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अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, बंगाल की खाड़ी में स्थित, भारत का एक अद्भुत केंद्र शासित प्रदेश है। अंडमान निकोबार का इतिहास समृद्ध और विविध रहा है, जो विभिन्न संस्कृतियों और शक्तियों के प्रभावों को दर्शाता है।
इस ब्लॉग में आप अंडमान निकोबार का इतिहास, अंडमान निकोबार की राजधानी, अंडमान निकोबार का खान पान, अंडमान निकोबार का पहनावा, अंडमान निकोबार द्वीप समूह में कितने दीप हैं और अंडमान निकोबार टूर पैकेज के बारे में विस्तार से जानेंगे।
देश | भारत |
गठन | 1 नवम्बर 1956 |
राजधानी और सबसे बड़ा शहर | पोर्ट ब्लेयर |
जिले | 3 |
क्षेत्रफल | 3,185 वर्गमील |
भाषाएं | |
• राजभाषा | हिन्दी, अंग्रेज़ी |
• बोली जाने वाली | करेन, बंगाली, तमिल, तेलुगू, हिन्दी, निकोबारी, मलयालम, सादरी, कुड़ुख, मुण्डा, खड़िया |
• वेबसाइट | www.andaman.gov.in |
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह भारत का एक केंद्र शासित प्रदेश है जो बंगाल की खाड़ी में स्थित है। इसका कुल क्षेत्रफल 8,249 वर्ग किलोमीटर है। यह दो द्वीप समूहों से मिलकर बना है:
अंडमान निकोबार की भौगोलिक स्थिति बंगाल की खाड़ी में, भारत के पूर्वी तट से लगभग 1,200 किलोमीटर दूर है। इसके दक्षिण में हिंद महासागर स्थित है और अन्य 3 दिशाओं में बंगाल की खाड़ी है।
अंडमान निकोबार के प्रमुख द्वीपों में उत्तरी अंडमान, मध्य अंडमान, दक्षिण अंडमान, लिटिल अंडमान, और निकोबार द्वीप समूह के कुछ प्रमुख द्वीप जैसे कार निकोबार और ग्रेट निकोबार शामिल हैं। ये द्वीप अपनी प्राकृतिक सुंदरता और समृद्ध जीव-जंतु जगत के लिए जाने जाते हैं।
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में 836 द्वीप, द्वीपखंड और चट्टानें हैं। लेकिन, इनमें से सभी द्वीप आबाद नहीं हैं। केवल 38 द्वीपों पर ही लोग स्थायी रूप से रहते हैं। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह को दो भागों में बांटा गया है:
निकोबार द्वीप समूह के दक्षिणी भाग में स्थित कुछ द्वीपों को छोड़कर, अधिकांश द्वीप घने जंगलों से ढके हुए हैं।
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह अपनी विविध संस्कृतियों के लिए प्रसिद्ध हैं, जो आकर्षक त्योहारों और मेलों के माध्यम से जीवंत हो उठते हैं, जिसमें द्वीप पर्यटन महोत्सव भी शामिल है, जो अंडमान निकोबार के सबसे प्रतीक्षित त्योहारों में से एक है। जनवरी में लगभग 15 दिनों तक हर साल मनाया जाने वाला यह त्यौहार द्वीपों की समृद्ध विरासत को दर्शाता है।
मानसून संगीत महोत्सव एक ऐसा महोत्सव है जो हर साल अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की राजधानी पोर्ट ब्लेयर में आयोजित किया जाता है। यह महोत्सव मानसून के मौसम का जश्न मनाता है और स्थानीय संगीत और संगीतकारों को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है। इसमें शास्त्रीय, लोक और समकालीन संगीत सहित विभिन्न प्रदर्शन शामिल हैं।
सुभाष मेला एक ऐसा त्यौहार है जो नेताजी सुभाष चंद्र बोस की याद में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में मनाया जाता है। यह त्यौहार 23 जनवरी को बोस के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है और इसमें विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम, प्रदर्शनियाँ और खेल गतिविधियाँ शामिल होती हैं। यह त्यौहार स्थानीय निवासियों के साथ-साथ आगंतुकों के लिए भी एक महत्वपूर्ण आयोजन है।
ग्रेट अंडमानी द्वीप के स्वदेशी जनजाति द्वारा मनाया जाने वाला यह त्योहार अपने पूर्वजों और मृत आत्माओं की याद में मनाया जाता है। इस त्योहार में वे अपने पूर्वजों की हड्डियों को संग्रहित करते हैं और विभिन्न अनुष्ठान करते हैं।
नवंबर या दिसंबर में आयोजित होने वाला बीच फेस्टिवल एक जीवंत उत्सव है जो अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के खूबसूरत समुद्र तटों पर होता है। यह त्यौहार बेहतरीन सांस्कृतिक कार्यक्रमों, खाद्य उत्सवों और रोमांचक साहसिक खेल गतिविधियों को एक साथ लाता है। इन उत्सवों की मेजबानी करने वाले कुछ प्रतिष्ठित समुद्र तटों में लुभावने राधानगर बीच, शांत हाथी बीच और सुरम्य कालापत्थर बीच शामिल हैं।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस का अंडमान द्वीप समूह से गहरा ऐतिहासिक और क्रांतिकारी संबंध रहा है।
1. अज़ाद हिंद फौज का गठन: 1942 में, द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, जापानियों ने अंडमान पर कब्जा कर लिया था। नेताजी ने इस अवसर का उपयोग करते हुए, अंडमान को भारत का स्वतंत्र क्षेत्र घोषित किया। 30 दिसंबर 1943 को, उन्होंने पोर्ट ब्लेयर में तिरंगा फहराकर अज़ाद हिंद फौज का झंडा फहराया। अंडमान को “स्वराज द्वीप” नाम दिया गया और इसका प्रशासन अज़ाद हिंद फौज के हाथों में सौंप दिया गया।
2. क्रांतिकारी सरकार: नेताजी ने अंडमान में एक क्रांतिकारी सरकार का गठन किया, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री का पदभार संभाला। उन्होंने कई सामाजिक सुधारों की शुरुआत की, जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य और न्याय में समानता लाना। उन्होंने द्वीपवासियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए भी कई योजनाएं शुरू कीं।
3. विरासत: आज भी, अंडमान में नेताजी की विरासत को याद किया जाता है। अंडमान निकोबार की राजधानी पोर्ट ब्लेयर में, जहाँ उन्होंने तिरंगा फहराया था, उसे “नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप” नाम दिया गया है।
अंडमान निकोबार द्वीप की कई सामाजिक और सांस्कृतिक विशेषताएं हैं। जो यहां के जनजातियों, अंडमान निकोबार का खान पान, अंडमान निकोबार का पहनावा और यहां की संस्कृति में देखने को मिलती हैं।
अंडमान द्वीपों की जनजातियाँ और उनकी संस्कृति बहुत खास और विविधतापूर्ण हैं। यहां की प्रमुख जनजातियों में ग्रेट अंडमानी, ओंगे, जारवा, और सेंटीनेली शामिल हैं। ये जनजातियाँ अपनी पारंपरिक जीवनशैली, जैसे कि शिकार, मछली पकड़ना और जंगल में रहना, के लिए जानी जाती हैं।
इनकी संस्कृति में नृत्य, संगीत, और पारंपरिक कला का महत्वपूर्ण स्थान है। वे प्रकृति के करीब रहते हैं और अपनी अनूठी भाषा, रीति-रिवाज, और मान्यताओं को संजोए हुए हैं। उनके साथ बातचीत और संपर्क में काफी सतर्कता बरती जाती है ताकि उनकी संस्कृति और जीवनशैली को संरक्षित किया जा सके।
अंडमान द्वीप पर कई उत्सव और पर्व मनाए जाते हैं जो यहां की सांस्कृतिक विविधता और समृद्धि को दर्शाते हैं। सबसे प्रमुख उत्सवों में से एक है “द्वीप पर्यटन महोत्सव”, जो हर साल दिसंबर-जनवरी में होता है। इसमें सांस्कृतिक कार्यक्रम, संगीत, नृत्य और विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं।
इसके अलावा, जनमाष्टमी, दीपावली, ईद, और क्रिसमस जैसे पारंपरिक त्योहार भी धूमधाम से मनाए जाते हैं। इन त्योहारों के दौरान द्वीपों पर रौनक और उत्साह का माहौल होता है, जो यहाँ के लोगों की मिलनसार और उत्साही प्रकृति को दर्शाता है।
अंडमान निकोबार का खान-पान विविधता से भरपूर है, अंडमान निकोबार का खान पान में समुद्री भोजन खासतौर पर लोकप्रिय है। यहाँ की प्रमुख डिशेज़ में मछली, केकड़ा, झींगा, और सीप शामिल हैं। इसके अलावा, अंडमान निकोबार का खान पान में स्थानीय व्यंजन जैसे राइस (चावल), करी, नारियल के दूध से बनी डिशेज़ और ताज़े फलों का भी खूब आनंद लिया जाता है। अंडमान निकोबार का खान पान में भारतीय, थाई, और बर्मी प्रभाव भी देखने को मिलता है।
अंडमान निकोबार का पहनावा बहुत ही सरल और पारंपरिक होता है। वे अक्सर प्राकृतिक सामग्री जैसे पत्तों और पेड़ों की छाल से बने वस्त्र पहनते हैं। अंडमान निकोबार का पहनावा वस्त्र मौसम और कार्यों के अनुसार बदलते रहता है।
आधुनिक समय में, शहरों में रहने वाले लोग आमतौर पर साधारण भारतीय परिधान जैसे साड़ी, धोती, शर्ट और पैंट पहनते हैं। लेकिन, जनजातियों की पारंपरिक पोशाकें उनकी संस्कृति और जीवनशैली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, जो उन्हें बाकी दुनिया से अलग और विशेष बनाती हैं।
अंडमान निकोबार के समुद्र तट, प्रकृति और रिसॉर्ट्स यहां के प्राकृतिक सौंदर्य को और अधिक बढ़ाते हैं।
इनके अलावा अंडमान निकोबार द्वीप में समुद्र तट के निकट कई रिसॉर्ट्स भी हैं, जहां से समुद्र तट का खूबसूरत दृश दिखाई देता है जो पर्यटन की पहली पसंद होती हैं।
अंडमान निकोबार में कई पर्यटन स्थल हैं जिनमें से कुछ प्रमुख पर्यटन स्थल सेलुलर जेल, रॉस आइलैंड और हैवलॉक आइलैंड माने जाते हैं।
अंडमान निकोबार का सेलुलर जेल, जिसे ‘काला पानी’ भी कहा जाता है, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थल रहा है। यह जेल ब्रिटिश शासन के दौरान स्वतंत्रता सेनानियों को कैद करने के लिए बनाई गई थी।
सेलुलर जेल का निर्माण 1906 में हुआ था। इसमें 693 कोशिकाएँ (सेल) हैं, जिनमें से हर एक में केवल एक ही कैदी रखा जाता था। पानी के बीचों बीच यहां बंद कैदियों को कठोर यातनाएँ दी जाती थीं, ताकि वे स्वतंत्रता की मांग छोड़ दें।
आज, सेलुलर जेल एक राष्ट्रीय स्मारक है और इसे संग्रहालय के रूप में संरक्षित किया गया है। यहां आने वाले लोग स्वतंत्रता सेनानियों की संघर्ष गाथा और उनके बलिदान को करीब से समझ सकते हैं।
रॉस आइलैंड, जिसे अब नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप कहा जाता है, अंडमान निकोबार की राजधानी पोर्ट ब्लेयर के पास स्थित है। यह द्वीप कभी ब्रिटिश शासन का प्रशासनिक केंद्र था। अब यह ऐतिहासिक खंडहरों, पुराने चर्च, और सुंदर बगीचों के लिए मशहूर है। यहां पर्यटक ब्रिटिश युग की वास्तुकला और इतिहास का अनुभव कर सकते हैं, साथ ही प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले सकते हैं।
हैवलॉक आइलैंड, अंडमान निकोबार का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है, जो अपनी सुंदर समुद्र तटों, रिसॉर्ट्स और स्वच्छ पानी के लिए प्रसिद्ध है। राधानगर बीच यहां का सबसे लोकप्रिय समुद्र तट है, जिसे एशिया का सबसे अच्छा समुद्र तट माना जाता है। यह आइलैंड स्नॉर्कलिंग, स्कूबा डाइविंग और कयाकिंग जैसी जल क्रीड़ाओं के लिए भी जाना जाता है। हैवलॉक आइलैंड की प्राकृतिक सुंदरता और शांत वातावरण इसे छुट्टियों के लिए एक आदर्श पर्यटन स्थल बनाते हैं।
अंडमान निकोबार द्वीप की आर्थिक गतिविधियों में मत्स्य उद्योग और पर्यटन उद्योग सबसे प्रसिद्ध और प्रमुख हैं।
मछली पकड़ना द्वीप समूह के लोगों के लिए आजीविका का एक महत्वपूर्ण स्रोत रहा है। विभिन्न प्रकार की मछलियों और समुद्री खाद्य पदार्थों का यहां निर्यात किया जाता है।
यह द्वीप समूह अपनी प्राकृतिक सुंदरता, समृद्ध समुद्री जीवन और ऐतिहासिक महत्व के कारण पर्यटकों के लिए एक लोकप्रिय स्थान है। होटल, रिसॉर्ट, रेस्तरां और परिवहन सेवाएं पर्यटन उद्योग का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
अंडमान निकोबार द्वीप जाने की तैयारी करने से पहले ये जानना जरूरी है कि अंडमान निकोबार द्वीप कैसे पहुंचें और वहां रहने की क्या व्यवस्था है?
रहने के लिए आप वहां होटल या अंडमान और निकोबार के रिजॉर्ट बुक कर सकते हैं, जिसकी प्राइस ₹2000-7500/रात हो सकती है। जहां आपके रहने और खाने की व्यवस्था उपलब्ध हो जाएंगी।
अंडमान और निकोबार की यात्रा करने के लिए अंडमान निकोबार टूर पैकेज करीब ₹50000-70000/ व्यक्ति तक का हो सकता है। ये सिर्फ अनुमानित है, अंडमान निकोबार टूर पैकेज ज्यादा भी हो सकता है।
अंडमान निकोबार द्वीप समूह न सिर्फ अपनी अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता और समृद्ध जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि इसके हर द्वीप में छिपी है एक अनोखी कहानी। यहाँ की सांस्कृतिक विविधता, ऐतिहासिक महत्व, और अद्वितीय पर्यटन स्थलों ने इसे पर्यटकों के लिए रोचक बना दिया है। चाहे आप रोमांचक जल क्रीड़ाओं के शौकीन हों या शांति की तलाश में, अंडमान निकोबार हर किसी के लिए कुछ खास पेश करता है।
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यह भी पढ़ें- इंदिरा पॉइंट: निकोबार द्वीपसमूह का एक गांव
अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह भारत का एक केंद्र शासित प्रदेश है। यह हिंद महासागर में बंगाल की खाड़ी के दक्षिणी भाग में स्थित है।
अंडमान निकोबार जाने का खर्च आपके यात्रा के समय, यात्रा के प्रकार (हवाई जहाज, जहाज), रहने की जगह, खाने-पीने और अन्य गतिविधियों पर निर्भर करता है। औसतन, एक व्यक्ति के लिए 5-7 दिन की यात्रा में 20,000 से 40,000 रुपये का खर्च आ सकता है।
भारत की मुख्य भूमि से अंडमान पहुँचने का सबसे तेज़ तरीका हवाई जहाज़ से यात्रा करना है। आप कोलकाता, बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, दिल्ली और विजाग से सीधी उड़ान लेकर 2.5 से 3.5 घंटे में अंडमान पहुँच सकते हैं! देश के अन्य हवाई अड्डों से भी कनेक्टिंग उड़ानें उपलब्ध हैं।
अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह अपनी प्राकृतिक सुंदरता, खूबसूरत समुद्र तटों, समृद्ध समुद्री जीवन और विविध संस्कृतियों के लिए प्रसिद्ध है। यहां आप स्कूबा डाइविंग, स्नॉर्कलिंग, ट्रेकिंग, कैनोइंग और अन्य साहसिक गतिविधियाँ कर सकते हैं।
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की अधिकांश आबादी हिंदी और बंगाली का मिश्रण बोलती है, जिसे “बंगाली हिंदी” के रूप में जाना जाता है। अंग्रेजी भी व्यापक रूप से बोली जाती है, खासकर पर्यटन क्षेत्रों में।
अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह में भारतीय रुपया चलता है।
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