Quick Summary
हिंदी भाषा में संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण आदि शब्द भेदों का विशेष महत्व है। भाषा को सहज, स्पष्ट और प्रभावी बनाने में इनका योगदान अहम होता है। इन्हीं में से एक महत्वपूर्ण शब्द भेद है सर्वनाम। सर्वनाम न केवल वाक्यों को सरल और प्रभावशाली बनाता है, बल्कि भाषा की सुंदरता को भी बढ़ाता है। सर्वनाम किसे कहते हैं इस लेख में हम सर्वनाम के भेद, सर्वनाम के उदाहरण, पुरुषवाचक सर्वनाम किसे कहते हैं पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
परिभाषा
जो शब्द संज्ञा के स्थान पर उपयोग किए जाते हैं, उन्हें सर्वनाम कहते हैं।
सर्वनाम का उपयोग संज्ञा की जगह किया जाता है, इसलिए इनकी संख्या हर भाषा में सीमित होती है। उदाहरण के लिए: मैं, हम, तू, आप, यह, वह, जो, कोई, कुछ, कौन, क्या आदि।
चूंकि सर्वनाम संज्ञा के स्थान पर आते हैं, इसलिए इनमें भी संज्ञा की तरह कारकों के आधार पर परिवर्तन होता है; जैसे – हमने, हमको, हमसे, मैंने, मुझको, मुझसे आदि। इनका रूप भी एकवचन और बहुवचन में बदला जा सकता है। हालाँकि, संज्ञा की तरह इनके साथ संबोधन (जैसे “हे राम”) का उपयोग नहीं किया जा सकता।
सर्वनाम किसे कहते हैं यह जान लेने के बाद इसके भेद के बारे में जान लेते है
सर्वनाम के छ: भेद होते है-
अब इन भेदों को विस्तार पूर्वक उदहारण सहित जानेंगे –
पुरुषवाचक सर्वनाम उन शब्दों को कहते हैं जो किसी व्यक्ति, वस्तु, या स्थान का सीधा उल्लेख करते हैं।‘पुरुषवाचक सर्वनाम’ पुरुषों (स्त्री या पुरुष) के नाम के बदले आते हैं।
दूसरे शब्दों में- बोलने वाले, सुनने वाले तथा जिसके विषय में बात होती है, उनके लिए प्रयोग किए जाने वाले सर्वनाम पुरुषवाचक सर्वनाम कहलाते हैं। जैसे – मैं, हम (वक्ता द्वारा खुद के लिए), तुम और आप (सुनने वाले के लिए) और यह, वह, ये, वे (किसी और के बारे में बात करने के लिए) आदि।
जिन सर्वनामों का प्रयोग बोलने वाला अर्थात वक्ता अपने लिए करता है, उन्हें उत्तम पुरुषवाचक कहते हैं। पहले व्यक्ति के लिए उपयोग किए जाने वाले सर्वनाम जैसे मैं, हम मेरा, हमारा, मुझे, मुझको, हमारी, मैंने आदि ।
उदाहरण-
जिन सर्वनामों का प्रयोग सुनने वाले अर्थात श्रोता के लिए किया जाता है, उन्हें मध्यम पुरुषवाचक कहते है। यह सर्वनाम हिंदी व्याकरण में तीन रूपों में पाए जाते हैं – तू, तुम और आप। इनके उपयोग का चयन सामाजिक स्थिति, आदर-सम्मान और रिश्ते की निकटता पर निर्भर करता है। जैसे- तू, तुम, तुम्हें, आप, तुम्हारे, तुमने, आपने आदि।
उदाहरण-
जिन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग किसी अन्य व्यक्ति के लिए किया जाता है, उन्हें अन्य पुरुषवाचक कहते है।
जैसे- वे, यह, वह, इनका, इन्हें, उसे, उन्होंने, इनसे, उनसे आदि।
उदाहरण-
निश्चयवाचक सर्वनाम उन शब्दों को कहते हैं जो किसी निश्चित व्यक्ति, वस्तु या स्थान की ओर इशारा करते हैं। दूसरे शब्दों में जिन शब्दों से किसी व्यक्ति , वस्तु अथवा घटना की ओर निश्चयात्मक रूप से संकेत करे उसे निश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं। इसे संकेतवाचक सर्वनाम भी कहते हैं। इसमें यह , वह , वे , ये आदि का निश्चय रूप से बोध कराते हैं।
उदाहरण:
निश्चयवाचक सर्वनाम दो प्रकार के हैं –
उदाहरण:
पहले वाक्य में “उसने” का उपयोग हुआ है, जो पुरुषवाचक सर्वनाम है क्योंकि यह किसी एक व्यक्ति (राधा) का उल्लेख करता है। वहीं, दूसरे वाक्य में “यह” और “वह” का उपयोग हुआ है, जो निश्चयवाचक सर्वनाम हैं। ये पास और दूर की वस्तु की ओर संकेत करते हैं।
इस प्रकार, पुरुषवाचक सर्वनाम किसी व्यक्ति का उल्लेख करता है, जबकि निश्चयवाचक सर्वनाम किसी वस्तु या व्यक्ति की ओर इशारा करता है।
जो शब्द निकट या पास वाली वस्तुओं का निश्चित रूप से बोध कराएँ, उन्हें निकटवर्ती निश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं।
जैसे –
जो शब्द दूर वाली वस्तुओं की ओर निश्चित रूप से संकेत करते हैं, उसे दूरवर्ती निश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं।
जैसे –
इसमें वह और वे दूर वाली वस्तुओं का बोध करा रहे हैं।
जिन शब्दों से किसी व्यक्ति, वस्तु, या स्थान का स्पष्ट और निश्चित रूप में बोध न हो, उन्हें अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं। दूसरे शब्दों में, ऐसे सर्वनाम जो किसी व्यक्ति या वस्तु की ओर संकेत करें लेकिन उनकी स्थिति अनिश्चित या अस्पष्ट रहे, वे अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहलाते हैं।
उदाहरण:
कोई, कुछ, किसी, कौन, किसने, जहाँ, वहाँ आदि।
यहाँ ‘कोई’ और ‘कुछ’ ऐसे व्यक्ति और वस्तु की ओर इशारा करते हैं जिनकी पहचान अनिश्चित है।
वे सर्वनाम जो दो वाक्यों को जोड़कर परस्पर संबंध को स्पष्ट करते हैं, उन्हें संबंधवाचक सर्वनाम कहते हैं।
दूसरे शब्दों में, जिन सर्वनामों से किसी अन्य व्यक्ति, वस्तु या घटना का संबंध ज्ञात हो और जो दो वाक्यों को जोड़ने का कार्य करें, वे संबंधवाचक सर्वनाम कहलाते हैं।
उदाहरण:
वाक्य उदाहरण:
इन वाक्यों में ‘वैसा’ का संबंध ‘जैसा’ से और ‘उसकी’ का संबंध ‘जिसकी’ से जुड़ा हुआ है। ये शब्द परस्पर संबंध को स्पष्ट कर रहे हैं, इसलिए इन्हें संबंधवाचक सर्वनाम कहते हैं।
वे सर्वनाम जिनका उपयोग प्रश्न पूछने के लिए किया जाता है, उन्हें प्रश्नवाचक सर्वनाम कहते हैं। दूसरे शब्दों में, ऐसे सर्वनाम जो प्रश्न का बोध कराते हैं, प्रश्नवाचक सर्वनाम कहलाते हैं।
उदाहरण:
क्या, कौन, किसने, कैसे, किसका, किसको, किसलिए, कहाँ आदि।
वाक्य उदाहरण:
इन वाक्यों में ‘क्या,’ ‘कौन’ और ‘कैसे’ प्रश्न पूछने के लिए प्रयुक्त हुए हैं, इसलिए ये प्रश्नवाचक सर्वनाम हैं।
‘निज’ का अर्थ है ‘स्वयं’ और ‘वाचक’ का अर्थ है ‘सूचित करने वाला।’ ऐसे सर्वनाम जो अपनेपन या स्वंयता का बोध कराएं, उन्हें निजवाचक सर्वनाम कहते हैं। दूसरे शब्दों में, जो सर्वनाम कर्ता के साथ अपनेपन का संबंध बताएं, वे निजवाचक सर्वनाम कहलाते हैं।
उदाहरण:
वाक्य उदाहरण:
यहाँ ‘अपनी,’ ‘आप’ और ‘खुद’ जैसे शब्द निजवाचक सर्वनाम हैं क्योंकि ये कर्ता के साथ अपनेपन का बोध कराते हैं।
पुरुषवाचक और निजवाचक में ‘आप’ का उपयोग संदर्भ के आधार पर अलग-अलग होता है। पुरुषवाचक ‘आप’ आदर दिखाने के लिए और निजवाचक ‘आप’ स्वयं के लिए उपयोग होता है।
हिंदी में मुख्य रूप से 11 मूल सर्वनाम होते हैं-
मैं, तू, यह, वह, आप, जो, सो, कौन, क्या, कोई, कुछ।
इनसे अन्य सर्वनाम शब्द भी बनते हैं, जो लिंग, वचन और कारक के अनुसार अपना रूप बदल लेते हैं।
संज्ञा की तरह ही सर्वनाम के भी दो वचन होते हैं:
कारक | एकवचन | बहुवचन |
कर्ता | मैं , मैंने | हम, हमने, हम लोग, हम लोगों ने |
कर्म | मुझे, मुझको | हमें, हमको, हम लोगों को |
करण | मुझसे, मेरे द्वारा | हमसे, हमारे द्वारा, हम लोगों से |
संप्रदान | मुझे, मुझको, मेरे लिए | हमको, हमारे लिए, हमें, हम लोगों के लिए |
अपादान | मुझसे | हमसे, हम लोगों से |
संबंध | मेरा, मेरी, मेरे | हमारा, हमारी, हमारे |
अधिकरण | मुझसे, मुझ पर | हममें, हम पर |
कारक | एकवचन | बहुवचन |
कर्ता | तू, तूने | तुम, तुमने, तुम लोग, तुम लोगों ने |
कर्म | तुझे, तुझको | तुम्हें, तुमको, तुम लोगों को |
करण | तुझसे, तेरे द्वारा | तुमसे, तुम्हारे द्वारा, तुम लोगों से |
संप्रदान | तुझे, तेरे लिए | तुम्हें, तुम्हारे लिए, तुम लोगों के लिए |
अपादान | तुझसे | तुमसे, तुम लोगों से |
संबंध | तेरा, तेरी, तेरे | तुम्हारा, तुम्हारी, तुम्हारे |
अधिकरण | तुझमें, तुझ पर | तुम में, तुम पर |
कारक | एकवचन | बहुवचन |
कर्ता | वह, उसने | वे, उन्होंने, वे लोग, उन लोगों ने |
कर्म | उसे, उसको | उन्हें, उनको, उन लोगों को |
करण | उससे, उसके द्वारा | उनसे, उनके द्वारा, उन लोगों के द्वारा |
संप्रदान | उसे, उसके लिए | उन्हें, उनके लिए |
अपादान | उससे | उनसे, उन लोगों से |
संबंध | उसका, उसकी, उसके | उनका, उनकी, उनके, उन लोगों का, की, के |
अधिकरण | उसमें, उस पर | उनमें, उन पर, उन लोगों में, उन लोगों पर |
कारक | एकवचन | बहुवचन |
कर्ता | यह, इसने | ये, इन्होंने, इन लोगों ने |
कर्म | इसे, इसको | इन्हें, इनको, इन लोगों को |
करण | इससे, इसके द्वारा | इनसे, इनके द्वारा, इन लोगों से, इन लोगों द्वारा |
संप्रदान | इसको, इसके लिए | इन्हें, इनके लिए, इन लोगों के लिए |
अपादान | इससे | इनसे, इन लोगों से |
संबंध | इसका, इसकी, इसके | इनका, इनकी, इनके, इन लोगों का, की, के |
अधिकरण | इसमें, इस पर | इनमें, इन पर, इन लोगों में, इन लोगों पर |
कारक | एकवचन | बहुवचन |
कर्ता | कोई, किसी ने | किन्हीं ने |
कर्म | किसी को | किन्हीं को |
करण | किसी से, किसी के द्वारा | किन्हीं से, किन्हीं के द्वारा |
संप्रदान | किसी को, किसी के लिए | किन्हीं को, किन्हीं के लिए |
अपादान | किसी से | किन्हीं से |
संबंध | किसी का, की, के | किन्हीं का, की, के |
अधिकरण | किसी में, किसी पर | किन्हीं में, किन्हीं पर |
कारक | एकवचन | बहुवचन |
कर्ता | कौन, किसने | किन्होंने, किन लोगों ने |
कर्म | किसे, किसको | किन्हें, किनको, किन लोगों को |
करण | किससे, किसके द्वारा | किनसे, किनके द्वारा, किन लोगों से, किन लोगों द्वारा |
संप्रदान | किसको, किसके लिए | किनको, किनके लिए, किन लोगों के लिए |
अपादान | किससे | किनसे, किन लोगों से |
संबंध | किसका, किसकी, किसके | किनका, किनकी, किनके, किन लोगों का, की, के |
अधिकरण | किसमें, किस प | किनमें, किन पर, किन लोगों में, किन लोगों पर |
सर्वनाम वाक्य को सरल और प्रभावी बनाने का कार्य करते हैं। यह बार-बार आने वाली संज्ञा को बदलकर वाक्य को आकर्षक और संक्षिप्त बनाते हैं।
उदाहरण:
सर्वनाम के उपयोग से बार-बार संज्ञा का उपयोग करने की आवश्यकता नहीं होती, जिससे वाक्य की गुणवत्ता बढ़ती है।
उदाहरण-
सर्वनाम का सही और सटीक उपयोग भाषा को स्पष्ट और प्रभावशाली बनाता है। लेकिन अक्सर इसके प्रयोग में कुछ सामान्य गलतियाँ देखने को मिलती हैं, जो वाक्य का अर्थ भ्रमित कर सकती हैं। आइए इन त्रुटियों को विस्तार से समझें।
1. सर्वनाम का गलत चयन
सर्वनाम का सही चयन न होने पर वाक्य का भाव गलत हो जाता है।
उदाहरण
जब वाक्य में प्रयुक्त सर्वनाम का संदर्भ स्पष्ट नहीं होता, तो सुनने वाले या पढ़ने वाले को समझने में कठिनाई होती है।
पुरुषवाचक और निश्चयवाचक सर्वनाम में अंतर समझना और इन्हें सही तरीके से उपयोग करना आवश्यक है।
सर्वनाम हिंदी व्याकरण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो भाषा को सरल, प्रभावशाली और सुगम बनाता है। यह न केवल वाक्य को संक्षिप्त करता है, बल्कि संवाद को भी स्पष्ट और सुंदर बनाता है। सर्वनाम का सही उपयोग भाषा की दक्षता को बढ़ाता है और संप्रेषण को प्रभावशाली बनाता है। इसलिए, हमें सर्वनाम के उपयोग और उनकी विशेषताओं को गहराई से समझने की आवश्यकता है। इस ब्लॉग में सर्वनाम किसे कहते हैं, सर्वनाम के भेद, पुरुषवाचक सर्वनाम किसे कहते हैं, सर्वनाम के उदाहरण के बारे में विस्तार से जाना।
हिंदी में कुल 6 प्रकार के सर्वनाम होते हैं:
1. पुरुषवाचक सर्वनाम
2. निश्चयवाचक सर्वनाम
3. अनिश्चयवाचक सर्वनाम
4. संबंधवाचक सर्वनाम
5. प्रश्नवाचक सर्वनाम
6. निजवाचक सर्वनाम
अनिश्चितवाचक सर्वनाम वह सर्वनाम होते हैं, जो किसी निश्चित व्यक्ति, वस्तु या स्थान को नहीं, बल्कि किसी अनिश्चित व्यक्ति या वस्तु को दर्शाते हैं।
उदाहरण: कोई भी व्यक्ति यहाँ आ सकता है।
हिंदी में मुख्य रूप से 11 मूल सर्वनाम होते हैं: मैं, तू, यह, वह, आप, जो, सो, कौन, क्या, कोई, और कुछ।
हिंदी में कई प्रकार के सर्वनाम होते हैं, जो वाक्य में व्यक्ति, वस्तु या स्थान को दर्शाने के लिए उपयोग होते हैं। प्रमुख सर्वनामों में मैं, तू, यह, वह, आप, हम, वे, कोई, कुछ, कौन, क्या, जो, सो, इतना, और उतना शामिल हैं। ये सर्वनाम वाक्य में किसी न किसी व्यक्ति या वस्तु का संदर्भ देने के लिए प्रयोग किए जाते हैं, जिससे वाक्य में पुनरावृत्ति से बचा जा सके।
Editor's Recommendations
Authored by, Amay Mathur | Senior Editor
Amay Mathur is a business news reporter at Chegg.com. He previously worked for PCMag, Business Insider, The Messenger, and ZDNET as a reporter and copyeditor. His areas of coverage encompass tech, business, strategy, finance, and even space. He is a Columbia University graduate.
Chegg India does not ask for money to offer any opportunity with the company. We request you to be vigilant before sharing your personal and financial information with any third party. Beware of fraudulent activities claiming affiliation with our company and promising monetary rewards or benefits. Chegg India shall not be responsible for any losses resulting from such activities.
Chegg India does not ask for money to offer any opportunity with the company. We request you to be vigilant before sharing your personal and financial information with any third party. Beware of fraudulent activities claiming affiliation with our company and promising monetary rewards or benefits. Chegg India shall not be responsible for any losses resulting from such activities.