न्यूनतम समर्थन मूल्य: परिभाषा, लाभ, और फसलों की सूची

November 4, 2024
न्यूनतम समर्थन मूल्य
Quick Summary

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न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price – MSP) एक ऐसी सरकारी नीति है जिसके तहत सरकार किसानों से उनकी फसल एक न्यूनतम निर्धारित मूल्य पर खरीदती है। यह मूल्य फसल की उत्पादन लागत से अधिक होता है और इसका उद्देश्य किसानों को लाभ सुनिश्चित करना होता है।

Table of Contents

न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP को सरकार द्वारा किसानों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए निर्धारित किया गया मूल्य है। MSP से किसानों को हर एक क्षेत्र में फायदा मिला है। पिछले दिनों हुए किसान आंदोलन में MSP भी एक बड़ा मुद्दा था। ऐसे में आपको “न्यूनतम समर्थन मूल्य क्या है” के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए।

इस ब्लॉग में आपको न्यूनतम समर्थन मूल्य क्या है, न्यूनतम समर्थन मूल्य में कितनी फसल हैं, अलग अलग फसलों के लिए MSP कितनी है, न्यूनतम समर्थन मूल्य के लाभ और न्यूनतम समर्थन मूल्य के नकारात्मक प्रभाव के बारे में विस्तार से जानकारी मिलेगी।

न्यूनतम समर्थन मूल्य क्या है?

न्यूनतम समर्थन मूल्य सूची
न्यूनतम समर्थन मूल्य सूची

परिभाषा

न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) भारत सरकार द्वारा निर्धारित कुछ प्रमुख कृषि उत्पादों के लिए गारंटीकृत न्यूनतम मूल्य है। इसका मतलब है कि सरकार इन उत्पादों को MSP से कम कीमत पर नहीं खरीदेगी। MSP किसानों को उचित आय सुनिश्चित करने और उन्हें अनाज के लिए उचित मूल्य दिलाने के लिए एक महत्वपूर्ण नीतिगत उपकरण है।

उद्देश्य

  • किसानों को आय समर्थन: MSP का उद्देश किसानों को बाजार में उतार-चढ़ाव से बचाना है और उन्हें उनकी फसलों के लिए उचित मूल्य मिलने की गारंटी देना है।
  • कृषि उत्पादन में वृद्धि: MSP का उद्देश किसानों को अधिक निवेश करने और उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करना है।
  • खाद्य सुरक्षा: MSP का उद्देश अनाज के उत्पादन को बढ़ावा देकर देश की खाद्य सुरक्षा को मजबूत करना है।
  • गरीबी कम करना: किसानों की आय में वृद्धि करके ग्रामीण गरीबी को कम करने में मदद करने का है।

न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से जुड़े मुद्दे क्या हैं?

  • क्रय-फोकस: घरेलू बाजार की कीमतों को संतुलित करने के प्रयास के बजाय, वर्तमान एमएसपी प्रणाली का प्राथमिक लक्ष्य राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) का अनुपालन करना है। यह खरीद मूल्य से ज़्यादा व्यवहार में एमएसपी की तरह काम करता है।
  • गेहूं और धान का प्रभुत्व: एमएसपी में गेहूं और चावल की फसलों पर जोर दिए जाने के कारण, इन फसलों का अत्यधिक उत्पादन होता है, जिससे किसान अन्य फसलों और बागवानी उत्पादों को उगाने से कतराने लगते हैं, जिनकी मांग अधिक होती है।
  • अप्रभावी कार्यान्वयन: 2015 में शांता कुमार समिति ने रिपोर्ट दी थी कि केवल 6 प्रतिशत किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से लाभ मिला है। इससे पता चलता है कि देश के 94 प्रतिशत किसानों को MSP का अपेक्षित लाभ नहीं मिल पाता है।

न्यूनतम समर्थन मूल्य सूची-एमएसपी फसलों की सूची

MSP यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य सभी फसलों के लिए उपलब्ध नहीं है। सरकार हर साल MSP को कृषि लागत और मूल्यों आयोग (CAC) की सिफारिशों के आधार पर तय करती है। वर्तमान में 2023-2024 के मूल्यों पर सरकार द्वारा फसलों को खरीदा जाता है। हालही में, 19/06/2024 को 2024-2025 के लिए सरकार ने 14 खरीफ फसलों के लिए MSP को बढ़ाया है। 2023-2024 के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य सूची कुछ इस प्रकार है:

न्यूनतम समर्थन मूल्य सूची/एमएसपी फसलों की सूचीमूल्य (₹/क्विंटल)
नंबरफसलखरीफकिस्म2023-20242024-2025
1धानसमान्य21832300
ग्रेड “A”22032320
2ज्वारहाइब्रिड31803371
मलदानी32253421
3बाजरा25002625
4रागी38464290
5मक्का20902225
6तूर/अरहर70007550
7मूंग85588682
8उड़द69507400
9मूंगफली63776783
10सूरजमुखी के बीज67607280
11सोयाबीन (पीला)46004892
12तिल86359267
13नाइजर सीड77348717
14कपासमीडियम स्टेपल66207121
लॉन्ग स्टेपल70207521
15गेहूंरबी2125
16जौ1735
17चना5335
18मसूर6000
19सरसों5450
20कुसुम5650
21तोरई5450
22खोपराअन्य फसलेंमिलिंग10860
बॉल11750
23भूसी निकाली हुई नारियल2930
24जुट5050
एमएसपी फसलों की सूची

प्रमुख फसलें

  • धान: धान भारत की सबसे महत्वपूर्ण खाद्य फसल है और MSP के तहत विभिन्न धान किस्मों को शामिल किया जाता है। पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और पंजाब धान के मुख्य उत्पादक राज्य हैं।
  • गेहूं: गेहूं भारत की दूसरी सबसे महत्वपूर्ण खाद्य फसल है और MSP विभिन्न गेहूं किस्मों के लिए अलग-अलग तय किया जाता है। गेहूं का सबसे ज्यादा उत्पाद करने वाला राज्य उत्तर प्रदेश है।
  • दलहन: मूंग, उड़द, मसूर, चना, मटर, अरहर, और सोयाबीन सहित कई दलहन फसलों को MSP के तहत कवर किया जाता है।
  • तिलहन: सरसों, सोयाबीन, मूंगफली, सूरजमुखी, और तिल सहित कई तिलहन फसलों को MSP का लाभ मिलता है।
  • अन्य: कपास, गन्ना, जूट, मक्का, मिर्च, आलू, और प्याज जैसी अन्य फसलों को भी MSP के तहत शामिल किया जाता है। जिसमें से कुछ फसलों का निर्धारण राज्य सरकार करती है।

विशेष फसलें

  • मौसमी फसलें: कुछ मौसमी फसलों, जैसे कि टमाटर, भिंडी, बैंगन, और हरी मिर्च, को भी कुछ राज्यों में MSP का लाभ मिलता है।
  • अनुसंधान और विकास (R&D) फसलें: सरकार कुछ R&D फसलों, जैसे कि नई दलहन और तिलहन किस्मों, को MSP के तहत लाने पर विचार कर रही है।

मूल्य निर्धारण

MSP मूल्य किसानों की उत्पादन लागत (जैसे बीज, उर्वरक, सिंचाई, श्रम) को कम से कम 50% अधिक लाभ प्रदान करने के लिए निर्धारित किया जाता है। कृषि लागत और मूल्य आयोग (CAC) विभिन्न कारकों पर विचार करके कैबिनेट द्वारा MSP का निर्धारण किया जाता है, जैसे:

  • उत्पादन लागत
  • मांग और आपूर्ति
  • अंतरराष्ट्रीय बाजार मूल्य
  • जीवन यापन लागत

न्यूनतम समर्थन मूल्य कितनी फसलों पे लागू होता है?

कुल फसलों की संख्या

न्यूनतम समर्थन मूल्य पर ही FCI (Food Corporation of India) किसानों से उनकी फसलें खरीदता है। वर्तमान 2024 में भारत सरकार ने MSP के लिए कुल 24 फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य सूची में रखा है।

फसलों की सूची

खाद्यान्न

संखाद्यान्नMSP/क्विंटल
1धान2300
2गेहूं2125
3मक्का2225
4ज्वार3371
3421
5रागी2625
6बाजरा4290
7जौ1735
एमएसपी फसलों की सूची

दलहन

सं०दलहनMSP/क्विंटल
1चना5335
2अरहर7550
3उड़द7400
4मूंग8682
5मसूर6000
एमएसपी फसलों की सूची

तिलहन

सं०खाद्यान्नMSP/क्विंटल
1सरसों5450
2मूंगफली6783
3सोयाबीन4892
4सूरजमुखी7280
5तिल9267
6कुसुम5650
7निगरसीड8717
8तोरई5450
एमएसपी फसलों की सूची

अन्य

सं०फसलMSP/क्विंटल
1कपास7121
2खोपरा10860
11750
3कच्चा जूट5050
4नारियल2930
एमएसपी फसलों की सूची

MSP में वृद्धि का महत्त्व

  • पोषक तत्वों से भरपूर अनाज के विकास को उन स्थानों पर प्रोत्साहित किया गया है जहाँ चावल, गेहूँ और अन्य फ़सलों को उगाने से भूजल स्तर पर दीर्घकालिक नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इस वृद्धि ने इन अनाजों के बारे में जागरूकता बढ़ाई है।
  • पिछले कुछ वर्षों में तिलहन, दलहन और मोटे अनाज के पक्ष में MSP को फिर से संगठित करने के लिये कई महत्त्वपूर्ण प्रयास किये गए हैं, जिनका उद्देश्य मांग-आपूर्ति के असंतुलन को ठीक करने हेतु किसानों को सर्वोत्तम तकनीकों और कृषि पद्धतियों को अपनाकर इन फसलों की उपज को बढ़ाने के लिये प्रोत्साहित करना है।

न्यूनतम समर्थन मूल्य के लाभ

किसानों के लिए लाभ

न्यूनतम समर्थन मूल्य से किसानों को अनेकों लाभ हैं जिसमें न्यूनतम आय की गारंटी, बाजार जोखिम से सुरक्षा, उत्पादन बढ़ावा, आर्थिक स्थिरता, खाद्य सुरक्षा, कृषि क्षेत्र में निवेश और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार सामिल है।

ये सभी न्यूनतम समर्थन मूल्य के लाभ मिलकर किसानों कई आर्थिक और सामाजिक परेशानियों से बाहर निकलते हैं। इन सभी न्यूनतम समर्थन मूल्य के लाभ के बारे में विस्तार से जानते हैं:

न्यूनतम आय की गारंटी

MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) किसानों के लिए न्यूनतम आय की गारंटी प्रदान करता है। यह मूल्य सरकार द्वारा तय किया जाता है ताकि फसल की कीमत गिरने पर भी किसानों को नुकसान न हो।

इससे किसानों को अपनी उपज के लिए न्यूनतम निश्चित मूल्य मिलता है, जो उनकी आय को स्थिर करता है और आर्थिक सुरक्षा प्रदान करता है। MSP के कारण किसान साहूकारों और बिचौलियों के चंगुल से बच सकते हैं और उन्हें अपने उत्पाद का उचित मूल्य मिलता है।

बाजार जोखिम से सुरक्षा

MSP का मुख्य उद्देश्य किसानों को बाजार में फसल के मूल्य में अचानक होने वाले उतार-चढ़ाव से बचाना है। जब बाजार में फसलों की कीमत MSP से नीचे गिर जाती है, तो सरकार किसानों से उनकी फसल MSP पर खरीदती है। इससे किसानों को एक निश्चित न्यूनतम आय की गारंटी मिलती है, जिससे उन्हें अपने उत्पादन की लागत निकालने में मदद मिलती है।

MSP प्रणाली के तहत, किसान बाजार के जोखिम से सुरक्षित रहते हैं और उनके जीवन स्तर में सुधार होता है। यह कृषि क्षेत्र में स्थिरता और प्रगति को भी प्रोत्साहित करता है।

उत्पादन बढ़ावा

MSP से उत्पादन बढ़ावा इसलिए मिलता है क्योंकि किसान निश्चिंत होकर अधिक मात्रा में फसल उगाते हैं। उन्हें पता होता है कि उन्हें उनके उत्पाद का न्यूनतम मूल्य अवश्य मिलेगा।

यह नीति किसानों को आर्थिक सुरक्षा देती है और उन्हें आधुनिक कृषि तकनीकों और उन्नत बीजों का उपयोग करने के लिए प्रेरित करती है। परिणामस्वरूप, कृषि उत्पादन में वृद्धि होती है और खाद्य सुरक्षा भी मजबूत होती है।

आर्थिक स्थिरता

जब बाजार में कीमतें गिरती हैं, तब भी MSP किसानों को एक न्यूनतम आय सुनिश्चित करता है। यह नीति किसानों को जोखिम से बचाती है और उनकी उपज की एक न्यूनतम कीमत की गारंटी देती है। इसके अलावा, MSP किसानों को बेहतर उत्पादन और निवेश के लिए प्रोत्साहित करता है, जिससे कृषि क्षेत्र में स्थिरता और विकास होता है।

कुल मिलाकर, MSP से किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है और वे भविष्य की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम होते हैं।

खाद्य सुरक्षा

किसानों को उनकी फसलों के लिए एक न्यूनतम मूल्य की गारंटी दी जाती है, जिससे वे आर्थिक रूप से सुरक्षित महसूस करते हैं और अधिक उत्पादन करने के लिए प्रोत्साहित होते हैं। जब किसान अधिक फसल उगाते हैं, तो बाजार में खाद्य पदार्थों की उपलब्धता बढ़ती है। सरकार MSP पर फसलों की खरीद करके इन्हें सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के माध्यम से गरीब और जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाती है।

इस प्रकार, एमएसपी न केवल किसानों की आय को स्थिर रखता है बल्कि समाज के हर वर्ग के लिए खाद्य पदार्थों की उपलब्धता और सस्ती दर पर सुनिश्चित करता है।

कृषि क्षेत्र में निवेश

किसान अपनी कमाई को नए कृषि उपकरण, उन्नत बीज, और सिंचाई सुविधाओं में निवेश करने के लिए प्रेरित होते हैं। इससे खेती की उत्पादकता और गुणवत्ता में सुधार होता है। इसके अलावा, MSP की वजह से किसान कर्ज़ लेने में भी आत्मविश्वास महसूस करते हैं, क्योंकि उन्हें अपने उत्पाद का न्यूनतम मूल्य मिलना सुनिश्चित होता है।

इस प्रकार, MSP कृषि क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देता है, जिससे कृषि का संपूर्ण विकास होता है और किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होता है।

ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार

MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) किसानों को उनकी फसलों के लिए एक निश्चित मूल्य की गारंटी देता है, जिससे उनकी आमदनी स्थिर रहती है। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार होता है क्योंकि किसानों की आर्थिक स्थिति बेहतर होती है। जब किसानों को उचित मूल्य मिलता है, तो वे अधिक खर्च कर सकते हैं, जिससे स्थानीय बाजारों में व्यापार बढ़ता है। इससे गाँवों में रोजगार के नए अवसर पैदा होते हैं और सामुदायिक विकास में तेजी आती है।

MSP की वजह से किसानों की क्रय शक्ति बढ़ती है, जिससे शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। कुल मिलाकर, MSP से ग्रामीण क्षेत्रों की समृद्धि और स्थिरता में महत्वपूर्ण योगदान होता है।

न्यूनतम समर्थन मूल्य के नकारात्मक प्रभाव

सरकार पर वित्तीय बोझ

न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर सरकार द्वारा की जाने वाली खरीद किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। लेकिन, इस कार्यक्रम से सरकार के खर्च में भी वृद्धि होती है, जिसके मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:

  • खरीद: सरकार MSP पर घोषित फसलों को बाजार से सीधे खरीदती है, जिसके लिए भंडारण, परिवहन और वितरण के लिए बुनियादी ढांचे की आवश्यकता होती है। यह सब खर्च सरकार वहन करती है।
  • भंडारण: खरीदे गए अनाज को भंडारित करने के लिए बड़े गोदामों की आवश्यकता होती है, जिनके निर्माण और रखरखाव में सरकार को मोटी रकम खर्च करनी पड़ती है।
  • नुकसान: कुछ अनाज भंडारण के दौरान खराब हो जाता है, जिससे सरकार को नुकसान होता है।
  • ब्याज: भंडारित अनाज पर सरकार को ब्याज भी देना पड़ता है, जो खर्च में इजाफा करता है।

एक ही फसल पर निर्भरता

कभी-कभी MSP के कारण किसान एक ही फसल पर अधिक निर्भर हो जाते हैं, जैसे गेहूं या धान। इसका कारण यह है कि इन फसलों पर MSP की गारंटी अधिक होती है, जिससे किसान दूसरी फसलों को उगाने में रुचि नहीं दिखाते। यह कृषि विविधता को कम करता है और मिट्टी की उर्वरता पर भी नकारात्मक असर डालता है। इसके अलावा, अगर किसी साल उस फसल का उत्पादन अधिक हो जाए, तो कीमतें गिर सकती हैं, जिससे किसानों को नुकसान हो सकता है। इसलिए, फसल विविधीकरण पर ध्यान देना भी महत्वपूर्ण है।

जल संसाधनों का अति दोहन

  • जल-गहन फसलों को बढ़ावा: MSP, धान और गेहूँ जैसी जल-गहन फसलों के लिए, किसानों को इन फसलों की खेती करने के लिए प्रोत्साहित करता है, जिसके लिए भारी मात्रा में पानी की आवश्यकता होती है।
  • भूजल का अतिदोहन: कई क्षेत्रों में, किसान सिंचाई के लिए भूजल पर अत्यधिक निर्भर करते हैं, जिससे भूजल स्तर में गिरावट और जल संकट पैदा होता है।
  • जल प्रदूषण: रसायनों और उर्वरकों का अत्यधिक उपयोग, जो जल-गहन फसलों की खेती में आम है, जल प्रदूषण का कारण बनती है।
  • जल की कमी: जल संसाधनों के अतिदोहन से सूखा, पेयजल की कमी और कृषि उत्पादकता में कमी जैसी समस्याएं होती हैं।

निष्कर्ष

न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) न केवल किसानों की आर्थिक सुरक्षा का स्तंभ है, बल्कि कृषि क्षेत्र में स्थिरता और विकास को भी प्रोत्साहित करता है। MSP के प्रभावी क्रियान्वयन से किसानों को उनके उत्पादों का उचित मूल्य मिलता है, जिससे उनकी आजीविका सुधरती है। हालांकि, इसके कुछ नकारात्मक प्रभाव भी देखने को मिले हैं।

इस ब्लॉग में आपने विस्तार से न्यूनतम समर्थन मूल्य क्या है, न्यूनतम समर्थन मूल्य कितनी फसल हैं, न्यूनतम समर्थन मूल्य सूची, इसके लाभ और न्यूनतम समर्थन मूल्य के नकारात्मक प्रभाव के बारे में जाना।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

MSP का इतिहास क्या है?

MSP की शुरुआत 1960 के दशक में हरित क्रांति के दौरान की गई थी, ताकि किसानों को उनकी फसलों का उचित मूल्य मिल सके।

MSP और कृषि बीमा में क्या संबंध है?

MSP और कृषि बीमा दोनों ही किसानों की आर्थिक सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं; MSP फसल के मूल्य की गारंटी देता है, जबकि बीमा प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा प्रदान करता है।

MSP का भविष्य क्या है?

MSP का भविष्य इस पर निर्भर करता है कि सरकार इसे कितना प्रभावी बनाती है, और क्या इसे कानूनी रूप से बाध्यकारी बनाया जाता है। MSP में सुधार और अधिक समावेशी बनाने की दिशा में कई नीतिगत कदम उठाए जा सकते हैं।

MSP का कृषि नीति पर क्या प्रभाव है?

MSP का कृषि नीति पर प्रभाव पड़ता है, क्योंकि यह नीति निर्धारण में एक महत्वपूर्ण तत्व होता है, जो किसानों की आय, फसल उत्पादन और खाद्य सुरक्षा को प्रभावित करता है।

MSP के तहत किसानों की शिकायतों का समाधान कैसे किया जा सकता है?

MSP के तहत किसानों की शिकायतों का समाधान एक प्रभावी शिकायत निवारण तंत्र, त्वरित प्रतिक्रिया, और पारदर्शी नीतियों के माध्यम से किया जा सकता है।

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