Quick Summary
सार्क क्या है? सार्क दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) दक्षिण एशियाई देशों के बीच सहयोग और विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बनाया गया एक संगठन है। सार्क की स्थापना 8 दिसंबर 1985 को बांग्लादेश की राजधानी ढाका में सार्क घोषणा पत्र के हस्ताक्षर के साथ की गई थी। । इस संगठन के माध्यम से सदस्य देश आपस में आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, तकनीकी और वैज्ञानिक सहयोग को बढ़ावा देते हैं। 2007 में 13वें वार्षिक शिखर सम्मेलन में अफगानिस्तान सार्क का सबसे नया सदस्य बना। सार्क को अस्तित्व में आए अब तीन दशक हो चुके हैं। अठारह शिखर सम्मेलन हो चुके हैं। कुछ उल्लेखनीय ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल की गयी हैं।
इस ब्लॉग में सार्क क्या है, सार्क में कितने देश हैं सार्क का मुख्यालय कहां है , सार्क के वर्तमान अध्यक्ष कौन है, और सार्क के उद्देश्य क्या हैं इन सब के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करेंगे।
सार्क क्या है? जानने के लिए सार्क के उद्देश्य क्या हैं पर एक नजर डालते हैं। सार्क उन मुख्य उद्देश्यों पर जोर देता है जो इसके संचालन को निर्देशित करते हैं और इसकी संस्कृति को आकार देते हैं निम्नलिखित अनुभाग इन मौलिक सार्क उद्देश्यों पर विस्तार से प्रकाश डालता है:
सार्क सभी सदस्य देशों की संप्रभु समानता को अत्यधिक महत्व देता है। इसका तात्पर्य है कि संगठन में प्रत्येक सदस्य की स्थिति समान है, चाहे उनका आकार या आर्थिक शक्ति कुछ भी हो। यह सिद्धांत सुनिश्चित करता है कि सभी सदस्य देशों की आवाज़ों को निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में सुना और सम्मानित किया जाए, जिससे न्याय की भावना को बढ़ावा मिलता है।
सार्क के उद्देश्यों में क्षेत्रीय अखंडता एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है, जो इसके सदस्य देशों की सीमाओं और भौगोलिक अखंडता की रक्षा की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह विचार सभी सदस्य देशों की क्षेत्रीय संप्रभुता को मान्यता देने और उसे बनाए रखने पर जोर देता है, साथ ही विश्वास और सहयोग को प्रोत्साहित करता है।
सार्क का एक प्रमुख उद्देश्य है कि वह अपने सदस्य देशों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप से बचाता है। इसका मतलब है कि प्रत्येक सदस्य देश स्वतंत्र रूप से अपनी राजनीतिक, आर्थिक, और सामाजिक व्यवस्थाओं को बिना बाहरी दबाव या हस्तक्षेप के स्वतंत्रता से प्रबंधित कर सकता है। यह सिद्धांत सदस्य देशों के बीच विश्वास और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है, जिससे एक सौहार्दपूर्ण और शांतिपूर्ण क्षेत्रीय संबंध बनाए रखे जा सकें।
सार्क का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को सुनिश्चित करना है। इसके सदस्य देश विवादों को हल करने के लिए संचार और वार्ता का उपयोग करने के प्रति प्रतिबद्ध हैं। यह सिद्धांत कूटनीति और सहयोग के महत्व को बढ़ावा देता है, जिससे दक्षिण एशियाई क्षेत्र में एक सुरक्षित और सहयोगी वातावरण का निर्माण किया जा सके।
सार्क का उद्देश्य क्षेत्रीय अखंडता को बनाए रखना है, जिसका मतलब है कि सदस्य देशों की भौगोलिक सीमाओं और राष्ट्रीय संप्रभुता का सम्मान किया जाए। इसके उद्देश्यों के तहत, सार्क सुनिश्चित करता है कि प्रत्येक सदस्य देश की क्षेत्रीय संप्रभुता की सुरक्षा की जाए और किसी भी तरह की बाहरी हस्तक्षेप को रोका जाए। इसके द्वारा, सदस्य देशों के बीच आपसी विश्वास और सहयोग को बढ़ावा दिया जाता है, जिससे क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को प्रोत्साहन मिलता है।
संख्या | देश | जनसंख्या (2024) | शामिल होने का वर्ष |
1 | भारत | 1.4 अरब | 2007 |
2 | पाकिस्तान | 231 मिलियन | 1985 |
3 | बांग्लादेश | 172 मिलियन | 1985 |
4 | श्रीलंका | 22 मिलियन | 1985 |
5 | नेपाल | 30 मिलियन | 1985 |
6 | मालदीव | 0.5 मिलियन | 1985 |
7 | भूटान | 0.8 मिलियन | 1985 |
8 | अफगानिस्तान | 40 मिलियन | 1985 |
सवाल आता है कि सार्क का मुख्यालय कहां है तो हम आपको बता दें सार्क का मुख्यालय नेपाल की राजधानी काठमांडू में स्थित है। मुख्यालय की स्थापना 1987 में हुई थी और यह संगठन के प्रशासनिक कार्यों को संचालित करता है।
संख्या | नाम | देश | कार्यकाल शुरू | कार्यकाल ख़तम |
1. | अबुल एहसान | बांग्लादेश | 16 जनवरी 1985 | 15 अक्टूबर 1989 |
2. | किशोर कांत भार्गव | भारत | 17 अक्टूबर 1989 | 31 दिसम्बर 1991 |
3. | इब्राहिम हुसैन जाकी | मालदीव | 1 जनवरी 1992 | 31 दिसम्बर 1993 |
4. | सिल्लवाल कांत यादव | नेपाल | 1 जनवरी 1994 | 31 दिसम्बर 1995 |
5. | नीम यू. हसन | पाकिस्तान | 1 जनवरी 1996 | 31 दिसम्बर 1998 |
6. | निहाल रोड्रिगो | श्रीलंका | 1 जनवरी 1999 | 10 जनवरी 2002 |
7. | Q. A. M. A. रहीम | बांग्लादेश | 11 जनवरी 2002 | 28 फरवरी 2005 |
8. | चेन्याब चेंकयाब दोरजी | भूटान | 1 मार्च 2005 | 29 फरवरी 2008 |
9. | शील कांत शर्मा | भारत | 1 मार्च 2008 | 28 फरवरी 2011 |
10. | फातिमाथ धियाना सईद | मालदीव | 1 मार्च 2011 | 11 मार्च 2012 |
11. | अहमद सलीम | मालदीव | 12 मार्च 2012 | 28 फरवरी 2014 |
12. | अर्जुन बहादुर थापा | नेपाल | 1 मार्च 2014 | 28 फरवरी 2017 |
13. | अमजद हुसैन बी. सियाल | पाकिस्तान | 1 मार्च 2017 | 2020 |
14. | एसाला रुवान वीराकोन | श्रीलंका | 1 मार्च 2020 | 2023 |
15. | गुलाम सरवर | बांग्लादेश | 25 अक्टूबर 2023 | वर्तमान |
बांग्लादेश जनवादी गणराज्य के महामहिम राजदूत गुलाम सरवर ने 25 अक्टूबर 2023 को दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) के महासचिव के रूप में सचिवालय में कार्यभार संभाला।
सार्क में महासचिव का पद होता है। बांग्लादेश जनवादी गणराज्य के महामहिम राजदूत गुलाम सरवर ने 25 अक्टूबर 2023 को दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) के महासचिव के रूप में सचिवालय में कार्यभार संभाला। राजदूत गुलाम सरवर SAARC के पंद्रहवें महासचिव और बांग्लादेश सरकार के तीसरे महासचिव हैं। राजदूत सरवर जुलाई 1966 का जन्म ढाका में हुआ। उन्होंने ढाका विश्वविद्यालय से वाणिज्य/व्यवसाय में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की है।
राजदूत गुलाम सरवर ने जर्मनी में उन्नत कूटनीतिक प्रशिक्षण प्राप्त किया था। उनकी शादी सुश्री तस्लीमा से हुई है और उनके दो बेटे हैं। इस ब्लॉग में सार्क क्या है जानने के साथ ही साथ इसके वर्तमान अध्यक्ष का परिचय भी जाना।
सार्क के अध्यक्ष का कार्यकाल आमतौर पर एक वर्ष का होता है। महासचिव को सदस्य देशों के मंत्रिपरिषद द्वारा चुनाव के माध्यम से तीन साल के कार्यकाल के लिए नियुक्त किया जाता है।अध्यक्ष का चयन सदस्य देशों के नेताओं के आपसी सहमति से किया जाता है। अध्यक्षता प्रत्येक सदस्य देश के पास क्रमवार बदलती रहती है।
सार्क संगठन निम्नलिखित परतों में विभाजित है:
शिखर सम्मेलन हर दो साल में आयोजित होने वाली एक बैठक है और इसमें सार्क सदस्य देशों के सभी राज्यों/सरकारों के प्रमुख शामिल होते हैं। यह सार्क के तहत सर्वोच्च प्राधिकरण या निर्णय लेने वाला प्राधिकरण है।
प्रत्येक देश का प्रतिनिधित्व परिषद में सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों द्वारा किया जाता है। परिषद सर्वोच्च नीति-निर्धारक निकाय है। यह हर दो साल में मिलता है।
यह सदस्य देशों के विदेश सचिवों से बना है। इसकी प्राथमिक भूमिकाएँ इस प्रकार हैं:
सदस्य-राज्य के प्रतिनिधि अपने संबंधित विषयों में कार्यक्रम स्थापित करते हैं और पहल की योजना बनाते हैं।
यह समिति सदस्य राज्यों के सार्क प्रभागों के प्रमुखों (जेएस/डीजी/निदेशक) से बनी है। इसके कार्यों में निम्नलिखित शामिल हैं:
सार्क चार्टर दो से अधिक, लेकिन सभी नहीं, सदस्य राज्यों की पहल के कार्यान्वयन में शामिल सदस्य राष्ट्रों से बनी कार्य समितियों के लिए प्रदान करता है।
क्रमांक | वर्ष | आयोजन स्थल |
1 | 1985 | ढाका, बांग्लादेश |
2 | 1986 | बंगलौर, भारत |
3 | 1987 | काठमांडू, नेपाल |
4 | 1988 | इस्लामाबाद, पाकिस्तान |
5 | 1990 | माले, मालदीव |
6 | 1991 | कोलंबो, श्रीलंका |
7 | 1993 | ढाका, बांग्लादेश |
8 | 1995 | दिल्ली, भारत |
9 | 1997 | माले, मालदीव |
10 | 1998 | कोलंबो, श्रीलंका |
11 | 2002 | काठमांडू, नेपाल |
12 | 2004 | इस्लामाबाद, पाकिस्तान |
13 | 2005 | ढाका, बांग्लादेश |
14 | 2007 | दिल्ली, भारत |
15 | 2008 | कोलंबो, श्रीलंका |
16 | 2010 | थिम्पू, भूटान |
17 | 2011 | अड्डू शहर, मालदीव |
18 | 2014 | काठमांडू, नेपाल |
19 | 2016 | इस्लामाबाद, पाकिस्तान (भारत द्वारा भागीदारी रद्द) |
भारत, जो दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा और शक्तिशाली देश है, सार्क में नेतृत्व की भूमिका निभा सकता है। भारत अपने अनुभव और संसाधनों का उपयोग करके सार्क के उद्देश्यों को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।अब आप जान चुके हैं सार्क क्या है और सार्क की भविष्य और संभावनाएं क्या है?
दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) में पर्यवेक्षक का दर्जा उन देशों या संगठनों को दिया जाता है जो संगठन के सदस्य नहीं हैं, लेकिन SAARC के साथ निकट संबंध स्थापित करने और उसकी गतिविधियों में शामिल होने की इच्छा रखते हैं। पर्यवेक्षक सदस्य मतदान का अधिकार या प्रस्ताव देने की क्षमता नहीं रखते हैं, लेकिन वे संगठन की बैठकों में शामिल हो सकते हैं, चर्चाओं में भाग ले सकते हैं, और SAARC के भीतर संवाद में अपना योगदान दे सकते हैं। नीचे दिए गए नाम सार्क के पर्यवेक्षक देश हैं-
सार्क, दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन, ने पिछले दशकों में क्षेत्रीय विकास और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। हालांकि, राजनीतिक मतभेद और संसाधनों की कमी जैसी चुनौतियों के कारण संगठन को कई समस्याओं का सामना करना पड़ा है। सार्क के भविष्य को मजबूत बनाने के लिए सुधार और विकास के उपायों की आवश्यकता है, जिसमें सदस्य देशों के बीच बेहतर संवाद, आर्थिक सहयोग, और प्रभावी नेतृत्व शामिल हैं।
भारत का नेतृत्व इस दिशा में महत्वपूर्ण हो सकता है और संगठन को नई ऊँचाइयों तक पहुँचा सकता है। सार्क का लक्ष्य शांति, स्थिरता, और समृद्धि को बढ़ावा देना है, और इसके लिए सदस्य देशों के समन्वित प्रयासों की आवश्यकता है। इस ब्लॉग में सार्क क्या है, सार्क में कितने देश हैं, सार्क का मुख्यालय कहां है, सार्क के वर्तमान अध्यक्ष कौन है, और सार्क के उद्देश्य क्या हैं इन सब के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त की।
सार्क का पूरा नाम दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (South Asian Association for Regional Cooperation) है। यह दक्षिण एशिया के देशों का एक समूह है, जिसका उद्देश्य क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देना और आर्थिक विकास को गति देना है।
सार्क में कुल 8 सदस्य देश हैं:
1. भारत
2. पाकिस्तान
3. बांग्लादेश
4. नेपाल
5. भूटान
6. श्रीलंका
7. मालदीव
8. अफगानिस्तान
भारत सार्क का सबसे बड़ा देश है, दोनों क्षेत्रफल और जनसंख्या के हिसाब से।
बांग्लादेश जनवादी गणराज्य के महामहिम राजदूत गुलाम सरवर ने सार्क मंत्रिपरिषद की स्वीकृति के बाद 25 अक्टूबर 2023 को दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) के महासचिव के रूप में सचिवालय में कार्यभार संभाला।
दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क)
ऐसे और आर्टिकल्स पड़ने के लिए, यहाँ क्लिक करे
adhik sambandhit lekh padhane ke lie
Chegg India does not ask for money to offer any opportunity with the company. We request you to be vigilant before sharing your personal and financial information with any third party. Beware of fraudulent activities claiming affiliation with our company and promising monetary rewards or benefits. Chegg India shall not be responsible for any losses resulting from such activities.
Chegg India does not ask for money to offer any opportunity with the company. We request you to be vigilant before sharing your personal and financial information with any third party. Beware of fraudulent activities claiming affiliation with our company and promising monetary rewards or benefits. Chegg India shall not be responsible for any losses resulting from such activities.
© 2024 Chegg Inc. All rights reserved.