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उपसर्ग और प्रत्यय के 50 उदाहरण की जानकारी केवल छात्रों के लिए ही नहीं, बल्कि लेखकों, कवियों और सामान्य पाठकों के लिए भी महत्वपूर्ण है। यहाँ प्रस्तुत 20 उपसर्ग और प्रत्यय/upsarg aur pratyay के उदाहरणों से अधिक उपसर्ग और प्रत्यय के 50 उदाहरण हिंदी में आपकी भाषा की समझ को और भी सशक्त बनाएंगे। अगर आप 20 उपसर्ग और प्रत्यय के उदाहरणों से अधिक उपसर्ग और प्रत्यय के 50 उदाहरण हिंदी में ढूंढ रहे हैं, तो यह ब्लॉग आपके लिए एक अमूल्य संसाधन साबित होगा इसे पूरा पढ़ें।
उपसर्ग वे छोटे-छोटे शब्दांश होते हैं जो किसी शब्द के पहले जोड़े जाते हैं ताकि उसके अर्थ में बदलाव किया जा सके। ये शब्द के मूल अर्थ को बदलते हैं या उसे विशेष बनाते हैं। उदाहरण के लिए, दिन में “प्रति” उपसर्ग जोड़ने से “प्रतिदिन” शब्द बनता है, जिसका मतलब है “हर दिन”।
उपसर्ग के प्रकारों में मुख्य रूप से संस्कृत उपसर्ग, हिंदी उपसर्ग और उर्दू उपसर्ग आते हैं।
संस्कृत उपसर्ग, उपसर्ग के प्रकार में से एक है। संस्कृत भाषा में उपसर्गों की संख्या काफी अधिक है। इसकी खास बात यह है कि बहुत सारे हिंदी शब्दों में भी इनका इस्तेमाल होता है। जो नए शब्द बनाने में मदद करता करता है।
संकृत उपसर्ग के कुछ उदाहरण:
हिंदी उपसर्ग, उपसर्ग के प्रकार में से एक है। हिंदी उपसर्ग ऐसे छोटे-छोटे शब्दांश हैं जो किसी शब्द की शुरुआत में लगकर उसके अर्थ को बदल देते हैं या उसे और स्पष्ट करते हैं। हिंदी उपसर्गों की मदद से हम बहुत सारे नए शब्द बना सकते हैं। ये ज्यादातर संस्कृत भाषा से आए हैं। इनका प्रयोग हिंदी में व्यापक रूप से होता है। ये शब्दों को अर्थपूर्ण और सार्थक बनाते हैं।
हिंदी उपसर्ग के कुछ उदाहरण:
उर्दू उपसर्ग छोटे-छोटे शब्दांश होते हैं जो किसी उर्दू शब्द की शुरुआत में लगकर उसके अर्थ को बदल देते हैं या नया अर्थ जोड़ देते हैं।
उर्दू उपसर्गों की खासियत:
उर्दू उपसर्ग के उदाहरण:
प्रत्यय वे शब्द हैं, जो दूसरे शब्दों के अंत में जोड़े जाते हैं ताकि उनका अर्थ बदल सके या नया शब्द बन सके। प्रत्यय शब्दों को विशेषता, क्रिया, या अन्य भाव देने का काम करते हैं।
उदाहरण:
हिंदी व्याकरण में प्रत्यय का काफी उपयोग है ये शब्दों के अंत में जोड़े जाते हैं ताकि उनका अर्थ या रूप बदल सके। ये छोटे-छोटे अंश शब्द के अंत में लगकर उसके अर्थ को विशेष बनाते हैं। प्रत्यय का सही उपयोग करके हम नए शब्द बना सकते हैं और अपने विचारों को स्पष्टता से व्यक्त कर सकते हैं।
मुख्य रूप से प्रत्यय के दो प्रकार होते हैं, कृत प्रत्यय और तद्धित प्रत्यय जिनका उपयोग अलग अलग शब्दों में होता है।
कृत प्रत्यय, प्रत्यय के प्रकार में से एक है ये हमेशा क्रिया के अंत में आने वाले प्रत्यय हैं। जब ये किसी क्रिया के साथ जुड़ते हैं, तो एक नया शब्द बनता है जो या तो संज्ञा या विशेषण होता है। कृत प्रत्ययों की मदद से हम बहुत सारे नए शब्द बना सकते हैं और शब्दों के अर्थ को और अधिक स्पष्ट कर सकते हैं।
कृत प्रत्यय के उदाहरण:
तद्धित प्रत्यय हिंदी व्याकरण में वे प्रत्यय होते हैं जो किसी मूल शब्द के अंत में जोड़कर उससे नया शब्द बनाते हैं। तद्धित प्रत्यय जोड़ने से नए शब्द का अर्थ मूल शब्द से संबंधित होता है, लेकिन उसमें कुछ नया गुण या विशेषता जुड़ जाती है।
तद्धित प्रत्यय के उदाहरण:
अंतर | उपसर्ग | प्रत्यय |
स्थान | उपसर्ग किसी शब्द के शुरुआत में जुड़तें हैं। | प्रत्यय किसी शब्द के अंतिम में जुड़तें हैं। |
प्रभाव | उपसर्ग शब्द के अर्थ बदलते हैं। | प्रत्यय शब्द के अर्थ और कभी-कभी रूप भी बदलते हैं। |
उदाहरण | अ: असत्य, अधि: अधिकार | पन: मीठापन, आ: पढ़ना |
उपसर्ग और प्रत्यय के 50 उदाहरण हिंदी में निम्नलिखित हैं।
उपसर्ग और प्रत्यय/upsarg aur pratyay के उदाहरण | ||||
संख्या | उपसर्ग के 50 उदाहरण | प्रत्यय के 50 उदाहरण | ||
उपसर्ग | शब्द | प्रत्यय | शब्द | |
1 | अ | असामान्य | ता | सज्जता |
2 | अधि | अधिकार | ता | सामर्थ्यता |
3 | अति | अतिउत्साही | जी | कामकाजी |
4 | अन् | अंति | कर्म | सदकर्म |
5 | आ | आवाज | कृति | साहित्यकृति |
6 | अर्थ | अर्थशास्त्र | किय | राजकीय |
7 | उ | उत्साह | शास्त्र | आयुर्वेदशास्त्र |
8 | उप | उपकार | कर्म | सदकर्म |
9 | प्रति | प्रतिनिधि | कृति | साहित्यकृति |
10 | स | संबंध | ज्ञ | ज्ञान |
11 | सु | सुखद | ति | सहानुभूति |
12 | अप्र | अप्राकृतिक | गिरी | पर्वतगिरी |
13 | न | नकारात्मक | कर्म | स्वकर्म |
14 | अ | अलक्षित | करण | उपकरण |
15 | अप | अपराध | यक | गायक |
16 | उप | उपस्थित | ता | वीरता |
17 | अति | अतिरेक | री | पानीधारी |
18 | सु | सुभग | आ | नायिका |
19 | अनु | अनुपस्थिति | पंथ | धर्मपंथ |
20 | वि | विविध | इक | अधिक |
21 | अधि | अधिकार | यक | नायक |
22 | अव | अवसर | धन | संबंधन |
23 | सा | सांस्कृतिक | शरण | आशरण |
24 | प्रति | प्रतिकूल | धन | मूलधन |
25 | नि | निर्धारित | प्रकार | संबंधप्रकार |
26 | परि | परिवर्तन | त्व | सौंदर्यत्व |
27 | अधि | अधिक | रूप | सौंदर्यरूप |
28 | सृ | सृजन | शास्त्र | वेदशास्त्र |
29 | अनु | अनुकरण | लिपि | देवनागरीलिपि |
30 | मध | मध्यम | न | मान |
31 | न | निज | कृति | साहित्यकृति |
32 | सु | सुंदर | आर्थी | विद्यार्थी |
33 | परि | परिवार | धन | अर्थवर्धन |
34 | वि | विपरीत | दारी | पानीधारी |
35 | अव | अवांछनीय | पद्धति | शैक्षणिकपद्धति |
36 | अध | अध्याय | कारी | शिल्पकारी |
37 | प्र | प्रभात | अधिकारी | सहायकअधिकारी |
38 | असु | असुरक्षित | पंथ | सामाजिकपंथ |
39 | उत | उत्पत्ति | पुत्र | धनपुत्र |
40 | अन | अनदेखी | पंथ | धर्मपंथ |
41 | सा | साधक | विद्या | उच्चविद्या |
42 | सं | संशोधन | आलय | विद्यालय |
43 | अधि | अधिकारी | थन | समर्थन |
44 | अ | अथवा | ज्ञान | विज्ञान |
45 | अ | अलक्षित | रक | धारक |
46 | प्र | प्रेरणा | कर्मी | सेवाकर्मी |
47 | अनु | अनुवाद | इत्र | मित्र |
48 | सं | संघ | इय | प्रिय |
49 | पुन | पुनरावृत्ति | ओद | विनोद |
50 | अद | अद्भुत | दान | योगदान |
शब्द निर्माण, व्याकरणिक शुद्धता और स्पष्टता में उपसर्ग और प्रत्यय का प्रयोग काफी महत्वपूर्ण है।
“उपसर्ग और प्रत्यय के 50 उदाहरण हिंदी में” के माध्यम से हमने देखा कि किस प्रकार ये शब्दों में नए अर्थ और संचार जोड़ते हैं। इनका सही और सटीक प्रयोग न केवल भाषा को समृद्ध बनाता है, बल्कि हमारे संवाद को भी अधिक प्रभावशाली और प्रभावशाली बनाता है। उपसर्ग और प्रत्यय/upsarg aur pratyay का ज्ञान एक महत्वपूर्ण उपकरण है जो हमें भाषा की जटिलताओं को समझने और उनका उपयोग करने में मदद करता है।
इस ब्लॉग में आपने 20 उपसर्ग और प्रत्यय से अधिक उपसर्ग और प्रत्यय/upsarg aur pratyay के उदाहरणों के बारे में जाना। आशा है कि ये ब्लॉग “उपसर्ग और प्रत्यय के 50 उदाहरण हिंदी में” आपको “उपसर्ग और प्रत्यय के उदाहरण”/upsarg aur pratyay को समझने और अपने लेखन को और भी शुद्ध करने में सहायक सिद्ध होगा।
उपसर्ग किसी शब्द के आरंभ में जुड़कर उसका अर्थ बदल देता है। आप किसी भी शब्द के आरंभ में उपसर्ग जोड़कर एक नया शब्द बना सकते हैं।
उदाहरण:
अ + योग्य = अयोग्य
सु +ंदर = सुंदर
नि +राश = निराश
प्रत्यय किसी शब्द के अंत में जुड़कर उसका अर्थ बदल देता है। आप किसी भी शब्द के अंत में प्रत्यय जोड़कर एक नया शब्द बना सकते हैं।
उदाहरण:
बच्चा + पन = बचपन
लिख + ने = लिखने
गुरु + वर = गुरुवर
प्रत्यय के 20 उदाहरण:
पन: बचपन, बुढ़ापा
ता: मिठास, लालच
त्व: गौरव, सौंदर्य
आ: पढ़ाकू, खिलाड़ी
वा: गुरुवा, देवा
ई: रानी, देवी
नीय: पढ़नीय, जाननीय
अनीय: अज्ञात, अचिन्तनीय
स्थान: पुस्तकालय, अस्पताल
वासी: नगरवासी, ग्रामीण
काल: प्राचीनकाल, भविष्यकाल
दार: पुस्तकालय, संग्रहालय
वान: धावक, कवि
मान: मानव, गृहमान
हार: विजेता, पराजय
कर: लेखक, शिक्षक
वत: शक्तिशाली, बुद्धिमान
रत: प्रेमरत, ज्ञानरत
हीन: दुर्बल, निर्धन
वान: धावक, कवि
“सुंदरता” शब्द में “ता” प्रत्यय जुड़ा हुआ है।
मुख्य रूप से दो प्रकार के प्रत्यय होते हैं:
2कृत प्रत्यय: ये धातुओं से नए शब्द बनाते हैं।
तद्धित प्रत्यय: ये संज्ञा या विशेषणों से नए शब्द बनाते हैं।
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