Quick Summary
भारतीय पुलिस सेवा एक अखिल भारतीय सेवा है, जिसे आम बोलचाल में आईपीएस बोला जाता है। भारत में पुलिस सेवा का जन्म मौर्य शासनकाल में हुआ था। हालांकि, वर्तमान पुलिस सेवा की व्यवस्था, कार्य और कर्तव्य और स्वरूप का जन्म ब्रिटिश शासन काल में हुआ था। आजादी के बाद पुलिस व्यवस्था वही रही लेकिन कार्य और कर्तव्य बदल गए। भारतीय पुलिस सेवा देश की देश के लोगों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण संगठन है। समाज में अपराध से बचाने और लोगों को सुरक्षा और न्याय का देने का काम यही भारतीय पुलिस सेवा करती है।
भारतीय पुलिस सेवा (IPS) तीन अखिल भारतीय सेवाओं में से एक है। आईपीएस अधिकारी राज्य और केन्द्र, दोनों स्तरों पर पुलिस बलों और अर्द्धसैनिक बलों( BSF, CISF, CRPF, ITPB, NSG और SSB) को वरिष्ठ स्तर का नेतृत्व प्रदान करते हैं। यह 1948 में ब्रिटिश शासनकालीन इंपीरियल पुलिस सेवा (Imperial Police Service) के स्थान पर स्थापित की गई थी।
भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों (IPS Officers) को भारतीय पुलिस बल (Indian Police Force – IPF) में विभिन्न पदों पर नियुक्त किया जाता है, जिसमें:
भारतीय पुलिस सेवा अधिकारियों का प्राथमिक कार्य देश में कानून और व्यवस्था बनाए रखना और अपराधों को रोकना है। वे अपराधों की जांच करते हैं, आरोपियों पर मुकदमा चलाते हैं, और सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं।
भारतीय पुलिस सेवा क्या है और भारतीय पुलिस सेवा की स्थापना कब हुई थी? इस बारे में तो जान लिया। अब भारतीय पुलिस का इतिहास के बारे में विस्तार से बताते हैं।
भारतीय पुलिस सेवा के इतिहास के प्रारंभिक काल की बात करें तो मुगलों के पतन के बाद भारत में ब्रिटिश शासन रहा।
भारतीय पुलिस सेवा के इतिहास के बाद अब भारतीय पुलिस सेवा परीक्षा के बारे में विसतृत जानकारी देते हैं। भारतीय पुलिस सेवा की परीक्षा संघ लोक सेवा आयोजित (UPSC) द्वारा आयोजित की जाती है। भारतीय पुलिस सेवा परीक्षा हर साल मई से शुरू होकर जनवरी तक आयोजित की जाती है। भारतीय पुलिस सेवा परीक्षा का उद्देश्य विभिन्न प्रकार के भारतीय पुलिस पदों को भरना है।
भारतीय पुलिस के इतिहास के बाद अब भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी के बारे में बात करते हैं। भारतीय पुलिस सेवा (IPS) मूल रूप से अपने आप में एक पुलिस बल नहीं है। यह राज्य पुलिस बलों और केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों को नेता और कमांडर प्रदान करता है। भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों में एक पदानुक्रमिक संरचना होती है और अधिकारी अपने कैरियर के दौरान विभिन्न रैंकों के माध्यम से आगे बढ़ते हैं। आईपीएस की रैंकिंग के बारे में विस्तार से बताते हैं।
पद | भूमिका | जिम्मेदारी | वेतन |
पुलिस महानिदेशक (DGP) | राज्य पुलिस बल में सर्वोच्च पद | राष्ट्रीय स्तर पर CRPF व BSF जैसी एजेंसियों में भी काम कर सकते हैं। | 80,000/ प्रति माह |
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADGP) | राज्य पुलिस बल में वरिष्ठ पद | पुलिस विभाग में विशेष शाखाओं या इकाइयों का नेतृत्व। | 37,400-67,000 / प्रति माह |
पुलिस महानिरीक्षक (IG) | राज्य पुलिस बल में वरिष्ठ पद | राज्य में कानून और व्यवस्था के लिए जिम्मेदार। | 37,400-67,000 / प्रति माह |
पुलिस उप महानिरीक्षक (DIG) | वरिष्ठ अधिकारी | विशिष्ट क्षेत्रों में कानून और व्यवस्था के प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका। | 37,400-67,000 / प्रति माह |
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP)/पुलिस अधीक्षक (SP) | जिलों व शहरी क्षेत्रों के प्रभारी | कानून और व्यवस्था बनाए रखना, अपराध की रोकथाम और प्रशासनिक कर्तव्य शामिल हैं। | 15,600-39,100 / प्रति माह |
सहायक पुलिस अधीक्षक (ASP) | प्रवेश स्तर का पद | परिवीक्षाधीन अधिकारी के रूप में काम करते हैं। | 15,600-39,100 / प्रति माह |
पुलिस उपाधीक्षक (DSP) | आईपीएस पदानुक्रम में दूसरा पद | कानून और व्यवस्था का प्रबंधन, अपराधों की जांच और जिले में शांति बनाए रखने के लिए जिम्मेदार होता है। | 53,100-1,67,800 / प्रति माह |
भारतीय पुलिस का सबसे बड़ा पद पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) का होता है। पुलिस महानिदेशक भारत में थ्री-स्टार रैंक का पुलिस अधिकारी होता है।
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राज्य के पुलिस बल का मुखिया होता है। डीजीपी का पूरा नाम डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस है। यह भारतीय पुलिस का सबसे बड़ा पद होता है जो भारतीय पुलिस सेवा के द्वारा चुना जाता है। इसे प्रदेश में कैबिनेट मंत्री के समकक्ष दर्ज़ा प्राप्त है। डीजीपी किसी राज्य या देश में पुलिस विभाग का नेतृत्व, रणनीतिक दिशा और समग्र प्रबंधन प्रदान करने के लिए जिम्मेदार होता है। यह भूमिका कानून और व्यवस्था बनाए रखने, सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने और न्याय और सुरक्षा के सिद्धांतों को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के पास कई प्रकार की भूमिकाएं और जिम्मेदारियां होती हैं:
केंद्रीय गृह मंत्रालय विभिन्न प्रकार के दायित्वों का निर्वहन करता है जिनमें देश की आंतरिक सुरक्षा, सीमा प्रबंधन, केंद्र-राज्य संबंध, संघ राज्य क्षेत्रों का प्रशासन, केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों का प्रबंधन और आपदा प्रबंधन आदि शामिल हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय को केन्द्रीय गृह मंत्री संभालता है।
केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो(CBI) भारत सरकार की मुख्य जांच एजेंसी है। यह कोई अपनी वैधानिक निकाय नहीं है। इसे अपनी शक्तियां दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम, 1946 से प्राप्त होती है। केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो(CBI) की स्थापना 1941 में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान खरीद में भ्रष्टाचार के मामलों की जांच के लिए विशेष पुलिस प्रतिष्ठान के रूप में की गई थी। बाद मे गृह मंत्रालय के एक प्रस्ताव द्वारा सीबीआई का गठन किया गया था।
राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) आतंकवाद विरोधी अभियानों में शामिल भारत के विशेष बलों में से एक है। राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) की स्थापना 1986 में देश में आतंकवाद विरोधी गतिविधियों से निपटने के लिए की गई थी। एनएसजी सीधे भारत सरकार के गृह मंत्रालय के अधीन है। एनएसजी का मॉडल जर्मनी के जीएसजी-9 और यूनाइटेड किंगडम के एसएएस पर आधारित है।
भारतीय पुलिस सेवा (IPS) एक अखिल भारतीय सेवा है। इस लेख में भारतीय पुलिस सेवा के इतिहास के साथ-साथ भारतीय पुलिस अधिकारियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है। भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी के दिमाग और सजगता का अक्सर परीक्षण किया जाता है। भारतीय पुलिस सेवा (IPS) नियमित रूप से समाज के सबसे बुरे और सबसे अच्छे लोगों के संपर्क में आता है। समाज से अपराध की रोकथाम और लोगों को न्याय दिलाने के लिए भारतीय पुलिस सेवा (IPS) एक प्रतिष्ठित पद है।
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आईपीएस का दूसरा नाम “भारतीय पुलिस सेवा” (Indian Police Service) है। पहले इसे “इंपीरियल पुलिस” के नाम से जाना जाता था, लेकिन 1948 में इसका नाम बदलकर भारतीय पुलिस सेवा कर दिया गया।
भारत में पुलिस सेवा का जनक लॉर्ड कॉर्नवालिस को माना जाता है। उन्होंने ब्रिटिश शासनकाल में आधुनिक पुलिस व्यवस्था की नींव रखी और इसे संगठित रूप दिया।
इंडियन पुलिस सर्विस को हिंदी में “भारतीय पुलिस सेवा” कहते हैं।
आईपीएस अधिकारी कानून और व्यवस्था बनाए रखते हैं, अपराधों की जांच करते हैं, वीआईपी सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं, आपदा प्रबंधन करते हैं, और सामाजिक सुधार के लिए योजनाएं चलाते हैं।
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