स्वतंत्रता सेनानियों के नाम और वीरों का बलिदान 

September 12, 2024
स्वतंत्रता सेनानियों के नाम
Quick Summary

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  • उन स्वतंत्रता सेनानियों की नाम सूची जिन्होंने आजादी पाने के लिए अंग्रेजों के साथ बहादुरी से लड़ाई लड़ी:

    • महात्मा गांधी
    • कुंवर सिंह
    • विनायक दामोदर सावरकरी
    • दादाभाई नौरोजी
    • तांतिया टोपे
    • के एम मुंशी
    • जवाहर लाल नेहरू
    • अशफाकउल्ला खान
    • सरदार वल्लभ भाई पटेल
    • लाला लाजपत राय
    • राम प्रसाद बिस्मिली
    • बाल गंगाधर तिलकी
    • रानी लक्ष्मी बाई
    • बिपिन चंद्र पाल
    • चित्तरंजन दासो
    • बेगम हजरत महल
    • भगत सिंह
    • लाल बहादुर शास्त्री
    • नाना साहब
    • चंद्रशेखर आजाद
    • सी. राजगोपालाचारी
    • अब्दुल हाफिज मोहम्मद बराकतुल्लाह
    • सुभाष चंद्र बोस
    • मंगल पांडे
    • सुखदेव

Table of Contents

भारत, एक ऐसा देश जिसे सोने की चिड़िया कहा जाता था। जहां की समृद्धि और वैभव की गूंज पूरी दुनिया में सुनाई देती थी। लेकिन भारत के इसी वैभव ने भारत को गुलाम बना दिया और सैकड़ो सालों की गुलामी, ग़रीबी और कुर्बानिया देकर देश को आज़ाद कराया जा सका। भारत को अपनी आजादी ऐसे ही नहीं मिली है बल्कि हमें इसके लिए बहुत संघर्ष और त्याग और कुर्बानिया देनी पड़ी है।

भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों के नाम

स्वतंत्रता सेनानियों के नामयोगदान
मोहनदास करमचन्द गांधीराष्ट्रपिता के रूप में प्रसिद्ध। सत्याग्रह, चंपारण और खेड़ा सत्याग्रह, सविनय अवज्ञा आंदोलन, और भारत छोड़ो आंदोलन का नेतृत्व किया। अहिंसा के मार्ग का अनुसरण किया।
गोपाल कृष्ण गोखलेमहात्मा गांधी के राजनीतिक गुरु। ब्रिटिश सरकार के खिलाफ सुधारात्मक आंदोलनों की शुरुआत की।
डॉ. बी आर अम्बेडकरभारतीय संविधान के जनक। भारत के पहले विधि मंत्री। जातिवाद और सामाजिक भेदभाव के खिलाफ संघर्ष किया।
डॉ. राजेंद्र प्रसादभारत गणराज्य के पहले राष्ट्रपति। स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय भागीदारी।
सरदार वल्लभ भाई पटेलसविनय अवज्ञा आंदोलन और भारत छोड़ो आंदोलन में सक्रिय भूमिका। एकीकृत भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान।
जवाहरलाल नेहरूस्वतंत्रता सेनानी और भारत के पहले प्रधानमंत्री। औद्योगिक और वैज्ञानिक विकास को प्रोत्साहित किया।
सरदार भगत सिंहप्रमुख क्रांतिकारी। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में युवाओं को प्रेरित किया और ब्रिटिश शासन के खिलाफ हिंसात्मक संघर्ष किया।
रानी गाइदिनल्यूनागा आध्यात्मिक और राजनीतिक नेता। ब्रिटिश शासन के खिलाफ नागा विद्रोह का नेतृत्व किया।
पिंगली वेंकैयाभारतीय राष्ट्रीय ध्वज के डिज़ाइनर।
रानी लक्ष्मी बाई1857 के विद्रोह की प्रमुख नेता। ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ वीरतापूर्वक लड़ीं।
वीरपांडिया कट्टाबोम्मन18वीं सदी के तमिल सरदार। ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ विद्रोह का नेतृत्व किया।
मंगल पांडे1857 के भारतीय विद्रोह का प्रतीक। ब्रिटिश सैनिक के खिलाफ विद्रोह किया।
बख्त खान1857 के विद्रोह में प्रमुख सैन्य नेता।
चेतराम जाटव1857 के विद्रोह में भागीदार।
बहादुर शाह जफर1857 के विद्रोह के प्रमुख नेता और अंतिम मुग़ल सम्राट।
बेगम हजरत महल1857 के विद्रोह में महत्वपूर्ण भूमिका। अवध की बेगम और ब्रिटिश शासन के खिलाफ संघर्ष किया।
अशफाक उल्ला खांकाकोरी कांड में शामिल प्रमुख क्रांतिकारी।
मन्मथ नाथ गुप्ताकाकोरी कांड में भागीदार।
राजेंद्र लाहिरीकाकोरी कांड में भागीदार।
सचिंद्र बक्शीकाकोरी कांड में भागीदार।
रामप्रसाद बिस्मिलकाकोरी कांड के प्रमुख नेता।
रोशन सिंहकाकोरी कांड में भागीदार।
जोगेश चंद्र चटर्जीकाकोरी कांड में भागीदार।
एनी बेसेंटहोमरूल आंदोलन की शुरुआत की।
बाघा जतिनहावड़ा-शिबपुर षड्यंत्र केस में भागीदार।
करतार सिंह सराभालाहौर षड्यंत्र केस में शामिल।
बसावन सिंह (सिन्हा)लाहौर षड्यंत्र केस में भागीदार।
सेनापति बापटमुलशी सत्याग्रह के नेता।
भीकाजी कामा1907 में जर्मनी में भारतीय ध्वज फहराया।
कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशीभारतीय विद्या भवन के संस्थापक।
तिरुपुर कुमारनदेशबंधु यूथ एसोसिएशन के संस्थापक।
लक्ष्मी सहगलभारतीय राष्ट्रीय सेना की अधिकारी।
पर्बतीति गिरिपश्चिमी उड़ीसा की मदर टेरेसा।
कन्नेजंती हनुमंथुपालनाडु विद्रोह में भागीदार।
अल्लूरी सीताराम राजूरंपा विद्रोह का नेता।
सुचेता कृपलानीअखिल भारतीय महिला कांग्रेस की संस्थापक। 15 अगस्त 1947 को संविधान सभा में वंदे मातरम गाया।
भवभूषण मित्रागदर विद्रोह में शामिल।
चंद्रशेखर आजादहिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन का पुनर्गठन किया।
सुभाष चंद्र बोसभारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष और भारतीय राष्ट्रीय सेना के प्रमुख नेता।
लाल बहादुर शास्त्रीश्वेत क्रांति और हरित क्रांति के लिए प्रसिद्ध। भारत के दूसरे प्रधानमंत्री।
चितरंजन दासबंगाल से असहयोग आंदोलन के नेता और स्वराज पार्टी के संस्थापक।
प्रफुल्ल पांवमुजफ्फरपुर हत्याकांड में शामिल।
खुदीराम बोसअंग्रेज अधिकारी के खिलाफ आत्मघाती हमला किया।
मदन लाल ढींगराविलियम कर्जन वाइली की हत्या में शामिल।
सूर्य सेनचटगांव शस्त्रागार पर हमले का योजनाकार।
प्रीति लता वाडेकरपहाड़तली यूरोपियन क्लब पर हमला किया।
रासबिहारी बोसभारतीय राष्ट्रीय सेना (INA) का हिस्सा।
श्यामजी कृष्ण वर्मालंदन में इंडियन होम रूल सोसाइटी, इंडिया हाउस, और द इंडियन सोशियोलॉजिस्ट के संस्थापक।
सुबोध रायतेभागा आंदोलन में शामिल।
तंगुटूरी प्रकाशमआंध्र प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री।
उबैदुल्लाह सिंधीरेशम पत्र षड्यंत्र में शामिल।
वासुदेव बलवंत फड़केदक्कन विद्रोह के नेतृत्वकर्ता।
विनायक दामोदर सावरकरहिंदू महासभा के प्रमुख व्यक्तियों में से एक और हिंदू राष्ट्रवादी दर्शन के सूत्रधार।

10 स्वतंत्रता सेनानियों के नाम और योगदान : Top 10 Freedom Fighters of India

स्वतंत्रता सेनानियों के नामयोगदान
महात्मा गांधीभारत के आजादी के मुख्य नेता, सत्य और अहिंसा के लिए विश्व प्रसिद्ध| 
भारत छोड़ो आंदोलन के मुख्य प्रेरणा स्रोत और नेता।
“करो या मरो” का नारा दिया और लोगों को अहिंसक विरोध के लिए प्रेरित किया।
पूरे देश में सत्याग्रह
और क्रांतिकारी आंदोलन का नेतृत्व किया।
जवाहरलाल नेहरूकांग्रेस के सबसे युवा और लोकप्रिय नेताओं में से एक थे।
“भारत छोड़ो” प्रस्ताव के प्रारूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
पूरे देश में स्वतंत्रता आंदोलन को संगठित करने और प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
आज़ादी के बाद भारत के पहले प्रधानमंत्री बने| 
सरदारवल्लभभाई पटेल“सरदार” के नाम से जाने जाते थे, वे कांग्रेस के एक मजबूत नेता थे।
उन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान किसानों और मजदूरों को संगठित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
स्वतंत्रता के बाद, उन्होंने भारत के एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
मौलाना अबुल कलाम आजादभारत के एक प्रसिद्ध विद्वान और मुस्लिम नेता थे।
उन्होंने “भारत छोड़ो” प्रस्ताव का समर्थन किया और मुसलमानों को क्रांतिकारी आंदोलन में शामिल होने के लिए प्रेरित किया।
स्वतंत्रता के बाद, वे भारत के पहले शिक्षा मंत्री बने।
सुभाष चंद्र बोसआज़ाद हिंद फ़ौज (INA) का गठन किया, जिसने बर्मा में ब्रिटिश सेना से लड़ाई लड़ी।
भारत को आजादी दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
स्वतंत्रता आंदोलन के लिए देश के बाहर से भी मदद जुटाई। 
तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूंगा का नारा दिया| 
भगत सिंह भारत की आज़ादी के लिए उग्र रास्ता चुनने वाले युवा नेता| चंद्र शेखर “आज़ाद” के साथ हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन (HSRA) की स्थापना की।
अंग्रेज़ अधिकारी सांडर्स की हत्या करके युवाओं में आज़ादी की भावना प्रबल की| 
चंद्रशेखर “आज़ाद”आजादी के लिए युवाओं को जगाने वाले प्रमुख युवा नेता|काकोरी कांड के प्रमुख नेता| 
आज़ाद था और आज़ाद ही रहूंगा का नारा देकर अंग्रेज़ो की नींद उड़ाने वाले युवा नेता| 
रानी लक्ष्मीबाई 1857 के पहले विद्रोह का नेतृत्व किया| 
ईस्ट इंडिया कंपनी के ख़िलाफ़ लड़ने वाली महिला नेता| “झांसी की रानी” के नाम से प्रसिद्द महिला रानी| 
बाल गंगाधर तिलक “स्वराज मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है”  नारा देकर आज़ादी का बिगुल बजाने वाले सीनियर नेता|
लाल-बाल-पाल की तिकड़ी के प्रमुख नेता| 
लाला लाजपत राय पंजाब केसरी के नाम से प्रसिद्द| इंडियन नेशनल कांग्रेस और PNB बैंक के प्रमुख सदस्य|
 बंगाल विभाजन, जलियावाला हत्याकांड के खिलाफ आंदोलन| 

भारत का स्वतंत्रता संग्राम

भारत का स्वतंत्रता संग्राम 1857 से ही शुरू हो गया था जिसे सैनिक विद्रोह के नाम से जाना है और यही विद्रोह पहला स्वतंत्रता संग्राम भी कहा जाता है। दरअसल इस विद्रोह ने अंग्रेज़ो की नींद उड़ा दी थी। इस पहले स्वतंत्रता संग्राम में मंगल पांडे, रानी लक्ष्मीबाई और तात्या टोपे जैसे वीरों ने अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह किया।

10 स्वतंत्रता सेनानियों के नाम और  उनके योगदान 

1.महात्मा गांधी

  • महात्मा गांधी को बापू के नाम से भी जाना जाता है| उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अहिंसा और सत्याग्रह का मार्ग अपनाया। उनके कुछ प्रमुख संघर्ष और बलिदान इस प्रकार हैं-
  • 1915 में दक्षिण अफ्रीका से लौटकर गांधीजी ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई।
  • 1919  में जलियांवाला बाग हत्याकांड के बाद रॉलेट एक्ट के विरोध में असहयोग आंदोलन की शुरुआत की।
  • 1930 में दांडी यात्रा, नमक सत्याग्रह के रूप में प्रसिद्ध, उन्होंने 12 मार्च से 6 अप्रैल तक पैदल यात्रा की और ब्रिटिश नमक कानून को तोड़ा।
  • 1942 भारत छोड़ो आंदोलन का नेतृत्व किया, जिसमें उन्होंने ‘करो या मरो’ का नारा दिया। इसके परिणामस्वरूप उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और कई महीनों तक जेल में रखा गया।

2 . चंद्रशेखर आजाद

चंद्रशेखर आजाद एक महान क्रांतिकारी थे| उन्होंने  भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके कुछ प्रमुख संघर्ष और बलिदान निम्नलिखित हैं| 

  • 1925 में काकोरी कांड में शामिल होकर उन्होंने सरकारी खजाना लूटा, जिससे ब्रिटिश सरकार को आर्थिक नुकसान हुआ।
  • 1928 में लाला लाजपत राय की मृत्यु का बदला लेने के लिए सांडर्स की हत्या में भाग लिया।
  • 1931 में  इलाहाबाद के अल्फ्रेड पार्क में अंग्रेजों से मुठभेड़ के दौरान, गिरफ्तारी से बचने के लिए उन्होंने खुद को गोली मार ली लेकिन आखिरी दम तक अंग्रेज़ो के हाथ नहीं आये।

3 . भगत सिंह

भगत सिंह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक महान क्रन्तिकारी थे|  उन्होंने अपने साहसिक कार्यों से ब्रिटिश सरकार को हिला दिया था। उनके कुछ प्रमुख संघर्ष और बलिदान इस प्रकार हैं:

  • 1928 में लाला लाजपत राय की मौत का बदला लेने के लिए सांडर्स की हत्या की।
  • 1929 में दिल्ली असेंबली में बम फेंककर ब्रिटिश सरकार को चेतावनी दी, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
  • 23 मार्च 1931 को भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी दी गई। उन्होंने हंसते-हंसते फांसी के फंदे को चूमा और देश के लिए बलिदान दिया।

4 . रानी लक्ष्मीबाई

रानी लक्ष्मीबाई ने 1857 के पहले स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके संघर्ष और बलिदान इस प्रकार हैं:

  • 1857 में झांसी की रानी के रूप में उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ बगावत की और अपनी रियासत की रक्षा की।
  • 1858 में अंग्रेजों के साथ युद्ध में अदम्य साहस दिखाया और अंततः ग्वालियर में वीरगति प्राप्त की।

रानी लक्ष्मीबाई का जीवन और बलिदान भारतीय इतिहास में वीरता और देशभक्ति का प्रतीक है।

5 . सुभाष चंद्र बोस

सुभाष चंद्र बोस, जिन्हें नेताजी के नाम से जाना जाता है, ने आजाद हिंद फौज का गठन किया और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनके कुछ प्रमुख संघर्ष और बलिदान इस प्रकार हैं:

  • 1941 में  ब्रिटिश नजरबंदी से भागकर जर्मनी और फिर जापान पहुंचे, जहां उन्होंने आजाद हिंद फौज का गठन किया।
  • 1943 में ‘दिल्ली चलो’ का नारा देकर भारतीय राष्ट्रीय सेना (आईएनए) के साथ अंग्रेजों से मुकाबला किया।
  • 1945 में  विमान दुर्घटना में उनकी मृत्यु हो गई, जिसे आज भी रहस्यमय माना जाता है।
  • सुभाष चंद्र बोस और उनकी आज़ाद हिंदी फ़ौज का संघर्ष और बलिदान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय है।

ब्रिटिश हुकूमत और उनका अत्याचार

पहले ईस्ट इंडिया कंपनी और बाद में ब्रिटिश सरकार के अधिकारियों ने भारत को हर तरफ से लूटकर सोने की चिड़िया को एक कंगाल और गरीब देश में तब्दील कर दिया था। भारी-भरकम टेक्स, गरीब किसानों से जबरन नील की खेती करवाना, लोगों को जेल में डाल देना और यातनाएं देना अंग्रेजों के लिए आम बात हो चुकी थी।

अंग्रेज़ी शासन का भारत को गुलाम बनाना

सन 1600 के आसपास ईस्ट इंडिया कंपनी भारत के साथ मसालों का बिज़नेस करने के लिए आई थी   लेकिन धीरे-धीरे अंग्रेजों ने धन-बल और छल से भारत पर अपना कब्जा करना भी शुरू कर दिया। 1757 में प्लासी की लड़ाई के बाद, अंग्रेजों ने बंगाल पर कब्जा कर लिया और यही से उनकी हुकूमत की शुरुआत हुई। इसके बाद, उन्होंने धीरे-धीरे पूरे भारत को अपना गुलाम बना लिया। 

अंग्रेजों की हुकूमत हम भारतीयों के लिए बहुत ही मुश्किल समय था। उन्होंने भारत के लोगों पर जिस तरह  का अत्याचार और शोषण किया था, उसको शब्दों में बयां ही नहीं किया जा सकता, लेकिन हम कुछ पॉइंट में समझने की कोशिश करेंगे-

  • टैक्स सिस्टम –  अंग्रेजों ने किसानों पर भारी कर लगाए, जिससे उनकी हालत बहुत खराब हो गई। किसान अपनी फसल का बड़ा हिस्सा टैक्स के रूप में देने के लिए मजबूर थे, जिससे किसानों के पास दो वक्त की रोटी का अनाज भी मुश्किल से बच पाता था। 
  • अधिकारों का हनन अंग्रेजों ने भारतीयों के मौलिक अधिकार छीन लिए थे। उन्होंने भारतीयों को अपने ही देश में दूसरे दर्जे का नागरिक बना दिया था। 
  • अकाल और भूखमरी अंग्रेजों की नीतियों और शोषण की वजह से कई बार अकाल पड़े और लाखों लोग भूख से मर गए। अंग्रेजों ने इन अकालों के समय भी भारतीयों की मदद नहीं की, बल्कि उनके शोषण को ओर भी ज़्यादा बढ़ा दिया।
  • सामाजिक और सांस्कृतिक शोषण– अंग्रेजों ने भारतीय समाज और संस्कृति पर भी प्रहार किया। उन्होंने भारतीय शिक्षा प्रणाली को कमजोर किया और अंग्रेजी शिक्षा को बढ़ावा दिया। इससे भारतीय संस्कृति और परंपराओं को बहुत नुकसान हुआ।

स्वतंत्रता सेनानियों की विरासत

देश की आज़ादी के लिए उनका बलिदान और उनके विचार ही उनकी विरासत है। नीचे स्वतंत्रता सेनानियों के नाम और उनके विभिन्न विचारों के बारे में बता रहे है:

हमारे महान सेनानियों के विचार

स्वतंत्रता सेनानियों के नाम, उनके बलिदान और संघर्ष नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। उनके आदर्श और संघर्ष हमें यह सिखाते हैं कि कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी हमें अपने उद्देश्य के प्रति अडिग रहना चाहिए और कभी हार नहीं माननी चाहिए। महात्मा गांधी के सत्य और अहिंसा के सिद्धांत, भगत सिंह का साहस और बलिदान, सुभाष चंद्र बोस का नेतृत्व और रानी लक्ष्मीबाई की वीरता हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।

  • तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा (सुभाष चंद्र बोस) 
  • इंकलाब जिंदाबाद (शहीद भगत सिंह) 
  • करो या मरो (महात्मा गांधी) 
  • सत्यमेव जयते (पंडित मदन मोहन मालवीय) 
  • सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है (रामप्रसाद बिस्मिल)

निष्कर्ष

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और हमारे वीर स्वतंत्रता सेनानियों के नाम इतिहास के उन स्वर्णिम पन्नों में दर्ज है, जिन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकता। स्वतंत्रता सेनानियों के नाम और वीरों का बलिदान में हमने ये जाना भारत की आज़ादी के पीछे वीर सेनानियों की अनगिनत कुर्बानियां हैं। हमें उनके आदर्शों और विचारों को अपने जीवन में अपनाकर उनकी विरासत को संजोना चाहिए और नई पीढ़ी को भी इसके लिए प्रेरित करना चाहिए। भारतीय क्रांतिकारी आंदोलन की इस गौरवशाली गाथा को हमेशा याद रखा जाएगा और हमारे वीर सेनानियों का बलिदान हमें हमेशा प्रेरणा देता रहेगा।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

10 स्वतंत्रता सेनानी कौन है?

महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह, सरदार वल्लभभाई पटेल, जवाहरलाल नेहरू, लाला लाजपत राय, बाल गंगाधर तिलक, चंद्रशेखर आज़ाद, रानी लक्ष्मीबाई, और डॉ. भीमराव अंबेडकर ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

आजादी के लिए कौन कौन लड़े थे?

भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु, चंद्रशेखर आजाद, सूर्य सेन, राम प्रसाद बिस्मिल, राजेंद्र लाहिड़ी, बटुकेश्वर दत्त, अशफाकउल्ला खां और उधम सिंह जैसे अनगिनत क्रांतिकारियों ने देश की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। उनके बलिदान के परिणामस्वरूप, 15 अगस्त 1947 को भारत अंग्रेजी शासन से मुक्त हो गया।

महिला स्वतंत्रता सेनानियों के 10 नाम क्या है?

भारत की प्रमुख महिला स्वतंत्रता सेनानियों में शामिल हैं: रानी लक्ष्मीबाई, सरोजिनी नायडू, कमला देवी चटोपाध्याय, भीकाजी कामा, एनी बेसेंट, अरुणा आसफ़ अली, विजयलक्ष्मी पंडित, बेगम हजरत महल, सुचेता कृपलानी, और किट्टूर रानी चेन्नम्मा।

12 वर्ष की आयु में स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लेने वाले बालक कौन था?

बाजी राउत स्वतंत्रता संग्राम के एक वीर सेनानी थे। मात्र 12 वर्ष की आयु में उन्होंने अंग्रेजों की गोलियों का सामना किया और शहीद हो गए। इतिहास में उन्हें सबसे कम उम्र का शहीद माना जाता है। उनका जन्म 1926 में ओडिशा के ढेंकनाल में हुआ था।

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