ऑनलाइन ट्रेडिंग कैसे सीखें: Full Details in Hindi

October 22, 2024
ऑनलाइन ट्रेडिंग कैसे सीखें
Quick Summary

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ऑनलाइन ट्रेडिंग आजकल एक लोकप्रिय तरीका बन गया है जिसके ज़रिए लोग शेयर मार्केट में निवेश कर सकते हैं। यह एक रोमांचक अवसर प्रदान करता है, लेकिन साथ ही यह जोखिम भी लेकर आता है। कुछ आसान चरणों में ऑनलाइन ट्रेडिंग सीखी जा सकती है जिसके बारे में यहाँ बताया गया है: बुनियादी बातें समझें ऑनलाइन संसाधनों का उपयोग करें  डेमो अकाउंट खोलें एक ब्रोकर चुनें ट्रेडिंग योजना बनाएं एक सलाहकार से संपर्क करें

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अगर आप शेयर बाजार में रुचि रखते हैं तो आपके मन में यह सवाल जरूर आया होगा कि ऑनलाइन ट्रेडिंग कैसे सीखें? चाहे आप एक विद्यार्थी हो, आप कोई जॉब करते हो या फिर आप एक गृहस्थी हो, आप “ऑनलाइन ट्रेडिंग कैसे करते हैं” जानकर महीने के लाखों भी कमा सकते हैं।

इस ब्लॉग में आप गहराई से समझेंगे की ऑनलाइन ट्रेडिंग क्या है, ऑनलाइन ट्रेडिंग कैसे करें, ऑनलाइन ट्रेडिंग के फायदे और ऑनलाइन ट्रेडिंग की शुरुआत करने के लिए कुछ जरूरी टिप्स के बारे में।

ऑनलाइन ट्रेडिंग कैसे सीखें
ऑनलाइन ट्रेडिंग कैसे सीखें

ऑनलाइन ट्रेडिंग क्या है?

आज के मॉडर्न सोसाइटी में ऑनलाइन ट्रेडिंग क्या है ये सवाल बहुत ही कॉमन है। इंटरनेट के माध्यम से शेयर, म्यूचुअल फंड, और अन्य वित्तीय उत्पादों को खरीदना और बेचना ही ऑनलाइन ट्रेडिंग है। इसमें कंप्यूटर, लैपटॉप, या मोबाइल फोन से ब्रोकर की वेबसाइट या एप्लिकेशन का इस्तेमाल करके शेयर, म्यूचुअल फंड, गोल्ड, कमोडिटी को खरीद कर और बेच कर ऑनलाइन ट्रेडिंग कैसे करते हैं ये सीखा जा सकता है।

ऑनलाइन ट्रेडिंग कैसे करें: ऑनलाइन ट्रेडिंग के प्रकार

1. इंट्राडे ट्रेडिंग: ऑनलाइन ट्रेडिंग क्या है जानने के लिए इंट्राडे ट्रेडिंग के बारे जानना जरूरी है अगर आप किसी शेयर को जिस दिन खरीदते हो उसी दिन बाजार बंद होने से पहले बेचकर अपने पोजीशन को स्क्वायर ऑफ करते हो तो वो इंट्राडे ट्रेडिंग होता है।

इंट्राडे ट्रेडिंग में आपको आपका ब्रोकर आपको 5 गुना मार्जिन देता है जिसका मतलब आप ₹10,000 से ₹50,000 तक की ट्रेडिंग कर सकते हो, बशर्त की आपको अपनी पोजीशन को उसी दिन स्क्वायर ऑफ करना होगा।

2. स्विंग ट्रेडिंग: इसमें आप किसी शेयर, गोल्ड या कमोडिटी को 1 सप्ताह से लेकर 1 महीने तक के लिए रखते हो। इसमें आप कम प्राइस पर शेयर, गोल्ड या कमोडिटी को खरीद कर और प्राइस बढ़ने पर उसे बेचकर प्रॉफिट कमा सकते हैं।

3. पोजीशन ट्रेडिंग: पोजीशन ट्रेडिंग में आप किसी शेयर, गोल्ड या कमोडिटी को कुछ महीनों से लेकर साल तक के लिए रख करके प्रॉफिट कमाते हो।

4. ऑप्शन ट्रेडिंग: इसमें आप किसी शेयर, गोल्ड या कमोडिटी को खरीदने के बजाए एक विशेष अवधि के लिए शेयर, गोल्ड या कमोडिटी को खरीदने का अधिकार ऑप्शन या फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट के रूप में खरीदते हो। इसमें काफी ज्यादा जोखिम होता है और यह शुरुआती लोगों के लिए बिल्कुल नहीं है।

इंट्राडे ट्रेडिंग,स्विंग ट्रेडिंग,पोजीशन ट्रेडिंग, ऑप्शन ट्रेडिंग की अच्छी जानकारी से ऑनलाइन ट्रेडिंग क्या है जाना जा सकता है।

ऑनलाइन ट्रेडिंग कैसे करते हैं?

ऑनलाइन ट्रेडिंग करने के लिए आपको सपोर्ट और रेजिस्टेंस, ट्रेंडलाइन, वॉल्यूम, इंडिकेटर, आदि का इस्तेमाल करके किसी शेयर, गोल्ड, कमोडिटी का टेक्निकल एनालिसिस करना होता है।

टेक्निकल एनालिसिस करके आप ये अनुमान लगाते हैं की शेयर, गोल्ड या कमोडिटी का प्राइस ऊपर जाएगा या नीचे अगर आपके विश्लेषण में आपको लगता है की प्राइस ऊपर जाएगा तो आप शेयर को खरीदने हो और अगर आपको लगता है की प्राइस नीचे जाएगा तो आप शेयर को इंट्राडे में या फिर उस शेयर के कॉन्ट्रैक्ट (ऑप्शन या फ्यूचर) को बेचते हो। टेक्निकल एनालिसिस करके ऑनलाइन ट्रेडिंग कैसे करें ये सिख सकते हैं।

ऑनलाइन ट्रेडिंग कैसे शुरू करें: ऑनलाइन ट्रेडिंग कैसे सीखें

1. बुनियादी बातें समझें:

  • शेयर बाजार क्या है?
  • स्टॉक, बॉन्ड और अन्य निवेश उपकरण क्या होते हैं?
  • बुल और बियर मार्केट क्या होते हैं?
  • तकनीकी और मौलिक विश्लेषण क्या हैं?
  • जोखिम और रिटर्न क्या होते हैं?

2. ऑनलाइन ब्रोकर चुने:

सबसे पहले, आपको एक SEBI पंजीकृत ब्रोकर का चुनाव करना होगा। ब्रोकर के माध्यम से ही आप ट्रेड ले सकते हो साथ ही ब्रोकर आपको ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म और चार्ट देखने की सुविधा भी देता है। अच्छा ब्रोकर चुनना काफी जरूरी हो जाता है क्योंकि गलत ब्रोकर चुनने से और “डीमैट अकाउंट कैसे खोलें” यह न जानने से आपको डीमैट अकाउंट के नुकसान को उठाना पड़ सकता है। एक अच्छा ब्रोकर चुनते समय डीमैट खाता शुल्क, ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म और ग्राहक सेवा का खास ध्यान रखें।

भारत के कुछ लोकप्रिय ब्रोकर:

  1. Zerodha
  2. Upstox
  3. Angel One
  4. 5paisa
  5. Dhan
  6. Kotak Securities
  7. mStock

3. डीमैट अकाउंट कैसे खोलें:

सही ब्रोकर का चयन करने के बाद और “डीमैट अकाउंट कैसे खोलें” जानने के बाद आपको अपना डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलना होता है। ब्रोकर के साथ अपना खाता खोलने के लिए, आपको कुछ दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक खाते का विवरण जमा करना होगा और ऑनलाइन KYC प्रक्रिया पूरी करनी होगी।

4. ट्रेडिंग के बारे में जानें:

ट्रेडिंग के बेसिक के बारे में जानकारी लें जिसमें डीमैट अकाउंट का इस्तेमाल करना, ट्रेड कैसे लिया जाता है, शेयर बाजार क्या है, टेक्निकल एनालिसिस करना, रिस्क मैनेजमेंट और ट्रेडिंग स्ट्रेटजी जैसी चीज़ें शामिल हैं।

5. ट्रेडिंग योजना बनाएं:

ट्रेडिंग बेसिक के बारे में जानने के बाद खुद के लिए ट्रेडिंग योजना बनाएं जिसमें आप दिन में कितने ट्रेड लेंगे, कौन सी स्ट्रेटजी का इस्तेमाल करेंगे और एक दिन में आप अपने कैपिटल का कितना प्रतिशत रिस्क लेंगे शामिल होगा।

6. स्टॉक विवरण करें और ट्रेडिंग शुरू करें:

अपने लिए ट्रेडिंग प्लान बनाने के बाद आप कम पैसों से ऑनलाइन ट्रेडिंग की शुरुआत कर सकते हैं। किसी भी स्टॉक में ट्रेडिंग करने से पहले अच्छी तरह उसका विश्लेषण जरूर करें।

ऑनलाइन ट्रेडिंग के लिए जरूरी टूल्स

ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म 

ऑनलाइन ट्रेडिंग के लिए आपको एक बहरीन प्लेटफॉर्म की जरूरत होती है जिससे आपका ऑर्डर तुरंत एक्जीक्यूट हो और प्लेटफार्म में किसी प्रकार की तकनीकी समस्या न होती हो।

चार्ट्स

ट्रेडिंग चार्ट्स देखने के लिए आप Tradingview या investing.com का इस्तेमाल कर सकते हैं, जिसमे आप किसी भी लिस्टेड स्टॉक या कमोडिटी का लाइव चार्ट देख सकते हैं। चार्ट्स को देखने के लिए सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाला टूल Tradingview है जिसमे आप लाइव चार्ट में ट्रेडिंग इंडिकेटर का इस्तेमाल करके विश्लेषण कर सकते हैं।

टेक्निकल इंडिकेटर 

टेक्निकल इंडिकेटर, तकनीकी विश्लेषण के लिए एक ट्रेडिंग टूल है। इसका इस्तेमाल करके आप मार्केट के ट्रेंड, वॉल्यूम, सपोर्ट रेजिस्टेंस का पता लगा सकते हो। कुछ सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाले 3 ट्रेडिंग इंडिकेटर निम्न हैं:

  • Volume: यह बताता है कि किसी खास समय में कितने शेयर खरीदे या बेचे गए हैं।
  • RSI: यह 0 से 100 के बीच का एक अंक होता है जो बताता है कि कोई शेयर कितना “overbought” (बहुत ज्यादा खरीदा गया) या “oversold” (बहुत ज्यादा बेचा गया) है।
  • Moving Average: ये एक ऐसी रेखा है जिसका इस्तेमाल पिछले कुछ दिनों के औसत प्राइस का पता करने के लिए किया जाता है। अगर प्राइस इस रेखा के नीचे है तो इसका मतलब प्राइस अपने एवरेज के कम है और अगर प्राइस रेखा के ऊपर है तो इसका मतलब प्राइस अपने एवरेज से ऊपर है।

डीमैट अकाउंट के नुकसान

डीमैट अकाउंट कैसे खोलें जानने के साथ ही साथ डीमैट अकाउंट के नुकसान के बारे में जानकारी भी जरूरी है।

  • डीमैट खाता शुल्क: डीमैट अकाउंट खोलने और बनाए रखने के लिए शुल्क लगता है।
  • ब्रोकरेज शुल्क: डीमैट खाताधारकों को वार्षिक रखरखाव शुल्क का भुगतान करना पड़ता है। ये शुल्क व्यापारी पर लागू होता है, भले ही डीमैट खाते में केवल एक ही शेयर हो।
  • डीमैट खाता अक्सर व्यापार को बहुत आकर्षक बना देता है। नए निवेशक अक्सर निवेश के फैसले लेते समय अपने दोस्तों और रिश्तेदारों की सलाह से प्रभावित होते हैं। क्योंकि ट्रेडिंग अब सरल हो गई है, कुछ निवेशक एसेट खरीदने या बेचने से पहले ज्यादा नहीं सोचते। उन्हें बाद में डीमैट अकाउंट के नुकसान उठना पड़ता है।
  • इलेक्ट्रॉनिक इंस्ट्रूमेंट से लेन देन करना, ऑनलाइन व्यापार की दुनिया में नए लोगों के लिए कुछ कठिन और जटिल भी लग सकता है।
  • अन्य शुल्क: ब्रोकर DP चार्ज, लेनदेन शुल्क आदि जैसे अतिरिक्त शुल्क लेते हैं।

सामान्य गलतियाँ और उनसे कैसे बचें

“ऑनलाइन ट्रेडिंग कैसे करते हैं” यह जानने के बाद नए लोग शेयर बाजार में काफी गलतियां करते हैं उन गलतियों से बचकर आप ट्रेडिंग में सफल हो सकते हैं। “ऑनलाइन ट्रेडिंग कैसे करें” को जानने के बाद, कुछ ट्रेडर शुरुआत में गलतियां करते हैं। नीचे कुछ मुख्य गलतियां हैं, जिनसे आपको बचना होगा:

1. बिना योजना ट्रेडिंग करना

काफी सारे नए लोग “शेयर बाजार क्या है” यह जानने के बाद मार्केट में बिना किसी ट्रेडिंग योजना के ही ट्रेडिंग करना शुरू कर देते हैं जिसके परिणामस्वरूप उन्हें काफी बड़ा नुकसान उठाना पड़ता है। ट्रेडिंग की शुरुआत करने से पहले आपके पास एक ट्रेडिंग योजना होनी चाहिए जिससे आप शुरुआत में होने वाले बड़े नुकसान से बच सकते हैं।

2. मार्केट का सही विश्लेषण न करना

मार्केट का सही से विश्लेषण न करना भी शुरुआती लोगों के लिए शेयर बाजार में नुकसान करने का कारण बनता है। अगर आप “शेयर बाजार क्या है” यह जानते हो और शेयर बाजार की शुरुआत कर रहे हो तो ऑनलाइन ट्रेडिंग के लिए आपको टेक्निकल एनालिसिस का इस्तेमाल करके मार्केट का सही विश्लेषण करना बहुत जरूरी है।

3. पोर्टफोलियो में जल्दी-जल्दी बदलाव लाना

अगर आप स्विंग ट्रेडिंग या पोजीशन ट्रेडिंग कर रहे हो तो आपको अपने पोर्टफोलियो में समय से पहले जल्दी-जल्दी बदलाव नहीं करना चाहिए। इससे आपको प्रॉफिट तो कम होता ही हैं साथ ही आपको अधिक ब्रोकरेज भी देना पर जाता है।

4. जोखिम और लाभ के अनुपात को ना समझना

  • जोखिम और लाभ के अनुपात (Risk to Reward Ratio) का अर्थ है की अगर आप किसी एक ट्रेड में रिस्क ले रहे हो तो उसके बदले में कितने का प्रॉफिट ले रहे हो।
  • अगर आप किसी शेयर को ₹10,000 में खरीदते हो और आप उस शेयर में ₹200 का रिस्क लेते हो मतलब अगर शेयर का प्राइस ₹9,800 आता है तो आप नुकसान में शेयर को बेच देंगे और अगर शेयर प्राइस ₹10,400 हो जाता है तो आप ₹400 के प्रॉफिट के साथ शेयर को बेच देते हो तब आपका जोखिम और लाभ के अनुपात 1:2 होता है।
  • जोखिम और लाभ के अनुपात को न समझना आपको बड़े नुकसान की तरफ ले जा सकता है। ट्रेडिंग में आपको न्यूनतम 1:2 का अनुपात रखना चाहिए।

मार्केट की जानकारी रखना जरूरी

ऑनलाइन ट्रेडिंग में मार्केट की जानकारी रखना बहुत जरूरी है यह आपको सही समय पर स्टॉक को खरीदने और बेचने का निर्णय लेने में मदद करता है साथ ही अगर आपका कोई ट्रेड चल रहा है तो आपको उस ट्रेड पर बने रहना चाहिए या फिर ट्रेड को स्क्वायर ऑफ कर देना चाहिए।

मार्केट की जानकारी रखने के कई फायदे हैं, जैसे:

  • बेहतर निर्णय लेना: जब आप बाजार की गतिविधियों, आर्थिक स्थिति, और कंपनियों के प्रदर्शन के बारे में जानते हैं, तो आप बेहतर ट्रेडिंग निर्णय ले सकते हैं।
  • जोखिम कम करना: मार्केट की जानकारी आपको संभावित जोखिमों से अवगत कराती है, जिससे आप उनसे बच सकते हैं या अपने जोखिम को कम कर सकते हैं।
  • बेहतर समय पर ट्रेड करना: जब आप जानकारी के आधार पर जानते हैं कि बाजार किस दिशा में जा सकती है, तो आप बेहतर समय पर ट्रेड ले सकते हैं और मुनाफा कमा सकते हैं।
  • आत्मविश्वास बढ़ाना: मार्केट की जानकारी आपको आत्मविश्वास देती है और आपको डर या लालच में आकर गलत निर्णय लेने से बचाती है।

ऑनलाइन ट्रेडिंग के फायदे

वित्तीय स्वतंत्रता: ऑनलाइन ट्रेडिंग का लाभ

ऑनलाइन ट्रेडिंग के जरिए वित्तीय स्वतंत्रता के अवसर प्रदान करती है। जब अर्थव्यवस्था बढ़ती है, तो इससे कॉर्पोरेट आय में वृद्धि होती है, ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आर्थिक वृद्धि से अधिक रोजगार के अवसर पैदा होते हैं, जिसके परिणामस्वरूप अधिक आय और अधिक बिक्री होती है।

ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म
ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म

तेज और सुगम लेन-देन: ट्रेडिंग की ऑनलाइन सुविधाएं 

ऑनलाइन ट्रेडिंग की सुविधा के कारण ट्रेडर्स वर्तमान में चल रहे प्राइस को देखकर तुरंत निर्णय ले सकते हैं और ब्रोकर काफी कम समय में आपके ऑर्डर को सेटलमेंट कर देता है।

ट्रेडिंग टिप्स

  1. “शेयर बाजार क्या है, ऑनलाइन ट्रेडिंग क्या है और ऑनलाइन ट्रेडिंग कैसे करें” यह जाने बिना ट्रेडिंग की शुरुआत न करें।ऑनलाइन ट्रेडिंग की शुरुआत करने से पहले आपको ट्रेडिंग के बारे में सभी जानकारी होनी चाहिए।
  1. “डीमैट अकाउंट कैसे खोलें” जानने के बाद अच्छे ब्रोकर के साथ ही डीमैट अकाउंट खोलें ब्रोकर चुनने से पहले डीमैट खाता शुल्क और डीमैट अकाउंट के फायदे और नुकसान का खास ध्यान रखें।
  1. ट्रेडिंग में हमेशा स्टॉप लॉस का इस्तेमाल करें। स्टॉप लॉस का अर्थ है कि अगर मार्केट आपके विपरीत जाता है तो आप उस ट्रेड में अधिकतम कितने रुपए तक का नुकसान ले सकते हैं और किस प्राइस पर नुकसान में उसे बेचना चाहते हो।
  1. जोखिम प्रबंधन पर ध्यान दें, एक ट्रेड में अपने कैपिटल का 2% से ज्यादा का जोखिम न लें। ट्रेडिंग में 60% भाग साइकोलॉजी, 30% जोखिम प्रबंधन और 10% भाग स्ट्रेटजी का होता है। ट्रेडिंग साइकोलॉजी में आप समय के साथ बेहतर होते हो जबकि रिस्क मैनेजमेंट में आपको ट्रेडिंग की शुरुआती से ही ध्यान देना होता है।
  1. ज्यादातर लोग ट्रेडिंग की शुरुआत में नुकसान करते हैं इसलिए ट्रेडिंग की शुरुआत कम कैपिटल से या फिर पेपर ट्रेडिंग से करें।
  1. बिना स्ट्रेटजी के ट्रेडिंग की शुरुआत ना करें। अपने लिए एक परीक्षण किए हुए स्ट्रेटजी को अपनाएं जिसमें जीत की संभावना 60% या उससे अधिक हो।
  1. हमेशा 1:2 जोखिम और लाभ के अनुपात (Risk to Reward Ratio) वाले ट्रेड को ही लें अगर किसी ट्रेड में यह अनुपात कम हो तो आप वैसे ट्रेड को छोर सकते हैं।
  1. पिछले ट्रेड में अपनी गलतियों को जानने के लिए ट्रेडिंग जर्नल बनाएं और अपने ट्रेड का विवरण ट्रेडिंग जर्नल में रखें।
  1. अपनी गलतियों से निरंतर सीखते रहें, अपनी भावनाओं पर नियंत्रण बनाने की कोशिश करें और अपने द्वारा बनाए गए नियमों तथा ट्रेडिंग प्लान का पालन करें।

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निष्कर्ष

“ऑनलाइन ट्रेडिंग कैसे सीखें” ये जानने के बाद भी आपको ट्रेडिंग में सफल होने में समय लग सकता है। ऑनलाइन ट्रेडिंग में सफल होने का एक ही तरीका है कि आप गलतियों से सीखते रहें और गलतियों को सुधार कर आगे बढ़ते रहें।

इस ब्लॉग के माध्यम से आपने ऑनलाइन ट्रेडिंग क्या है, ऑनलाइन ट्रेडिंग कैसे करते हैं, ऑनलाइन ट्रेडिंग कैसे सीखें, ऑनलाइन ट्रेडिंग के फायदे और कुछ टिप्स के बारे में जाना।

आशा करता हूं यह ब्लॉग “ऑनलाइन ट्रेडिंग कैसे सीखें” आपको ट्रेडिंग सीखने और ट्रेडिंग में आगे बढ़ने में मदद करेगा, अगर आपका कोई सवाल रह गया है तो नीचे कमेंट करें।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

शुरुआती लोगों के लिए ऑनलाइन ट्रेडिंग कैसे शुरू करें?

ऑनलाइन ट्रेडिंग की शुरुआत के लिए, एक विश्वसनीय ब्रोकर चुनें और एक डेमो अकाउंट खोलकर अभ्यास करें। बाजार के बारे में जानकारी हासिल करें, विभिन्न ट्रेडिंग रणनीतियों को समझें और छोटी मात्रा से शुरुआत करें। धैर्य रखें और लगातार सीखते रहें। याद रखें, निवेश में जोखिम होता है, इसलिए केवल उतना ही निवेश करें जितना आप खोने के लिए तैयार हों।

मोबाइल से ट्रेडिंग कैसे सीखें?

मोबाइल से ट्रेडिंग सीखना आजकल बहुत आसान हो गया है। आप निम्न तरीकों से शुरुआत कर सकते हैं:
1. डेमो अकाउंट: अधिकांश ब्रोकरेज फर्म डेमो अकाउंट प्रदान करते हैं, जिससे आप वास्तविक पैसे लगाए बिना ट्रेडिंग का अभ्यास कर सकते हैं।
2. ऑनलाइन कोर्स: कई वेबसाइट्स और ऐप्स शुरुआती लोगों के लिए ट्रेडिंग कोर्स मुफ्त या सशुल्क प्रदान करते हैं।
3. यूट्यूब वीडियो: यूट्यूब पर कई हिंदी चैनल हैं जो ट्रेडिंग के बारे में विस्तृत जानकारी देते हैं।
4. बुक और ब्लॉग: ट्रेडिंग से जुड़ी कई किताबें और ब्लॉग उपलब्ध हैं।
5. ब्रोकरेज फर्म का सपोर्ट: आप अपने ब्रोकरेज फर्म से भी मार्गदर्शन ले सकते हैं।

शुरुआती लोगों के लिए कौन सा ट्रेडिंग सबसे अच्छा है?

डे ट्रेडिंग उन शुरुआती लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है जो बाजारों को सीखने और अपने ट्रेडिंग कौशल को विकसित करने के लिए समय और प्रयास लगाने के लिए तैयार हैं।

शेयर मार्केट फ्री कैसे सीखें?

फिनस्कूल एक ओपन सोर्स फ्री टू लर्निंग प्लेटफॉर्म है। इस प्लेटफॉर्म तक पहुंच आजीवन है और सभी मुफ्त पाठ्यक्रमों को सभी उपयोगकर्ता मुफ्त में एक्सेस कर सकते हैं।

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