भारतीय मुद्रा

भारतीय मुद्रा में कितने प्रकार के नोट है?

Published on April 28, 2025
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भारतीय मुद्रा

Quick Summary

  • भारतीय मुद्रा का नाम भारतीय रुपया (आईएनआर- INR) है।
  • एक रुपया में 100 पैसे होते हैं।
  • भारतीय रुपये का प्रतीक “₹” है।

Table of Contents

भारतीय मुद्रा, जिसे रुपया (₹) के नाम से जाना जाता है, भारत की आधिकारिक मुद्रा है। यह भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी की जाती है। भारतीय मुद्रा में विभिन्न प्रकार के नोट और सिक्के हैं, जो देश के भीतर और बाहर व्यापार और लेनदेन में उपयोग किए जाते हैं।

भारतीय मुद्रा के प्रकार

भारतीय मुद्रा में दो मुख्य प्रकार हैं: नोट और सिक्के।

भारतीय मुद्रा में कितने प्रकार के नोट है? बैंक के नोट और उनके प्रकार

वर्तमान में भारत में संचलन में उपलब्ध बैंकनोट

भारत में वर्तमान में ₹10, ₹20, ₹50, ₹100, ₹200, ₹500, और ₹2000 मूल्यवर्ग के बैंकनोट जारी किए जाते हैं। इन नोटों को बैंकनोट कहा जाता है, क्योंकि इन्हें भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा जारी किया जाता है।

हालांकि, ₹2 और ₹5 के मूल्यवर्ग के नोटों का मुद्रण अब बंद कर दिया गया है। इनकी जगह सिक्कों का निर्माण किया जा रहा है, क्योंकि इन नोटों का जीवनकाल सिक्कों की तुलना में कम था और वे अधिक जल्दी घिसते थे।

इस बीच, ₹1 के नोटों का मुद्रण समय-समय पर भारत सरकार द्वारा किया जाता है और ये नोट पुराने नोटों सहित वैध मुद्रा के रूप में लेन-देन में उपयोग किए जा सकते हैं।

यदि आप पहले जारी किए गए ₹2 और ₹5 के बैंकनोट देखते हैं, तो ये अब भी वैध हैं और इन्हें कानूनी मुद्रा के रूप में स्वीकार किया जाता है, हालांकि इनका मुद्रण अब समाप्त हो चुका है।

भारत में वर्तमान में 5, 10, 20, 50, 100, 200, 500 और 2000 के मूल्यवर्ग में बैंक के नोट जारी किए जाते हैं।

DenominationरंगSizeविशेषताएँचित्र
₹5Green-Orangeयह भारत का सबसे छोटा मूल्य का नोट है।5 Rupee Note
₹10Chocolate Brown63mm x 123mmबीच में महात्मा गांधी का चित्र
दाएं तरफ अशोक स्तंभ का चिह्न
नारे के साथ स्वच्छ भारत का लोगो
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर के हस्ताक्षर
पीछे की तरफ ‘कोणार्क के सूर्य मंदिर’ की आकृति
दोनों तरफ देवनागरी में अंकित मूल्यवर्गीय अंक 10
बाईं तरफ नोट की छपाई का वर्ष
10 Rupee note
(पुराना प्रिंट लेकिन अभी भी काम करता है)
₹20Greenish Yellow63mm x 129mmबीच में महात्मा गांधी का चित्र
दाहिनी ओर अशोक स्तंभ का चिह्न
स्वच्छ भारत का लोगो नारे के साथ
पीछे की ओर एलोरा गुफाओं का चित्रांकन
दोनों तरफ देवनागरी मूल्यवर्ग का अंक 20
बाईं ओर नोट की छपाई का वर्ष
20 Rupee Note
(पुराना प्रिंट लेकिन अभी भी काम करता है)
₹50Fluorescent Blue66mm×135mmबीच में महात्मा गांधी का चित्र
दाहिनी ओर अशोक स्तंभ का चिह्न
स्वच्छ भारत का लोगो नारे के साथ
पीछे की ओर ‘रथ के साथ हम्पी’ की आकृति
दोनों तरफ देवनागरी मूल्यवर्ग का अंक 50
बाईं ओर नोट की छपाई का वर्ष
50 Rupee Note
(पुराना प्रिंट लेकिन अभी भी काम करता है)
₹100lavender66mm x 142mmबीच में महात्मा गांधी का चित्र
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर के हस्ताक्षर
पीछे की ओर ‘रानी की वाव’ की आकृति
दोनों तरफ देवनागरी में अंकित मूल्यवर्गीय अंक 100
100 Rupee Note
(पुराना प्रिंट लेकिन अभी भी काम करता है)
₹200Bright Yellow66mm×146mmबीच में महात्मा गांधी का चित्र
दाईं ओर अशोक स्तंभ का प्रतीक
नारे के साथ स्वच्छ भारत का लोगो
सांची स्तूप की आकृति
200 Rupee Note
₹500Stone Grey66mm×150mmबीच में महात्मा गांधी का चित्र
दाईं ओर अशोक स्तंभ का प्रतीक
नारे के साथ स्वच्छ भारत का लोगो
भारतीय ध्वज के साथ लाल किले की आकृति
500 Rupee Note
₹2000Magenta66mm×166mmबीच में महात्मा गांधी का चित्र
दाईं ओर अशोक स्तंभ का प्रतीक
नारे के साथ स्वच्छ भारत का लोगो
मंगलयान का मूल भाव
(मंगल मिशन)
2000 Rupee Note
भारतीय मुद्रा के नोट, उनके प्रकार और विशेषताएँ

सिक्कों के प्रकार

  • ₹1: यह भारत का सबसे छोटा मूल्य का सिक्का है।
  • ₹2: यह एक सामान्य रूप से उपयोग किया जाने वाला सिक्का है।
  • ₹5: यह एक अधिक मूल्य का सिक्का है, जो छोटे लेनदेन में उपयोग किया जाता है।
  • ₹10: यह भारत का सबसे उच्च मूल्य का सिक्का है, जो छोटे लेनदेन में उपयोग किया जाता है।

भारतीय मुद्रा का इतिहास: भारत की सबसे पुरानी मुद्रा

मुगल और मराठा राजवंशों के दौरान, साथ ही ब्रिटिश भारत में, चांदी के सिक्के का इस्तेमाल किया जाता था।

शेर शाह सूरी ने 1540 से 1545 तक अपने पाँच साल के सशक्तीकरण के दौरान एक नई सैन्य सरकार की स्थापना की, और रुपिया के रूप में जानी जाने वाली 178-ग्रेन चांदी की मुद्रा का उत्पादन किया। 1604-1605 में, मुगल सम्राट ने हिंदू देवताओं का सम्मान करते हुए सिक्के बनाए। राम और सीता का प्रतिनिधित्व करने वाले चांदी और सोने के सिक्के जारी किए गए, जिनकी ढलाई 1605 में अकबर की मृत्यु के तुरंत बाद समाप्त हो गई। बैंक ऑफ हिंदुस्तान (1770-1832), जनरल बैंक ऑफ बंगाल और बिहार (1773-75, वॉरेन हेस्टिंग्स द्वारा स्थापित), और बंगाल बैंक (1784-1791) कागजी रुपये जारी करने वाले पहले बैंकों में से थे।

1970 के दशक में लागत-लाभ के विचार के कारण 1, 2 और 3 पैसे के सिक्कों को अंततः समाप्त कर दिया गया। 1988 में 10, 25 और 50 पैसे के स्टेनलेस स्टील के सिक्के जारी किए गए, उसके बाद 1992 में एक रुपये के सिक्के जारी किए गए। 1 रुपये, 2 रुपये और 5 रुपये के नोट जारी करने की उच्च लागत के कारण, 1990 के दशक में इन मूल्यवर्ग के सिक्कों ने धीरे-धीरे नोटों की जगह ले ली।

  • भारतीय मुद्रा का इतिहास प्राचीन काल से लेकर वर्तमान तक का है।
  • प्राचीन भारत में विभिन्न प्रकार की मुद्राएं प्रचलित थीं, जैसे कि सोने के सिक्के, चांदी के सिक्के और तांबे के सिक्के।
  • गुप्त काल में, स्वर्ण मुद्राएं अधिक प्रचलित थीं।
  • मुगल काल में, चांदी की मुद्राएं अधिक प्रचलित थीं।
  • ब्रिटिश भारत में, भारतीय रुपया ब्रिटिश पाउंड के साथ प्रचलित था।
  • स्वतंत्र भारत के बाद, भारतीय रुपया भारत की आधिकारिक मुद्रा बन गया।

भारतीय मुद्रा की विशेषताएं

भारतीय मुद्रा की कुछ प्रमुख विशेषताएं हैं:

  • भारतीय रुपया भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी किया जाता है, जो भारत का केंद्रीय बैंक है।
  • भारतीय मुद्रा में अनेक सुरक्षा विशेषताएं होती हैं, जैसे कि पानी की छाप, होलोग्राम, माइक्रोप्रिंट और सुरक्षा धागे। ये विशेषताएं मुद्रा की नकलीकरण को रोकने में मदद करती हैं।
  • भारतीय रुपये की विदेशी मुद्राओं के साथ विनिमय दर होती है। इसका मतलब है कि भारतीय रुपये को अन्य देशों की मुद्राओं से बदला जा सकता है। विनिमय दर विभिन्न कारकों पर निर्भर करती है, जैसे कि देश की अर्थव्यवस्था, व्यापार संतुलन और राजनीतिक स्थिति।

भारतीय मुद्रा “रुपया” की सुरक्षा और जालसाजी

भारत की अर्थव्यवस्था भारी तोर पर नकद लेन-देन पे आधारित है, जिसके परिणामस्वरूप अवैध व्यवहार में लगे लोगों द्वारा नकली मुद्रा का प्रचलन किया जाता है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को पिछले कुछ वर्षों में रुपये के नोटों को नए सुरक्षा फीचर के साथ बदलना और अपडेट करना पड़ा है।

नकली नोट, जो वैध नोटों के समान लग सकते हैं, मनी लॉन्ड्रिंग करने वालों और आतंकवादियों द्वारा बनाए जाते हैं। आमतौर पर, उच्च मूल्यवर्ग के नोटों की सबसे ज़्यादा नक़ल होती है।

2016 में, भारत सरकार ने महात्मा गांधी श्रृंखला के सभी ₹500 और ₹1,000 के नोटों के विमुद्रीकरण की घोषणा की, जिसमें दावा किया गया कि ऐसा करने से Couterfiting अर्थव्यवस्था बाधित होगी, जिससे अवैध गतिविधि और आतंकवाद को निधि देने के लिए अवैध और नकली नकदी का उपयोग करना अधिक कठिन हो जाएगा।

₹500 के नोट को नई महात्मा गांधी श्रृंखला के एक नोट से बदल दिया गया है जिसमें सुरक्षा फीचर बढ़ाए गए हैं।

मुद्रा प्रबंधन में आरबीआई (भारतीय रिजर्व बैंक) की भूमिका

आरबीआई का मुख्य कार्य मुद्रा नीति को नियंत्रित करना और देश के वित्तीय स्थिरता को सुनिश्चित करना है। मुद्रा प्रबंधन से संबंधित आरबीआई के कार्यों में प्रमुख रूप से मुद्रा की आपूर्ति और इसके मूल्य का नियंत्रण, मुद्रास्फीति को काबू में रखना, और अर्थव्यवस्था में धन की गति को नियंत्रित करना शामिल है।

1. मुद्रा की आपूर्ति (Money Supply):

आरबीआई भारतीय अर्थव्यवस्था में मुद्रा की आपूर्ति को नियंत्रित करता है। इसके लिए आरबीआई विभिन्न उपकरणों का इस्तेमाल करता है जैसे:

  • रेपो दर (Repo Rate) और रिवर्स रेपो दर (Reverse Repo Rate): यह दरें बैंकिंग सिस्टम में धन की तरलता को नियंत्रित करती हैं।
  • सीआरआर (Cash Reserve Ratio): यह बैंकों को अपने कुल जमा का एक निर्धारित हिस्सा रिज़र्व बैंक के पास रखना अनिवार्य बनाता है, ताकि बैंक अधिक कर्ज़ देने से बचें।
  • एसएलआर (Statutory Liquidity Ratio): यह बैंकों को अपने कुल जमा का एक हिस्सा सरकार के बांड्स और अन्य निश्चित संपत्तियों में निवेश करने के लिए बाध्य करता है।

2. मुद्रास्फीति पर नियंत्रण (Inflation Control):

  • आरबीआई मुद्रास्फीति को नियंत्रण में रखने के लिए समय-समय पर अपनी मुद्रास्फीति लक्ष्यीकरण नीति का पालन करता है। यह नीति विशेष रूप से उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) के आधार पर मुद्रास्फीति को 4% के आसपास रखने का लक्ष्य रखती है।
  • मुद्रास्फीति को कम करने के लिए आरबीआई नीतियों में दरों को बढ़ा सकता है, जिससे उधारी महंगी हो जाती है और खर्च घटता है।

3. मुद्रा का वितरण (Currency Distribution):

आरबीआई देश में मुद्रा की सही आपूर्ति सुनिश्चित करता है। इसके लिए:

  • नोटों का मुद्रण और विमोचन (Printing and Issuance of Notes): आरबीआई भारतीय मुद्रा (रुपया) के नोटों का उत्पादन और वितरण करता है। इसके साथ ही, नकली नोटों का मुकाबला करने के लिए भी सुरक्षा उपायों को लागू किया जाता है।
  • नकली मुद्रा पर नियंत्रण: आरबीआई और अन्य संबंधित एजेंसियां मिलकर नकली नोटों को पकड़ने और उनसे निपटने के लिए प्रयास करती हैं। इसके लिए बैंक नोटों में सुरक्षा सुविधाएँ और पहचान चिह्न लगाए जाते हैं।

4. मुद्रा नीति (Monetary Policy):

  • आरबीआई हर तिमाही अपनी मुद्रा नीति समीक्षा करता है, जिसमें वह देश की आर्थिक स्थिति, मुद्रास्फीति दर, विकास दर, और अन्य आर्थिक संकेतकों के आधार पर अपनी नीतियों में बदलाव करता है।
  • आदर्श मुद्रास्फीति दर और विकास दर के मध्य संतुलन बनाए रखना आरबीआई की प्रमुख जिम्मेदारी है।

5. विदेशी मुद्रा का प्रबंधन (Foreign Exchange Management):

  • आरबीआई भारतीय रुपया (INR) की विनिमय दर को नियंत्रित करता है। इसके लिए वह विदेशी मुद्रा भंडार का प्रबंधन करता है ताकि विनिमय दर स्थिर रहे और रुपये की वास्तविक मूल्य में ज्यादा उतार-चढ़ाव न आए।
  • आरबीआई अंतरराष्ट्रीय व्यापार और निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए विदेशी मुद्रा में हस्तक्षेप करता है।

6. बैंकिंग प्रणाली का निगरानी (Banking System Oversight):

आरबीआई बैंकिंग प्रणाली के संचालन की निगरानी करता है, ताकि वित्तीय स्थिरता बनी रहे। यह सुनिश्चित करता है कि बैंक प्राधिकृत ढंग से कार्य कर रहे हैं और ग्राहकों के पैसों की सुरक्षा हो रही है।

भारतीय मुद्रा के उपयोग

भारतीय मुद्रा का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है, जैसे कि:

  • दैनिक लेनदेन: भारतीय मुद्रा का उपयोग दैनिक जीवन में विभिन्न लेनदेन के लिए किया जाता है, जैसे कि किराना सामान खरीदना, भोजन करना, यात्रा करना और सेवाएं लेना।
  • बचत और निवेश: लोग भारतीय मुद्रा में बचत कर सकते हैं और विभिन्न प्रकार के निवेश विकल्प चुन सकते हैं, जैसे कि बैंक खाते, शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड।
  • सरकारी भुगतान: भारतीय मुद्रा का उपयोग सरकारी भुगतान के लिए भी किया जाता है, जैसे कि कर भुगतान, बिजली बिल का भुगतान और सरकारी सेवाओं का भुगतान।

भारतीय मुद्रा से संबंधित रोचक तथ्य

  • सबसे पुराना नोट: भारत का सबसे पुराना नोट ₹1 का नोट है, जो 1949 में जारी किया गया था।
  • सबसे बड़ा नोट: भारत का सबसे बड़ा नोट ₹2000 का नोट है, जो 2016 में जारी किया गया था।
  • सबसे छोटा नोट: भारत का सबसे छोटा नोट ₹5 का नोट है।
  • सबसे अधिक प्रचलित नोट: भारत में सबसे अधिक प्रचलित बैंक के नोट ₹100 का नोट है।

भारतीय मुद्रा भारत की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह देश के भीतर और बाहर व्यापार और लेनदेन में उपयोग की जाती है। भारतीय मुद्रा की सुरक्षा विशेषताएं और विनिमय दर इसके महत्व को बढ़ाती हैं।

वैध मुद्रा

वैध मुद्रा वह सिक्का या बैंकनोट होती है जिसे कानूनी रूप से कर्ज या देयता के भुगतान के रूप में स्वीकार किया जा सकता है।

भारत में, सिक्का निर्माण अधिनियम, 2011 की धारा 6 के अनुसार, सरकार द्वारा जारी किए गए सिक्के तब तक वैध मुद्रा माने जाते हैं, जब तक वे विकृत नहीं हुए हों और उनका वजन निर्धारित मानक से कम न हुआ हो। ₹1 से कम मूल्यवर्ग के सिक्कों को छोड़कर, किसी भी सिक्के को ₹1000 तक की राशि के लिए वैध मुद्रा माना जाएगा।

वहीं, पचास पैसे (आधा रुपया) का सिक्का ₹10 तक की राशि के लिए वैध मुद्रा होगा। हालांकि, किसी व्यक्ति को उल्लिखित सीमा से अधिक सिक्के स्वीकार करने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता, लेकिन स्वेच्छा से अधिक सिक्के स्वीकार किए जा सकते हैं।

भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी किए गए सभी बैंकनोट, जैसे ₹2, ₹5, ₹10, ₹20, ₹50, ₹100, ₹200, ₹500 और ₹2000, तब तक वैध मुद्रा बने रहेंगे, जब तक उन्हें संचलन से वापस नहीं लिया जाता। ये नोट भारत सरकार द्वारा प्रत्याभूत होते हैं, जैसा कि भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 26 के तहत निर्धारित किया गया है। इसके अलावा, भारत सरकार द्वारा जारी किए गए ₹1 के नोट भी वैध मुद्रा माने जाते हैं।

महात्मा गांधी शृंखला के तहत, 08 नवंबर 2016 तक जारी किए गए ₹500 और ₹1000 के नोट 08 नवंबर 2016 की मध्यरात्रि से वैध मुद्रा नहीं रहे।

रिज़र्व बैंक जनता के बीच मुद्रा का वितरण कैसे करता है ?

रिज़र्व बैंक द्वारा मुद्रा परिचालन का प्रबंधन

भारत में रिज़र्व बैंक (RBI) विभिन्न स्थानों पर स्थित अपने निर्गम कार्यालयों और मुद्रा तिजोरियों के माध्यम से मुद्रा के प्रबंधन का कार्य करता है। यह प्रबंधन संरचना देश भर में मुद्रा वितरण और निगरानी सुनिश्चित करती है। यहां कुछ मुख्य बिंदु दिए गए हैं:

1. निर्गम कार्यालयों की संरचना:

  • रिज़र्व बैंक वर्तमान में 19 निर्गम कार्यालयों के माध्यम से मुद्रा संचालन करता है। ये कार्यालय निम्नलिखित शहरों में स्थित हैं:
    • अहमदाबाद
    • बेंगलुरू
    • बेलापुर
    • भोपाल
    • भुवनेश्वर
    • चंडीगढ़
    • चेन्नई
    • गुवाहाटी
    • हैदराबाद
    • जयपुर
    • जम्मू
    • कानपुर
    • कोलकाता
    • लखनऊ
    • मुंबई
    • नागपुर
    • नई दिल्ली
    • पटना
    • तिरूवनंतपुरम
  • ये कार्यालय मुद्रा तिजोरियों और मुद्रा परिचालन का प्रबंधन करते हैं, जहां से नए नोटों की आपूर्ति होती है।

2. मुद्रण और वितरण प्रक्रिया:

  • निर्गम कार्यालय मुद्रा प्रिंटिंग प्रेसों से नए नोट प्राप्त करते हैं।
  • ये कार्यालय नए नोटों को मुद्रा तिजोरियों में भेजते हैं, जहां इन्हें सुरक्षित रूप से स्टोर किया जाता है।
  • प्रेस से सीधे विप्रेषण भी किया जाता है, जिससे नोटों का वितरण सुनिश्चित होता है।

3. मुद्रा तिजोरियों और सिक्कों का प्रबंधन:

  • रिज़र्व बैंक के मुद्रा तिजोरी नेटवर्क का एक महत्वपूर्ण हिस्सा अनुसूचित बैंकों द्वारा संचालित मुद्रा तिजोरियाँ हैं।
  • ये तिजोरियाँ नए सिक्के और बैंकनोट प्राप्त करती हैं और इन्हें उपयुक्त स्थानों पर भेजती हैं।
  • रिज़र्व बैंक के हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई, और नई दिल्ली स्थित कार्यालय टकसालों से सिक्के प्राप्त करते हैं और इन्हें अन्य कार्यालयों में भेजते हैं।
  • सिक्कों को मुद्रा तिजोरियों और छोटे सिक्का डिपो में स्टोर किया जाता है।

4. सिक्कों का वितरण:

  • रिज़र्व बैंक द्वारा प्राप्त सिक्के विभिन्न मुद्रा तिजोरियों और छोटे सिक्का डिपो में स्टोर किए जाते हैं।
  • बैंक शाखाएँ इन सिक्कों और बैंकनोटों को मुद्रा तिजोरियों और छोटे सिक्का डिपो से प्राप्त करती हैं।
  • इसके बाद, ये बैंक शाखाएँ आम जनता को बैंकनोट और सिक्कों का वितरण करती हैं।

5. संचलन में मुद्रा की सुरक्षा:

  • रिज़र्व बैंक की यह संरचना सुनिश्चित करती है कि मुद्रा का वितरण सुरक्षित और सुचारू रूप से होता है।
  • मुद्रा के सभी कार्यों को उचित निगरानी और सुरक्षा के साथ नियंत्रित किया जाता है, ताकि कोई भी आपातकालीन स्थिति उत्पन्न न हो।

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वन नेशन वन इलेक्शन: एक देश एक चुनाव की अवधारणा, लाभ और चुनौतियाँ

निष्कर्ष

भारतीय मुद्रा, रुपया (₹), भारत की आधिकारिक मुद्रा है। यह भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी की जाती है और देश के भीतर और बाहर व्यापार और लेनदेन में उपयोग की जाती है। भारतीय मुद्रा में विभिन्न प्रकार के नोट और सिक्के हैं, जो विभिन्न मूल्यों और उपयोगों के लिए उपलब्ध हैं।

भारतीय मुद्रा का इतिहास प्राचीन काल से लेकर वर्तमान तक का है, और इसमें कई बदलाव आए हैं। भारतीय मुद्रा में सुरक्षा विशेषताएं होती हैं, जो नकलीकरण को रोकने में मदद करती हैं। इसके अलावा, भारतीय मुद्रा की विदेशी मुद्राओं के साथ विनिमय दर होती है, जो अंतरराष्ट्रीय व्यापार में महत्वपूर्ण है।

भारतीय मुद्रा का उपयोग दैनिक लेनदेन, बचत और निवेश, और सरकारी भुगतान के लिए किया जाता है। यह भारत की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

1 रुपये में कितने पैसे होते हैं?

1 रूपये में 100 पैसे होते है।

₹1 डॉलर भारत में कितना होता है?

1 अमेरिकी डॉलर 84.08 भारतीय रुपये के बराबर है।

भारत की राष्ट्रीय मुद्रा कौन सी है?

भारत की राष्ट्रीय मुद्रा भारतीय रुपया है। इसे ₹(रुपये) के चिन्ह से दर्शाया जाता है।

भारत का ₹1 चीन के कितने रुपए के बराबर है?

भारत का ₹1 चीन के 0.085 Chinese Yuan के बराबर है।

भारत का ₹100 पाकिस्तान के कितने रुपए के बराबर है?

भारत का ₹100 पाकिस्तान के 330.32 Pakistani Rupee के बराबर है।

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Authored by, Amay Mathur | Senior Editor

Amay Mathur is a business news reporter at Chegg.com. He previously worked for PCMag, Business Insider, The Messenger, and ZDNET as a reporter and copyeditor. His areas of coverage encompass tech, business, strategy, finance, and even space. He is a Columbia University graduate.