Quick Summary
आज की तारीख में जहां भारत देश टेक्नॉलजी के मामले में अमेरिका जैसे देश को भी पछाड़ रहे है, ब्रिटेन को भी पीछे करके पाँचवी सबसे बड़ी इकोनॉमी बन चुका है, वही जनसंख्या के मामले में भी वो पीछे नहीं है। UN के मुताबिक अप्रैल 2023 में भारत चीन से जनसंख्या के मामले में आगे निकल चुका है। यूनाइटेड नेशंस पुपोलेशन फंड (UNFPA) की रिपोर्ट के अनुसार भारत की जनसंख्या 1.44 बिलियन है, जो की बटवाँरे की वक्त की संख्या का लगभग 4 गुना से भी ज्यादा है।
इस जनसंख्या का ऐसा विश्लेषण किया गया है। 14 साल से कम में 24%, 10 -19 साल के 17 %, 10 -24 साल के 26%, 15 – 64 साल के 68% और 65 साल से ऊपर 7% , जनसंख्या इस तरह से है। ये खुशी की बात है की भारत में फर्टिलिटी रेट आज भी अन्य देशों से बेहतर है लेकिन इस बढ़ोतरी का कई रूपों में खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। जनसंख्या वृद्धि: समस्या और समाधान को अच्छे से जान लेना जरूरी है क्योंकि इसका असर सिर्फ संख्या पर नहीं समाज, अर्थ व्यवस्था और पर्यावरण पर भी पड़ेगा। जानते है की जनसंख्या वृद्धि क्या है।
जब किसी क्षेत्र की संख्या में बढ़ोतरी होती है उसे जनसंख्या वृद्धि कहते हैं। दुनिया की मानव आबादी ने 18वीं सदी से तेजी से वृद्धि का अनुभव किया, लेकिन 20वीं सदी के उत्तरार्ध से विकास दर में गिरावट आ रही है। हालाँकि विभिन्न देशों में जनसंख्या वृद्धि दर में काफी भिन्नता है और कुछ क्षेत्रों में वृद्धि दर में वृद्धि जारी है, लेकिन कुल मिलाकर वृद्धि दर घट रही है।
नवंबर 2022 में दुनिया की मानव आबादी 8 बिलियन तक पहुँच गई और अनुमान है कि 2080 तक यह 10.4 बिलियन तक पहुँच जाएगी और सदी के अंत तक इसी स्तर पर बनी रहेगी। हालाँकि औसतन मानव मृत्यु दर में कमी आ रही है, लेकिन जनसंख्या वृद्धि दर में कमी का मुख्य कारण प्रजनन क्षमता में कमी है। प्रजनन व्यवहार पैटर्न के आधार पर प्रजनन क्षमता भिन्न होती है, जो बदले में सांस्कृतिक परंपराओं, सामाजिक-आर्थिक स्थितियों, गर्भनिरोधक तक पहुँच और जनसंख्या घनत्व जैसे पारिस्थितिक चर जैसे कारकों पर निर्भर करती है।
जानते है जनसंख्या वृद्धि के कारण और नियंत्रण का उच्च जन्म दर, निम्न मृत्यु दर और शिक्षण से क्या संबंध है।
जनसंख्या वृद्धि किसे कहते है ये तो आप समझ गए अब जानिए की जनसंख्या वृद्धि की समस्या कैसे होती है। इससे देश के सामाजिक आर्थिक सांस्कृतिक और स्वास्थ्य से जुड़े सभी मुद्दों पर असर पड़ता है। जनसंख्या वृद्धि के कारण है:
जनसंख्या वृद्धि के कारण एवं नियंत्रण तो बहुत से है लेकिन कुछ प्रमुख नीचे दिए गए है।
भले ही भारत की जन्म दर अब गिरते जा रही है फिर भी कई क्षेत्रों में यह आज भी अच्छी खासी है। बड़े परिवार की चाहत में भी लोग ज्यादा बच्चे पैदा करते हैं जो जनसंख्या वृद्धि के चार कारण में से एक है।
उसी तरह जिस क्षेत्र में मृत्यु की संख्या उम्मीद से कम हो गई है उसे निम्न मृत्यु दर कहते है। इसकी वजह सफाई और स्वास्थ्य सेवा है। वर्ल्ड बैंक के अनुसार प्रति 1000 पर भारत की मृत्यु दर 7.30 है। ये जनसंख्या वृद्धि के चार कारण में से एक है।
जनसंख्या वृद्धि किसे कहते हैं ये समझना और समझाना जरूरी है। क्योंकि जब देश की जनसंख्या जरूरत से ज्यादा बढ़ जाती है तब वहां बेरोजगारी, भुखमरी, बढ़ जाती है और देश की व्यवस्था का संतुलन बिगड़ने लगता है। नीचे कुछ उपाय दिए हैं जिसे जनसंख्या वृद्धि के कारण एवं नियंत्रण समझा जा सकता है जैसे,
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने बहुत से ऐसे जनसंख्या नियंत्रण नीतियों बनाई है जिनका लाभ पूरा देश उठा सकता है।इनका उद्देश्य जनसंख्या वृद्धि को रोकना और उसके साथ माता और बच्चे के स्वास्थ्य का ध्यान रखना भी है। इसके तहत कुछ योजनाएं बनाई गई जिनमें से है,
जनसंख्या वृद्धि की समस्या का समाधान करने के लिए शिक्षा और जागरूकता अभियान भी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं यहां लोगों को परिवार नियोजन स्वास्थ्य सेवा और छोटे परिवार का महत्व समझाया जाता है। जैसे,
सरकार द्वारा जनसंख्या नियंत्रण पर कई सारी नीतियां लागू की जा चुकी है पर उनके बारे में ज्यादा लोगों को पता नहीं है। इसीलिए सरकारी और गैर सरकारी संगठनों को मिलकर सही योजना के बारे में हर शहर, गांव और कस्बे तक पहुंचाने की जरूरत है। इसी से यह कार्यक्रम बड़े पैमाने पर किया जा सकता है।
जनसंख्या वृद्धि, वह प्रक्रिया है जिसमें किसी क्षेत्र विशेष में रहने वाले लोगों की संख्या में समय के साथ वृद्धि मतलब बदोतरी होती है। सभी को ये जानना जरूरी है की जनसंख्या वृद्धि किसे कहते हैं और जनसंख्या वृद्धि के चार कारण है। आज की दुनिया में बढ़ती जनसंख्या एक गंभीर चिंता का विषय है क्योंकि यह कई समस्याओं को जन्म देती है, जिनका समाधान करना अत्यंत आवश्यक है। जनसंख्या वृद्धि के कारण निबंध ऐसे लिखा जा सकता है।
पहला कारण है उच्च जन्म दर। यह देखा गया है कि जिन क्षेत्रों में जन्म दर ज्यादा होती है, वहां जनसंख्या तेजी से बढ़ती है। विकसित देशों में जन्म दर कम होती है जबकि विकासशील देशों में यह दर अपेक्षाकृत अधिक होती है। इसका कारण सामाजिक और सांस्कृतिक मान्यताओं में निहित है
दूसरा कारण है निम्न मृत्यु दर। आधुनिक स्वास्थ्य सेवाओं, बेहतर टीकाकरण, और पोषण में सुधार के कारण मृत्यु दर में कमी आई है। COVID-19 महामारी के बाद लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर अधिक जागरूक हो गए हैं, जिससे विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में भी मृत्यु दर में कमी आई है। इसके चलते जनसंख्या में वृद्धि हुई है क्योंकि जन्म दर उच्च है और मृत्यु दर निम्न।
तीसरा प्रमुख कारण है शिक्षा और जागरूकता की कमी। जहां लोगों को परिवार नियोजन का महत्व नहीं समझ में आता, वहां जनसंख्या तेजी से बढ़ती है। धार्मिक और सामाजिक मान्यताओं के कारण लोग परिवार बढ़ाने को प्राथमिकता देते हैं, जिससे जनसंख्या नियंत्रण के प्रयास सफल नहीं हो पाते।
चौथा कारण है इमिग्रेशन। बेहतर रोजगार, शिक्षा और जीवन स्तर की तलाश में लोग एक देश से दूसरे देश की ओर प्रवास करते हैं। इसके अलावा, बेहतर जलवायु की खोज में भी लोग अपने मूल स्थान को छोड़कर दूसरे क्षेत्रों में बस जाते हैं, जिससे वहां की जनसंख्या में वृद्धि होती है।
भारत में कम आयु में विवाह करना एक पुरानी परंपरा है। सामाजिक, धार्मिक और अशिक्षा के प्रभाव से लोग सही उम्र से पहले विवाह कर लेते हैं। कुछ परिवारों की आर्थिक कमजोरी के कारण जल्दी विवाह किया जाता है। कम आयु में विवाह से लड़कियों की शिक्षा प्रभावित होती है और वे एक अच्छा भविष्य नहीं बना पातीं। जिसके कारण घर की आर्थिक स्थिति प्रभावित होती है क्योंकि वे पति और परिवार पर निर्भर हो जाती हैं।
लड़कियों की स्वतंत्रता और आत्म सम्मान पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिससे मानसिक तनाव और कई बार विवाह टूटने की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। कम उम्र में गर्भधारण से माता और शिशु की मृत्यु दर बढ़ जाती है और उनकी सेहत पर नकारात्मक असर पड़ता है। इस मुद्दे पर जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है। यदि कम उम्र में या जबरदस्ती शादी कारवाई जा रही हो, तो कानूनी सहायता लेनी चाहिए।
अशिक्षित लोगों में परिवार नियोजन की समझ का अभाव होता है। वे न तो अस्पताल जाते हैं और न ही परिवार नियोजन के तरीकों को अपनाते हैं, जिससे अधिक बच्चे जन्म लेते हैं। महिलाएं अशिक्षित होने के कारण परिवार नियोजन नहीं कर पातीं और अपने तथा अपने बच्चों के स्वास्थ्य का सही से ध्यान नहीं रख पातीं।
गरीबों की सबसे बड़ी अड़चन है सही सेवाओं तक ना पहुंच पाना। इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य अस्पताल, सरकारी योजना, स्वच्छता, सब कुछ शामिल है और यह अक्सर गांव में ज्यादा देखा जाता है जहां लोग गरीबी के चक्र से बाहर निकल ही नहीं पाते। वहां पुरुष प्रधानता होती है। महिलाओं को अपने लिए निर्णय लेने की आजादी नहीं होती। इसीलिए रोजगार बढ़ाकर गरीबी हटाने की जरूरत है ताकि लोग इन सभी सेवाओं का लाभ उठा सके और अपना भविष्य बना सके।
जनसंख्या वृद्धि समस्या और समाधान अति आवश्यक है और इसका समाधान तभी होगा जब लोगों में जनसंख्या वृद्धि के कारण बताइए जाएंगे। जनसंख्या वृद्धि के कारण निबंध है गरीबी, बेरोजगारी, दूषित पर्यावरण, शिक्षा और रूढ़िवादी परंपरा है जिन्हें खत्म करने की जरूरत है। इस बात को समझते हुए सभी ने अपने ऑफिस, स्कूल, कॉलेज, कॉलोनी, गांव शहर, में सरकारी और गैर सरकारी संगठनों की मदद लेकर जागरूकता फैलानी चाहिए और सामाजिक बदलाव लाना चाहिए और जनसंख्या वृद्धि की समस्या निबंध से छुटकारा पाना चाहिए।
छोटा परिवार सुखी परिवार इस बात को सभी को समझना चाहिए अक्सर लोग पर्यावरण के लिए भी अपनी जगह बदलते हैं इसीलिए अपने पर्यावरण को भी सुरक्षित रखना चाहिए। अपने आप को आर्थिक तौर पर सशक्त करना चाहिए। समय-समय पर स्वास्थ्य सेवाएं लेनी चाहिए। आज की तारीख में भारत जनसंख्या वृद्धि के मामले में सबसे आगे है, इस वजह से देश में बेरोजगारी और भुखमरी बढ़ेगी और यह बहुत बड़ा खतरा साबित हो सकता है जिसे सभी को समझने की जरूरत है।
जनसंख्या वृद्धि का अर्थ है किसी निश्चित क्षेत्र में रहने वाले लोगों की संख्या में समय के साथ होने वाला वृद्धि। यह वृद्धि जन्म दर और मृत्यु दर के बीच अंतर के कारण होती है। जब जन्म दर मृत्यु दर से अधिक होती है, तो जनसंख्या बढ़ती है।
जनसंख्या की प्राकृतिक वृद्धि में, किसी क्षेत्र में लोगों के आने (आप्रवास) और उस क्षेत्र से लोगों के बाहर जाने (प्रवास) के अंतर को जोड़ने से जनसंख्या की वास्तविक वृद्धि प्राप्त होती है।
आमतौर पर जनसंख्या वृद्धि को तीन अवस्थाओं में बांटा जाता है:
प्रथम चरण:- उच्च एवं अस्थिर जन्म एवं मृत्यु दर – धीमी जनसंख्या वृद्धि दर।
द्वितीय चरण:- उच्च जन्म दर तथा घटती मृत्यु दर – तीव्र जनसंख्या वृद्धि।
तृतीय चरण:- घटती जन्म दर तथा कम मृत्यु दर – घटती जनसंख्या।
जनसंख्या वृद्धि के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
1. स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार: बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के कारण शिशु मृत्यु दर कम होती है और लोगों की जीवन प्रत्याशा बढ़ती है।
2. खाद्य उत्पादन में वृद्धि: खाद्य उत्पादन में वृद्धि होने से लोगों को पर्याप्त भोजन मिल पाता है, जिससे जनसंख्या बढ़ती है।
3. सामाजिक-सांस्कृतिक कारण: कुछ समाजों में बड़े परिवारों को महत्व दिया जाता है, जिससे जन्म दर बढ़ती है।
4. धार्मिक कारण: कुछ धर्मों में परिवार नियोजन के विरोध में प्रचार किया जाता है, जिससे जनसंख्या वृद्धि होती है।
जनसंख्या वृद्धि के कई सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं। कुछ प्रमुख प्रभाव निम्नलिखित हैं:
• जनसंख्या वृद्धि से उत्पादन बढ़ सकता है, लेकिन साथ ही बेरोजगारी और गरीबी भी बढ़ सकती है।
• बढ़ती जनसंख्या से शहरीकरण, अपराध और सामाजिक तनाव बढ़ सकता है।
• बढ़ती जनसंख्या से प्राकृतिक संसाधनों का दोहन बढ़ता है और प्रदूषण भी बढ़ता है।
• बढ़ती जनसंख्या से राजनीतिक अस्थिरता बढ़ सकती है।
• बढ़ती जनसंख्या से सांस्कृतिक मूल्यों और परंपराओं पर असर पड़ सकता है।
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