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आज के दौर में एजुकेशन के साथ स्किल्स को बहुत अधिक महत्व दिया जाता है। बदलते समय के साथ अब सिर्फ पारंपरिक पढ़ाई तक सीमित रहना काफी नहीं है| ऐसे में आप पॉलटेक्निक कोर्स करके तकनीकी जानकारी और प्रैक्टिकल स्किल्स में निपुण हों सकते हैं जिससे आपको करियर में नौकरी के बेहतर अवसर मिल सकें। पॉलिटेक्निक कोर्स इस दिशा में बहुत ही उपयोगी सिद्ध होते हैं।
इस ब्लॉग में हम पॉलिटेक्निक कोर्स डिटेल्स को विस्तार से जानेंगे। इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि पॉलिटेक्निक क्या है?, पॉलिटेक्निक करने के फायदे, पॉलिटेक्निक में सबसे अच्छा कोर्स कौन सा है? और पॉलिटेक्निक की फीस कितनी है?
सबसे पहले हम समझेंगे कि पॉलीटेक्निक क्या है? पॉलिटेक्निक एक तरह का तकनीकी शिक्षण संस्थान होता है जो व्यावहारिक और तकनीकी शिक्षा प्रदान करता है। यहां पर छात्रों को विभिन्न तकनीकी विषयों जैसे इंजीनियरिंग, टेक्नोलॉजी, और व्यावसायिक अध्ययन सिखाए जाते हैं।
दरअसल पॉलीटेक्निक एक टेक्निकल कोर्स होता है जो इंडस्ट्री के जरुरी प्रैक्टिकल स्किल पर फोकस करते हैं| बीटैक की तरह पॉलीटेक्निक में भी कई तरह की ब्रांच होती है, जैसे – डिप्लोमा इन सिविल इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साइंस, मैकेनिकल इंजीनियरिंग आदि। पॉलीटेक्निक की मांग इन दिनों बहुत बढ़ गयी है, क्योंकि ये कोर्स 2 या 3 दिन साल के होते हैं और इसके बाद आपको जूनियर इंजीनियर के पद पर नौकरी मिलती है| पॉलीटेक्निक कोर्स को 10th या 12th किया जा सकता है|
पॉलिटेक्निक कॉलेज में एडमिलेशन लेते समय कई छात्र इस दुविधा में रहते हैं कि पॉलिटेक्निक में कितने कोर्स होते हैं और पॉलिटेक्निक में सबसे अच्छा कोर्स कौन सा है? इसलिए सबसे पहले हम पॉलिटेक्निक कोर्स के नाम और पॉलिटेक्निक कोर्स डिटेल्स को जानेंगे –
पॉलिटेक्निक कोर्स का नाम | विवरण | अवधि |
डिप्लोमा इन पेट्रोलियम इंजीनियरिंग | यह 2 वर्षीय अंडरग्रेजुएट डिप्लोमा प्रोग्राम पेट्रोलियम इंडस्ट्री में करियर बनाने के इच्छुक छात्रों के लिए है, जो ड्रिलिंग तकनीक, तेल और गैस के उत्पादन और पर्यावरण संरक्षण के बारे में सिखाता है। | 2 साल |
डिप्लोमा इन कंप्यूटर प्रोग्रामिंग | यह 2 वर्षीय डिप्लोमा प्रोग्राम कंप्यूटर प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेज पर फोकस करता है जैसे कि Java, C#, .NET, Oracle और SQL। यह कोर्स छात्रों को मोबाइल और कंप्यूटर उपकरणों में हाल में हुई तकनीकी प्रगति का ज्ञान देता है। | 2 साल |
डिप्लोमा इन बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन | यह 2 वर्षीय डिप्लोमा प्रोग्राम उद्यमिता के क्षेत्र को समझने के लिए है, जो बिज़नस के डायनामिक्स और स्टार्टअप को सफल बनाने के लिए आवश्यक स्किल्स प्रदान करता है। | 2 साल |
डिप्लोमा इन एनीमेशन आर्ट एंड डिज़ाइन | यह 7 तिमाही का कोर्स है जो ग्राफिक डिजाईन, डिजिटल आर्ट्स, 2D और 3D एनीमेशन और वेक्टर एनीमेशन में विशेषज्ञता प्रदान करता है, जिससे गेमिंग, फिल्म्स, और विज्ञापन जैसे क्षेत्रों में करियर बनाने में मदद मिलती है। | 2-3 साल |
डिप्लोमा ऑफ़ एकाउंटिंग | यह 6 महीने का कोर्स है जो बुक कीपिंग और रिकॉर्ड कीपिंग पर केंद्रित है। यह वित्तीय खातों के विश्लेषण, निगरानी और रिपोर्टिंग में गहन दृष्टि प्रदान करता है, और इसे पूरा करने के बाद आप असिस्टेंट अकाउंटेंट के पद के लिए आवेदन कर सकते हैं। | 1 साल |
मार्केटिंग मैनेजमेंट में ग्रेजुएट सर्टिफिकेट | यह 1 वर्षीय स्नातक प्रमाणपत्र प्रोग्राम डिजिटल मार्केटिंग में विशेषज्ञता प्रदान करता है, जिसमें SEO, मार्केटिंग एनालिसिस और सोशल मीडिया मार्केटिंग के टूल्स और तकनीक शामिल हैं। | 1 साल |
डिप्लोमा इन हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट | यह 18 महीने का कोर्स है जो हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री में मैनेजरियल करियर के लिए आवश्यक स्किल्स सिखाता है, जिसमें होटल मैनेजमेंट के सामान्य पहलुओं से लेकर बजट प्रबंधन और ग्राहक सेवा शामिल है। | 2 साल |
डिप्लोमा इन एस्टेट मैनेजमेंट | यह 3 वर्षीय डिप्लोमा प्रोग्राम रियल एस्टेट इंडस्ट्री के लीगल, फाइनेंसियल, मैनेजरियल और तकनीकी ज्ञान को एक साथ जोड़ता है। इस कोर्स को पूरा करने के बाद आप रियल एस्टेट मैनेजमेंट के स्नातक की डिग्री के द्वितीय वर्ष में प्रवेश पा सकते हैं। | 3 साल |
अब हम समझेंगे कि पॉलिटेक्निक करने के फायदे कौन-कौन से होते हैं और पॉलिटेक्निक कोर्स क्यों करना चाहिए?
आपको पॉलिटेक्निक और बी.टेक के बीच के अंतर को जरूर जान लेना चाहिए, क्योंकि इसी के आधार पर आप पॉलिटेक्निक कोर्स और बी.टेक के बारे में जान पाएंगे। साथ ही इसी के आधार पर आप अपने लिए करियर के बेहतर विकल्पों को चुन सकते हैं। पॉलिटेक्निक और बी.टेक के बीच के अंतर को निम्नलिखित बिंदुओं से समझ सकते हैं-
पॉलीटेक्निक कोर्स में प्रवेश के लिए 10वी या 12वी के बाद आप पॉलीटेक्निक में प्रवेश के लिए एंट्रेंस एग्ज़ाम दे सकते हैं ये एंट्रेंस एग्ज़ाम अलग-अलग क़ॉलेज भारत के सभी राज्यों में अलग-अलग होते हैं| कुछ राज्यों की पॉलीटेक्निक एंट्रेंस एग्ज़ाम इस प्रकार है-
पॉलीटेक्निक एंट्रेंस एग्ज़ाम | राज्य |
JEECUP | उत्तर प्रदेश |
Delhi CET | दिल्ली |
TS POLYCET | तेलंगाना |
AP POLYCET | आंध्र-प्रदेश |
MH CET | महाराष्ट्र |
पॉलिटेक्निक प्रवेश परीक्षा में सामान्यत 10वी स्तर के मैथ्स, साइंस और अंग्रेजी के प्रश्न पूछे जाते हैं। परीक्षा में सफल होने के बाद छात्रों को मेरिट लिस्ट के आधार पर काउंसलिंग के लिए बुलाया जाता है, जहां वे अपनी पसंद के कॉलेज और कोर्स का चयन कर सकते हैं।
भारत में कई प्रतिष्ठित पॉलिटेक्निक कॉलेज और यूनिवर्सिटीज़ हैं जो विभिन्न प्रकार के पॉलिटेक्निक कोर्सेज प्रदान करते हैं। नीचे टेबल में कुछ प्रमुख पॉलीटेक्निक कॉलेज, अलग-अलग कॉलेजों में पॉलीटेक्निक की फीस कितनी है इसकी जानकारी और कोर्स की अवधि दी गई है-
कॉलेज का नाम | कोर्स की अवधि | फीस (प्रति वर्ष) |
गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक, मुंबई | 3 साल | ₹6,000 |
एस एच जोंधले पॉलिटेक्निक, ठाणे | 3 साल | ₹30,000 – ₹35,000 |
वी.पी.एम. पॉलिटेक्निक, ठाणे | 3 साल | ₹35,000 |
विवेकानंद एजुकेशन सोसाइटी पॉलिटेक्निक, मुंबई | 3 साल | ₹30,000 |
आदेश पॉलिटेक्निक कॉलेज, मुक्तसर | 3 साल | ₹40,000 – ₹50,000 |
अगर हम पॉलिटेक्निक कोर्स डिटेल्स में पॉलीटेक्निक करने के फायदे की बात करे तो पॉलिटेक्निक कोर्स करने के कई फायदे होते हैं जो इसे छात्रों को एक बेहतरीन करियर अवसर देते हैं, जैसे-
पॉलिटेक्निक कोर्स डिटेल्स में पॉलिटेक्निक सिलेबस जान लेना बहुत आवश्यक है। पॉलिटेक्निक डिप्लोमा कोर्सेज में थ्योरी और प्रैक्टिकल दोनों ही होते हैं| नीचे दिए गए सिलेबस में पॉलीटेक्निक की ब्राच और सिलेबस दिया गया है-
ब्रांच | पॉलिटेक्निक कोर्स सिलेबस |
इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग | डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक्स और माइक्रोप्रोसेसर, इलेक्ट्रिकल मशीनें, एनालॉग इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिकल उपकरणों की स्थापना और रखरखाव, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग डिजाइन और ड्राइंग |
बायोमेडिकल इंजीनियरिंग | इंजीनियरिंग अर्थशास्त्र और अकाउंटेंसी, शरीर रचना विज्ञान और शरीर विज्ञान, जैव सामग्री, एनालॉग इलेक्ट्रॉनिक्स, जैवयांत्रिकी |
सिविल इंजीनियरिंग | कंक्रीट प्रौद्योगिकी, इस्पात और इमारती लकड़ी संरचनाएं डिजाइन और आरेखण, हाईवे इंजीनियरिंग, भूमि की नाप, सिंचाई इंजीनियरिंग और ड्राइंग, जल आपूर्ति और अपशिष्ट जल इंजीनियरिंग, आरसीसी डिजाइन और ड्राइंग, भूकंपरोधी भवन निर्माण |
कंप्यूटर इंजीनियरिंग | कंप्यूटर अनुप्रयोग और प्रोग्रामिंग, कंप्यूटर वास्तुकला और संगठन, माइक्रोप्रोसेसर और इंटरफेसिंग, कंप्यूटर हार्डवेयर और नेटवर्किंग, डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक्स, इंजीनियरिंग अर्थशास्त्र और लेखा |
एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग | जल संसाधन इंजीनियरिंग, फार्म पावर और मशीनरी, खेत की संरचना, ग्रामीण और उद्यमिता विकास, ग्रामीण विद्युतीकरण और गैर पारंपरिक ऊर्जा, प्रक्रिया अभियंता |
मैकेनिकल इंजीनियरिंग | विनिर्माण प्रक्रियाएं और अभ्यास, प्रशीतन और एयर कंडीशनिंग, उत्पादन प्रबंधन, तरल यांत्रिकी, एप्लाइड थर्मोडायनामिक्स, औद्योगिक प्रशिक्षण (चौथे सेमेस्टर के 4 सप्ताह बाद), हाइड्रोलिक और हाइड्रोलिक मशीनें, सामग्री की ताकत, मशीन डिजाइन, रखरखाव अभियांत्रिकी |
इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग | मोबाइल कम्यूनिकेशन, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और माप, इलेक्ट्रॉनिक डिजाइन और निर्माण तकनीक, नेटवर्क फिल्टर ट्रांसमिशन लाइन्स, संचार इंजीनियरिंग के सिद्धांत, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, उन्नत संचार, माइक्रोवेव और रडार इंजीनियरिंग, डिजिटल सिग्नल प्रोसेसिंग |
ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग | ऑटोमोबाइल चेसिस और ट्रांसमिशन, ऑटो इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल वर्कशॉप प्रैक्टिस, ऑटो मरम्मत एवं रखरखाव, इंजन और वाहन परीक्षण प्रयोगशाला, परियोजना, औद्योगिक यात्रा और संगोष्ठी, ऑटोमोटिव अनुमान और लागत, ऑटोमोबाइल मशीन, कैड प्रैक्टिस (ऑटो), विशेष वाहन और उपकरण, ऑटोमोटिव इंजन सहायक सिस्टम, कंप्यूटर एडेड इंजीनियरिंग ग्राफिक, ऑटोमोटिव प्रदूषण और नियंत्रण |
केमिकल इंजीनियरिंग | बेसिक केमिकल इंजीनियरिंग, औद्योगिक स्टोइकोमेट्री, पर्यावरण इंजीनियरिंग, अप्लाइड रसायन विज्ञान, संयंत्र उपयोगिताएं, इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग, सुरक्षा और रासायनिक खतरे, औद्योगिक प्रबंधन, हीट ट्रांसफर, इंजीनियरिंग मैटेरियल, फ्लूड फ्लो, ऊष्मप्रवैगिकी, रासायनिक प्रौद्योगिकी |
पॉलिटेक्निक कोर्स करने के बाद छात्र उच्च एजुकेशन के लिए भी विकल्प चुन सकते हैं। वे बी.टेक या बी.ई. में दाखिला लेकर अपनी एजुकेशन को आगे बढ़ा सकते हैं। इसके लिए उन्हें इंजीनियरिंग के दूसरे वर्ष में प्रवेश मिलता है, जिसे लेटरल एंट्री कहा जाता है। उच्च एजुकेशन के बाद छात्रों के लिए और भी बेहतर करियर अवसर उपलब्ध होते हैं।
पॉलिटेक्निक कोर्स के दौरान छात्रों को विभिन्न प्रकार की स्किल्स विकसित करने का अवसर मिलता है, जो उनके प्रोफेशनल करियर में सहायक होती हैं:
कई पॉलिटेक्निक संस्थान और सरकारें आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए स्कॉलरशिप और वित्तीय सहायता प्रदान करती हैं। इससे छात्रों को अपनी पढ़ाई जारी रखने में मदद मिलती है। पॉलीटेक्निक कोर्स डिटेल्स ब्लॉग में हम प्रमुख स्कॉलरशिप योजनाओ के बारे में जानेंगे -:
पॉलिटेक्निक कोर्स करने के बाद छात्रों के पास विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के अच्छे अवसर होते हैं। कुछ प्रमुख जॉब के अवसर निम्नलिखित हैं:
पॉलीटेक्निक कोर्स डिटेल्स ब्लॉग में हमने समझा कि पॉलिटेक्निक क्या है?, पॉलिटेक्निक करने के फायदे, पॉलिटेक्निक में सबसे अच्छा कोर्स कौन सा है? और पॉलिटेक्निक की फीस कितनी है? वे छात्र जो तकनीकी क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं, पॉलिटेक्निक कोर्स उनके लिए एक बेहतरीन विकल्प है। यह कोर्स न सिर्फ टेक्निकल पर प्रैक्टिकल ज्ञान देते हैं, बल्कि नौकरी के बेहतरीन अवसर भी प्रदान करते हैं| इसके अलावा, पॉलिटेक्निक कोर्स करने के बाद उच्च एजुकेशन के विकल्प भी खुले रहते हैं, जिससे छात्र अपने करियर को और अधिक मजबूत बना सकते हैं।
पॉलिटेक्निक के बाद जूनियर इंजीनियर के पद के लिए अप्लाई कर सकते हैं। इसके अलावा, लोको पायलट टेक्निकल असिस्टेंट, और बहुत सारे सरकारी पदों के लिए भी आवेदन कर सकते हैं।
पॉलिटेक्निक में सबसे अच्छा कोर्स आपकी रुचि और भविष्य के लक्ष्यों पर निर्भर करता है। कुछ लोकप्रिय और मांग वाले कोर्स हैं:
1. कंप्यूटर इंजीनियरिंग
2. इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग
3. मैकेनिकल इंजीनियरिंग
4. सिविल इंजीनियरिंग
पॉलिटेक्निक के लिए कोर्स शुल्क संस्थान के प्रकार के आधार पर 10,000 रु. से 5,00,000 रुपये तक हो सकता है।
आमतौर पर डिप्लोमा पाठ्यक्रमों के लिए गणित, विज्ञान और अंग्रेजी को अनिवार्य पॉलिटेक्निक विषय माना जाता है।
पॉलिटेक्निक के बाद सरकारी नौकरी के विकल्पों में जूनियर इंजीनियर, आईटी असिस्टेंट, पीएसयू जॉब, क्लर्क, तकनीशियन आदि शामिल हैं।
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