रीमेंट –साउथ एशिया प्रेफरेंशियल ट्रेडिंग एग्रीमेंट (SAPTA) वर्ष 1995 में सार्क के सदस्य देशों के मध्य व्यापार को प्रोत्साहित करने के लिए स्थापित किया गया था। इस समझौते का उद्देश्य सदस्य देशों के बीच व्यापार में प्राथ मिकताएं देकर व्यापारिक संबंधों को मजबूत करना है।

मुक्त व्यापार समझौता- सार्क मुक्त व्यापार समझौता केवल वस्तुओं तक सीमित है और इसमें सूचना प्रौद्योगिकी जैसी सेवाएं शामिल नहीं हैं। वर्ष 2016 तक सभी व्यापारिक वस्तुओं पर सीमा शुल्क को कम करने के लिए इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। इसका उद्देश्य सदस्य देशों के बीच व्यापारिक बाधाओं को कम करना और व्यापार को बढ़ावा देना है।

सार्क एग्रीमेंट ऑन ट्रेड इन सर्विस (SATIS)- सार्क एग्रीमेंट ऑन ट्रेड इन सर्विस (SATIS) सेवा उदारीकरण के क्षेत्र में व्यापार करने के लिए GATS-plus के ‘सकारात्मक सूची’ दृष्टिकोण का अनुसरण करता है। इसका उद्देश्य सदस्य देशों के बीच सेवाओं के व्यापार को बढ़ावा देना और सेवा क्षेत्र में सहयोग को प्रोत्साहित करना है।

सार्क विश्वविद्यालय और अन्य संस्थान- भारत में एक सार्क विश्वविद्यालय की स्थापना की गई है, जो उच्च शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देता है। इसके अलावा, पाकिस्तान में एक फूड बैंक और एक ऊर्जा भंडार की भी स्थापना की गई है, जो सदस्य देशों के बीच खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा को सुनिश्चित करने में मदद करता है।

महत्वपूर्ण सम्मेलन और उनके निष्कर्ष

सार्क ने कई महत्वपूर्ण सम्मेलनों का आयोजन किया है जिनके निष्कर्ष निम्नलिखित हैं:

  • ढाका सम्मेलन: 1985 में स्थापित, सार्क का पहला सम्मेलन।
  • इस्लामाबाद सम्मेलन: 2004 में, आतंकवाद के खिलाफ सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया गया।
  • काठमांडू सम्मेलन: 2014 में, सार्क मोटर वाहन समझौते पर हस्ताक्षर।

सार्क की असफलता के कारण

  • सार्क की असफलताओं के कई कारण हैं:
  • सदस्य देशों के बीच तनाव: भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद और तनाव।
  • राजनीतिक मतभेद: सदस्य देशों के बीच राजनीतिक मतभेद।
  • प्रभावी नेतृत्व की कमी: संगठन में प्रभावी नेतृत्व और दृढ़ संकल्प की कमी।

सार्क की चुनौतियाँ

  • राजनीतिक और आर्थिक मतभेद
  • सार्क के सदस्य देशों के बीच राजनीतिक और आर्थिक मतभेद संगठन के लिए एक बड़ी चुनौती हैं। इन मतभेदों के कारण संगठन के उद्देश्यों को प्राप्त करना कठिन हो जाता है।
  • सदस्य देशों के बीच तनाव
  • सदस्य देशों के बीच तनाव, विशेष रूप से भारत और पाकिस्तान के बीच, सार्क के कामकाज में बाधा डालता है। इस तनाव के कारण कई बार सम्मेलनों और बैठकों का स्थगित होना पड़ा है।
  • सार्क के पास संसाधनों की कमी भी एक बड़ी चुनौती है। वित्तीय और तकनीकी संसाधनों की कमी के कारण कई परियोजनाओं और कार्यक्रमों का प्रभावी कार्यान्वयन नहीं हो पाता है।

सार्क का भविष्य और संभावनाएँ

  • सुधार और विकास के प्रस्ताव
  • सार्क के भविष्य को मजबूत बनाने के लिए कई सुधार और विकास के प्रस्ताव हैं:
  • सदस्य देशों के बीच बेहतर संवाद: तनाव को कम करने और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए।
  • आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देना: व्यापार और निवेश को प्रोत्साहित करना।
  • संयुक्त परियोजनाएँ: ऊर्जा, परिवहन, और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में संयुक्त परियोजनाओं का विकास।
  • सार्क की भूमिका को मजबूत बनाने के उपाय
  • सार्क की भूमिका को मजबूत बनाने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:
  • प्रभावी नेतृत्व: संगठन में प्रभावी नेतृत्व की आवश्यकता।
  • संसाधनों की वृद्धि: वित्तीय और तकनीकी संसाधनों की वृद्धि।
  • अंतरराष्ट्रीय सहयोग: अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ सहयोग को बढ़ावा देना।
  • भारत के नेतृत्व का अवसर

भारत, जो दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा और शक्तिशाली देश है, सार्क में नेतृत्व की भूमिका निभा सकता है। भारत अपने अनुभव और संसाधनों का उपयोग करके सार्क के उद्देश्यों को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।अब आप जान चुके हैं सार्क क्या है और सार्क की भविष्य और संभावनाएं क्या है? 

पर्यवेक्षक सार्क सदस्य देश

दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) में पर्यवेक्षक का दर्जा उन देशों या संगठनों को दिया जाता है जो संगठन के सदस्य नहीं हैं, लेकिन SAARC के साथ निकट संबंध स्थापित करने और उसकी गतिविधियों में शामिल होने की इच्छा रखते हैं। पर्यवेक्षक सदस्य मतदान का अधिकार या प्रस्ताव देने की क्षमता नहीं रखते हैं, लेकिन वे संगठन की बैठकों में शामिल हो सकते हैं, चर्चाओं में भाग ले सकते हैं, और SAARC के भीतर संवाद में अपना योगदान दे सकते हैं। नीचे दिए गए नाम सार्क के पर्यवेक्षक देश हैं- 

  • ऑस्ट्रेलिया
  • चीन
  • यूरोपीय संघ
  • जापान
  • मॉरीशस
  • ईरान
  • कोरियान गणतन्त्र
  • म्यांमार
  • संयुक्त राज्य

सार्क में पर्यवेक्षक सदस्यों की भूमिका 

  • सहयोग बढ़ाना: पर्यवेक्षक सदस्य क्षेत्रीय मुद्दों पर अपने दृष्टिकोण, विशेषज्ञता, और अनुभव साझा करके SAARC के भीतर संवाद और सहयोग को बढ़ावा दे सकते हैं।
  • साझेदारी को बढ़ावा देना: पर्यवेक्षक सदस्य अपनी भूमिका का उपयोग SAARC के सदस्य देशों के साथ साझेदारी को सुदृढ़ करने और संबंधों को मजबूत करने के लिए कर सकते हैं, जिससे व्यापार, निवेश, और क्षेत्रीय सुरक्षा जैसे विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ सकता है।
  • सूचना तक पहुंच: पर्यवेक्षक सदस्यों को SAARC की गतिविधियों, पहलों, और चर्चाओं के बारे में जानकारी प्राप्त करने का अवसर मिलता है, जिससे उन्हें क्षेत्रीय विकास और मुद्दों की बेहतर समझ मिलती है।
  • क्षेत्रीय मुद्दों में सहभागिता: पर्यवेक्षक सदस्य व्यापार, आर्थिक विकास, पर्यावरण, और सुरक्षा जैसे क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा में भाग ले सकते हैं और क्षेत्र के बाहर से महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि और परिप्रेक्ष्य प्रदान कर सकते हैं।

यह ध्यान देना आवश्यक है कि SAARC में पर्यवेक्षक सदस्यों की विशिष्ट भूमिकाएं और विशेषाधिकार अलग-अलग हो सकते हैं। इसके अलावा, 2021 के बाद संगठन के भीतर पर्यवेक्षक की स्थिति और उनकी भूमिका में किसी भी प्रकार के अद्यतन या परिवर्तनों की पुष्टि के लिए नवीनतम और आधिकारिक स्रोतों की जांच करनी चाहिए।

निष्कर्ष

सार्क, दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन, ने पिछले दशकों में क्षेत्रीय विकास और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। हालांकि, राजनीतिक मतभेद और संसाधनों की कमी जैसी चुनौतियों के कारण संगठन को कई समस्याओं का सामना करना पड़ा है। सार्क के भविष्य को मजबूत बनाने के लिए सुधार और विकास के उपायों की आवश्यकता है, जिसमें सदस्य देशों के बीच बेहतर संवाद, आर्थिक सहयोग, और प्रभावी नेतृत्व शामिल हैं।

भारत का नेतृत्व इस दिशा में महत्वपूर्ण हो सकता है और संगठन को नई ऊँचाइयों तक पहुँचा सकता है। सार्क का लक्ष्य शांति, स्थिरता, और समृद्धि को बढ़ावा देना है, और इसके लिए सदस्य देशों के समन्वित प्रयासों की आवश्यकता है। इस ब्लॉग में सार्क क्या है, सार्क में कितने देश हैं, सार्क का मुख्यालय कहां है, सार्क के वर्तमान अध्यक्ष कौन है, और सार्क के उद्देश्य क्या हैं इन सब के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त की।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

सार्क का क्या अर्थ है?

सार्क का पूरा नाम दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (South Asian Association for Regional Cooperation) है। यह दक्षिण एशिया के देशों का एक समूह है, जिसका उद्देश्य क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देना और आर्थिक विकास को गति देना है।

सार्क में कुल कितने देश हैं?

सार्क में कुल 8 सदस्य देश हैं:
1. भारत
2. पाकिस्तान
3. बांग्लादेश
4. नेपाल
5. भूटान
6. श्रीलंका
7. मालदीव
8. अफगानिस्तान

सार्क का सबसे बड़ा देश कौन है?

भारत सार्क का सबसे बड़ा देश है, दोनों क्षेत्रफल और जनसंख्या के हिसाब से।

सार्क के वर्तमान अध्यक्ष कौन हैं?

बांग्लादेश जनवादी गणराज्य के महामहिम राजदूत गुलाम सरवर ने सार्क मंत्रिपरिषद की स्वीकृति के बाद 25 अक्टूबर 2023 को दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) के महासचिव के रूप में सचिवालय में कार्यभार संभाला।

सार्क का दूसरा नाम क्या है?

दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क)

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