फ्रेंचाइजी बिज़नेस क्या है, और इसे कैसे शुरू करे?

November 29, 2024
फ्रेंचाइजी
Quick Summary

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  • फ्रेंचाइजी एक प्रकार का व्यवसाय है जिसमें कंपनी का मालिक अपने ब्रांड, कंपनी का नाम, व्यवसाय मॉडल आदि के अधिकारों को किसी तीसरे पक्ष को प्रदान करता है।
  • जिस तीसरे पक्ष को कंपनी का मालिक अपने सभी अधिकारों का हस्तांतरण करता है, उसे फ्रेंचाइजी कहा जाता है।
  • इस प्रक्रिया के माध्यम से, फ्रेंचाइजी धारक को कंपनी के संसाधनों और पहचान का लाभ मिलता है, जिससे वह अपने व्यवसाय को सफलतापूर्वक संचालित कर सकता है।

Table of Contents

फ्रेंचाइजी बिजनेस वर्तमान समय का एक ऐसा बिजनेस मॉडल है जिसकी मदद से आप अपने शहर में किसी भी नामी कंपनी की फ्रेंचाइजी लेकर हर महीने लाखों रुपए तक आसानी से कमा सकते हैं। आज के समय में हम सबकी चाहत होती है कि हमारा भी एक बिज़नेस या स्टार्टअप हो क्योंकि हर कोई कुछ न कुछ साइड बिज़नेस या अपना खुद का काम कर रहा है|

और गवर्नमेंट भी स्टार्टअप इंडिया, स्टैंडअप इंडिया जैसी योजनाओं से देश में एन्त्रेप्रेंयूर्शिप(उद्यमशीलता) को बढ़ावा दे रही है| लेकिन हमारे मन में बिज़नेस को लेकर एक डर भी रहता है कि अगर नया बिज़नेस फ़ेल हो गया तो क्या होगा क्योकि बिज़नेस में इन्वेस्टमेंट बहुत अधिक होता है और नये बिज़नेस में रिस्क भी अधिक होता है | ऐसे में हमारे लिए फ्रैंचाइजी बिज़नेस एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है|

अगर आप नहीं जानते कि फ्रेंचाइजी बिज़नेस क्या होता है और कैसे काम करता है, तो परेशान होने की जरुरत नहीं है | क्योंकि आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएँगे कि फ्रेंचाइजी बिज़नेस क्या होता है, कैसे काम करता है, कितने प्रकार की होती है और किसी भी कंपनी की फ्रेंचाइजी कैसे ली जा सकती है, इन सभी टॉपिक को हम आज के इस आर्टिकल में कवर करने वाले हैं|

फ्रैंचाइज़ी क्या है? इसका बिज़नेस कैसे करें ?

फ्रेंचाइजी वर्ड बिज़नेस के टर्म में इस्तेमाल किया जाता है| इसका सामान्य मतलब होता है कि आप किसी कंपनी से अपने एक या एक से ज्यादा आउटलेट या शॉप के लिए उस कंपनी का नाम और उसका LOGO यूज़ करने का अधिकार खरीद रहे हैं| आइये इस बात को हम एक उदाहरण से समझते हैं-

चाय सुट्टा बार इंदौर की एक फेमस चाय की कंपनी है| अब कंपनी देश भर या विदेशों में हर जगह अपना आऊटलेट खुद तो खोल नहीं सकती है | ऐसे में कंपनी फ्रेंचाइजी मॉडल को अपनाकर अपना बिज़नेस एक्सपैंड करती है| चाय सुट्टा बार (CSB) दूसरे लोगों को उनके आउटलेट खोलने के लिए अपना नाम और अपने प्रोडक्ट्स देती है और बदले में एक तय की हुई कीमत लेती हैं|

फ्रेंचाइजी बिज़नेस क्या होता है?

फ्रेंचाइजी बिजनेस (Franchise Business) एक ऐसा बिजनेस मॉडल है, जिसमें एक स्थापित कंपनी (फ्रेंचाइजर) किसी दूसरी व्यक्ति (फ्रेंचाइजी) को अपने ब्रांड नाम, ट्रेडमार्क, बिजनेस प्रोसेस और मार्केटिंग का इस्तेमाल करने का लाइसेंस देती है। आसान शब्दों में कहें तो फ्रेंचाइजी लेने वाला शख्स किसी बड़ी और जानी-मानी कंपनी के नाम पर अपना बिजनेस खोलता है। वो कंपनी के प्रोडक्ट बेचता है और बदले में उन्हें एक निश्चित रकम देता है।

और इस तरह नए बिज़नेस सेट करने में लगने वाली रिस्क बहुत कम हो जाती है क्योंकि इसमें आउटलेट सेटअप, मार्केटिंग, प्रोडक्ट्स और ऑपरेशन ट्रेनिंग कंपनी प्रोवाइड करती है| इसके अलावा हम जिस कंपनी की फ्रेंचाइज़ी लेते है वो पहले से ही फेमस होती है तो प्रोडक्ट्स आसानी से बिकते है ऐसे में लॉस की रिस्क भी नहीं होती है | इन सब फायदों की वजह से फ्रेंचाइजी बिज़नेस को एक अच्छा बिज़नेस ऑप्शन माना जाता है |

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फ्रेंचाइजी बिज़नेस कितने प्रकार के होते है?

फ्रेंचाइजी बिजनेस के प्रकार

इस आर्टिकल में हमने ऊपर बिज़नेस और फ्रेंचाइजी के बारे में समझा है लेकिन हम अब बात करेंगे कि फ्रेंचाइजी कितने प्रकार की होती है| आइये हम समझते हैं कि फ्रेंचाइजी कितने तरह की होती है और आपके लिए कौनसी फ्रेंचाइजी फायदेमंद हो सकती हैं| 

1. बिजनेस फॉर्मेट फ्रेंचाइजी

बिज़नेस फ़ॉर्मेट फ्रेंचाइजी, इंडिया में सबसे फेमस और सफल फ्रेंचाइजी बिजनेस मॉडल है| बिज़नेस फार्मेट फ्रेंचाइजी में कंपनी, नई बिज़नेस फ्रैंचाइज़ी लेने वाली पार्टी को रॉ मटेरियल, प्रोडक्ट्स और सेल्स की ट्रेनिंग, ओपरेशन की ट्रेनिंग आदि फैसिलिटी प्रोवाइड करती है एवं इसके अलावा प्रोडक्ट्स की क्वालिटी मेंटेन करने के लिए कंपनी लगातार ट्रेनिंग एंड सपोर्ट देती है बिज़नेस फार्मेट फ्रेंचाइजी मॉडल पर फ्रेंचाइजी देने वाली अधिकतर फ़ास्ट फ़ूड कम्पनियां होती है |

2. प्रोडक्ट्स डिस्ट्रीब्यूशन फ्रेंचाइजी

प्रोडक्ट्स डिस्ट्रीब्यूशन फ्रेंचाइजी में नाम से ही ज़ाहिर कि फ्रैंचाइज़र अपनी कंपनी के प्रोडक्ट्स बेचने का अधिकार फ्रेंचाइजी को देता है | लेकिन इस फ्रैंचाइज़ी मॉडल में फ़्रेंचाइज़र, ट्रेनिंग, ऑपरेशन, सेल्स और बिज़नेस को चलाने में फ्रेंचाइजी की किसी प्रकार की कोई हेल्प नहीं करता है|

इस मॉडल का सबसे अच्छा उदाहरण है, इंडियन ऑइल | इंडियन ऑइल कंपनी फ्रैंचाइज़ी लेने वाले पेट्रोल पम्प को केवल पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स प्रोवाइड करती है लेकिन कर्मचारियों को ट्रेनिंग और दूसरी फेसिलिटी प्रोवाइड नहीं करती है |

3. मैन्युफैक्चरिंग फ्रेंचाइजी

इस तरह के फ़्रेंचाइज़ मॉडल में फ्रैंचाइज़ी को फ़्रेंचाइज़र कंपनी का लाइसेंस लेकर उसके नाम और ट्रेडमार्ग के साथ उसके प्रोडक्ट्स की मैन्युफैक्चरिंग और मार्केट में बेचने की अनुमति मिल जाती है |

इस मॉडल में फ़्रेंचाइज़र को फ्रेंचाइज़ी द्वारा, फ्रेंचाइज़ी फीस और बेचे गए प्रोडक्ट्स की रॉयल्टी दी जाती है | मैन्युफैक्चरिंग फ्रेंचाइजी मोडल का उपयोग अधिकतर फ़ूड और ड्रिंक बनाने वाली कम्पनियाँ करती है |

4. बिजनेस फ्रेंचाइजी वेंचर

बिजनेस फ्रैंचाइज़ी वेंचर मोडल में फ्रेंचाइजी, फ्रेंचाइजर से प्रोडक्ट्स खरीदकर ग्राहकों को बेचे जाते हैं। ऐसे मामलों में फ्रेंचाइजर द्वारा फ्रेंचाइज़ी को अपना कस्टमर बेस दिया जाता है। इस प्रकार की फ्रेंचाइज़ी का एक प्रमुख उदाहरण वेंडिंग मशीन की फ्रैंचाइज़ी है। पहले फ्रैंचाइज़ी, फ्रेंचाइजर से वेंडिंग मशीन खरीदती है और फिर वे वेंडिंग मशीनें अपने कस्टमर को बेचती है एवं जरूरत पड़ने पर सर्विसिंग भी प्रदान करती है |

फ्रेंचाइजी कैसे लेते है?

आपको किस मॉडल पर, किस इंडस्ट्री और किस कंपनी की फ्रैंचाइज़ी लेनी है, एक बार यह तय हो जाने के बाद सबसे जरुरी प्रश्न उठता है कि फ्रेंचाइजी कैसे लें? इसके लिए किससे संपर्क करना होगा और कौन सी बातों का ध्यान रखना होगा यह सब जानना भी जरुरी है| आइये हम जानते है कि किसी भी कंपनी की फ्रेंचाइज़ी लेने के लिए किस तरह सम्पर्क किया जाता है |

  • सबसे पहले आपको उस कंपनी से संपर्क करना होगा जिस कंपनी की फ्रेंचाइज़ी आप लेना चाहते हैं| इसके लिए आप उस कंपनी की वेबसाइड पर जाकर दिए गए कॉन्टेक्ट नंबर पर बात कर सकते हैं या फ्रेंचाइज़ी के लिए दिए गए फॉर्म को भरकर सबमिट कर सकते हैं|
  • कंपनी आपसे संपर्क करेगी तब आप उस कंपनी की सभी पालिसी जैसे फ्रेंचाइज़ी के लिए कितना इन्वेस्टमेंट करना होगा, फ्रेंचाइज़ी फीस कितनी होगी, कंपनी की सभी टर्म एंड कंडीशन की जानकारी ले सकते हैं|
  • फ्रेंचाइज़ी के लिए दोनों पार्टी की सहमति बनने के बाद आपको एक एग्रीमेंट साइन करना होगा | इस एग्रीमेंट पर साइन करने से पहले सभी बातों को ध्यान से पढ़ लें, अगर कुछ छूट रहा हो तो कंपनी से लिखवा लें क्योंकि कानून सबूत देखता है, बातों और भावनाओं को नहीं |

फ्रेंचाइजी बिज़नेस स्टार्ट करने के लिए ज़रूरी डॉक्युमेंट्स

फ्रेंचाइजी बिजनेस के लिए ज़रूरी डॉक्युमेंट्स

हम चाहे कोई भी बिज़नेस स्टार्ट कर रहे हो लेकिन उसके लिए हमें कुछ डॉक्युमेंट्स की जरुरत पड़ती ही है | इसी तरह फ्रेंचाइज़ी बिज़नेस के लिए भी कुछ डॉक्युमेंट्स की जरूरत लगती है, इनमे से कुछ डॉक्युमेंट्स फ्रेंचाइजी वाले प्लेस के होते हैं और कुछ डॉक्युमेंट्स फ्रेंचाइजी और फ्रेंचाइज़र के बीच एग्रीमेंट्स के होते हैं| आपको फ्रेंचाइजी लेने के लिए जिन डॉक्युमेंट्स की जरुरत होगी उनकी लिस्ट इस प्रकार है –

  • आपके आईडी प्रूफ के लिए आपके पास आधार कार्ड और पैन कार्ड होना अनिवार्य है |
  • जहाँ आप फ्रेंचाइजी खोलना चाहते है उस जगह की रजिस्ट्री या अगर जगह रेंट पर ली है तो आपके पास रेंट एग्रीमेंट होना चाहिए |
  • आपके बैंक अकाउंट की जानकारी और ITR की जानकारी भी फ़्रेंचाइज़र आपसे माँग सकते हैं|
  • फ्रेंचाइजी और फ़्रेंचाइज़र के बीच में एक “फ्रेंचाइजी एग्रीमेंट्स” होता है, जिसमे आपको कंपनी उनका नाम और ट्रेडमार्क इस्तेमाल करने की अनुमति देते हैं| यह एग्रीमेंट फ्रैंचाइज़ी को कंपनी के प्रोडक्ट्स बेचने की अनुमति देने के लिए एक लीगल कॉन्ट्रैक्ट होता है| जो किसी भी विवाद की स्थिति में सबूत की तरह काम करता है|
  • फ़्रेंचाइज़र की तरफ से फ्रेंचाइज़ी को एक Franchise Disclosure Document (FDD) दिया जाता है| जिसमें कंपनी की तरफ से फ्रेंचाइजी को दी जाने वाली सभी सर्विस, फ्रेंचाइज़ फीस और कंपनी की पालिसी की जानकारी लिखित में दी गई होती है| इसलिए इस डॉक्युमेंट्स पर साइन करने से पहले सभी जानकारी ध्यान से पढ़ ले और अगर कुछ छूट रहा हो तो लिखित में जरूर ले|

फ्रेंचाइजी लेने से पहले ध्यान रखने वाली ज़रूरी बातें

किसी भी कंपनी की फ्रेंचाइजी लेने से पहले आपकों कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत आवश्यक होता है क्योंकि फ्रेंचाइजी में आपका पैसा और समय इन्वेस्ट होता है | ऐसे में कुछ ऐसी बातें जिनका ध्यान रखना आपके लिए ज़रूरी है –

  • किसी भी कंपनी की फ्रेंचाइजी लेने से पहले उस बिज़नेस के बारें में सभी जानकारी पहलें से पता कर लें जैसे वह बिज़नेस उस एरिया में चलेगा या नहीं, कंपनी की फीस सहित आपको टोटल कितना इन्वेस्टमेंट करना होगा, उस बिज़नेस से आप टोटल कितना पैसा कमा लेंगे आदि सभी बातों का ध्यान रखना बहुत आवश्यक है |
  • जिस भी कंपनी की फ्रेचाइज़ी ले रहे है उसकी पूरी प्रोफाइल की जानकारी होना आपके लिए बहुत ही आवश्यक है | जैसे – कंपनी की फीस, प्रोडक्ट्स की रॉयल्टी,

इसके अलावा कोई हिडन चार्जेस अगर हो, कंपनी की सर्विस आदि सभी बातों की जानकारी पहले से किसी फ्रेंचाइजी ओनर से ले लें |

  • फ्रेंचाइज़र से फ्रेंचाइजी फीस, रॉयल्टी, सर्विस, सपोर्ट के बारे में लिखित में लेना बहुत ही आवश्यक है | किसी भी विवाद की स्थिति में कोर्ट सबूत देखता है भावनाएं नहीं |
  • अपना फ्रेंचाइजी स्टार्टिंग बजट और रनिंग बजट अलग-अलग रखे क्योंकि बिज़नेस में शुरूआती इन्वेस्टमेंट के बाद भी रनिंग कॉस्ट की जरूरत पड़ती है और उसी के ऐकॉर्डिंग अपना प्लान बनाएं|
  • शुरुआत में अपना फ्रेंचाइजी बिज़निस कर्मचारियों के भरोसे न छोड़े, क्योंकि वह आपका बिज़नेस है कर्मचारियों का नहीं | और अपने कस्टमर से प्रोडक्ट्स के बारे में फ़ीडबैक जरूर लेते रहें, इससे आपको क्वालिटी मैंटेन करने में आसानी होगी|

टॉप 5 फ्रेंचाइजी कंपनियों के नाम

  1. McDonald’s: यह दुनिया की सबसे लोकप्रिय फास्ट-फूड रेस्टोरेंट चेन है। इसने अपने सिग्नेचर बर्गर, फ्राइज़ और सॉफ्ट ड्रिंक्स के माध्यम से अमेरिका का स्वाद भारत में पेश किया है। मैकडॉनल्ड्स ने स्थानीय स्वाद को ध्यान में रखते हुए अपने मेनू में अनुकूलन भी किया है।
  2. Domino’s Pizza: यह पिज्जा डिलीवरी के साथ भारत में एक लोकप्रिय ब्रांड बन गया है। त्वरित डिलीवरी, सुविधा और विभिन्न प्रकार के पिज्जा पर ध्यान केंद्रित करने के कारण यह सभी आयु वर्ग के लोगों का पसंदीदा बन गया है।
  3. KFC: यह अपने विश्व प्रसिद्ध तले हुए चिकन को भारत में ताज़ा, रसीले और स्वादिष्ट चिकन व्यंजनों पर ध्यान केंद्रित करते हुए लाता है। केएफसी ने स्थानीय बाजार को पूरा करने के लिए अपने मेनू में शाकाहारी विकल्प भी शामिल किए हैं।
  4. Hero MotoCorp: यह दुनिया की सबसे बड़ी दोपहिया वाहन निर्माता कंपनी है और भारत में एक प्रमुख खिलाड़ी है। इसकी कम रखरखाव वाली, ईंधन-कुशल मोटरसाइकिलें और स्कूटर इसे व्यक्तियों और परिवारों के बीच लोकप्रिय बनाते हैं। हीरो मोटोकॉर्प अपने दोपहिया वाहनों की बिक्री और सेवा के लिए फ्रेंचाइजी डीलरशिप प्रदान करता है।
  5. Dr. Lal PathLabs: यह भारत में एक प्रमुख डायग्नोस्टिक सेवा प्रदाता है, जो पैथोलॉजी टेस्ट और जांच की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है। यह अपनी सटीकता, किफायती और पहुंचने योग्यता के लिए जाना जाता है। डॉ. लाल पैथलैब्स पूरे भारत में फ्रेंचाइजी केंद्र खोलने के अवसर प्रदान करता है।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

फ्रेंचाइजी लेने के लिए क्या करें?

किसी भी कंपनी की फ्रेंचाइजी लेने के लिए आप उस कंपनी के संबंधित अधिकारी से बात करके फ्रेंचाइजी लेने के बारे में बात कर सकते हैं या कंपनी की वेबसाइड पर जाकर फ्रेंचाइजी के लिए दिए गए फॉर्म को भर सकते हैं, कंपनी आपसे संपर्क कर लेगी|

सबसे सस्ती फ्रेंचाइजी कौन सी है ?

सबसे सस्ती फ्रेंचाइजी के बारे में पता करने के लिए आपको उस बिज़नेस से रिलेटेड सभी फ़्रेंचाइज़र कंपनियों से बात करनी होगी | जैसे यदि आप फ़ूड सेगमेंट में बिज़नेस करना चाहते हैं तो फ़ूड से रिलेटेड सभी कंपनियों से बात करके उनकी फीस के बारे में पता कर सकते हैं| इसके अलावा आप आपकेआसपास स्थित सभी फ्रेंचाइजी ओनर से भी बात करके जानकारी ले सकते हैं|

फ्रेंचाइजी लेने में कितना खर्चा आता है ?

फ्रैंचाइज़ी लेने का टोटल ख़र्च अमूमन बिज़नेस के टाइप और बिज़नेस के स्केल पर निर्भर करता है | जैसे यदि आप फ़ूड से रिलेटेड फ्रेंचाइजी लेंगे तो कम ख़र्च आयेगा जबकि किसी इलेक्ट्रॉनिक कंपनी की फ्रेंचाइजी लेंगे तो ज़्यादा ख़र्च आयेगा|
 
इसी तरह यदि आप एक छोटा आउटलेट ओपन करेंगे तो फ्रैंचाइज़ी का ख़र्च कम होगा लेकिन यदि आप मैन्युफैक्चरिंग करने के लिए फ्रेचाइज़ी लेते हैं तो आपको ज्यादा ख़र्च करना होगा|

फ्रेंचाइजी भारत में कैसे काम करती है ?

भारत में फ़्रेंचाइज़र कंपनियां के पास अलग-अलग बिज़नेस मॉडल की फ्रेंचाइजी होती है |
यह फ़्रेंचाइज़र कंपनी और बिज़नेस के प्रकार पर भी निर्भर करती है | भारत में अमूमन 4 तरह की फ़्रेंचाइज़ी होती है –
 
●  बिज़नेस फार्मेट फ्रेंचाइज़ी
●  प्रोडक्ट्स डिस्ट्रीब्यूशन फ्रेंचाइजी
●  मैन्युफैक्चरिंग फ्रेंचाइजी
●  बिजनेस फ्रेंचाइजी वेंचर

फ्रेंचाइजी बिजनेस के फायदे और नुकसान क्या हैं?

फ़ायदे
●  पहले से मार्केट में स्टैबलिस्ट कंपनी की फ्रेंचाइजी लेने पर हमें मार्केटिंग करने की जरूरत नहीं होती|
●  फ्रेंचाइजर की ओर से ट्रेनिंग, ऑपरेशन गाइड, मार्केटिंग सपोर्ट मिलता है जो कि कंपनी का USP मॉडल होता है।
नुकसान
●  फ्रेंचाइजी का सबसे बड़ा नुकसान है कि हम कभी भी अपने बिजनेस को एक ब्रांड नहीं बना सकते|
●  हमारे प्रॉफिट का एक बहुत बड़ा हिस्सा फ्रेंचाइजर को जाता है क्योंकि फ्रेंचाइजर हमसे प्रोडक्ट्स सेलिंग पर रॉयल्टी लेते है।

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