संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद

November 28, 2024
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद
Quick Summary

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  • संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC), संयुक्त राष्ट्र का प्रमुख अंग है, जो वैश्विक शांति और सुरक्षा को बनाए रखने के लिए जिम्मेदार है।
  • इसमें 15 सदस्य होते हैं, जिनमें से 5 स्थायी सदस्य (अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस, ब्रिटेन) और 10 अस्थायी सदस्य होते हैं।
  • सुरक्षा परिषद का मुख्य उद्देश्य युद्धों को रोकना, संघर्षों का समाधान और वैश्विक स्थिरता सुनिश्चित करना है।

Table of Contents

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) संयुक्त राष्ट्र के छः प्रमुख अंगों में से एक है, जिसका मुख्य उद्देश्य अन्तरराष्ट्रीय शान्ति और सुरक्षा बनाए रखना है। इसकी स्थापना 24 अक्टूबर 1945 को हुई थी और इसमें 15 सदस्य होते हैं, जिनमें पाँच स्थायी और दस अस्थायी सदस्य शामिल हैं। स्थायी सदस्य देशों में चीन, फ्रांस, रूस, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं, जिनके पास वीटो शक्ति होती है। अस्थायी सदस्य दो वर्षों के लिए चुने जाते हैं।

सुरक्षा परिषद को अनिवार्य निर्णय लेने का अधिकार है, जिन्हें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रस्ताव कहा जाता है। यह परिषद शान्ति स्थापना मिशनों, अन्तरराष्ट्रीय प्रतिबंधों और सैन्य कार्रवाइयों को स्वीकृति देने का कार्य करती है। इसे विश्व का सिपाही भी कहा जाता है क्योंकि यह वैश्विक शान्ति और सुरक्षा का उत्तरदायित्व निभाती है। परिषद का अध्यक्ष हर महीने वर्णमालानुसार बदलता है, जिससे सभी सदस्य देशों को नेतृत्व का अवसर मिलता है। इसके अलावा, परिषद अन्तरराष्ट्रीय विवादों को सुलझाने और शान्ति बनाए रखने के लिए विभिन्न उपायों का उपयोग करती है।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद क्या है?

“संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद क्या है” यह अक्सर पूछे जाने वाला सवाल है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (United Nations Security Council) जिसे UNSC से जाना जाता है, संयुक्त राष्ट्र का सबसे शक्तिशाली निकाय है। इसकी स्थापना द्वितीय विश्व युद्ध के बाद 24 अक्टूबर 1945 को अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए की गई थी। 

इसमें 15 सदस्य होते हैं, जिनमें से 5 स्थायी सदस्य और 10 संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य होते हैं। यह परिषद महत्वपूर्ण निर्णय लेती है, जैसे शांति अभियानों को मंजूरी देना और अंतरराष्ट्रीय विवादों को हल करना।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के कार्य

अंतरराष्ट्रीय विवादों के समाधान के कार्य 

  • UNSC विवादग्रस्त पक्षों के बीच बातचीत और समझौते को बढ़ावा देने के लिए कूटनीति और हस्तक्षेप का उपयोग करता है।
  • यह निष्पक्ष मध्यस्थों या विशेष दूतों की नियुक्ति कर सकता है जो दो पक्षों के बीच बातचीत की प्रक्रिया में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के कार्य में सहायता करते हैं।

शांति और सुरक्षा के कार्य

  • इसका लक्ष्य शांतिपूर्ण समाधान ढूंढना है जो सभी पक्षों के लिए स्वीकार्य हो।  
  • जब कूटनीति विफल हो जाती है, तो UNSC संघर्ष क्षेत्रों में शांतिरक्षक मिशन तैनात कर सकता है।
  • ये मिशन युद्धविराम की निगरानी, नागरिकों की रक्षा और शांति प्रक्रिया का समर्थन करने जैसे कार्यों को करते हैं।
  • UNSC शांतिरक्षक मिशनों को अधिकृत करने, उनके जनादेश तय करने और उनके संचालन का पर्यवेक्षण करने के लिए जिम्मेदार है।

आर्थिक प्रतिबंध और सैन्य हस्तक्षेप के कार्य  

  • गंभीर मामलों में, UNSC विवादग्रस्त देशों या संस्थाओं पर प्रतिबंध या दंड लगा सकता है।
  • इनमें आर्थिक प्रतिबंध, हथियारों पर प्रतिबंध और यात्रा प्रतिबंध शामिल हो सकते हैं।
  • इनका उद्देश्य विवादग्रस्त पक्षों पर दबाव डालना और उन्हें अपनी स्थिति बदलने के लिए प्रोत्साहित करना है।
  • अत्यंत दुर्लभ मामलों में, UNSC “अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने” के लिए सैन्य कार्रवाई को अधिकृत कर सकता है।
  • ऐसा केवल तभी किया जाता है जब सभी अन्य विकल्प विफल हो जाते हैं और यह स्पष्ट होता है कि सैन्य हस्तक्षेप आवश्यक है।
  • UNSC सैन्य कार्रवाई को अधिकृत करने, उसके दायरे को सीमित करने और इसके कार्यान्वयन की निगरानी करने के लिए जिम्मेदार है।

अंतरराष्ट्रीय कानून और मानवाधिकारों की रक्षा के कार्य 

  • परिषद विभिन्न अंतरराष्ट्रीय कानूनों और संधियों का समर्थन करती है, ताकि देशों के बीच सहमति बने और सभी देश इनका पालन करें।
  • परिषद विभिन्न क्षेत्रों में मानवाधिकारों की स्थिति की निगरानी करती है। अगर कहीं पर मानवाधिकारों का उल्लंघन होता है, तो यह इसे रोकने के लिए कदम उठाती है।
  • मानवाधिकारों की रक्षा के लिए शिक्षा और जागरूकता कार्यक्रम चलाना भी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के कार्य में से एक है, ताकि लोग अपने अधिकारों के प्रति सचेत रहें और उन्हें जान सकें।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य 

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य

सुरक्षा परिषद में कुल कितने स्थाई सदस्य हैं और उनके नाम कुछ इस प्रकार हैं:

1चीन
2फ्रांस
3रूस
4यूनाइटेड किंगडम
5संयुक्त राज्य अमेरिका

इन देशों के पास वीटो शक्ति है, जिसका अर्थ है कि वे किसी भी प्रस्ताव को रद्द कर सकते हैं, चाहे वह कितना भी लोकप्रिय क्यों न हो। ये सदस्य द्वितीय विश्व युद्ध के विजेता देश हैं और उन्हें सुरक्षा परिषद में स्थायी रूप से शामिल किया गया था।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य

कुल 10 देश: हर साल चुनाव द्वारा दो साल के लिए चुने जाते हैं।

भौगोलिक प्रतिनिधित्व: ये देश विभिन्न क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि सुरक्षा परिषद में दुनिया भर के विभिन्न दृष्टिकोणों का प्रतिनिधित्व हो।

सीमित अधिकार: अस्थायी सदस्यों के पास वीटो शक्ति नहीं होती है, और वे स्थायी सदस्यों द्वारा अवरोधित प्रस्तावों को आगे बढ़ाने में सीमित शक्ति ही रखते हैं।

संख्याअस्थायी सदस्यों के नामकार्यकाल वर्ष की समाप्ति (31 December)
1अल्जीरिया2025
2इक्वाडोर2024
3गुयाना2025
4जापान2024
5माल्टा2024
6मोजाम्बिक2024
7दक्षिण कोरिया2025
8सिएरा लियोन2025
9स्लोवेनिया2025
10स्विट्ज़रलैंड2024

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष कौन है

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की अध्यक्षता हर महीने एक सदस्य देश द्वारा की जाती है, जो अंग्रेजी वर्णमाला के क्रम में बदलता रहता है। यह रोटेशन सुनिश्चित करता है कि सभी सदस्य देशों को परिषद का नेतृत्व करने का समान अवसर मिले।

महीना अध्यक्षता
June 2024Republic of Korea
July 2024Russian Federation
August 2024Sierra Leone
September 2024Slovenia
October 2024Switzerland
November 2024United Kingdom
December 2024United States

अध्यक्ष की भूमिका:

  • परिषद की बैठकों का आयोजन और संचालन करना।
  • परिषद के एजेंडे को निर्धारित करना।
  • परिषद की चर्चाओं को मॉडरेट करना।
  • परिषद के फैसलों को लागू करना।
  • संयुक्त राष्ट्र महासचिव और अन्य संयुक्त राष्ट्र निकायों के साथ संपर्क बनाए रखना।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का मुख्यालय

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का मुख्यालय न्यूयॉर्क शहर, संयुक्त राज्य अमेरिका में स्थित है। यह 1 डैग हेमरस्कजोल्ड प्लाजा पर स्थित एक 39-मंजिला इमारत है, जिसे संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के नाम से भी जाना जाता है।संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का मुख्यालय 1950 में बनाया गया थी और इसका नाम संयुक्त राष्ट्र के दूसरे महासचिव, डैग हेमरस्कजोल्ड के नाम पर रखा गया था। वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र के नौवें महासचिव एंटोनियो गुटेरेस हैं, उनका कार्यकाल 1 जनवरी 2017 से शुरू हुआ था।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अलावा, इस इमारत में संयुक्त राष्ट्र महासभा, आर्थिक और सामाजिक परिषद (ECOSOC), संयुक्त राष्ट्र ट्रस्टीशिप परिषद और संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) सहित कई अन्य संयुक्त राष्ट्र एजेंसियां भी स्थित हैं।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक 

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा और निर्णय लेने के लिए नियमित रूप से बैठकें करती है। लेकिन, कुछ मामलों में, अचानक या महत्वपूर्ण घटनाओं के जवाब में, अस्थाई बैठकें भी बुलाई जाती हैं। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की पहली बैठक 17 जनवरी 1946 को चर्च हाउस, वेस्टमिंस्टर, लंदन में आयोजित की गई थी। 

नियमित बैठक 

न्यूयॉर्क शहर में स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के सुरक्षा परिषद कक्ष में महीने में दो बार, आमतौर पर मंगलवार और गुरुवार को नियमित बैठक होती हैं। इस बैठक में सदस्य विभिन्न अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा से संबंधित किसी भी मुद्दे पर चर्चा और सुरक्षा परिषद मौजूदा शांतिरक्षा अभियानों की समीक्षा करना होता है। महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिए, 15 में से 9 सदस्यों को “हाँ” वोट देना होता है। बशर्ते की, कोई स्थाई सदस्य वीटो शक्ति का इस्तेमाल न करें।

आपातकालीन बैठक 

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अस्थाई बैठकें विशेष परिस्थितियों में बुलाई जाती हैं जब कोई आपातकालीन या तत्काल मुद्दा सामने आता है। इन बैठकों का उद्देश्य तेजी से प्रतिक्रिया देना और तुरंत निर्णय लेना होता है ताकि स्थिति को संभाला जा सके।

इन बैठकों में भी सभी 15 सदस्य देश शामिल होते हैं और स्थिति की गंभीरता के अनुसार निर्णय लेते हैं। उदाहरण के लिए, अगर किसी देश में अचानक संघर्ष या हिंसा भड़क जाती है, तो परिषद तुरंत बैठक बुलाकर शांति स्थापित करने के उपायों पर चर्चा करती है।

सुरक्षा परिषद का कोई भी सदस्य या संयुक्त राष्ट्र के महासचिव अस्थाई बैठक बुलाने का अनुरोध कर सकता है। आमतौर पर 24 घंटे के नोटिस पर या तत्काल तुरंत बैठक बुलाई जाती हैं।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का महत्व

अंतरराष्ट्रीय शांति का रक्षक:

  • अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) का काफी महत्व है।
  • यह युद्धों को रोकने, शांति समझौतों का निर्माण करने और संघर्षों को हल करने के लिए काम करता है।

शक्तिशाली निकाय:

  • सुरक्षा परिषद के पास कानूनी रूप से बाध्यकारी प्रस्ताव पारित करने की शक्ति है, जिनका सदस्य देशों को पालन करना होता है।
  • यह शांतिरक्षकों को तैनात कर सकता है, प्रतिबंध लगा सकता है, और सैन्य कार्रवाई भी कर सकता है।

वैश्विक मंच:

  • सुरक्षा परिषद दुनिया भर के देशों को अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा करने और समाधान खोजने के लिए एक मंच प्रदान करता है।
  • यह छोटे देशों को शक्तिशाली देशों के साथ समान स्तर पर बात करने का अवसर देता है।

महत्वपूर्ण भूमिकाएं:

  • आतंकवाद का मुकाबला करना
  • हथियारों का प्रसार रोकना
  • परमाणु सुरक्षा को बढ़ावा देना
  • मानवाधिकारों की रक्षा करना

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सुधार

  • वीटो शक्ति का प्रतिबंध:वर्तमान में 5 स्थायी सदस्यों (अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस, और ब्रिटेन) को वीटो पावर प्राप्त है। सुधार के तहत, वीटो शक्ति का प्रयोग केवल अत्यंत गंभीर मामलों में ही किया जाना चाहिए, ताकि निर्णय लेने की प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता और निष्पक्षता आ सके।
  • स्थायी सदस्यों की संख्या में वृद्धि: भारत, ब्राजील, जर्मनी और जापान जैसे देशों को स्थायी सदस्यता दी जा सकती है।
  • अस्थायी सदस्यों का विस्तार: अस्थायी सदस्यों की संख्या और कार्यकाल में वृद्धि की जा सकती है, ताकि सभी देशों को लंबे समय के लिए मुद्दों पर चर्चा करने का अधिकार मिले।
  • कार्यप्रणाली में पारदर्शिता: सुरक्षा परिषद की कार्यप्रणाली को अधिक पारदर्शी और जवाबदेह बनाया जाना चाहिए।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के महत्वपूर्ण निर्णय 

1 शांतिरक्षा मिशन:

  • UNSC ने दुनिया भर में कई शांतिरक्षा मिशनों को अधिकृत किया है, जैसे कि कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, दक्षिण सूडान और माली में।
  • ये मिशन युद्ध विराम की निगरानी, नागरिकों की रक्षा और शांति प्रक्रियाओं का समर्थन करने में मदद करते हैं।

2. प्रतिबंध:

  • UNSC ने उन देशों या व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगाए हैं जो अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करते हैं।
  • इन प्रतिबंधों में आर्थिक प्रतिबंध, हथियारों पर प्रतिबंध और यात्रा प्रतिबंध शामिल हो सकते हैं।

3. सैन्य कार्रवाई:

  • कुछ मामलों में, UNSC ने सैन्य कार्रवाई को अधिकृत किया है, जैसे कि कोसोवो में 1999 में और लीबिया में 2011 में।
  • यह कार्रवाई आमतौर पर केवल तभी की जाती है जब अन्य सभी विकल्प असफल हो जाते हैं।

4. अंतरराष्ट्रीय कानून:

  • UNSC ने कई महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय कानूनों को अपनाया है, जैसे कि नरसंहार रोकथाम संधि और आतंकवाद के दमन के लिए अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन।
  • ये कानून अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए मापदण्ड स्थापित करते हैं और देशों को उनका पालन करने के लिए बाध्य करते हैं।

5. अन्य महत्वपूर्ण निर्णय:

  • UNSC ने कई अन्य महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए हैं, जैसे परमाणु हथियारों के अप्रसार और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए वैश्विक प्रयासों का समर्थन करना।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के चुनौतियाँ

वीटो पावर का दुरुपयोग 

  • अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई में बाधा: किसी एक स्थाई सदस्य द्वारा वीटो लगाने से महत्वपूर्ण मुद्दों पर तुरंत और प्रभावी कार्रवाई रुक सकती है, जैसे मानवतावादी संकट, युद्ध अपराध या नरसंहार।
  • शक्ति का असंतुलन: वीटो शक्ति स्थायी सदस्यों को अत्यधिक शक्ति प्रदान करती है, जिसका उपयोग वे अपने राष्ट्रीय हितों को बढ़ावा देने के लिए कर सकते हैं, भले ही वे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के हितों के खिलाफ हों।
  • जवाबदेही का अभाव: वीटो शक्ति का प्रयोग करने वाले देशों को अपने फैसलों के लिए जवाबदेह नहीं ठहराया जा सकता है, जिससे मनमानी और गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार हो सकता है।
  • संयुक्त राष्ट्र की वैधता कमजोर होना: बार-बार वीटो का उपयोग संयुक्त राष्ट्र की प्रभावशीलता और वैधता पर सवाल उठाता है, जिससे बहुपक्षवाद और अंतरराष्ट्रीय सहयोग कमजोर होता है।

स्थायी और अस्थायी सदस्यों के बीच असमानता

स्थायी सदस्यअस्थायी सदस्य
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थाई सदस्य कभी नहीं बदलते।संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य केवल 2 साल के लिए चुने जाते हैं और 2 साल बाद उन्हें बदल दिया जाता है।
स्थायी सदस्य की संख्या 5 होते हुए भी उनके पास ज्यादा शक्ति है।संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्यों की संख्या 10 होते हुए भी उनके पास स्थाई सदस्यों से कम शक्ति है।
स्थायी सदस्य किसी भी करवाई पर वीटो शक्ति का इस्तेमाल करके उस करवाई को रोक सकते है।अस्थायी सदस्यों के पास ऐसी कोई शक्ति नहीं है।

निष्कर्ष 

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने अपनी स्थापना के बाद से ही अन्तरराष्ट्रीय शान्ति और सुरक्षा बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके स्थायी और अस्थायी सदस्य मिलकर वैश्विक चुनौतियों का सामना करते हैं और शान्ति स्थापना, विवाद समाधान, और सुरक्षा उपायों को लागू करने में सक्रिय रहते हैं। परिषद के निर्णय और प्रस्ताव अन्तरराष्ट्रीय कानून के तहत बाध्यकारी होते हैं, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि सदस्य देश इनका पालन करें।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की भूमिका और प्रभाव समय के साथ और भी महत्वपूर्ण होते जा रहे हैं, विशेषकर वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में। इसके प्रयासों से न केवल शान्ति और सुरक्षा को बढ़ावा मिलता है, बल्कि यह अन्तरराष्ट्रीय सहयोग और समझ को भी मजबूत करता है। इस प्रकार, UNSC वैश्विक शान्ति और सुरक्षा के लिए एक अनिवार्य और अपरिहार्य अंग बना हुआ है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के मुख्य कर्तव्य क्या हैं?

UNSC का मुख्य कर्तव्य अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बनाए रखना है, और यह संघर्षों को सुलझाने, शांति अभियानों को संचालित करने, और आर्थिक या सैन्य प्रतिबंध लगाने का अधिकार रखता है।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की विशेष कार्यकारी समितियाँ कौन-कौन सी हैं?

UNSC की विशेष कार्यकारी समितियों में शामिल हैं: संचार समिति (Sanctions Committee), आतंकवाद विरोधी समिति (Counter-Terrorism Committee), और हथियारों पर नियंत्रण समिति (Disarmament Committee)।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के चुनाव में किस प्रकार के बहुमत की आवश्यकता होती है?

UNSC के प्रस्तावों को पारित करने के लिए सामान्य बहुमत (9 वोट) की आवश्यकता होती है, जिसमें स्थायी सदस्य द्वारा वेटो का इस्तेमाल प्रस्ताव को रोक सकता है।

भारत संयुक्त राष्ट्र संघ का सदस्य कब बना है?

UN चार्टर की पुष्टि के बाद 30 अक्टूबर, 1945 को भारत संयुक्त राष्ट्र में शामिल हुआ.

संयुक्त राष्ट्र संघ के कितने अंग है?

संयुक्त राष्ट्र संघ के 6 अंग हैं: सामान्य सभा, सुरक्षा परिषद, अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय, आर्थिक और सामाजिक परिषद, सचिवालय, और विश्व स्वास्थ्य संगठन।

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