राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक निधि अन्तरण (NEFT in Hindi)

December 10, 2024
राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक निधि अन्तरण (NEFT in Hindi)
Quick Summary

Quick Summary

  • राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक निधि अंतरण (NEFT) एक डिजिटल भुगतान प्रणाली है, जिससे एक बैंक से दूसरे बैंक में पैसे भेजे जाते हैं।
  • यह एक सुरक्षित, तेज़ और सुविधाजनक तरीका है, जिससे आप आसानी से फंड ट्रांसफर कर सकते हैं।
  • NEFT का उपयोग व्यक्तिगत और व्यावसायिक लेन-देन के लिए किया जाता है।

Table of Contents

राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक निधि अन्तरण (NEFT in Hindi) ने भारत में पैसे ट्रांसफर करने को बेहद सरल और सुरक्षित बना दिया है। यह प्रणाली भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा संचालित है और इसे डिजिटल इंडिया पहल के तहत व्यापक रूप से अपनाया गया है। ऐसे में, आपको राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक निधि अन्तरण (NEFT in Hindi) क्या है” के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए।

इस ब्लॉग में आपको जानने को मिलेगा की नेफ्ट (इलेक्ट्रॉनिक निधि अन्तरण) क्या है, नेफ्ट की प्रक्रिया, इसके लाभ, आरटीजीएस का मतलब क्या होता है, NEFT और RTGS में क्या अंतर है और ई गवर्नेंस में NEFT के क्या महत्व है?

इलेक्ट्रॉनिक निधि अन्तरण (नेफ्ट – NEFT in Hindi) क्या है?

राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक निधि अन्तरण (NEFT in Hindi) एक ऐसा प्रणाली है जिसके माध्यम से आप एक बैंक खाते से दूसरे बैंक खाते में आसानी से पैसे भेज सकते हैं। यह एक आसान, सुरक्षित, और तेज तरीका है जो भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा संचालित होता है।

NEFT (National Electronic Funds Transfer) के जरिए आप किसी भी समय, कहीं से भी, किसी भी बैंक खाते में पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं। यह एक इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम है जो पैसों के ट्रांसफर को बेहद सरल और सुविधाजनक बनाता है। राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक निधि अन्तरण (NEFT in Hindi) कुछ इस प्रकार काम करता है:

  • आवेदन: आपको अपने बैंक की NEFT सेवा का उपयोग करने के लिए एक आवेदन भरना होता है या फिर ऑनलाइन बैंकिंग के जरिए इसका उपयोग कर सकते हैं।
  • प्राप्तकर्ता विवरण: प्राप्तकर्ता का नाम, बैंक खाता संख्या, बैंक का नाम और IFSC कोड की जानकारी दर्ज करनी होती है।
  • राशि: आप जितनी राशि भेजना चाहते हैं, वह दर्ज करें और ट्रांजैक्शन की पुष्टि करें।

NEFT की पृष्ठभूमि

  • 2005 में शुरू की गई NEFT प्रणाली ने हाल के वर्षों में तेजी से विकास देखा है, जो इसकी लोकप्रियता के साथ-साथ ग्राहकों की बढ़ती स्वीकृति को भी दर्शाता है। इस तरह की वृद्धि के बावजूद, कई बैंकों ने अपने ग्राहकों से अधिकतम स्वीकार्य शुल्क वसूलना जारी रखा।
  • यह वांछनीय था कि लेन-देन की बढ़ती मात्रा के कारण होने वाले लाभ ग्राहकों तक पहुंचाए जाएं, ताकि चेक/डीडी जैसे बोझिल कागज-आधारित तंत्र के स्थान पर इलेक्ट्रॉनिक भुगतान प्रणाली के अधिक उपयोग को प्रोत्साहित किया जा सके।

नेफ्ट की प्रक्रिया(NEFT Procedure)

राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक निधि अन्तरण (NEFT in Hindi) को पूरी तरह समझने के लिए “नेफ्ट क्या है” जानने के बाद इसकी प्रक्रिया और समय सीमा को भी जानना जरूरी है।

प्रक्रिया

  1. आदेश देना: आप अपने बैंक के ऐप या वेबसाइट पर जाकर, या ATM का इस्तेमाल करके, या फिर बैंक जाकर पैसे भेजने का आदेश देते हैं।
  2. सूचना का जाना: आपका आदेश आपके बैंक के कंप्यूटर तक पहुंचता है।
  3. पैसे का ट्रांसफर: आपका बैंक, जिस बैंक में पैसा जाना है, उसे इस बारे में सूचित करता है।
  4. पैसे का जमा होना: दूसरा बैंक उस व्यक्ति के खाते में पैसे जमा कर देता है, जिसे आप पैसे भेज रहे हैं।

समय सीमा

राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक निधि अन्तरण (NEFT in Hindi) में पैसे ट्रांसफर होने में लगने वाला समय कई बातों पर निर्भर करता है, जैसे:

  • कौन सी सेवा का इस्तेमाल किया जा रहा है: NEFT या RTGS जैसी अलग-अलग सेवाओं में समय अलग-अलग होता है।
    • NEFT: 30 मिनट से 2 घंटों में
    • RTGS: कुछ सेकंड में
  • बैंक के काम करने के घंटे: अगर बैंक बंद है, तो ट्रांसफर में देरी हो सकती है।
  • तकनीकी खराबी: कभी-कभी तकनीकी खराबी की वजह से भी देरी हो सकती है।

एनईएफटी की विशेषताएं और लाभ

“नेफ्ट क्या है” जानने के बाद यह सवाल रह जाता है की NEFT के क्या लाभ हैं? NEFT के प्रमुख लाभों में सुरक्षा, विश्वसनीयता, सुविधा और कम लागत शामिल हैं।

सुरक्षा और विश्वसनीयता

  1. सुरक्षा: NEFT ट्रांजैक्शन अत्यंत सुरक्षित होते हैं। ये रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) द्वारा नियंत्रित होते हैं, जिससे धोखाधड़ी की संभावना बहुत कम होती है।
  2. ट्रांसपेरेंसी: हर ट्रांजैक्शन का पूरा रिकॉर्ड रहता है, जिससे आप अपनी धनराशि का ट्रैक रख सकते हैं और किसी भी असमंजस की स्थिति में उसे ट्रेस कर सकते हैं।
  3. विश्वसनीयता: NEFT का उपयोग करने वाले बैंक और वित्तीय संस्थान उच्च मानकों का पालन करते हैं, जिससे ट्रांजैक्शन समय पर और सही तरीके से संपन्न होते हैं।

सुविधा

  1. आसानी से धन ट्रांसफर: NEFT के जरिए आप किसी भी बैंक खाते में आसानी से पैसे भेज सकते हैं। इसके लिए सिर्फ बैंक का नाम, खाता संख्या, और IFSC कोड की जरूरत होती है।
  2. समय की बचत: बैंक में लाइन में लगने की जरूरत नहीं है। घर से या ऑफिस से ही ऑनलाइन बैंकिंग के जरिए पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं।
  3. कहीं भी, कभी भी: NEFT सेवाएं 24×7 उपलब्ध हैं। आप किसी भी दिन, किसी भी समय पैसे भेज सकते हैं, चाहे बैंक की छुट्टी हो या काम का दिन।
  4. सभी बैंक कवर: NEFT लगभग सभी प्रमुख बैंकों द्वारा समर्थित है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि आप किसी भी बैंक खाते में पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं।
  5. ऑटोमेटिक प्रोसेसिंग: ट्रांजैक्शन ऑटोमेटिकली प्रोसेस होते हैं, जिससे आपको फंड ट्रांसफर की चिंता नहीं करनी पड़ती। बस एक बार ट्रांजैक्शन कीजिए और पैसे सही जगह पर पहुँच जाएंगे।

कम लागत

  1. कम फीस: NEFT ट्रांजैक्शन की फीस बहुत कम होती है। बैंक आमतौर पर ₹2.5 से ₹25 तक ही चार्ज करते हैं, जो कि अन्य ट्रांजैक्शन मोड की तुलना में सस्ता है।
  2. कोई छुपे हुए चार्ज नहीं: NEFT में कोई छुपे हुए चार्ज नहीं होते हैं। जो भी शुल्क होता है, वह पहले से तय होता है और आपको इसकी जानकारी रहती है।

आरटीजीएस का मतलब क्या होता है?

“आरटीजीएस का मतलब क्या होता है” इसे आसान भाषा में इसे कुछ इस प्रकार समझा जा सकता है:

सोचिए, आप अपने दोस्त को 2 लाख रुपये भेजना चाहते हैं। RTGS के जरिए, यह पैसा आपके खाते से सीधे आपके दोस्त के खाते में कुछ ही मिनटों में पहुंच जाएगा। यह बिल्कुल वैसे ही है जैसे आप अपने हाथ से पैसे दे रहे हों, बस यह डिजिटल तरीके से होता है।

आरटीजीएस क्या है?

आरटीजीएस फुल फॉर्म है “रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट”। यह एक ऐसी प्रणाली है जिसके द्वारा आप बड़ी रकम तुरंत एक बैंक खाते से दूसरे बैंक खाते में भेज सकते हैं। RTGS का इस्तेमाल आमतौर पर बड़ी रकम भेजने के लिए किया जाता है। इसमें कम से कम 2 लाख रुपये भेजे जा सकते हैं और ऊपरी सीमा कोई नहीं है।

यह सिस्टम सुरक्षित है और भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा नियंत्रित किया जाता है। इसलिए आप बेफिक्र होकर बड़ी रकम भेज सकते हैं।

मुख्य विशेषताएँ

RTGS एक ऐसी प्रणाली है जो बड़े मूल्य के भुगतान को तुरंत और सुरक्षित तरीके से एक बैंक से दूसरे बैंक में भेजने में मदद करती है। इसकी कुछ प्रमुख विशेषताएँ हैं:

  1. तत्काल हस्तांतरण: पैसे तुरंत एक खाते से दूसरे खाते में पहुंच जाते हैं।
  2. बड़ी राशि के लिए उपयुक्त: आप इसके जरिए लाखों या करोड़ों रुपये भेज सकते हैं।
  3. सुरक्षित: यह बहुत सुरक्षित तरीका है, इसलिए आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है।
  4. सभी दिन उपलब्ध: यह सेवा 24×7 उपलब्ध होती है।
  5. ऑनलाइन सुविधा: आप घर बैठे अपने मोबाइल या कंप्यूटर से इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
  6. कम शुल्क: बड़ी राशि भेजने के लिए यह काफी किफायती विकल्प है।

NEFT और RTGS के बीच अंतर

पहलू NEFT (राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक निधि अन्तरण)RTGS (रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट)
परिभाषाबैच प्रोसेसिंग के माध्यम से धन हस्तांतरणवास्तविक समय में धन हस्तांतरण
न्यूनतम राशिइसमें न्यूनतम राशि की कोई सीमा नहीं है।इसमें न्यूनतम राशि की सीमा ₹2 लाख रखी गई है।
अधिकतम राशिइसमें 2 लाख रुपये तक की ऊपरी सीमा है।इसमें अधिकतम राशि की कोई ऊपरी सीमा नहीं है।
प्रक्रिया समयट्रांजैक्शन पूरा होने में 30 मिनट से 2 घंटे तक का समय लगता है।ट्रांजैक्शन पूरा होने में कोई समय नहीं लगता, पैसे कुछ ही सेकंड में ट्रांसफर हो जाते हैं।
कार्य समय24×7 उपलब्ध24×7 उपलब्ध
बैंक शुल्कबैंक शुल्क राशि के आधार पर ₹2.5 से ₹25 तक होती है।इसकी शुल्क राशि के आधार पर ₹24.50 से ₹49.50 तक हो सकती है।
उपयोगNEFT सेवा छोटे और मध्यम मूल्य के लेनदेन के लिए काफी उपयोगी है।RTGS सेवा बड़े मूल्य के लेनदेन के लिए उपयोगी है।
ग्राहक सुविधाग्राहक मोबाइल बैंकिंग, इंटरनेट बैंकिंग, ATM या बैंक शाखा के माध्यम से NEFT का इस्तेमाल कर सकते हैं।मोबाइल बैंकिंग, इंटरनेट बैंकिंग या बैंक शाखा के माध्यम से RTGS का इस्तेमाल किया जा सकता है।
सुरक्षाइसकी सुरक्षा रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया के द्वारा सुनिश्चित होती है। NEFT को उच्च सुरक्षा वाला ट्रांजैक्शन माना जाता है।इसकी सुरक्षा भी रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा ही सुनिश्चित होती है, लेकिन इसे NEFT से ज्यादा सुरक्षित माना जाता है।
ग्राहकों के लिए उपयुक्ततादैनिक लेनदेन और नियमित भुगतान के लिए NEFT उपयुक्त है।बड़े मूल्य के अनियमित भुगतान के लिए RTGS उपयुक्त है।
संचालकNEFT राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) द्वारा संचालित हैं।RTGS भी राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) द्वारा संचालित हैं।

ई-गवर्नेंस में NEFT का महत्व

ई गवर्नेंस में NEFT का महत्व काफी ज्यादा है। ये सरकारी भुगतान और डिजिटल इंडिया पहल को आगे बढ़ाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

सरकारी भुगतान

  1. सीधे बैंक खाते में भुगतान: NEFT से भुगतान सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में जमा होता है। इससे बिचौलियों की भूमिका खत्म हो जाती है और पैसे सीधे सही व्यक्ति तक पहुंचते हैं।
  2. लागत में कमी: NEFT से ई गवर्नेंस भुगतान करने पर लागत कम होती है, क्योंकि यह एक सस्ता और प्रभावी तरीका है। इससे सरकारी खर्च में बचत होती है।
  3. सुरक्षा: NEFT के माध्यम से सरकारी भुगतान करते समय धोखाधड़ी होने की संभावना बहुत कम होती है। भुगतान की जानकारी सुरक्षित सर्वर पर स्टोर होती है।
  4. बैंक शाखाओं पर कम दबाव: NEFT के ही माध्यम अधिकतम सरकारी भुगतान किए जाते हैं जिससे बैंक शाखाओं पर अलग अलग भुगतानों को लेकर अधिक दवाब नहीं होता, जैसे कर्मचारियों का वेतन, सब्सिडी, पेंशन, आदि।

पारदर्शिता और कुशलता

  1. पारदर्शिता: NEFT के माध्यम से किए गए हर भुगतान का एक डिजिटल रिकॉर्ड होता है। इससे सरकारी खर्चों में पारदर्शिता आती है और भ्रष्टाचार को रोकने में मदद मिलती है। चूंकि हर लेन-देन का रिकॉर्ड होता है, इसलिए सरकारी अधिकारियों को अपने खर्चों के बारे में जवाबदेह होना पड़ता है।
  2. कुशलता: NEFT के माध्यम से भुगतान करने में बहुत कम समय लगता है। इससे सरकारी कामकाज तेज़ होता है और लोगों को अपनी सेवाएं जल्दी मिल पाती हैं। NEFT के इस्तेमाल से कागजी कार्रवाई काफी कम हो जाती है, जिससे पर्यावरण को भी फायदा होता है।
  3. अत्याधुनिक तकनीक: NEFT का उपयोग करना सरकार के लिए एक स्मार्ट और आधुनिक तरीका है, जिससे वे अपने भुगतान प्रक्रिया को डिजिटल बना सकते हैं।

डिजिटल इंडिया पहल

डिजिटल इंडिया पहल के तहत NEFT का बहुत महत्व है। यह न केवल देश को कैशलेस बनने में मदद कर रहा है, बल्कि वित्तीय प्रणाली को और भी अधिक सुरक्षित, सुदृढ़ और प्रभावी बना रहा है। NEFT से डिजिटल इंडिया को होने वाले फायदे कुछ इस प्रकार हैं:

  1. डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा: NEFT के माध्यम से पैसे का लेन-देन डिजिटल रूप में होता है, जो कैशलेस उद्योग को बढ़ावा देता है। इससे कैश लेन-डेन पर प्राथमिकता कम होती है।
  2. व्यापक संपर्क: NEFT के माध्यम से देश के किसी भी कोने से लोग पैसे भेज और प्राप्त कर सकते हैं। इससे ग्रामीण और दूर-दराज के इलाकों में भी लोग वित्तीय सेवाओं का लाभ ले पा रहे हैं।

निष्कर्ष

राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक निधि अन्तरण (NEFT in Hindi) ने हमारे वित्तीय लेन-देन को सहज, सुरक्षित और विश्वसनीय बना दिया है। इसकी मदद से हम कहीं से भी और कभी भी अपने बैंक खातों में पैसे भेज सकते हैं। NEFT न केवल समय और लागत की बचत करता है, बल्कि यह डिजिटल इंडिया के लक्ष्य को भी साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

इस ब्लॉग में आपने नेफ्ट (इलेक्ट्रॉनिक निधि अन्तरण) क्या है, नेफ्ट की प्रक्रिया, इसके लाभ, आरटीजीएस का मतलब क्या होता है, NEFT और RTGS में क्या अंतर है और ई गवर्नेंस में NEFT के क्या महत्व है के बारे में विस्तार से जाना।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक निधि अंतरण से आप क्या समझते हैं?

राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक निधि अंतरण (NEFT) एक डिजिटल पेमेंट सिस्टम है, जिससे किसी भी बैंक अकाउंट से दूसरे बैंक अकाउंट में फंड्स भेजे जा सकते हैं। यह एक सुरक्षित और तेज़ तरीका है, जो इलेक्ट्रॉनिक रूप से लेन-देन करने की सुविधा प्रदान करता है।

RTGS और NEFT में क्या अंतर है?

RTGS और NEFT में मुख्य अंतर:
समय:
RTGS: रियल टाइम ट्रांसफर होता है।
NEFT: ट्रांसफर समय स्लॉट पर निर्भर होता है।
रकम:
RTGS: न्यूनतम ₹2 लाख।
NEFT: न्यूनतम ₹1।
उपयोग:
RTGS बड़े लेन-देन के लिए, NEFT छोटे लेन-देन के लिए।

NEFT कैसे काम करता है?

NEFT (National Electronic Funds Transfer) एक इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम है, जिससे एक बैंक से दूसरे बैंक में पैसे भेजे जाते हैं। भेजने वाला बैंक प्राप्तकर्ता के विवरण की पुष्टि करता है और फिर फंड को नेशनल क्लियरिंग सिस्टम के माध्यम से ट्रांसफर करता है।

NEFT में कितना पैसा ट्रांसफर कर सकते हैं?

NEFT के माध्यम से पैसे ट्रांसफर करने की कोई न्यूनतम सीमा नहीं होती, लेकिन अधिकतम सीमा बैंक पर निर्भर करती है। अधिकांश बैंक व्यक्तिगत ग्राहकों के लिए ₹10 लाख तक की सीमा रखते हैं, जबकि कुछ बैंकों में यह सीमा और भी अधिक हो सकती है।

एक दिन में 20 लाख कैसे ट्रांसफर करें?

एक दिन में ₹20 लाख ट्रांसफर करने के लिए आप NEFT का उपयोग करके दो बार ₹10 लाख भेज सकते हैं, या RTGS का उपयोग कर सकते हैं, जिसमें कोई अधिकतम सीमा नहीं होती। बैंक की नीतियों के अनुसार सीमा भिन्न हो सकती है।

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