भारत के राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह | National Symbols of India in Hindi

October 29, 2024
भारत के राष्ट्रीय प्रतीक
Quick Summary

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भारत के राष्ट्रीय प्रतीक वे चिन्ह हैं जो देश की पहचान, संस्कृति और इतिहास को दर्शाते हैं। ये प्रतीक देशवासियों के लिए गौरव और एकता का प्रतीक होते हैं। उदहारण के लिए भारत का: राष्ट्रीय ध्वज – तिरंगा, राष्ट्रीय गान – जन गण मन, राष्ट्रीय गीत – वंदे मातरम, राष्ट्रीय पशु – बाघ

Table of Contents

भारत के राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह देश की अस्मिता और सांस्कृतिक विरासत के प्रतीक हैं। इसमें शामिल हैं: राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा, राष्ट्रीय गान “जन गण मन”, राष्ट्रीय गीत “वंदे मातरम्,” राष्ट्रीय पशु बाघ, राष्ट्रीय पक्षी मोर, राष्ट्रीय पुष्प कमल, राष्ट्रीय पेड़ बरगद, राष्ट्रीय खेल हॉकी, और राष्ट्रीय फल आम। ये सभी चिन्ह हमारे गौरव, एकता और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतिनिधित्व करते हैं।आज के इस आर्टिकल भारत के राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह में हम समझेंगे कि इन प्रतिक चिन्हों का क्या महत्व होता है और इनका इतिहास क्या है।

भारत के राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह क्या है?

राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह वे प्रतीक होते हैं जो किसी देश की पहचान, संस्कृति और मूल्यों का प्रतिनिधित्व करते हैं। भारत के राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह हमारे देश की सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और प्राकृतिक धरोहर हैं। भारत के राष्ट्रीय प्रतीक चिन्हों में राष्ट्रीय ध्वज, राष्ट्रीय गान, राष्ट्रीय पशु, राष्ट्रीय पक्षी, और अन्य चिन्ह शामिल हैं, जिनको हम आज इस आर्टिकल भारत के राष्ट्रीय प्रतीकों के नाम जान लेते हैं।

भारत के राष्ट्रीय प्रतीक कौन से हैं | What are the National Symbols of India?

भारत के राष्ट्रीय प्रतीकों के नाम इस प्रकार है – 

क्र. सं.भारत के राष्ट्रीय प्रतीकों के नामशीर्षक
1तिरंगाराष्ट्रीय ध्वज
2जन गण मनराष्ट्रीय गान
3वंदे मातरम्राष्ट्रीय गीत
4बाघराष्ट्रीय पशु
5मोरराष्ट्रीय पक्षी
6कमलराष्ट्रीय पुष्प
7बरगदराष्ट्रीय पेड़
8हॉकीराष्ट्रीय खेल
9गंगाराष्ट्रीय नदी
10आमराष्ट्रीय फल
11अशोक के लायन कैपिटल का रूपांतरणराष्ट्रीय प्रतीक
12शक कलैण्डरराष्ट्रीय कैलेंडर
13डॉल्फिनराष्ट्रीय जलीय जंतु
14कद्दूराष्ट्रीय सब्जी
15भारतीय हाथीराष्ट्रीय विरासत पशु
16राष्ट्रीय प्रतिज्ञानिष्ठा की शपथ
17भारतीय रुपयेराष्ट्रीय मुद्रा
भारत के राष्ट्रीय प्रतीकों के नाम

ये थे भारत के राष्ट्रीय प्रतीकों के नाम इनके बारे में और विस्तार से जानेंगे।

राष्ट्रीय प्रतीक चिन्हों का महत्व

राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह हमारे देश की अस्मिता और संस्कृति के चिन्ह होते हैं। ये सभी चिन्ह हमारे देश की पहचान होने के साथ-साथ सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व भी रखते हैं। जैसे- तिरंगा हमारा राष्ट्रीय ध्वज है। इसके अलावा अशोक स्तम्भ, राष्ट्रीय गान, राष्ट्रीय गीत, बाघ, पुष्प आदि ये सभी हमारे राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह है, जिनका हम सभी आदर और सम्मान करते हाँ। चलिए इस आर्टिकल भारत के राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह में हम समझते हैं राष्ट्रीय चिन्ह क्या है इसका ऐतिहासिक और राष्ट्रीय महत्त्व।

राष्ट्रीय प्रतीक- अशोक स्तम्भ | National Emblem

अशोक स्तम्भ को मौर्य साम्राज्य के सम्राट अशोक ने सारनाथ में बनवाया था जिसे 26 जनवरी 1950 को भारत सरकार ने देश के राष्ट्रीय चिन्ह के तौर पर अपनाया। इस स्तम्भ की ख़ासियत ये है कि इस पर चार शेर खड़े दिखाई देते हैं, लेकिन पीछे वाला शेर छुपा होने की वजह से दिखाई नहीं देता है।

राष्ट्रीय प्रतीक- अशोक स्तंभ
राष्ट्रीय प्रतीक- अशोक स्तंभ

अशोक स्तम्भ में नीचे की तरफ एक चक्र बना हुआ है। भारत के राष्ट्रीय ध्वज में यही स्तम्भ बना हुआ है। ये चक्र भारत की शक्ति, हिम्मत, गर्व और विश्वास को प्रदर्शित करता है। अशोक स्तम्भ के शिखर पर देवनागरी लिपी में “सत्यमेव जयते” यानि हमेशा सत्य की जीत होती है, लिखा है जो मुनडक उपनिषद (पवित्र हिन्दू वेद का भाग) से लिया गया है।

राष्ट्रीय ध्वज- तिरंगा | National Flag

राष्ट्रीय ध्वज का महत्व विशेष होता है, क्योंकि किसी देश का ध्वज उस देश को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर रिप्रजेंट करता है। भारत का राष्ट्रीय ध्वज, तिरंगा भारत की आन, बान, शान और आजादी का प्रतीक है। अगर हम तिरंगे का इतिहास की बात करें तो 1921 में आंध्र प्रदेश के पिंगली वेंकैया ने देश की एकता को दर्शाते के लिए भारत का तिरंगा बनाया था। लेकिन उस समय तिरंगे में केसरिया रंग की जगह लाल रंग हुआ करता था, लेकिन बाद महात्मा गाँधी के कहने पर तिरंगे के कलर को लाल की जगह केसरिया कर दिया गया इसी के साथ ही तिरंगे में बीच में अशोक चक्र बनाया गया।

राष्ट्रीय ध्वज- tiranga
राष्ट्रीय ध्वज- tiranga

दरअसल तिरंगे की डिज़ाइन में बहुत फ़ेरबदल किये गए क्योंकि राष्ट्रीय ध्वज का महत्व विशेष होता है, इसलिए उस समय के हमारे लीडर चाहते थे कि हमारा राष्ट्रीय ध्वज पूरे देश को पिप्रजेंट करे। वर्तमान में हम राष्ट्रीय ध्वज को जिस रूप में देखते हैं उसको सबसे पहले 22 जुलाई 1947 को आयोजित संविधान सभा की बैठक के दौरान अपनाया गया था और इसी दिन पंडित जवाहर-लाल नेहरू ने तिरंगे को पहली बार फहराया था। राष्ट्रीय ध्वज का महत्व को देखते हुए इसको राष्ट्रीय शोक के समय आधा झुका दिया जाता है क्योंकि आधा झुका हुआ ये ध्वज, हमारे राष्ट्रीय शोक को प्रदर्शित करता है।

राष्ट्रीय ध्वज के रंगों और चक्र का अर्थ- 

भारत के तिरंगे में सबसे ऊपर केसरिया रंग है जो शौर्य और बलिदान का प्रतीक है, बीच में सफ़ेद रंग शांति और चक्र गतिशीलता का प्रतीक है। तिरंगे में सबसे नीचे हरा कलर है जो प्रकृति को प्रदर्शित करता है।

राष्ट्रीय गान और गीत | National Anthem & National Song

भारत का बच्चा-बच्चा हमारे देश के राष्ट्रीय गान और राष्ट्रीय गीत से परिचित है क्योकि हम सभी के स्कूल की शुरुआत ही जन-गण-मन से होती थी। भारत का राष्ट्रीय गीत देश के महान कवि रबीन्द्रनाथ टैगोर ने लिखा था तो वही राष्ट्रीय गीत बंकिम चंद्र चटर्जी ने लिखा था।

भारत का राष्ट्रगान | India’s National Anthem

जनगणमन-अधिनायक जय है भारतभाग्यविधाता!
पंजाब सिंधु गुजरात मराठा द्राविड़ उत्कल बंग
विंध्य हिमाचल यमुना गंगा उच्छलजलधितरंग
तब शुभ नामे जागे, तब शुभ आशिष मागे,
गाहे तब जयगाथा।
जनगणमंगलदायक जय हे भारतभाग्यविधाता!
जय है, जय हे, जय हे, जय जय जय जय हे।।

राष्ट्रीय गान का इतिहास और महत्व 

राष्ट्रगान का इतिहास बहुत पुराना है। दरअसल किसी भी देश का राष्ट्रगान, उस देश की राष्ट्रीय भावना को अभिव्यक्त करता है। इसलिए ऐसा गान जो शासकीय रूप से स्वीकृत हो और आम जनता में भी लोकप्रिय हो, उस गान को देश का राष्ट्रगान घोषित किया जाता है। भारत का राष्ट्रगान, गुरुदेव रबीन्द्रनाथ टैगोर की एक बंग्ला कविता “ भारतो भाग्यों बिधाता” का हिंदी अनुवाद हैं, जिसे उन्होंने 1905 में तत्वबोधिनी नाम की एक कविता में प्रकाशित किया था। इस बांग्ला कविता को भारत का राष्ट्रगान बनाने के पीछे एक लंबा राष्ट्रगान का इतिहास है।

राष्ट्रगान का इतिहास देखे तो, इस गीत को सार्वजनिक रूप से पहली बार 27 दिसंबर, 1911 में कलकत्ता में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सत्र में टैगोर ने खुद गाया था और बाद में 24 जनवरी, 1950 (भारत के 26 वें गणतंत्र दिवस से पहले) को, टैगोर के “भारतो भाग्यो बिधाता” के पहले श्लोक को आधिकारिक रूप से राष्ट्रगान घोषित किया।

भारत का राष्ट्रीय गीत – वन्दे मातरम् | India’s National Song

वन्दे मातरम्
सुजलां सुफलाम्
मलयजशीतलाम्
शस्यश्यामलाम्
मातरम्।
शुभ्रज्योत्स्नापुलकितयामिनीम्
फुल्लकुसुमितद्रुमदलशोभिनीम्
सुहासिनीं सुमधुर भाषिणीम्
सुखदां वरदां मातरम्॥१॥
सुजलां सुफलाम्
मातरम् ॥४॥
वन्दे मातरम्
श्यामलाम् सरलाम्
सुस्मिताम् भूषिताम्
धरणीं भरणीं
मातरम् ॥५॥

राष्ट्रीय गीत का इतिहास और महत्व 

भारत का राष्ट्रीय गीत वन्दे मातरम” है। अगर हम राष्ट्रीय गीत का इतिहास देखे तो, इसको बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय ने 1870 में संस्कृत और बांग्ला में लिखा था। यह गीत उनके उपन्यास ‘आनंदमठ’ में शामिल है और इसका मतलब है “माँ, मैं तुम्हें प्रणाम करता हूँ। यह गीत भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान क्रांतिकारियों का प्रेरणा स्रोत बना और राष्ट्रभक्ति की भावना को जगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। राष्ट्रीय गीत का इतिहास देखे तो इसको 1950 में भारत का राष्ट्रीय गीत का दर्जा मिला था। यह गीत देश की विविधता, एकता और गौरव का प्रतीक है और भारतीय नागरिकों में देशप्रेम की भावना को प्रबल करता है।

राष्ट्रीय पशु बाघ | National Animal

राष्ट्रीय पशु बाघ को बंगाल टाइगर के नाम से भी जाना जाता है। बाघ को राष्ट्रीय पशु घोषित करने के पीछे का कारण हैं कि बाघ शक्ति, साहस और शान का प्रतीक होता है। हमारे लिए गौरव की बात हैं कि पूरी दुनिया में बाघ की सबसे ज्यादा आबादी भारत में ही है क्योंकि बाघों की घटती संख्या को देखते हुए 1973 में “प्रोजेक्ट टाइगर” शुरू किया गया था जिससे बाघों के संरक्षण में बहुत मदद मिली।

राष्ट्रीय पशु बाघ, हमारा राष्ट्रीय पशु तो है ही लेकिन साथ में ये हमारी संस्कृति में भी महत्वपूर्ण स्थान रखता है, विशेषकर देवी दुर्गा की सवारी के रूप में।

भारत में बाघों की स्थिति और संरक्षण

  • यह शक्तिशाली और आकर्षक जानवर भारत की प्राकृतिक और सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है और बंगाल टाइगर तो हैं ही दुनिया भर में फेमस।
  • भारत में बाघों की स्थिति समय के साथ बदलती रही है। 20 वीं सदी के बीच में राष्ट्रीय पशु बाघ की संख्या में भारी गिरावट आई थी और इसका मुख्य कारण था अवैध शिकार और जंगलों का विनाश। बाघों की संख्या कम होने से पर्यावरण संतुलन भी प्रभावित हुआ। हालाँकि बाद में इस समस्या से निपटने के लिए 1973 में “प्रोजेक्ट टाइगर” शुरू किया गया, जिसका उद्देश्य बाघों की सुरक्षा और उनके प्राकृतिक आवास का संरक्षण करना था।
  • प्रोजेक्ट टाइगर के तहत विभिन्न बाघ अभयारण्यों की स्थापना की गई, जिसमें प्रमुख हैं: रणथंभौर, कान्हा, सुंदरबन और बांधवगढ़। इस प्रयास से बाघों की संख्या में सुधार हुआ, लेकिन अभी भी चुनौतियाँ बनी हुई हैं।

सांस्कृतिक महत्व

राष्ट्रीय पशु बाघ, भारत की संस्कृति में भी महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह शक्ति, साहस और रॉयल्टी का प्रतीक माना जाता है। भारतीय पौराणिक कथाओं में, देवी दुर्गा को अक्सर एक बाघ पर सवार दिखाया जाता है, जो शक्ति और विजय का प्रतीक है। बाघ का उल्लेख कई साहित्यिक कृतियों, लोककथाओं और कलाकृतियों में भी मिलता है।

राष्ट्रीय मुद्रा | National Currency

भारतीय रुपया (Indian Rupee) भारत की आधिकारिक मुद्रा है और इसे भारतीय अर्थव्यवस्था में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाता है। यह दुनिया की प्रमुख मुद्राओं में से एक मानी जाती है और भारत के अलावा कुछ अन्य देशों में भी इसका प्रचलन है। भारतीय रुपया का प्रतीक ‘₹’ है और इसका मूल्यांकन दशमलव प्रणाली में किया जाता है। एक रुपया में 100 पैसे होते हैं, जिनका प्रतीक ‘p’ है। भारतीय रुपया न केवल घरेलू लेन-देन में महत्वपूर्ण है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार में भी इसकी अहमियत है। यह मुद्रा भारतीय संस्कृति और अर्थव्यवस्था का एक अभिन्न हिस्सा है।

अन्य राष्ट्रीय चिन्ह | Other National Symbols

भारत के राष्ट्रीय प्रतीक-राष्ट्रीय चिह्न
भारत के राष्ट्रीय प्रतीक

राष्ट्रीय पक्षी – मोर | National Bird

भारत का राष्ट्रीय पक्षी मोर है। मोर अपने खूबसूरत पंखों और आकर्षक नृत्य के लिए जाना जाता है। यह पक्षी भारतीय संस्कृति और धार्मिक मान्यताओं में विशेष स्थान रखता है। मोर भगवान कृष्ण और कार्तिकेय के साथ जुड़ा हुआ है। इसकी सुंदरता और वैभव भारतीयता की पहचान है।

राष्ट्रीय जलीय पशु – गंगा नदी डॉल्फ़िन | National Aquatic Animal

भारत का राष्ट्रीय जलीय जीव गंगा नदी की डॉल्फ़िन है। यह एक संकटग्रस्त मीठे पानी की डॉल्फ़िन है, जो भारतीय उपमहाद्वीप के क्षेत्र में निवास करती है। इस डॉल्फ़िन की प्रजाति को दो उप-प्रजातियों में बांटा गया है: गंगा नदी डॉल्फ़िन और सिंधु नदी डॉल्फ़िन। गंगा नदी डॉल्फ़िन मुख्य रूप से गंगा और ब्रह्मपुत्र नदियों तथा उनकी सहायक नदियों में पाई जाती है, जबकि सिंधु नदी डॉल्फ़िन केवल पाकिस्तान में सिंधु नदी और पंजाब में ब्यास नदी में देखी जाती है। यह डॉल्फ़िन अपने अद्वितीय आकार और विशेषताओं के लिए जानी जाती है, और इसके संरक्षण के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। इन दोनों उप-प्रजातियों का संरक्षण करना अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि ये नदियों के पारिस्थितिकी तंत्र का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और इनके बिना जलवायु संतुलन प्रभावित हो सकता है।

राष्ट्रीय पेड़ – बरगद | National Tree

भारत का राष्ट्रीय पेड़ बरगद है। बरगद का पेड़ बहुत बड़ा और फैला हुआ होता है। यह भारतीय संस्कृति और धर्म में भी महत्वपूर्ण है। बरगद को जीवन का प्रतीक माना जाता है और इसकी छाया में कई धार्मिक और सामाजिक गतिविधियाँ होती हैं। यह पेड़ भारतीय उपमहाद्वीप की जैव विविधता को भी बढ़ावा देता है।

राष्ट्रीय पुष्प – कमल | National Flower

भारत का राष्ट्रीय पुष्प कमल है। कमल का फूल पवित्रता और सौंदर्य का प्रतीक है। यह भारत की विभिन्न धार्मिक परंपराओं में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। हिंदू धर्म में, कमल को लक्ष्मी और सरस्वती जैसी देवियों के साथ जोड़ा जाता है। बौद्ध धर्म में, यह ज्ञान और शांति का प्रतीक है।

राष्ट्रीय फल – आम | National Fruit

भारत का राष्ट्रीय फल आम है। आम को फलों का राजा कहा जाता है और यह अपने स्वाद और सुगंध के लिए प्रसिद्ध है। आम भारत की गर्मियों का मुख्य फल है और यह देश के विभिन्न हिस्सों में विविधता से उगाया जाता है। आम की कई किस्में होती हैं, जैसे अल्फांसो, दशहरी, और लंगड़ा। यह फल न केवल पोषण से भरपूर है, बल्कि भारतीय संस्कृति और परंपरा में भी इसका विशेष स्थान है।

राष्ट्रीय सब्जी – कद्दू | National Vegetable

भारत की राष्ट्रीय सब्जी कद्दू मानी जाती है। कद्दू एक शीतकालीन स्क्वैश है, जिसकी गोल आकृति होती है और इसकी त्वचा चिकनी तथा रिबबेड होती है, जो आमतौर पर पीले रंग की होती है। यह पूरे भारत में उगाई जाती है और इसके लिए मिट्टी की विशेष आवश्यकताएं नहीं होती हैं। कद्दू को पर्वतारोही या लता के रूप में सरलता से उगाया जा सकता है। इसकी खेती करना आसान है, जिससे यह किसानों के लिए एक लोकप्रिय विकल्प बन गया है। कद्दू का उपयोग विभिन्न व्यंजनों में किया जाता है, जो इसे और भी खास बनाता है।

राष्ट्रीय नदी – गंगा | National River

गंगा नदी, भारत के लिए सिर्फ एक सामान्य नदी नहीं हैं, बल्कि गंगा नदी भारत की एक सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और धार्मिक विरासत हैl गंगा नदी के महत्व को देखते हुए इसको राष्ट्रीय नदी और भारत के प्रतीक चिन्हों में इसको शामिल किया गया हैं। हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गंगा नदी में में स्नान करने से मनुष्य के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं, इसीलिए इस नदी को मोक्षदायिनी भी कहा जाता है।

राष्ट्रीय खेल – हॉकी | National Game

भारत का राष्ट्रीय खेल हॉकी है। हॉकी का खेल भारतीय खेल इतिहास में विशेष महत्व रखता है। भारत ने इस खेल में कई ओलंपिक पदक जीते हैं और कई महान खिलाड़ी दिए हैं, जैसे मेजर ध्यानचंद। हॉकी के प्रति भारतीयों का प्रेम और समर्पण इस खेल को राष्ट्रीय पहचान दिलाने में मददगार रहा है। हालांकि, वर्तमान में क्रिकेट की लोकप्रियता बढ़ी है, फिर भी हॉकी का महत्व बना हुआ है।

निष्कर्ष

भारत के राष्ट्रीय चिन्ह हमारे देश की विविधता, संस्कृति और परंपराओं का प्रतीक हैं। अशोक स्तम्भ, चक्र, गान, गीत, बाघ, मोर, बरगद, कमल, आम और हॉकी, ये सभी हमारे राष्ट्रीय गर्व के प्रतीक हैं। इन चिन्हों का संरक्षण और सम्मान करना हमारी जिम्मेदारी है। ये चिन्ह हमें हमारी जड़ों से जोड़े रखते हैं और हमारी राष्ट्रीय पहचान को मजबूत करते हैं। भारत के राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह के माध्यम से हम अपनी विरासत और सांस्कृतिक धरोहर को संजो सकते हैं और आने वाली पीढ़ियों को इसके महत्व से अवगत करा सकते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

भारत के 17 राष्ट्रीय प्रतीक क्या है?

भारत के 17 राष्ट्रीय प्रतीक हैं –
आम, गंगा, रॉयल बंगाल टाइगर, भारतीय बरगद, तिरंगा, जन गण मन, शक कैलेंडर, वंदे मातरम, भारत का राष्ट्रीय प्रतीक, गंगा नदी डॉल्फिन, भारतीय मोर, भारतीय रुपया, किंग कोबरा, भारतीय हाथी, कमल, कद्दू और राष्ट्रीय प्रतिज्ञा।

भारत का राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह कौन सा है?

भारत का राजचिह्न सारनाथ स्थित अशोक के सिंह स्तंभ की अनुकृति है, जो सारनाथ के संग्रहालय में सुरक्षित है। मूल स्तंभ में शीर्ष पर चार सिंह हैं, जो एक-दूसरे की ओर पीठ किए हुए हैं।

भारत का राष्ट्रीय प्रतीक क्या दर्शाता है?

भारत के राष्ट्रीय प्रतीक हमारे देश की समृद्ध संस्कृति, इतिहास और मूल्यों को दर्शाते हैं। ये प्रतीक राष्ट्रीय एकता, गौरव और पहचान का प्रतीक हैं।

भारत देश किसका प्रतीक है?

भारत देश मानवता का प्रतीक है। यह दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और विभिन्न धर्मों, जातियों, भाषाओं और संस्कृतियों का घर है। भारत के राष्ट्रीय प्रतीक इस विविधता और एकता को दर्शाते हैं।

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