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हमारे चारों ओर हर चीज केमिकल तत्वों से बनी होती है। आज तक 118 तत्वों की पहचान की गई है, जिनमें से 94 प्राकृतिक और बाकी मानव-निर्मित हैं। खनिज किसे कहते हैं? खनिज प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले ठोस पदार्थ हैं जिनकी निश्चित रासायनिक संरचना और भौतिक गुण होते हैं। धात्विक खनिज खनिज वे होते हैं जिनकी सतह पर चमक (lustre) होती है। इस ब्लॉग में हम लौह खनिज किसे कहते हैं, धातु खनिज किसे कहते हैं, और ऊर्जा खनिज किसे कहते हैं पर विस्तार से चर्चा करेंगे। इसके अलावा, हम खनिजों के प्रकार, उनके उपयोग और हमारे जीवन में उनकी भूमिका को भी समझेंगे।

खनिज वे प्राकृतिक पदार्थ हैं, जो पृथ्वी की सतह या उसके अंदर पाए जाते हैं। यह पदार्थ प्राकृतिक रूप से बनते हैं और इनमें एक खास प्रकार की केमिकल संरचना होती है। खनिजों को उनकी विशेष संरचना और क्रिस्टल संरचना (Crystal Structure) के आधार पर पहचाना जाता है।
आम तौर पर खनिज ठोस होते हैं और अकार्बनिक (Inorganic) होते हैं। हालांकि, कुछ खनिज जैसे पारा (Mercury) तरल होते हैं। खनिज ज्यादातर चट्टानों (Rocks) के रूप में पाए जाते हैं और ये हमारी पृथ्वी के निर्माण में अहम भूमिका निभाते हैं। इस प्रकार, खनिज हमारे जीवन और पर्यावरण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
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खनिज किसे कहते हैं? खनिजों को उनकी क्रिस्टल संरचना और केमिकल संरचना के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है। इन्हें मुख्य रूप से तीन प्रकारों में बांटा गया है:
अधात्विक खनिज वे होते हैं जिनकी रासायनिक संरचना में धातुएं नहीं होती हैं और उनकी भौतिक उपस्थिति में गैर-धात्विक चमक या चमक होती है। चूना पत्थर, जिप्सम, अभ्रक आदि अधात्विक खनिजों के महत्वपूर्ण उदाहरण हैं। सिलिका सबसे आम गैर-धातु सामग्री है और इसका व्यापक रूप से इमारतों में उपयोग किया जाता है।
ताप विद्युत संयंत्र बिजली पैदा करने के लिए कोयले का उपयोग करते हैं। इसके अलावा, हीरा एक खनिज है जिसका उपयोग आभूषण बनाने के लिए किया जा सकता है।
धात्विक खनिज वे खनिज होते हैं जिनमें धातु उपस्थित होती है और जिनकी सतह पर चमक (lustre) पाई जाती है। इन खनिजों से धातु को निष्कर्षित (extract) किया जा सकता है, जो औद्योगिक और निर्माण कार्यों में उपयोगी होती है। उदाहरण: लौह अयस्क, बॉक्साइट, मैंगनीज, आदि।
धात्विक खनिज वे प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले खनिज हैं जिनमें धातु तत्व उपस्थित होते हैं। इन खनिजों में चमक (lustre) होती है और इनसे धातुओं का निष्कर्षण किया जा सकता है। ये खनिज औद्योगिक, निर्माण, और तकनीकी उपकरणों के निर्माण में उपयोगी होते हैं।
ऊर्जा खनिज किसे कहते हैं? ऊर्जा खनिज (Metallic Minerals) वे खनिज हैं, जो पृथ्वी की सतह पर या अंदर प्राकृतिक रूप से पाए जाते हैं और ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए उपयोग किए जाते हैं।
खनिजों का उपयोग कई उद्योगों में किया जाता है, खनिज कई उद्योगों हेतु कच्चे माल के रूप में प्रयोग में लाए जाते हैं। रल, सोना, चाँदी आदि खनिजों का उपयोग आभूषण निर्माण में किया जाता है। ताँबे का उपयोग सिक्कों के निर्माण से पाइप तक प्रत्येक वस्तु में किया जाता है। क्वार्ट्स का उपयोग कम्प्यूटर में किया जाता है।
ऊर्जा खनिज हमारे दैनिक जीवन और औद्योगिक प्रगति के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं। ये खनिज ऊर्जा उत्पादन से लेकर परिवहन और औद्योगिक गतिविधियों तक हर क्षेत्र में उपयोग किए जाते हैं।
ऊर्जा खनिजों का सबसे बड़ा उपयोग बिजली उत्पादन में होता है।
ऊर्जा खनिज परिवहन के हर माध्यम में आवश्यक भूमिका निभाते हैं।
ऊर्जा खनिज विभिन्न उद्योगों को सुचारू रूप से चलाने में मदद करते हैं।
भारत ऊर्जा खनिजों के भंडार के मामले में एक समृद्ध देश है। यह कोयला, यूरेनियम, और प्राकृतिक गैस जैसे खनिजों का उत्पादन करने वाले दुनिया के प्रमुख देशों में से एक है।
यहाँ एक तालिका है जिसमें खनिज और अयस्क के बीच मुख्य अंतरों को दर्शाया गया है:
| कारक | खनिज किसे कहते हैं? | अयस्क किसे कहते हैं? |
| प्राकृतिक रूप | खनिज पूरी तरह से प्राकृतिक रूप में पाए जाते हैं। उन्हें किसी प्रकार की प्रसंस्कृति नहीं की जाती। | अयस्क पूरी तरह से प्राकृतिक रूप में नहीं पाए जाते हैं। वे प्राकृतिक रूप में नहीं होते हैं और कार्यान्वयन से पहले प्रसंस्कृत किए जाते हैं। |
| उपयोगिता | खनिज का उपयोग विभिन्न उद्योगों, उत्पादों, और सेवाओं में होता है, जैसे कि मेटलर्जी, इलेक्ट्रॉनिक्स, औद्योगिक उपकरण, आदि। | अयस्क का उपयोग खनिजों की प्राप्ति और उपयोग की प्रक्रिया में होता है। |
| प्रसंस्करण | खनिज को प्रसंस्कृत करके उनका उपयोग करने के लिए बड़ी प्रक्रिया की जाती है, जैसे कि सिलाइंडरों में तांबा पीसना। | अयस्क पहले ही प्रसंस्कृत होते हैं और फिर उन्हें उपयोग के लिए पुनः प्रसंस्कृत किया जाता है, जैसे कि आयरन और स्टील बनाने की प्रक्रिया। |
| सामग्री | खनिज उपयोगकर्ता को यह समझने में मदद करते हैं कि वे कैसे खनिज को पहचान सकते हैं और उनके उपयोग की प्रक्रिया को समझ सकते हैं। | अयस्क का उपयोग केवल उनके प्रसंस्कृत स्वरूप में होता है, जिससे उपयोगकर्ता को सीधे उपयोग के लिए तैयार सामग्री प्राप्त होती है। |
लौह अयस्क (Iron Ore) वह खनिज है जिससे लौह (Iron) का निष्कर्षण किया जाता है। यह निर्माण उद्योग, इस्पात उत्पादन, और अन्य औद्योगिक कार्यों में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है।
लौह खनिज वे खनिज होते हैं जिनमें लौह तत्व की प्रमुखता होती है। इन खनिजों से इस्पात और लोहे जैसे उत्पाद बनाए जाते हैं। प्रमुख लौह खनिजों में हेमेटाइट (Hematite) और मैग्नेटाइट (Magnetite) शामिल हैं।
लौह अयस्क चार प्रकार के अर्थात हेमाटाइट, मैग्नेटाइट, लिमोनाइट और सिडेराइट होते हैं।




| उद्योग | उपयोग |
| निर्माण उद्योग (Construction Industry) | स्टील और लोहे का उपयोग इमारतों, पुलों और अन्य संरचनाओं के निर्माण में होता है। |
| मशीनरी और उपकरण (Machinery and Tools) | औद्योगिक मशीनरी, वाहन, और कृषि उपकरणों के निर्माण में लोहे और मैंगनीज का उपयोग किया जाता है। |
| विद्युत उद्योग (Electrical Industry) | लोहे और क्रोमियम का उपयोग विद्युत उपकरणों और वायरिंग में किया जाता है। |
| मिश्र धातु (Alloy Industry) | क्रोमियम का उपयोग स्टेनलेस स्टील और अन्य उच्च गुणवत्ता वाली धातुओं के निर्माण में होता है। |
भारत लौह अयस्क के उत्पादन में अग्रणी देशों में से एक है। यहाँ लौह खनिजों के प्रमुख भंडार निम्नलिखित स्थानों पर पाए जाते हैं:
खनिजों का वर्गीकरण उनके रासायनिक संघटन, संरचना, और उत्पत्ति के आधार पर किया जाता है। खनिजों को मुख्यतः आठ प्रमुख श्रेणियों में बांटा जाता है, जिनमें से प्रत्येक श्रेणी में विशिष्ट प्रकार के खनिज होते हैं। इन श्रेणियों का वर्गीकरण इस प्रकार किया गया है:
खनिजों का उपयोग औद्योगिक, कृषि, तकनीकी, और आर्थिक विकास के लिए किया जाता है। ये न केवल व्यक्तिगत बल्कि राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

खनिज औद्योगिक और आर्थिक विकास के लिए आवश्यक संसाधन हैं।
खनिज वैश्विक व्यापार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
खनिजों का संरक्षण महत्वपूर्ण है क्योंकि ये प्राकृतिक संसाधन सीमित हैं और अंधाधुंध खनन से पर्यावरणीय नुकसान, जैव विविधता पर असर, और भविष्य की पीढ़ियों के लिए संसाधनों की कमी का खतरा बढ़ जाता है।
खनिज संसाधन सीमित हैं, लेकिन औद्योगिकीकरण और जनसंख्या वृद्धि के कारण उनकी मांग तेजी से बढ़ रही है। अतः उनका संरक्षण और विवेकपूर्ण उपयोग आवश्यक है।
भारत में खनिज उत्पादन का भविष्य उज्ज्वल प्रतीत होता है, विशेषकर हाल के नीतिगत सुधारों और उत्पादन में हुई वृद्धि को देखते हुए।
इन सुधारों और बढ़ती मांग को देखते हुए, भारत में खनिज उत्पादन का भविष्य सकारात्मक दिशा में अग्रसर है, जो देश की आर्थिक वृद्धि और आत्मनिर्भरता में महत्वपूर्ण योगदान देगा।
खनिज हमारे जीवन और पर्यावरण का एक अभिन्न हिस्सा हैं। ये न केवल औद्योगिक और आर्थिक विकास में योगदान देते हैं, बल्कि कृषि, चिकित्सा, और तकनीकी क्षेत्रों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
हालांकि, खनिजों का अंधाधुंध उपयोग पर्यावरण और जैव विविधता के लिए गंभीर खतरा है। खनिज किसे कहते हैं के इस ब्लॉग में धातु खनिज किसे कहते हैं, ऊर्जा खनिज किसे कहते हैं, लौह खनिज किसे कहते हैं हमने जाना।
भविष्य में, तकनीकी नवाचार और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के साथ खनिजों का विवेकपूर्ण उपयोग हमारे देश को आत्मनिर्भर और पर्यावरणीय दृष्टि से सशक्त बनाएगा। हमें आज ही खनिज संरक्षण की दिशा में कदम उठाने चाहिए, ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए यह अनमोल संसाधन संरक्षित रह सकें।
खनिज अकार्बनिक पदार्थ हैं जो पृथ्वी पर प्राकृतिक रूप से पाए जाते हैं, और स्वस्थ जीवनशैली जीने के लिए भोजन में पाए जाने वाले तत्व हैं। खनिजों की आंतरिक संरचना सुव्यवस्थित होती है और इनमें क्रिस्टलीय संरचना पाई जाती है। ये सामान्य तापमान पर ठोस अवस्था में रहते हैं और इनकी रासायनिक संरचना निश्चित होती है।
भारत में पाए जाने वाले कुछ बेहद उपयोगी खनिज पदार्थों के नाम हैं – कोयला, लोहा, अभ्रक, नमक, जस्ता, चूना पत्थर और बॉक्साइट।
खनिजों को मोटे तौर पर दो वर्गों में बांटा गया है – धात्विक खनिज तथा अधात्विक खनिज।
धात्विक खनिजों को पुनः लौह व अलौह वर्ग में विभाजित किया गया है।
जब पृथ्वी के अंदर पिघला हुआ मैग्मा धीरे-धीरे ठंडा होता है, तो विभिन्न खनिज क्रिस्टल के रूप में बनते हैं। इन क्रिस्टलों का आकार और प्रकार मैग्मा की रासायनिक संरचना और ठंडा होने की गति पर निर्भर करता है।
पृथ्वी विभिन्न खनिजों से भरी हुई है, और पृथ्वी की सतह पर लगभग 3,000 विभिन्न प्रकार के खनिज पाए जाते हैं।
.खारा पानी वाष्पित हो जाने से खनिज बन सकते हैं।
.रसायन गर्म तरल पदार्थों से बाहर निकलकर ठंडा होने पर खनिजों का निर्माण होता है।
.गर्म गैसें या पिघली हुई चट्टानें ठंडी होकर खनिजों में परिवर्तित हो जाती हैं।
.गर्मी या दबाव के प्रभाव से पहले से मौजूद खनिजों में परिवर्तन हो सकता है।
भारत में लौह अयस्क (Iron Ore) के प्रमुख भंडार झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, कर्नाटक और गोवा में पाए जाते हैं। इन राज्यों में लौह खनन से इस्पात उद्योग को कच्चा माल मिलता है।
Authored by, Aakriti Jain
Content Curator
Aakriti is a writer who finds joy in shaping ideas into words—whether it’s crafting engaging content or weaving stories that resonate. Writing has always been her way of expressing herself to the world. She loves exploring new topics, diving into research, and turning thoughts into something meaningful. For her, there’s something special about the right words coming together—and that’s what keeps her inspired.
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