Quick Summary
त्रिकोणमिति गणित की वह शाखा है, जिसमें त्रिभुज के कोणों और भुजाओं का अध्ययन किया जाता है। यह उन फलनों का समूह है, जो त्रिभुज के कोणों और उनके अनुपातों (जैसे Sin, Cos, Tan आदि) का उपयोग करके गणनाएं करता है। कोणों को रेडियन या डिग्री में मापा जाता है, जिसमें डिग्री का मान आमतौर पर 0°, 30°, 45°, 60°, और 90° के बीच होता है।
यह विषय न केवल गणित बल्कि विज्ञान, इंजीनियरिंग, भौतिकी और एस्ट्रोनॉमी में भी अत्यधिक उपयोगी है। । त्रिकोणमिति के सभी सूत्र लेख में त्रिकोणमिति फार्मूला ट्रिक, साइन थीटा का सूत्र और टेन थीटा का सूत्र के बारे में बात करेंगे। त्रिकोणमिति के सूत्र और अनुपात कठिन लग सकते हैं, लेकिन सही तरीके और ट्रिक्स से इन्हें आसानी से समझा और याद किया जा सकता है।
त्रिकोणमिति गणित की वह शाखा है, जिसमें त्रिभुज और उनसे बनने वाले बहुभुजों का अध्ययन किया जाता है। इसका शाब्दिक अर्थ है “त्रिभुज का मापन,” अर्थात् त्रिभुज की भुजाओं और कोणों का विश्लेषण और मापन।
भारतीय गणितज्ञों ने त्रिकोणमितीय अनुपातों जैसे Sin, Cos, Tan आदि का सिद्धांत प्रस्तुत किया, जिसका उद्देश्य जटिल गणनाओं को सरल बनाना था। त्रिकोणमिति के सभी सूत्र भूगणित, सर्वेक्षण, आकाशीय यांत्रिकी और नेविगेशन जैसे क्षेत्रों में अत्यंत उपयोगी साबित हुआ। यह शब्द दो ग्रीक शब्दों से मिलकर बना है:
अर्थात त्रिभुज के तीन कोणों का माप ही त्रिकोणमिति कहलाता है.
त्रिकोणमिति मुख्य रूप से दाएं कोण (Right Angle Triangle) वाले त्रिभुजों पर आधारित है, जहाँ एक कोण 90 डिग्री होता है। इसका उपयोग त्रिभुज की भुजाओं और उनके कोणों के अनुपात को समझने और गणना करने के लिए किया जाता है।
त्रिकोणमिति में किसी त्रिभुज की भुजाओं और कोणों के बीच के संबंधों का अध्ययन किया जाता है। इसका उपयोग प्राचीन समय से होता आ रहा है। इतिहास में मिस्र और बेबीलोन की सभ्यताओं में त्रिकोणमिति के प्रयोग के प्रमाण मिलते हैं।
प्राचीन खगोलविद त्रिकोणमिति का उपयोग तारों और ग्रहों की पृथ्वी से दूरी मापने के लिए करते थे। वर्तमान समय में भी त्रिकोणमिति का महत्व कम नहीं हुआ है। इसे आधुनिक इंजीनियरिंग और भौतिक विज्ञान में अनेक समस्याओं को हल करने के लिए व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाता है।
नीचे दिए गए चित्र में आप देख सकते हैं कि त्रिभुज की क्षैतिज भुजा को “आधार” (Base) कहा जाता है। जो भुजा आधार के साथ 90 डिग्री का कोण बनाती है, उसे “लंब” (Perpendicular) कहते हैं। वहीं, 90 डिग्री के सामने स्थित सबसे लंबी भुजा को “कर्ण” (Hypotenuse) कहा जाता है।
जब हम त्रिकोणमिति के सूत्रों (Trigonometric Formula) को सीखते हैं, तो ये सभी सूत्र मुख्य रूप से एक समकोण त्रिभुज (Right-Angled Triangle) के लिए बनाए जाते हैं।
जैसा कि आप जानते हैं, एक समकोण त्रिभुज में तीन भुजाएँ होती हैं – आधार (Base), लंब (Perpendicular), और कर्ण (Hypotenuse)।
नीचे दिए गए चित्र में आप देख सकते हैं कि त्रिभुज की क्षैतिज भुजा को “आधार” (Base) कहते हैं। जो भुजा आधार के साथ 90 डिग्री का कोण बनाती है, उसे “लंब” (Perpendicular) कहा जाता है। वहीं, 90 डिग्री के सामने स्थित सबसे लंबी भुजा को “कर्ण” (Hypotenuse) कहते हैं।
त्रिकोणमितिय अनुपात त्रिकोणमिति से जुड़े सभी प्रश्नों को हल करने के लिए उपयोग किए जाते हैं। इन्हें त्रिकोणमितीय फलन (Trigonometric Functions) भी कहा जाता है और ये त्रिकोणमिति के मूलभूत सूत्र (Basic Trikonmiti Formula) के रूप में जाने जाते हैं।
कोण यानि Angle के रूप में प्रयोग की जाने वाली ग्रीक शब्द
त्रिकोणमितिय अनुपात समकोण त्रिभुज की भुजाओं के आधार पर निकाले जाते हैं। इसके लिए तीन मुख्य भुजाओं का उपयोग होता है:
इन त्रिकोणमिति सूत्रों (Trigonometric Formulas) का उपयोग तब किया जाता है जब किसी एक त्रिकोणमितीय अनुपात का मान ज्ञात हो और दूसरे अनुपात का मान निकालना हो। उदाहरण के लिए, यदि किसी कोण का cosec\coseccosec का मान ज्ञात है, तो आप आसानी से उसका sin\sinsin का मान निर्धारित कर सकते हैं।
S = Sin = Perpendicular / Hypotenuse
C = Cos = Base / Hypotenuse
T = Tan = Perpendicular / Base
साइन (Sin) एक त्रिकोणमितीय अनुपात है, जिसका उपयोग समकोण त्रिभुज (Right-Angled Triangle) में कोण और भुजाओं के बीच संबंध को व्यक्त करने के लिए किया जाता है।
साइन θ का अर्थ:
साइन θ किसी कोण (θθθ) के सामने की भुजा (Perpendicular) और कर्ण (Hypotenuse) का अनुपात होता है।
Sin θ= Perpendicular/ Hypotenuse
उदाहरण: यदि θ=30°θ = 30°θ=30°, तो:
समकोण त्रिभुज में सामने की भुजा (Perpendicular) को 1 मानें।
कर्ण (Hypotenuse) को 2 मानें।
Sin 30°= Perpendicular/ Hypotenuse = 1/2
इसलिए, Sin 30°= 1/2
साइन अनुपात का उपयोग भौतिक और व्यावहारिक समस्याओं को हल करने में किया जाता है।
यह ऊँचाई और दूरी मापने जैसे वास्तविक जीवन के परिदृश्यों में उपयोगी है।
साइन अनुपात त्रिकोण के कोणों और भुजाओं के बीच एक महत्वपूर्ण संबंध को दर्शाता है। जब हमें किसी त्रिकोण की ऊंचाई (Perpendicular) और कर्ण (Hypotenuse) ज्ञात हो,
तो साइन अनुपात के माध्यम से आसानी से कोण θθθ का मान निकाला जा सकता है। इसी तरह, यदि कोण और कर्ण ज्ञात हैं, तो इससे त्रिभुज की अन्य भुजाओं की लंबाई भी निकाली जा सकती है।
साइन अनुपात का उपयोग एस्ट्रोनॉमी, भौतिकी, और इंजीनियरिंग में कोण और ऊँचाई की गणना के लिए किया जाता है। उदाहरण के लिए, किसी खड़ी इमारत या पहाड़ की ऊँचाई मापने के लिए साइन का उपयोग किया जाता है।
टैन (Tan) एक त्रिकोणमितीय अनुपात है, जो समकोण त्रिभुज (Right-Angled Triangle) में कोण (θθθ) के सामने की भुजा (Perpendicular) और आधार (Base) के अनुपात को दर्शाता है।
Tan θ= Perpendicular/ Base
संबंध साइन और कोसाइन से:
टैन अनुपात को साइन (SinSinSin) और कोसाइन (CosCosCos) के अनुपात से भी व्यक्त किया जा सकता है:
Tan θ= Sin θ/ Cos θ
यह सूत्र साइन और कोसाइन के उपयोग से टैन का मान निकालने में मदद करता है।
टैन (Tan) एक त्रिकोणमितीय अनुपात है, जो समकोण त्रिभुज (Right-Angled Triangle) में कोण (θθθ) के सामने की भुजा (Perpendicular) और आधार (Base) के अनुपात को दर्शाता है।
Tan θ= Perpendicular/ Base
टैन अनुपात को साइन (Sin) और कोसाइन (Cos) के अनुपात से भी व्यक्त किया जा सकता है:
Tan θ= Sin θ/ Cos θ
यह सूत्र साइन और कोसाइन के उपयोग से टैन का मान निकालने में मदद करता है।
यहाँ द्विकोण यानि double angle का मतलब है किसी कोण का दुगुना। Trikonmiti Formula में Double Angle Formula भी हैं जिनमें से कुछ प्रमुख फॉर्मूले इस प्रकार से हैं-
ये थे त्रिकोणमिति के सभी सूत्र अब देख लेते है त्रिकोणमिति टेबल
यदि किसी त्रिभुज का एक कोण ज्ञात हो, तो नीचे दिए गए त्रिकोणमिति टेबल की मदद से त्रिकोणमितीय अनुपात जैसे sin, cos, tan, cosec, sec और cot के मान आसानी से निकाले जा सकते हैं।
अधिकांश परीक्षाओं में पूछे जाने वाले प्रश्नों को इस टेबल का उपयोग करके हल किया जा सकता है। इसलिए छात्रों के लिए यह सलाह दी जाती है कि त्रिकोणमिति के सूत्रों (Trigonometric Formulas) के साथ-साथ इस टेबल को भी अच्छे से याद कर लें, ताकि प्रश्नों को तेज़ी और सटीकता से हल किया जा सके।
| कोण | 0° | 30° या π/6 | 45° या π/4 | 60° या π/3 | 90° या π/2 | 180° या π | 270° या 3π/2 | 360° या 2π |
| sin | 0 | 1/2 | 1/√2 | √3/2 | 1 | 0 | -1 | 0 |
| cos | 1 | √3/2 | 1/√2 | 1/2 | 0 | -1 | 0 | 1 |
| tan | 0 | 1/√3 | 1 | √3 | ∞ | 0 | ∞ | 0 |
| cot | ∞ | √3 | 1 | 1/√3 | 0 | ∞ | 0 | ∞ |
| cosec | ∞ | 2 | √2 | 2/√3 | 1 | ∞ | -1 | ∞ |
| sec | 1 | 2/√3 | √2 | 2 | ∞ | -1 | ∞ | 1 |
त्रिकोणमिति केवल गणितीय समीकरणों तक सीमित नहीं है; इसका उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में जटिल समस्याओं को हल करने के लिए किया जाता है। इसकी मदद से हम संरचनाओं को डिज़ाइन करने, खगोलीय पथों का पता लगाने और भौतिकी की गहराई को समझने में सक्षम होते हैं। आइए इसके प्रमुख उपयोगों को विस्तार से समझते हैं:
संरचनाओं का निर्माण-
भूगणित (Surveying)-
ग्रहों की दूरी और कक्षीय पथ-
सूर्य और चंद्रमा की गणना-
तरंग गति (Wave Motion):
बलों का विश्लेषण (Force Analysis)-
प्रकाश का अध्ययन-
P से andit, Perpendicular के लिए है और H से H , H ypotenuse के लिए है , B से B adri , B ase के लिए है और H से H ar (बीच में) H ypotenuse के लिए है और P rasad से P , Perpendicular के लिए है और Bole से B, B ase के लिए है (नीचे संदर्भ चित्र )।
S = Sin, P = Perpendicular, H = Hypotenuse।
S से S इन के लिए है , P से लोग पेरपेंडिकुलर के लिए है और H से H हाइपोटेन्यूज़ के लिए है , C से क्यूरली सीएस के लिए है , B से ब्रोन बी एस के लिए है और H से एयर हाइपोटेन्यूज़ के लिए है और टर्नड से टी टैंन के लिए है , P से परमानेंटली पेरपेंडिकुलर के लिए है और B से लैक बी एस के लिए है (नीचे संदर्भ छवि)।
फार्मूलों को याद रखने के लिए फ्लैशकार्ड बनाएं और नियमित अभ्यास करें।
जरूर पढ़ें: एयर होस्टेस कैसे बने: करियर गाइड
त्रिकोणमिति मान क्या होते हैं?
त्रिकोणमिति में हम कोणों के आधार पर कुछ विशेष मान निकालते हैं जो विभिन्न त्रिकोणमितीय कार्यों पर आधारित होते हैं। ये कार्य दो प्रकार के होते हैं:
इन कार्यों के मान कुछ विशेष कोणों – जैसे 0°, 30°, 45°, 60°, 90°, 180°, 270°, और 360° – के लिए पहले से ज्ञात होते हैं। इन मानों का उपयोग करके हम अन्य कोणों के त्रिकोणमितीय मानों की भी गणना कर सकते हैं। इसलिए, इन मानक कोणों की एक तालिका बनाना उपयोगी होता है जिसे हम “त्रिकोणमितीय मान तालिका” कहते हैं।
नीचे दी गई तालिका में इन मानक कोणों के लिए सभी 6 त्रिकोणमितीय कार्यों के मान दिए गए हैं:
| कोण (𝚹) | रेडियन में | साइन (sin) | कोसाइन (cos) | टैन (tan) | कोटैंगेंट (cot) | कोसेकेंट (cosec) | सेकेंट (sec) |
|---|---|---|---|---|---|---|---|
| 0° | 0 | 0 | 1 | 0 | ∞ | ∞ | 1 |
| 30° | π/6 | 1/2 | √3/2 | 1/√3 | √3 | 2 | 2/√3 |
| 45° | π/4 | 1/√2 | 1/√2 | 1 | 1 | √2 | √2 |
| 60° | π/3 | √3/2 | 1/2 | √3 | 1/√3 | 2/√3 | 2 |
| 90° | π/2 | 1 | 0 | ∞ | 0 | 1 | ∞ |
| 180° | π | 0 | -1 | 0 | ∞ | ∞ | -1 |
| 270° | 3π/2 | -1 | 0 | ∞ | 0 | -1 | ∞ |
| 360° | 2π | 0 | 1 | 0 | ∞ | ∞ | 1 |
यह तालिका न सिर्फ याद रखने में मदद करती है, बल्कि कोणों के आधार पर त्रिकोणमितीय मानों को जल्दी से जानने और उनके उपयोग में सहायक होती है।
त्रिकोणमिति गणित का एक अत्यंत महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसका उपयोग विज्ञान, तकनीक और रोजमर्रा के जीवन में होता है। इसके फार्मूलों को याद रखना और सही तरीके से लागू करना थोड़ी प्रैक्टिस से संभव है।
त्रिकोणमिति के सभी सूत्र लेख में त्रिकोणमिति फार्मूला ट्रिक, साइन थीटा का सूत्र सादगी और ट्रिक्स के साथ समझना आसान हो जाता है। इसके अनुप्रयोग और उपयोगिता इसे न केवल गणित बल्कि हर क्षेत्र में उपयोगी बनाते हैं।
त्रिकोणमिति में कुल 6 मूल सूत्र होते हैं:
साइन (sin)
कोसाइन (cos)
टैन्जेंट (tan)
कोटैन्जेंट (cot)
सेकंड (sec)
कोसेकंड (cosec)
इनका उपयोग विभिन्न त्रिकोणमितीय गणनाओं में किया जाता है।
थीटा (θ) एक सामान्य प्रतीक है जो त्रिकोणमिति में कोण को दर्शाने के लिए उपयोग किया जाता है। इसका मान किसी विशेष त्रिकोण या स्थिति पर निर्भर करता है, जैसे 0° से 360° तक के कोण।
108° के कोण का त्रिकोणमिति (trigonometric) सूत्र निम्नलिखित हैं:
साइन (sin 108°):
sin 108° = sin 72°
कोसाइन (cos 108°):
cos 108° = -cos 72°
टैन्जेंट (tan 108°):
tan 108° = -tan 72°
ये सूत्र 108° के कोण के लिए त्रिकोणमिति मानों को प्रदर्शित करते हैं।
सेकंड (sec θ) का सूत्र त्रिकोणमिति में निम्नलिखित होता है:
sec θ = 1/cos θ
यहां,θ कोण है और cos θ उस कोण का कोसाइन मान है।
त्रिकोणमितीय सर्वसमिकाओं का उपयोग करके हम cos 72° को sin 72° के रूप में व्यक्त कर सकते हैं:
cos(72°) = √(1 – sin²(72°))।
यहाँ sin 72° का मान √(10 – 2√5) / 2 के बराबर होता है।
Authored by, Aakriti Jain
Content Curator
Aakriti is a writer who finds joy in shaping ideas into words—whether it’s crafting engaging content or weaving stories that resonate. Writing has always been her way of expressing herself to the world. She loves exploring new topics, diving into research, and turning thoughts into something meaningful. For her, there’s something special about the right words coming together—and that’s what keeps her inspired.
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