धातु और अधातु के नाम: धातु और अधातु के नाम हिंदी और इंग्लिश में 

March 28, 2025
धातु और अधातु के नाम

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धातु और अधातु के नाम

धातु और अधातु के नाम: धातु और अधातु के नाम हिंदी और इंग्लिश में 

Published on March 28, 2025
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Quick Summary

धातु के नाम:

  • सोना
  • चाँदी
  • लोहा
  • तांबा
  • एल्यूमिनियम

अधातु के नाम:

  • ऑक्सीजन
  • हाइड्रोजन
  • नाइट्रोजन
  • कार्बन
  • सल्फर

Table of Contents

Authored by, Amay Mathur | Senior Editor

Amay Mathur is a business news reporter at Chegg.com. He previously worked for PCMag, Business Insider, The Messenger, and ZDNET as a reporter and copyeditor. His areas of coverage encompass tech, business, strategy, finance, and even space. He is a Columbia University graduate.

धातु और अधातु प्रकृति में पाए जाने वाले दो मुख्य प्रकार के तत्व हैं। इनका उपयोग मानव जीवन के हर क्षेत्र में होता है। धातुओं का उपयोग इमारतों, औद्योगिक यंत्रों और बिजली उपकरणों में होता है, जबकि अधातु चिकित्सा, खाद्य उद्योग और कृषि में अहम भूमिका निभाती हैं। इस ब्लॉग में हम धातु और अधातु के नाम, अधातु किसे कहते हैं,  धातु अधातु में अंतर के बारे में विस्तार से जानेंगे। 

धातु किसे कहते हैं?

धातु वे तत्व होते हैं जो ठोस अवस्था में होते हैं, चमकदार होते हैं, और विद्युत एवं ऊष्मा के अच्छे संवाहक होते हैं। धातुएं अपने उच्च गलनांक और तन्यता के कारण विभिन्न निर्माण कार्यों में उपयोगी होती हैं।

उदाहरण – तांबा, एल्यूमीनियम, लोहा, सोना, चांदी, टाइटेनियम, यूरेनियम आदि

धातु और अधातु के नाम  उनके गुण और उपयोग इस प्रकार हैं –

10 धातुओं के नाम

Name (Hindi – English)SymbolAtomic Number
एल्युमिनियम (Aluminium)Al13
जस्ता (Zinc)Zn30
सीसा (Lead)Pb82
निकल (Nickel)Ni28
प्लेटिनम (Platinum)Pt78
पारा (Mercury)Hg80
सोना ( Gold )Au79
चांदी ( Silver )Ag47
लोहा ( Iron )Fe26
तांबा (Copper)Cu29

ये थे 10 धातुओं के नाम हिंदी और इंग्लिश में। 

धातुओं के गुण

  1. धातुएं चमकदार होती हैं।
  2. वे कठोर और ठोस होती हैं।
  3. इन्हें पीटा और खींचा जा सकता है।
  4. धातुओं का गलनांक और क्वथनांक उच्च होता है।
  5. यह सामान्य तापमान या कमरे के तापमान पर ठोस होते हैं।
  6.  यह अपारदर्शक होते हैं, अर्थात् इनके आर-पार नहीं देखा जा सकता है।
  7. यह ऊष्मा और विद्युत की सुचालक होती हैं।
  8. धातुएँ गर्म होने पर फैलती हैं, तथा ठण्डा होने पर सिकुड़ती हैं।
  9. इन धातुओं की पॉलिश की गई सतहें परावर्तक होती हैं।

धातुओं का उपयोग

  1. लोहा और स्टील भवन निर्माण में उपयोग किए जाते हैं।
  2. तांबे का उपयोग विद्युत तार बनाने में किया जाता है।
  3. सोना और चांदी आभूषणों के लिए आदर्श धातुएं हैं।
  4. एल्युमिनियम और प्लेटिनम का उपयोग हवाई जहाज और अन्य यंत्रों में होता है।

अधातु किसे कहते हैं?

अधातु वे तत्व होते हैं जो ठोस, द्रव या गैस के रूप में पाए जाते हैं। ये धातुओं के विपरीत होते हैं और विद्युत एवं ऊष्मा के खराब संवाहक होते हैं।

उदाहरण – हाइड्रोजन (H2), ऑक्सीजन (O2), आयोडीन (I2), कार्बन (C), इत्यादि सभी अधातु हैं ।

10 अधातु के नाम 

Name Symbol Atomic Number 
हाइड्रोजन ( Hydrogen )
ऑक्सीजन (Oxygen)
नाइट्रोजन (Nitrogen)
कार्बन (Carbon)
सल्फर (Sulfur)16 
फॉस्फोरस ( phosphorus) 15 
क्लोरीन (Chlorine)Cl  17 
ब्रोमीन (Bromine)Br  35 
आयोडीन (Iodine)53 
हीलियम (Helium)He  
Non-Metals Table

ये थे 10 आधातुओं के नाम हिंदी और इंग्लिश में। 

अधातुओं के गुण

  1. इनमें चमक नहीं होती।
  2. अधिकांश अधातुएं गैसीय या द्रव अवस्था में होती हैं।
  3. अधातुएं कम घनत्व वाली होती हैं।
  4. यह कमरे के तापमान पर ठोस, द्रव व गैस अवस्था में पाई जाती हैं।
  5. यह विद्युत तथा ऊष्मा की कुचालक होती है।
  6. यह ठोस अवस्था में भंगुर (brittle) तथा चमकहीन होती हैं।
  7. इनका कथनांक तथा गलनांक काफी कम होता है।
  8. यह अतन्य होती है, अर्थात् इनको तार (wire) के रूप में नहीं खींचा जा सकता है।

अधातुओं का उपयोग

  1. ऑक्सीजन का उपयोग चिकित्सा के लिए सांस देने में किया जाता है।
  2. नाइट्रोजन कृषि में खाद के रूप में उपयोगी है।
  3. हीलियम का उपयोग गैस बल्ब में होता है।
  4. आयोडीन का उपयोग एंटीसेप्टिक के रूप में होता है।
  5. क्लोरीन का उपयोग कीटाणुओं को नष्ट करने में किया जाता है।
  6. सल्फर का उपयोग सल्फ्यूरिक अम्ल बनाने में किया जाता है।
  7. सिल्वर नाइट्रेट का उपयोग फोटोग्राफी में किया जाता है।
  8. नाइट्रिक अम्ल का उपयोग नाइट्रेट अम्ल बनाने में किया जाता है।
  9. कुछ अधातु का उपयोग आभूषणों के रूप में भी किया जाता है। जैसे :- हीरा

धातु और अधातु में अंतर

धातुअधातु
धातुओ के आक्‍साइड क्षारीय होते हैअधातुओ के आक्‍साइड अम्‍लीय होते है।
धातुएं प्रक्रति मे प्राय: ठोस अवस्‍था मे मिलती है पारे को छोडकरअधातुएं ठोस ,द्रव और गैस तीनो अवस्‍थाओ मे पायी जाती है।
सभी धातुएं अपारदर्शी होती हैअधातुएं पारदर्शी ,अपारदर्शी,तथा पारभाषी भी होती है।
धातुएं उष्मा और विद्युत की सुचालक होती है।अधातुएं उष्‍मा और विद्युत की कुचालक होती है। अपवाद ग्रेफाइट
धातुएं अघातवर्धनीय तथा तन्‍य होती हैअधातुएं भंगुर होती है
धातुओ के क्‍वथनांक और गलनांक उच्‍च होते है।अधातुओ के गलनांक और क्‍वथनांक निम्‍न होते है।
धातुएं आपस मे मिलकर मिश्रधातु बनायी जाती है तथा यह पारे के साथ मिलकर अमलगम बनाती हैअधातुएं आापस मे मिलकर मिश्रधातु नही बनाती।
धातुओ मे एक विशेष चमक होती है।अधातुओ मे विशेष चमक नही होती अपवाद हीरा ग्रेफाइट
धातु और अधातु में अंतर

ये थे धातु और अधातु के नाम, 10 अधातु के नाम, 10 धातुओं के नाम, धातु अधातु में अंतर अब बात करेंगे मैटेलॉयड क्या है? पर। 

मैटेलॉयड क्या है?

मैटेलॉयड (Metalloids) वे तत्व होते हैं जिनमें धातु और अधातु दोनों के गुण पाए जाते हैं। ये तत्व अपनी भौतिक और रासायनिक विशेषताओं में धातुओं और अधातुओं के बीच की स्थिति में आते हैं। मैटेलॉयड का उपयोग अर्धचालक (Semiconductors) उपकरणों में होता है, जो आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग के लिए आवश्यक हैं।

मैटेलॉयड के गुण

  1. अर्धचालक प्रवृत्ति– मैटेलॉयड विद्युत का संचालन करते हैं, लेकिन पूरी तरह से धातुओं की तरह नहीं। इनकी विद्युत चालकता तापमान और अन्य स्थितियों पर निर्भर करती है।
  2. भंगुरता– ये धातुओं की तुलना में कम कठोर होते हैं और आसानी से टूट सकते हैं।
  3. आवर्त सारणी में स्थान– मैटेलॉयड आवर्त सारणी के बीच में पाए जाते हैं, जो धातुओं और अधातुओं को अलग करते हैं।
  4. रासायनिक गुण-ये ऑक्सीकरण और कमी दोनों प्रकार की अभिक्रियाओं में भाग ले सकते हैं।

मैटेलॉयड के उदाहरण

  1. सिलिकॉन (Silicon): इसका उपयोग कंप्यूटर चिप्स और सौर पैनल बनाने में होता है।
  2. बोरॉन (Boron): यह फाइबरग्लास और बोरिक एसिड बनाने में उपयोगी है।
  3. आर्सेनिक (Arsenic): इसका उपयोग दवाओं और कीटनाशकों में होता है।
  4. जर्मेनियम (Germanium): यह इन्फ्रारेड ऑप्टिक्स और ट्रांजिस्टर में प्रयोग होता है।
  5. एंटीमनी (Antimony): इसका उपयोग बैटरियों और फ्लेम रिटार्डेंट में होता है।

धातुओं की जल के साथ अभिक्रिया

धातुएं जल के साथ अभिक्रिया कर हाइड्रोजन गैस और क्षार का निर्माण करती हैं। यह अभिक्रिया मुख्य रूप से धातु की सक्रियता (Reactivity) पर निर्भर करती है। सक्रिय धातुएं, जैसे सोडियम (Sodium) और पोटैशियम (Potassium), पानी के साथ तीव्र प्रतिक्रिया करती हैं, जबकि कम सक्रिय धातुएं, जैसे एल्युमिनियम (Aluminium) और जिंक (Zinc), धीमी गति से प्रतिक्रिया करती हैं।

अभिक्रिया का सामान्य समीकरण-

उदाहरण-

सोडियम और जल

इस प्रतिक्रिया में सोडियम हाइड्रॉक्साइड (NaOH) और हाइड्रोजन गैस बनती है। प्रतिक्रिया बहुत तीव्र होती है और इसमें ऊर्जा का उत्पादन होता है।

रासायनिक प्रतिक्रिया-  2Na+2H2O→2NaOH+H2​

पोटैशियम और जल-

यह प्रतिक्रिया सोडियम से भी अधिक तीव्र होती है और इसमें हाइड्रोजन गैस जलने लगती है।

रासायनिक प्रतिक्रिया- 2K+2H2O→2KOH+H22K + 2H

जिंक और गर्म पानी-

यह प्रतिक्रिया केवल गर्म पानी के साथ होती है और अपेक्षाकृत धीमी होती है।

रासायनिक प्रतिक्रिया- Zn+H2O→ZnO+H2

अभिक्रिया पर सक्रियता का प्रभाव-

अत्यधिक सक्रिय धातुएं (Highly Reactive Metals)

सोडियम (Sodium – Na)- पानी के साथ अत्यधिक तीव्रता से प्रतिक्रिया करता है।

पोटैशियम (Potassium – K)– पानी के साथ सोडियम से भी अधिक तीव्रता से प्रतिक्रिया करता है, और हाइड्रोजन गैस को जला देता है।

कैल्शियम (Calcium – Ca)–  पानी के साथ प्रतिक्रिया करता है, लेकिन सोडियम और पोटैशियम की तुलना में कम तीव्र होता है।

रासायनिक प्रतिक्रिया –  Ca+2H2​O→Ca(OH)2​+H2

मध्यम सक्रिय धातुएं (Moderately Reactive Metals)– मैग्नीशियम (Magnesium) और एल्युमिनियम जैसी धातुएं गर्म पानी या भाप के साथ प्रतिक्रिया करती हैं।

रासायनिक प्रतिक्रिया- Mg+H2​O→MgO+H2​

कम सक्रिय धातुएं (Less Reactive Metals)– लोहे (Iron) और जिंक जैसी धातुएं केवल भाप के साथ प्रतिक्रिया करती हैं।

रासायनिक प्रतिक्रिया- 3Fe+4H2​O→Fe3​O4​+4H2

अक्रिय धातुएं (Non-Reactive Metals)– सोना (Gold – Au) और प्लेटिनम (Platinum – Pt) सामान्य परिस्थितियों में पानी या भाप के साथ प्रतिक्रिया नहीं करते हैं। ये धातुएं अक्रिय (Non-Reactive) मानी जाती हैं, क्योंकि इनकी रासायनिक सक्रियता बहुत कम होती है। यही कारण है कि ये धातुएं पानी, हवा या अन्य साधारण रसायनों से प्रभावित नहीं होतीं और लंबे समय तक बिना जंग लगे सुरक्षित रहती हैं।

धातुओं की वायु में जलने पर अभिक्रिया

कुछ धातुएं वायु में जलने पर ऑक्साइड का निर्माण करती हैं। यह अभिक्रिया धातुओं की सक्रियता और वायु की ऑक्सीजन के साथ उनकी प्रतिक्रिया पर निर्भर करती है। जब धातुएं जलती हैं, तो वे ऑक्सीजन के साथ अभिक्रिया कर धातु ऑक्साइड (Metal Oxide) का निर्माण करती हैं।

अभिक्रिया का सामान्य समीकरण-

उदाहरण-

सोडियम (Sodium)-

सोडियम ऑक्सीजन के साथ प्रतिक्रिया कर सोडियम ऑक्साइड बनाता है।

रासायनिक प्रतिक्रिया – 4Na+O2​→2Na2​O

पोटैशियम (Potassium)-

पोटैशियम भी ऑक्सीजन के साथ तेजी से प्रतिक्रिया कर पोटैशियम ऑक्साइड बनाता है।

रासायनिक प्रतिक्रिया – 4K+O2​→2K2​O

मैग्नीशियम (Magnesium)-

जब मैग्नीशियम को जलाया जाता है, तो यह सफेद रंग की चमक के साथ जलता है और मैग्नीशियम ऑक्साइड का निर्माण करता है।

रासायनिक प्रतिक्रिया – 2Mg+O2​→2MgO

लोहा (Iron)-

लोहा ऑक्सीजन के साथ प्रतिक्रिया कर आयरन ऑक्साइड (Fe_3O_4) बनाता है, जिसे रस्ट (Rust) के रूप में जाना जाता है।

रासायनिक प्रतिक्रिया – 3Fe+2O2​→Fe3​O4​

एल्यूमिनियम (Aluminium – Al)-

एल्यूमिनियम ऑक्सीजन के साथ अभिक्रिया कर एल्यूमिनियम ऑक्साइड का निर्माण करता है।
रासायनिक प्रतिक्रिया- 4Al+3O2→2Al2O3

जिंक (Zinc – Zn)-

जिंक वायु में जलने पर जिंक ऑक्साइड का निर्माण करता है।
रासायनिक प्रतिक्रिया- 2Zn+O2→2ZnO

धातुओं की वायु में जलने पर अभिक्रिया के प्रकार-

  1. तीव्र प्रतिक्रिया (Rapid Reaction)- सोडियम और पोटैशियम जैसी अत्यधिक सक्रिय धातुएं तुरंत जलकर ऑक्साइड बनाती हैं।
  2. मध्यम प्रतिक्रिया (Moderate Reaction)- मैग्नीशियम और जिंक जैसी धातुएं जलने के लिए अधिक तापमान की आवश्यकता होती है।
  3. धीमी प्रतिक्रिया (Slow Reaction)- लोहे और कॉपर जैसी धातुएं धीरे-धीरे ऑक्साइड बनाती हैं।

धातु ऑक्साइड के गुण-

  1. धातु ऑक्साइड प्रायः क्षारीय (Basic) होते हैं।
  2. पानी के साथ प्रतिक्रिया करने पर ये क्षार (Alkali) बनाते हैं।
  3. कुछ धातु ऑक्साइड अम्फोटेरिक (Amphoteric) हो सकते हैं, जैसे एल्युमिनियम ऑक्साइड।

धातुओं की वायु में जलने की उपयोगिता-

  1. रक्षा उद्योग- मैग्नीशियम फ्लेयर्स का उपयोग सैन्य संकेतों में होता है।
  2. विमानन- एल्युमिनियम ऑक्साइड का उपयोग हवाई जहाज के निर्माण में किया जाता है।
  3. औद्योगिक उपयोग- लोहे का ऑक्साइड स्टील उत्पादन में सहायक होता है।

धातु और अधातु के मिश्र धातु

मिश्र धातु दो या अधिक धातुओं, या धातु और अधातु के संयोजन से बने पदार्थ होते हैं। इनका निर्माण धातुओं की प्राकृतिक विशेषताओं को बेहतर बनाने के लिए किया जाता है, जैसे कठोरता, संक्षारण प्रतिरोध, और लचीलापन। प्रमुख मिश्र धातुओं के उदाहरण-

  1. स्टील (Steel)-
    • यह लोहा और कार्बन का मिश्रण है।
    • स्टील निर्माण कार्य, मशीन निर्माण, और औद्योगिक यंत्रों में सबसे अधिक उपयोग किया जाता है।
    • इसके विभिन्न प्रकार जैसे स्टेनलेस स्टील, टूल स्टील, और एलॉय स्टील अलग-अलग उपयोगों के लिए बनाए जाते हैं।
  2. पीतल (Brass)-
    • यह तांबा और जिंक का मिश्रण है।
    • इसका उपयोग सजावटी वस्तुएं, संगीत वाद्ययंत्र, और विद्युत कनेक्टर बनाने में किया जाता है।
  3. कांसा (Bronze)-
    • यह तांबा और टिन का मिश्रण है।
    • इसका उपयोग सिक्के, मूर्तियां, और जहाज निर्माण में होता है।
  4. ड्यूरालुमिन (Duralumin)-
    • यह एल्युमिनियम, तांबा, मैग्नीशियम और मैंगनीज का मिश्रण है।
    • इसका उपयोग हवाई जहाज और वाहन निर्माण में किया जाता है।
  5. निक्रोम (Nichrome)-
    • यह निकल और क्रोमियम का मिश्रण है।
    • इसका उपयोग हीटिंग तत्वों, जैसे टोस्टर और हीटर, में किया जाता है।

अधातुओं का उपयोग मिश्रण बनाने में

अधातु जैसे कार्बन, सल्फर, और सिलिकॉन का उपयोग मिश्र धातुओं की गुणवत्ता सुधारने के लिए किया जाता है। उदाहरण के लिए:

  1. कार्बन- स्टील में कार्बन मिलाने से इसकी कठोरता और मजबूती बढ़ती है।
  2. सिलिकॉन- सिलिकॉन मिश्र धातुओं में जंग रोधक गुण जोड़ता है।
  3. सल्फर-औद्योगिक मिश्रण में विशेष गुण जोड़ने के लिए प्रयुक्त होता है।

मिश्र धातुओं का औद्योगिक महत्व

मिश्र धातुएं आधुनिक उद्योग के हर क्षेत्र में उपयोगी हैं। इनमें धातु और अधातु दोनों की विशेषताएं होती हैं, जो इन्हें विभिन्न उपयोगों के लिए आदर्श बनाती हैं।

  1. यंत्र निर्माण-
  • स्टील और पीतल से इंजन, मशीनें, और औद्योगिक उपकरण बनाए जाते हैं।
  1. विमान निर्माण:
  • हल्की और मजबूत मिश्र धातुएं, जैसे ड्यूरालुमिन, हवाई जहाज के ढांचे और पुर्जों के निर्माण में उपयोगी हैं।
  1. बिजली उपकरण:
  • कांसा और पीतल का उपयोग विद्युत कनेक्टर, तार, और स्विच निर्माण में किया जाता है।
  1. सजावटी वस्तुएं:
  • पीतल और कांसा से सजावटी मूर्तियां, फर्नीचर और दीर्घायु वस्तुएं बनाई जाती हैं।
  1. सुरक्षा और रक्षा:
  • स्टेनलेस स्टील और टाइटेनियम मिश्र धातुएं बख्तरबंद वाहनों और हथियार निर्माण में काम आती हैं।

मिश्र धातुओं के लाभ-

  1. वे प्राकृतिक धातुओं की तुलना में अधिक मजबूत और टिकाऊ होती हैं।
  2. जंग और संक्षारण से बचाने के लिए आदर्श होती हैं।
  3. उनकी विशिष्ट गुणों के कारण विभिन्न क्षेत्रों में उपयोग किया जा सकता है।

धातु और अधातु का पर्यावरण पर प्रभाव

धातु का प्रभाव

धातुओं के खनन और प्रसंस्करण से पर्यावरण पर कई प्रकार के नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं।

  1. खनन से भूमि का नुकसान:
    • खनन के दौरान बड़ी मात्रा में मिट्टी और चट्टानों को हटाया जाता है, जिससे भूमि की उर्वरता नष्ट हो जाती है।
    • खनन क्षेत्र में वनों की कटाई होती है, जिससे प्राकृतिक पर्यावरण प्रभावित होता है।
  2. जल प्रदूषण:
    • खनन और प्रसंस्करण में उपयोग किए गए रसायन, जैसे आर्सेनिक और साइनाइड, जल स्रोतों में मिलकर प्रदूषण फैलाते हैं।
  3. वायु प्रदूषण:
    • खनन से उठने वाली धूल और धातुओं के प्रसंस्करण से निकलने वाले हानिकारक गैसें वायु प्रदूषण का कारण बनती हैं।
    • यह गैसें मानव स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव डालती हैं।
  1. ऊर्जा खपत-
    • धातुओं के प्रसंस्करण में बड़ी मात्रा में ऊर्जा का उपयोग होता है, जिससे कार्बन उत्सर्जन बढ़ता है।

अधातु का प्रभाव

अधातुओं के उपयोग और प्रसंस्करण से भी पर्यावरण प्रभावित होता है।

  1. रसायनों का प्रभाव-
    • अधातुओं, जैसे फॉस्फोरस और नाइट्रोजन, का अत्यधिक उपयोग कृषि में होता है। ये रसायन भूमि की उर्वरता को प्रभावित कर सकते हैं।
    • जल स्रोतों में मिलकर ये जल को प्रदूषित करते हैं और जलीय जीवन को नुकसान पहुंचाते हैं।
  2. ठोस अपशिष्ट-
    • अधातुओं से बने उत्पाद, जैसे प्लास्टिक और रबर, अपघटित नहीं होते और पर्यावरण में लंबे समय तक बने रहते हैं।
  3. गैस उत्सर्जन-
    • अधातुओं का उपयोग, जैसे नाइट्रोजन और सल्फर, वायु में हानिकारक गैसों का उत्सर्जन करता है, जो अम्लीय वर्षा (Acid Rain) का कारण बनते हैं।

नवीनीकरण की आवश्यकता

धातुओं और अधातुओं के सतत उपयोग के लिए रीसाइक्लिंग और अपशिष्ट प्रबंधन अनिवार्य हैं।

  1. रीसाइक्लिंग-
    • धातुओं की रीसाइक्लिंग से प्राकृतिक संसाधनों की बचत होती है और ऊर्जा खपत कम होती है। उदाहरण के लिए, एल्युमिनियम और तांबे को रीसाइक्लिंग के जरिए पुनः उपयोग में लाया जा सकता है।
  2. अपशिष्ट प्रबंधन-
    • अधातुओं से बने उत्पादों, जैसे प्लास्टिक, को सही तरीके से पुनर्चक्रित करने से पर्यावरण प्रदूषण कम किया जा सकता है।
  3. सतत विकास-
    • धातु और अधातु के उत्पादन और उपयोग में तकनीकी सुधार करना चाहिए ताकि उनका पर्यावरणीय प्रभाव कम किया जा सके।
    • नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का उपयोग उत्पादन प्रक्रियाओं में किया जाना चाहिए।

निष्कर्ष

धातु और अधातु हमारे जीवन के अनिवार्य भाग हैं। धातुएं हमें संरचना, शक्ति और प्रौद्योगिकी देती हैं, जबकि अधातुएं चिकित्सा, कृषि और पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने में सहायक हैं। इनके गुण, उपयोग और पर्यावरणीय प्रभावों को समझकर हम इनके सतत और प्रभावी उपयोग की दिशा में कदम उठा सकते हैं। इस लेख में धातु और अधातु के नाम, अधातु किसे कहते हैं, 10 अधातु के नाम, 10 धातुओं के नाम, धातु अधातु में अंतर पर विस्तार से बताया गया है। 

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

10 धातुओं के नाम क्या है?

10 धातुओं के नाम हैं: सोना, चाँदी, लोहा, तांबा, एल्यूमिनियम, जिंक, टिन, पारा, सोडियम और पोटेशियम।

धातु के 10 उदाहरण क्या हैं?

धातु के 10 उदाहरणों में सोना, चाँदी, लोहा, तांबा, एल्यूमिनियम, सोडियम, पोटेशियम, जिंक, पारा और टिन शामिल हैं। ये धातु विभिन्न उद्योगों में उपयोगी और महत्वपूर्ण गुणों वाली होती हैं।

अधातु कितने होते हैं उनके नाम बताइए?

अधातु मुख्य रूप से 18 होते हैं, जिनमें कार्बन, नाइट्रोजन, ऑक्सीजन, हाइड्रोजन, सल्फर, फ्लोरीन, क्लोरीन, ब्रोमीन, आयोडीन, आर्गन, फास्फोरस, सीसियम, सैटर्नियम आदि शामिल हैं।

सबसे शुद्ध धातु कौन सी है?

सबसे शुद्ध धातु प्लैटिनम है, जो अत्यधिक स्थिर और दुर्लभ होती है।

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