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साहित्य अकादमी पुरस्कार भारत के प्रमुख साहित्यिक पुरस्कारों में से एक है। यह पुरस्कार भारतीय भाषाओं के लेखकों को उनकी उत्कृष्ट साहित्यिक कृतियों के लिए प्रदान किया जाता है। इसका उद्देश्य भारत की सभी भाषाओ के साहित्य को प्रोत्साहित करना है। इस ब्लॉग में हम साहित्य अकादमी पुरस्कार की शुरुआत, पुरस्कार प्राप्त करने की प्रक्रिया, साहित्य अकादमी पुरस्कार लिस्ट, साहित्य अकादमी पुरस्कार 2024 विजेताओं के नाम और किस मुख्यमंत्री को साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला है इसके बारे में जानेंगे।
साहित्य अकादमी पुरस्कार भारत का एक प्रतिष्ठित साहित्यिक सम्मान है, जो भारत की विभिन्न भाषाओं में प्रकाशित श्रेष्ट साहित्यिक कृतियों को दिया जाता है। यह पुरस्कार साहित्य अकादमी द्वारा प्रतिवर्ष दिया जाता है, जो भारत में साहित्य को बढ़ावा देने के लिए स्थापित एक स्वायत्त संस्था है। साहित्य अकादमी पुरस्कार भारत की 24 अलग-अलग भाषाओँ में दिया जाता है|
साहित्य अकादमी पुरस्कार की शुरुआत 1954 में हुई थी। इसका उद्देश्य भारतीय भाषाओं के साहित्य को प्रोत्साहित करना और सम्मानित करना था। भारतीय साहित्य को विश्व पटल पर पहचान दिलाने और उसे समृद्ध करने के लिए यह पुरस्कार एक महत्वपूर्ण कदम था। साहित्य अकादमी की स्थापना 1954 में हुई और उसी वर्ष से यह पुरस्कार प्रदान किया जाने लगा था|
साहित्य अकादमी पुरस्कार साहित्य के विभिन्न क्षेत्रों में दिया जाता है, जैसे कविता, उपन्यास, कहानी, नाटक, आलोचना और निबंध। यह पुरस्कार भारतीय भाषाओं में लिखी गई उत्कृष्ट साहित्यिक कृतियों को मान्यता देता है। इसके अलावा, यह पुरस्कार साहित्यिक योगदान के लिए भी दिया जाता है, जैसे अनुवाद और साहित्यिक शोध।
साहित्य अकादमी पुरस्कार के लिए अकादमी की वेबसाइट पर अपनी प्रकाशित साहित्यिक कृति के साथ आवेदन किया जाता है| अकादमी के सदस्य अलग-अलग भाषाओँ के लिए प्राप्त आवेदनों में से सर्वश्रेष्ट साहित्यिक कृति का चुनाव करते हैं|
साहित्य अकादमी पुरस्कार भारत की 24 मान्यता प्राप्त भाषाओं में दिया जाता है। इनमें हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू, संस्कृत, पंजाबी, बंगाली, मराठी, गुजराती, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम, ओड़िया, असमिया, कश्मीरी, डोगरी, मैथिली, नेपाली, संथाली, सिंधी, बोडो, मणिपुरी, राजस्थानी और भोजपुरी शामिल हैं। इन भाषाओं में लिखी गई उत्कृष्ट साहित्यिक कृतियों को इस पुरस्कार के लिए चुना जाता है।
साहित्य अकादमी पुरस्कार के लिए चयन प्रक्रिया बहुत ही सटीक और निष्पक्ष होती है। सबसे पहले, विभिन्न भाषाओं के विशेषज्ञों की एक समिति बनाई जाती है। ये समिति सदस्य अपने-अपने क्षेत्रों में उत्कृष्ट साहित्यिक कृतियों का चयन करते हैं। चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता का विशेष ध्यान रखा जाता है। समिति द्वारा चुनी गई कृतियों को फिर एक अन्य समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है, जो अंतिम निर्णय लेती है।
साहित्य अकादमी पुरस्कार में पुरस्कार विजेता को एक ताम्रपत्र, एक शॉल और एक नकद राशि प्रदान की जाती है। वर्तमान में यह नकद राशि 1,00,000 रुपये है। इसके साथ ही, पुरस्कार विजेता को साहित्य अकादमी द्वारा आयोजित विभिन्न साहित्यिक कार्यक्रमों में भाग लेने का अवसर भी मिलता है। यह पुरस्कार साहित्यकारों को मान्यता और प्रोत्साहन देने के लिए प्रदान किया जाता है।
1954 से 2024 तक की साहित्य अकादमी पुरस्कार लिस्ट और उनका साहित्य –
हिंदी भाषा के पुरस्कार विजेताओं की सूची | |||
वर्ष | लेखक | काम | काम के प्रकार |
1955 | माखनलाल चतुर्वेदी | हिम तरंगिनी | कविता |
1956 | वासुदेव शरण अग्रवाल | पद्मावत संजीवनी व्याख्या | टीका |
1957 | आचार्य नरेन्द्र देव | बौद्ध धर्म दर्शन | दर्शन |
1958 | राहुल सांकृत्यायन | मध्य एशिया का इतिहास | इतिहास |
1959 | रामधारी सिंह ‘दिनकर’ | संस्कृति के चार अध्याय | भारतीय संस्कृति का एक सर्वेक्षण |
1960 | सुमित्रा नंदन पंत | काला और बूढ़ा चाँद | कविता |
1961 | भगवती चरण वर्मा | भूले बिसरे चित्र | उपन्यास |
1962 | कोई पुरस्कार नहीं | – | – |
1963 | अमृत राय | प्रेमचंद: कलम का सिपाही | जीवनी |
1964 | अज्ञेय | आँगन के पर द्वार | कविता |
1965 | नागेन्द्र | रस सिद्धांत | काव्यशास्त्र पर ग्रंथ |
1966 | जैनेन्द्र कुमार | मुक्तिबोध | लघु उपन्यास |
1967 | अमृतलाल नागर | अमृत और विष | उपन्यास |
1968 | हरिवंशराय बच्चन | डो चट्टानेन | कविता |
1969 | श्रीलाल शुक्ल | राग दरबारी | उपन्यास |
1970 | रामविलास शर्मा | निराला की साहित्य साधना | जीवनी |
1971 | नामवर सिंह | कविता के नये प्रतिमान | साहित्यिक आलोचना |
1972 | भवानी प्रसाद मिश्र | बूनी हुई रस्सी | कविता |
1973 | हजारी प्रसाद द्विवेदी | आलोक पर्व | निबंध |
1974 | शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ | मिट्टी की बारात | कविता |
1975 | भीष्म साहनी | तमस | उपन्यास |
1976 | यशपाल | मेरी तेरी उसकी बात | उपन्यास |
1977 | शमशेर बहादुर सिंह | चुका भी हूं नहीं मैं | कविता |
1978 | भारत भूषण अग्रवाल | उतना वह सूरज है | कविता |
1979 | सुदामा पांडे ‘धूमिल’ | कल सुनाना मुझे | कविता |
1980 | कृष्णा सोबती | जिंदगीनामा – जिंदा रुख | उपन्यास |
1981 | त्रिलोचन | तप के ताये हुए दिन | कविता |
1982 | हरिशंकर परसाई | विकलांग श्रद्धा का दौर | हास्य व्यंग्य |
1983 | सर्वेश्वर दयाल सक्सेना | खूटियों पर तांगे लोग | कविता |
1984 | रघुवीर सहाय | लोग भूल गए हैं | कविता |
1985 | निर्मल वर्मा | कव्वे और काला पानी | लघु कथाएँ |
1986 | केदारनाथ अग्रवाल | अपूर्व | कविता |
1987 | श्रीकांत वर्मा | मगध | कविता |
1988 | नरेश मेहता | अरण्य | कविता |
1989 | केदारनाथ सिंह | अकाल में सारस | कविता |
1990 | शिव प्रसाद सिंह | नीला चंद | उपन्यास |
1991 | गिरिजा कुमार माथुर | मैं वक्त के हूं सामने | कविता |
1992 | गिरिराज किशोर | ढाई घर | उपन्यास |
1993 | विष्णु प्रभाकर | अर्धनारीश्वर | उपन्यास |
1994 | अशोक वाजपेयी | कहीं नहीं वहीं | कविता |
1995 | कुंवर नारायण | कोई दूसरा नहीं | कविता |
1996 | सुरेन्द्र वर्मा | मुझे चाँद चाहिए | उपन्यास |
1997 | लीलाधर जगूड़ी | अनुभव के आकाश में चाँद | कविता |
1998 | अरुण कमल | नये इलाके में | कविता |
1999 | विनोद कुमार शुक्ला | दीवार मैं एक खिड़की रहती थी | उपन्यास |
2000 | मंगलेश डबराल | हम जो देखते हैं | कविता |
2001 | अलका सरावगी | काली-कथा : बाईपास से | उपन्यास |
2002 | राजेश जोशी | दो पंक्तियों के बीच | कविता |
2003 | कमलेश्वर | कितने पाकिस्तान | उपन्यास |
2004 | वीरेन डंगवाल | दुष्चक्र में सृस्ता | कविता |
2005 | मनोहर श्याम जोशी | क्याप | उपन्यास |
2006 | ज्ञानेन्द्रपति | संशयात्मा | कविता |
2007 | अमर कांत | इन्ही हथियारों से | उपन्यास |
2008 | गोविंद मिश्रा | कोहरे में कैद रंग | उपन्यास |
2009 | कैलाश वाजपेयी | हवा में हस्ताक्षर | कविता |
2010 | उदय प्रकाश | मोहन दास | लघु कथाएँ |
2011 | काशीनाथ सिंह | रेहान पर रघु | उपन्यास |
2012 | चंद्रकांत देवताले | पत्थर फेंक रहा हूं | कविता |
2013 | मृदुला गर्ग | मिलजुल मैन | उपन्यास |
2014 | रमेश चंद्र शाह | विनायक | उपन्यास |
2015 | रामदरश मिश्रा | आग की हंसी | कविता |
2016 | नासिरा शर्मा | पारिजात | उपन्यास |
2017 | रमेश कुंतल मेघ | विश्व मिथक सरित सागर | साहित्यिक आलोचना |
2018 | चित्रा मुद्गल | पोस्ट बॉक्स नंबर 203 – नाला सोपारा | उपन्यास |
2019 | नंद किशोर आचार्य | छीलते हुए अपने को | कविता |
2020 | अनामिका | टोकरी में दिगन्त ‘उनकी गाथा’ | कविता |
2021 | दया प्रकाश सिन्हा | सम्राट अशोक | खेल |
2022 | बद्री नारायण | तुमाडी के शब्द | कविता |
2023 | संजीव | मुझे पता है | उपन्यास |
2024 | गौरव पाण्डेय | स्मृतियों के बीच घिरी है पृथ्वी (कविता-संग्रह) | हिंदी |
भारत की अलग-अलग भाषाओं मे साहित्य अकादमी पुरस्कार 2024 के विजेताओं की सूची इस प्रकार है-
क्र.सं | लेखक का नाम | पुस्तक का नाम (विधा) | भाषा |
1. | नयनज्योति शर्मा | जाल कोटा जुंइ (कहानी-संग्रह) | असमिया |
2. | सुपान चक्रवर्ती | देराझ हाबुदु फूल, गाताजन्मा (कविता-संग्रह) | बाङ्ला |
3. | सेफ्लू मेइड रानी बर’ | साइरखुबुम (कहानी-संग्रह) | बोडो |
4. | होना चौधरी | इक रंग सौ रंगें आ (कविता-संग्रह) | डोगरी |
5. | के. बैजल्ली | होमलस ग्रोइन अप सोशियलाइज़िंग एंड डिस्सेमिनेटिंग इन इंडिया (संस्मरण) | अंग्रेजी |
6. | रिंकु राठौड़ ‘श्रवंती’ | ….तो तमे राजी? (कविता-संग्रह) | गुजराती |
7. | गौरव पाण्डेय | स्मृतियों के बीच घिरी है पृथ्वी (कविता-संग्रह) | हिंदी |
8. | धृति बी. आर. | ज़ीरो बॅलेस (कविता-संग्रह) | कन्नड़ |
9. | मो. अशरफ ज़िया | ऐन बदस (सामालोचना एवं शोधलेख) | कश्मीरी |
10. | अंर्र्त चंद्रकांत साळगांवकर | पेडणच्या सामार (निबंध-संग्रह) | कोंकणी |
11. | रिंकी झा ऋषिका | नदी घाटी सभ्यता (कविता-संग्रह) | मैथिली |
12. | श्यामकृष्ण आर. | मिथिकल्कुलन (कहानी-संग्रह) | मलयालम |
13. | वाइखोम बिंगखेइजंगबा | अखिशा तूरल (कविता-संग्रह) | मणिपुरी |
14. | देवदास सौदागर | उसणप (उपन्यास) | मराठी |
15. | सूरश चापागाईं | व्यानमास्को थिबितिअ (कविता-संग्रह) | नेपाली |
16. | संजय पांडा | हू बाइआ (कहानी-संग्रह) | ओड़िया |
17. | रणधीर | ख़त जो लिख्याँ रह गए (कविता-संग्रह) | पंजाबी |
18. | सोनाली सुधा | सुध साधू जग आंगणे (कविता-संग्रह) | राजस्थानी |
19. | अंजन करमाकर | जंगबाहा (कविता-संग्रह) | संथाली |
20. | गीता प्रदीप ऋषाणी | पेपर पथ (लेख-संग्रह) | सिंधी |
21. | लोकेश रघुसामन | विष्णु वंश (कहानी-संग्रह) | तमिळ |
22. | रमेश कार्तिक नायक | धावळो (कहानी-संग्रह) | तेलुगू |
23. | जावेद अंबर मिर्ज़ाबादी | स्टपनी (कहानी-संग्रह) | उर्दू |
24. | अरुण रंजन मिश्रा | शून्य मेघ(कविता-संग्रह) | संस्कृत |
साहित्य अकादमी पुरस्कार का भारतीय साहित्य पर गहरा प्रभाव पड़ा है। इस पुरस्कार ने लेखकों को अपने साहित्यिक योगदान के लिए प्रोत्साहित किया है और उन्हें मान्यता प्रदान की है। इससे भारतीय साहित्य की विविधता और समृद्धि को भी बढ़ावा मिला है।
साहित्य अकादमी की स्थापना 1954 में भारत सरकार द्वारा की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय साहित्य को प्रोत्साहित करना और इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाना था। साहित्य अकादमी विभिन्न भाषाओं के साहित्यकारों के बीच संवाद और सहयोग को बढ़ावा देती है। इसके अलावा, यह साहित्यिक कार्यक्रमों, सेमिनारों, और कार्यशालाओं का आयोजन भी करती है।
साहित्य अकादमी केवल पुरस्कार प्रदान करने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह कई अन्य गतिविधियाँ भी आयोजित करती है। इसमें साहित्यिक सम्मेलनों का आयोजन, साहित्यिक पत्रिकाओं का प्रकाशन, और विभिन्न भाषाओं में साहित्यिक कृतियों का अनुवाद शामिल है। यह साहित्यिक धरोहर को संरक्षित करने के लिए भी कार्य करती है।
साहित्य अकादमी पुरस्कार के अलावा, साहित्य अकादमी कई अन्य पुरस्कार भी प्रदान करती है। इनमें बाल साहित्य पुरस्कार, युवा साहित्य पुरस्कार, और अनुवाद पुरस्कार शामिल हैं। ये पुरस्कार विभिन्न श्रेणियों में उत्कृष्ट साहित्यिक योगदान के लिए दिए जाते हैं।
साहित्य अकादमी विभिन्न भाषाओं में साहित्यिक पुस्तकों और पत्रिकाओं का प्रकाशन करती है। इसके अलावा, यह साहित्यिक अनुवादों को भी प्रोत्साहित करती है ताकि विभिन्न भाषाओं के साहित्यिक कृतियों को एक-दूसरे तक पहुंचाया जा सके। साहित्य अकादमी की पुस्तकें और पत्रिकाएं उच्च गुणवत्ता की होती हैं और साहित्यिक जगत में उच्च सम्मानित होती हैं।
साहित्य अकादमी के पास एक विशाल पुस्तकालय और साहित्यिक संग्रह है। इस पुस्तकालय में भारतीय और अंतरराष्ट्रीय साहित्यिक कृतियों का एक बड़ा संग्रह है। यह पुस्तकालय शोधकर्ताओं, साहित्यकारों, और साहित्य प्रेमियों के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन है।
इस ब्लॉग में हमने साहित्य अकादमी पुरस्कार की शुरुआत, पुरस्कार प्राप्त करने की प्रक्रिया, साहित्य अकादमी पुरस्कार लिस्ट, साहित्य अकादमी पुरस्कार 2024 विजेताओं के नाम और किस मुख्यमंत्री को साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला है इसके बारे में जानने की कोशिश की है। साहित्य अकादमी पुरस्कार भारतीय साहित्य क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण पुरस्कार है। यह पुरस्कार न केवल लेखकों को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित करता है, बल्कि भारतीय साहित्य की समृद्धि और विविधता को भी प्रोत्साहित करता है। यह पुरस्कार न केवल लेखकों को मान्यता देता है, बल्कि उन्हें और बेहतर कार्य करने के लिए प्रेरित भी करता है। साहित्य अकादमी पुरस्कार ने भारतीय साहित्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और आगे भी निभाता रहेगा।
1987 में साहित्य अकादमी पुरस्कार हिंदी कवि श्रीकांत वर्मा को उनकी कविता संग्रह “मगध” के लिए दिया गया था।
साहित्य अकादमी की स्थापना 1954 में हुई थी।
1955: 5,000/- रुपए
1983: 10,000/- रुपए
1988: 25,000/- रुपए
2001: 40,000/- रुपए
2003: 50,000/- रुपए
सन् 2010 से यह राशि 1,00,000/- रुपए कर दी गई है।
माखनलाल चतुर्वेदी वर्ष 1955 में हिंदी श्रेणी में पहले प्राप्तकर्ता थे।
साहित्य अकादमी पुरस्कार जीतने वाली पहली भारतीय महिला अमृता प्रीतम थीं। उन्होंने साल 1956 में अपनी लंबी कविता ‘सुनेहेड’ के लिए यह पुरस्कार जीता था।
आर.के. नारायण इस पुरस्कार के पहले विजेता थे।
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