SIP Kya Hota Hai? | एसआईपी क्या होता है?

October 23, 2024
SIP Kya Hota Hai
Quick Summary

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SIP एक स्मार्ट निवेश रणनीति है, जो निवेशकों को नियमित अंतराल पर (जैसे मासिक) एक निश्चित राशि का निवेश करने की अनुमति देती है, जिससे अनुशासित निवेश किया जा सकता है।

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SIP का पूरा नाम “सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान” (Systematic Investment Plan) है। हिंदी में इसे “व्यवस्थित निवेश योजना” भी कहते हैं। SIP म्यूचुअल फंड में निवेश करने का एक तरीका है। इसमें आप एक निश्चित रकम, नियमित अंतराल पर (जैसे हर महीने, तिमाही या सालाना) निवेश करते हैं। यह राशि आपकी आय के अनुसार तय की जा सकती है, चाहे वह ₹500 जितनी कम ही क्यों न हो। हालांकि, यह कई लोगों को अपने रिटर्न ऑफर से अपनी ओर खींचता है, लेकिन इसमें कुछ जोखिम भी होते हैं। इस आर्टिकल में हम आपको बताएँगे कि SIP kya hota hai और SIP में निवेश कैसे करें।

SIP Kya Hota Hai और कैसे काम करता है ?

जब भी SIP की बात होती है, तब मन में आता है कि SIP kya hota hai? SIP एक स्मार्ट निवेश स्ट्रेटेजी है, जो आपको नियमित अंतराल (जैसे हर महीने, तिमाही या सालाना) पर एक तय की गई राशि का निवेश करने की अनुमति देती है। एसआईपी के माध्यम से आप फंड हाउसों (म्यूचुअल फंड, बीमा कंपनियों (ULIP) और वित्तीय संस्थानों) द्वारा पेश किए गए मार्केट-लिंक्ड फंड में निवेश कर सकते हैं।

जब आप एक या अधिक SIP प्लान के लिए apply करते हैं, तो पैसा खुद ब खुद आपके बैंक खाते से डेबिट हो जाती है और पहले से तय किए गए टाइम interval पर आपके द्वारा खरीदे गए म्यूचुअल फंड में निवेश हो जाती है। दिन के अंत में, आपको म्यूचुअल फंड की NAV के आधार पर म्यूचुअल फंड की यूनिट दी जाती है।

मान लीजिए कि आप म्यूचुअल फंड ए में निवेश करने के लिए हर महीने 5,000 रुपये का एसआईपी शुरू करना चाहते हैं। म्यूचुअल फंड का वर्तमान मूल्य (एनएवी) 50 रुपये प्रति यूनिट है, जिससे आपको फंड की 100 यूनिट मिलेगी।

यह टेबल एक काल्पनिक परिदृश्य दिखाती है कि एक एसआईपी समय के साथ आपके पैसे को कैसे बढ़ा सकती है। आप अपने निवेश लक्ष्यों को प्रतिबिंबित करने के लिए मूल्यों को बदल सकते हैं।

वर्षमासिक निवेशवार्षिक निवेशकुल निवेशितअनुमानित रिटर्न (10%)*कुल राशि
1₹1,000₹12,000₹12,000₹1,200₹13,200
2₹1,000₹12,000₹24,000₹2,400 (Year 1) +
₹1,200 (Year 2)
₹27,600
3₹1,000₹12,000₹36,000₹2,400 (Year 1) +
₹2,400 (Year 2) +
₹1,200 (Year 3)
₹42,000
4₹1,000₹12,000₹48,000₹2,400 (Year 1) +
₹2,400 (Year 2) +
₹2,400 (Year 3) +
₹1,200 (Year 4)
₹54,400
5₹1,000₹12,000₹60,000₹2,400 (Year 1) +
₹2,400 (Year 2) +
₹2,400 (Year 3) +
₹2,400 (Year 4) +
₹1,200 (Year 5)
₹67,200
*अनुमानित रिटर्न केवल उदाहरणात्मक उद्देश्यों के लिए है और इसमें लगातार 10% वार्षिक रिटर्न का अनुमान लगाया गया है, जिसकी गारंटी नहीं है। वास्तविक रिटर्न भिन्न हो सकते हैं।

SIP खाता कैसे खोलें? (How to open SIP account)

SIP खाता कैसे खोलें
SIP खाता कैसे खोलें

अगर आप सोच रहे हैं कि SIP खाता कैसे खोलें, तो ब्लॉग का यह हिस्सा आपके लिए काफी मददगार होगा। यहां हम म्यूचुअल फंड में सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) खोलने के तरीके को स्टेप बाई स्टेप बता रहे हैं:

  • Mutual Fund प्लान चुनें:
    • ऐसे म्यूचुअल फंड प्लान का चयन करें जो आपके फाइनेशियल गोल्स और रिस्क टोलेरेंस के मुताबिक फिट बैठता हो।
  • SIP Amount चुनें:
    • आप एसआईपी में कितना पैसा निवेश करना चाहते हैं, यह निर्धारित करें। एसआईपी आपको नियमित रूप से आमतौर पर मासिक तौर पर एक निश्चित पैसा निवेश करने की अनुमति देता है। आप कम पौसों से शुरुआत कर सकते हैं और समय के साथ इसे बढ़ा सकते हैं।
  • Frequency चुनें:
    • एसआईपी निवेश की frequency तय करें। सबसे आम विकल्प मासिक हैं, लेकिन कुछ म्यूचुअल फंड तीमाही या छैमाही जैसी अन्य frequencies की भी पेशकश करते हैं।
  • केवाईसी Compliance:
    • कई म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए आपको अपने Know Your Customer (केवाईसी) प्रक्रिया को पूरा करना होता है।
  • निवेश खाता खोलें:
    • म्यूचुअल फंड कंपनी या उस फंड हाउस में एक निवेश खाता खोलना होता है, जो आपके सिलेक्ट किए गए म्यूचुअल फंड को मैनेज करता है। यह अक्सर म्यूचुअल फंड की वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन या फिजिकल ऑफिस जाकर किया जा सकता है।
  • Application जमा करें:
    • म्यूचुअल फंड कंपनी द्वारा दिए गए एसआईपी application पूरा करें। यह फॉर्म आपसे आपके पर्सनल डिटेल्स, निवेश का पैसा, frequency और बैंक खाते की जानकारी मांगेगा। ये चेक जरूर करें कि सभी जानकारी सटीक हैं।
  • बैंक Mandate करें:
    • आपको एक बैंक mandate दिया जाएगा जो म्यूचुअल फंड कंपनी को एसआईपी निवेश के लिए आपके बैंक खाते से अपने आप डेबिट करने की अनुमति देगा। यही कारण है कि आपको आवेदन पत्र में सटीक बैंक खाते की जानकारी देनी होगी।
  • Monitor और Review:
    • अपने एसआईपी निवेश पर नज़र रखें और अपने पोर्टफोलियो को नियमित रूप से Review करें ताकि यह पक्का हो सके कि यह आपके फाइनेंशियल गोल के अनुरूप है। यदि आवश्यक हो तो आप अपनी एसआईपी पैसे, frequency या म्यूचुअल फंड प्लान में बदलाव कर सकते हैं।

एसआईपी के लिए डॉक्युमेंट्स (Documents for SIP in Hindi)

एसआईपी (Systematic Investment Plan) शुरू करते समय, आपके पास निम्नलिखित दस्तावेज़ होने चाहिए:

  1. पैन कार्ड
  2. आधार कार्ड
  3. बैंक खाता डिटेल्स
  4. फ़ॉर्म 16 या सैलरी स्लिप
  5. फ़ॉर्म 26AS
  6. बैंक डिटेल्स
  7. फ़ॉर्म 80C/80D की प्रमाणित प्रतियाँ
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एसआईपी में रिस्क क्या है ?(Risks in SIP)

हर चीज में पैसा लगाने के कुछ रिस्क होते हैं, उसी तरह यहां कुछ रिस्क की आशंका है। एसआईपी की शुरुआत छोटे फंड से की जा सकती है, इसलिए इसमें ज्यादा रिस्क की आशंका कुल मिला कर खत्म हो जाती है। अगर किसी ऐसी कंपनी के एसआईपी में निवेश किए जाए तो घाटे में चल रही है और मुनाफा नहीं कमा पा रही है तो पैसे डूबने के चांस बढ़ जाते हैं।

अगर एसआईपी में निवेश कम वक्त के लिए किया जाए तो नुकसान हो सकता है। लंबे वक्त के लिए निवेश करने से नुकसान होने के चांसेस कम हो जाते हैं। अगर जारी एसआईपी को दो-तीन महीने में तोड़ दिया जाए तब एसआईपी प्रक्रिया पूरा न करने पर नुकसान हो सकता है। अगर कंपनी को अचानक किसी क्राइसिस का सामना करना पड़ जाए तो नुकसान हो सकता है।

SIP kya hota hai और इसमें निवेश कैसे करें?(How to invest in SIP)

एसआईपी(SIP) में जितनी जल्दी हो उतनी जल्दी निवेश करना चाहिए। कोई व्यक्ति जितनी जल्दी निवेश करना शुरू करेगा, उसके पैसे को बढ़ने के लिए उतना ही अधिक समय लगेगा। sip में निवेश कैसे करें, इसके लिए नीचे दिए गए स्टेप्स को फॉलों करें:

  • स्टेप 1: आपको पैसा तय करनी होगी, जितना आप एसआईपी के माध्यम से समय-समय पर निवेश करना चाहते हैं। यह राशि कम से कम 100 रु प्रति माह होनी चाहिए। प्रत्येक प्लान के लिए न्यूनतम निवेश का पैसा अलग-अलग होती है।
  • स्टेप 2: उस निवेश प्रोडक्ट या म्यूचुअल फंड का चयन करें, जिसमें आप पैसा निवेश करना चाहते हैं। म्यूचुअल फंड का चुनाव आपके फाइनेंशियल गोल्स और रिस्क की क्षमता पर आधारित होता है।
  • स्टेप 3: एसआईपी की अवधि तय करें, जो कुछ महीनों से लेकर कई वर्षों तक हो सकती है।
  • स्टेप 4: एक तारीख तय करें, जिस दिन एसआईपी निवेश पैसा उनके बैंक खाते से डेबिट की जाएगी।
  • स्टेप 5: निवेश पैसा फिक्स करने के बाद, निवेश प्रोडक्ट का चयन करें और एसआईपी समय तय करें।

Sip के नुकसान और फायदे: SIP Kya Hota Hai?

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि SIP में निवेश करने से पहले आपको अपनी वित्तीय स्थिति, निवेश लक्ष्यों और जोखिम सहनशीलता पर विचार करना चाहिए।

Sip के नुकसान और फायदे
Sip के नुकसान और फायदे

नुकसान (Disadvantages)

  1. मार्केट रिस्क (Market Risk): एसआईपी बाजार जोखिम को खत्म नहीं करता है। आपके निवेश मूल्य में बाज़ार स्थितियों के आधार पर उतार-चढ़ाव हो सकता है। यदि बाज़ार में मंदी आती है, तो आपके निवेश का मूल्य घट सकता है।
  2. रिटर्न की Guarantee नहीं: एसआईपी बाजार के चलन पर डिपेंड करता है। आपके निवेश पर रिटर्न की कोई guarantee नहीं होती है, और हो सकता है कि आपको शुरू में निवेश की गई पैसा वापस न मिले।
  3. लिक्विडिटी रिस्क (Liquidity Risk): एसआईपी में आमतौर पर लॉक-इन अवधि होती है। हालाँकि आप आम तौर पर अपनी यूनिट्स को किसी भी समय redeem कर सकते हैं, लेकिन यदि आप एक निर्दिष्ट अवधि से पहले यूनिट्स redeem होते हैं तो कुछ म्यूचुअल फंड एग्जिट लोड ले सकते हैं।
  4. उतार चढ़ाव (Volatility): एसआईपी बाजार की उतार चढ़ाव से जुड़ा हुआ है। मार्केट में ज्यादा उतार-चढ़ाव के दौरान, आप अपने निवेश के अमाउंट में भी गिरावट या उछाल देख सकते हैं।
  5. ब्याज दर जोखिम: एसआईपी में Debt mutual funds के इंटरेस्ट रेट्स में में बदलाव से असर हो सकता है। बढ़ते इंटरेस्ट रेट के माहौल से डेट फंड यूनिट के मूल्य में कमी आ सकती है।

फायदे (Benefits)

  1. अनुशासन और नियमित बचत: SIP आपको हर महीने एक निश्चित राशि निवेश करने के लिए प्रेरित करता है, जिससे अनुशासन और नियमित बचत की आदत विकसित होती है।
  2. रुपये की औसत लागत: SIP आपको विभिन्न मूल्यों पर इकाइयां खरीदने की अनुमति देता है, जिससे रुपये की औसत लागत (Rupee Cost Averaging) का लाभ मिलता है।
  3. छोटी शुरुआत: SIP आपको कम राशि से निवेश शुरू करने की सुविधा देता है, जो इसे शुरुआती लोगों के लिए आकर्षक बनाता है।
  4. कर लाभ: इक्विटी म्यूचुअल फंड में SIP के माध्यम से किए गए निवेश पर लंबी अवधि के पूंजीगत लाभ (LTCG) पर कर छूट का लाभ मिल सकता है।
  5. पोर्टफोलियो विविधीकरण: SIP आपको विभिन्न प्रकार के म्यूचुअल फंड में निवेश करके अपने पोर्टफोलियो को विविधता लाने में मदद करता है।
  6. पेशेवर प्रबंधन: म्यूचुअल फंड का प्रबंधन अनुभवी फंड मैनेजरों द्वारा किया जाता है, जो आपके निवेश की देखभाल करते हैं।

निष्कर्ष

SIP में पैसे इन्वेस्ट करने से पहले एक्सपर्ट की सलाह लेना जरूरी होता है। अगर आप SIP में पैसा इन्वेस्ट करने का सोच रहे हैं, तो इस बारे में किसी से सहायता ले सकते हैं और अपनी सुविधा के अनुसार पैसे इन्वेस्ट करना शुरू कर सकते हैं।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

SIP kya hota hai, SIP के फायदे?

SIP एक स्मार्ट निवेश स्ट्रेटेजी है, जो आपको नियमित intervals (weekly, monthly, quarterly आदि) पर एक निश्चित पूर्व निर्धारित राशि का निवेश करने की अनुमति देती है। SIP के फायदे disciplined investment, cost effective, resilience आदि हैं।

एसआईपी में कितना ब्याज मिलता है?

SIP में ब्याज की दरें निवेश के चयन के हिसाब से विभिन्न हो सकती हैं। म्यूचुअल फंड की ब्याज दर निम्नलिखित कारकों पर डिपेंड करती हैं: 
 
1. म्यूचुअल फंड के प्रकार 
2. बाजार की स्थिति 
3. निवेश की अवधि 
4. म्यूचुअल फंड के व्यय (Expense Ratio) 

सबसे अच्छा SIP कौन सा है?

सबसे अच्छा SIP कौन सा है, यह आपके फाइनेंशियल गोल्स, निवेश के गोल्स, और रिस्क टोलेरेंस के साथ जुड़ा होता है। यह एक व्यक्ति का निर्णय होता है और सामान्य रूप से किसी विशेष SIP को सबसे अच्छा बताने में sensitivity होती है।

SIP कैसे शुरू करें? 

भारत में एसआईपी शुरू करने के लिए फाइनेंशियल गोल्स निर्धारित करने, सही म्यूचुअल फंड चुनने, एसेट मैनेजमेंट कंपनी चुनने, केवाईसी Compliance करने, एसआईपी पैसा चुनने, एसआईपी Frequency चुनने, एसआईपी आवेदन पत्र भरने, आवेदन जमा करने, Verification, निगरानी और Review करने की आवश्यकता होती हैं।

सिप में कितना रिटर्न मिलता है?

SIP से प्राप्त होने वाले रिटर्न अलग अलग कारकों पर डिपेंड करता है, जैसे कि आपके निवेश के प्रकार, चुना गया म्यूचुअल फंड, निवेश की अवधि, बाजार की प्रतिस्पर्धा, और निवेश के बजट पर।

म्यूचुअल फंड और सिप में क्या अंतर है? 

म्यूचुअल फंड और SIP दोनों ही निवेश के विभिन्न पहलुओं को दर्शाते हैं, यहां दोनों के बीच मुख्य अंतरों को समझा रहे हैं:
 
● म्यूचुअल फंड एक निवेश वाहक होता है जबकि SIP एक निवेश की विधि होती है।
● म्यूचुअल फंड में, निवेशकों को निवेश करने की निवेश की राशि का निर्धारण करना होता है, जबकि SIP में, वे नियमित अंतराल पर निवेश करने की निश्चित राशि का चयन करते हैं।
● म्यूचुअल फंड निवेश की अवधि निवेशकों की आवश्यकतानुसार अलग-अलग हो सकती है, जबकि SIP दीर्घकालिक निवेश की विधि होती है, जो निवेशकों को नियमित रूप से निवेश करने की सुविधा प्रदान करती है।

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