Quick Summary
वायुमंडल की परतें इस प्रकार हैं:
वायुमंडल पृथ्वी को घेरे हुए गैसों की एक परत है, जो जीवन के लिए आवश्यक तत्वों को बनाए रखती है। वायुमंडल की परतें न केवल हमें सांस लेने के लिए ऑक्सीजन प्रदान करती है, बल्कि हमें सूर्य की हानिकारक किरणों से भी बचाती है। वायुमंडल को मुख्यतः पाँच परतों में विभाजित किया गया है, और प्रत्येक परत की अपनी विशेषताएँ और महत्व हैं।
इस ब्लॉग में हम वायुमंडल की परतें कितनी होती है, वायुमंडल की परतों के नाम, वायुमंडल कितनी ऊंचाई तक फैला हुआ है, वायुमंडल की परतें ट्रिक और वायुमंडल की परतें का चित्र को जानेंगे।
वायुमंडल पृथ्वी के चारों ओर से घेरे हुए गैसों की एक परत है। पृथ्वी की सतह से ऊपर वायुमंडल कई परतों में विभाजित रहता है, जोकि पृथ्वी की सतह से ऊपर कई किलोमीटर तक फैली होती है। वायुमंडल में मुख्य रूप से नाइट्रोजन (78%) और ऑक्सीजन (21%) होती हैं, साथ ही कार्बन डाइऑक्साइड, आर्गन और जलवाष्प जैसी अन्य गैसें भी शामिल होती हैं। परत पृथ्वी को कई प्राकृतिक और कृत्रिम प्रभावों से बचाती है।
नाइट्रोजन | 78.09 |
ऑक्सीजन | 20.95 |
आर्गन | 0.93 |
कार्बन डाइआक्साइड | 0.03 |
निऑन | 0.0018 |
हाइड्रोजन | 0.001 |
हीलियम | 0.000524 |
क्रिप्टन | 0.0001 |
ज़ेनान | 0.000008 |
ओज़ोन | 0.000001 |
मीथेन | अल्प मात्रा |
वायुमंडल की परतें विभिन्न ऊँचाइयों पर विभिन्न विशेषताओं और भूमिकाओं के साथ होती हैं। ये परतें पृथ्वी पर जीवन को बनाए रखने, मौसम को नियंत्रित करने, और अंतरिक्ष से आने वाली हानिकारक किरणों से रक्षा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। वायुमंडल की पांच प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
वायुमंडल की परतें का चित्र और वायुमंडल की परतें ट्रिक के माध्यम से बहुत बेहतर समझी जा सकती है। चित्र में प्रत्येक परत की ऊँचाई और विशेषताएँ दर्शाई जाती हैं, जिससे वायुमंडल की संरचना को समझना आसान हो जाता है।
अगर हम ये जानने की कोशिश करे कि वायुमंडल कितनी ऊंचाई तक फैला हुआ है? तो वायुमंडल लगभग 10,000 किलोमीटर की ऊँचाई तक फैला हुआ है। हालांकि, इसकी घनत्व और वायु की गति ऊँचाई के साथ घटती जाती है, जिससे ऊपरी परतों में वायु का घनत्व बहुत कम हो जाता है।
सबसे पहले हम ये जानेंगे कि वायुमंडल की परतें कितनी होती है? दरअसल पृथ्वी के वायुमंडल की पाँच प्रमुख परतें होती हैं। वायुमंडल की 5 परतों के नाम इस प्रकार है- क्षोभमंडल, समतापमंडल, मध्य मण्डल, ताप मण्डल और बाह्य मण्डल। ये परतें पृथ्वी की सतह से बाहरी अंतरिक्ष तक विभिन्न ऊँचाइयों पर स्थित हैं और इनमें विभिन्न प्रकार की जलवायु और मौसम की घटनाएँ होती हैं। वायुमंडल में 78% नाइट्रोजन, 21% ऑक्सीज़न और 1% अन्य गैस होती है।
क्षोभमंडल वायुमंडल की सबसे निचली परत है। ये परत पृत्वी के सबसे नजदीक होती है जोकि पृथ्वी की सतह से लगभग 8 से 18 किलोमीटर की ऊँचाई तक फैली होती है। इस परत में मौसम संबंधी घटनाएँ होती हैं, जैसे वर्षा, बर्फबारी, और तूफान। यहां तापमान ऊँचाई के साथ घटता है, जिससे वायुमंडल की ऊपरी परतें ठंडी होती जाती हैं। इस परत में जलवाष्प, धूल कण और गैसों का मिश्रण होता है, जो जीवन के लिए आवश्यक होते हैं।
स्थान और ऊँचाई | महत्व | मुख्य विशेषताएँ |
वायुमंडल की सबसे निचली परत | जीवों के लिए आवश्यक ऑक्सीजन और अन्य गैसें यहीं पर उपलब्ध होती हैं | मौसम संबंधी सभी घटनाएँ जैसे बारिश, तूफान, बर्फबारी आदि यहीं घटित होती हैं |
पृथ्वी की सतह से लगभग 8 से 18 किलोमीटर तक फैली होती है। | यह परत जलवायु और मौसम विज्ञान के अध्ययन के लिए महत्वपूर्ण है | यहाँ तापमान ऊँचाई के साथ घटता है (लगभग 6.5°C प्रति किलोमीटर)। |
वायुमंडल का 75% भाग और जलवाष्प का 99% यहीं पर स्थित होता है। |
समतापमंडल, क्षोभमंडल के ऊपर स्थित होता है। ये परत पृत्वी से लगभग 15 किलोमीटर से 50 किलोमीटर की ऊँचाई तक फैला होता है। इस परत में ओजोन परत होती है, जो सूर्य की हानिकारक अल्ट्रावायलेट किरणों से पृथ्वी को बचाती है। यहां तापमान ऊँचाई के साथ बढ़ता है। इस परत में वायु की अशांति कम होती है, जिससे जेट विमानों के लिए यह एक उपयुक्त क्षेत्र होता है।
स्थान और ऊँचाई | महत्व | मुख्य विशेषताएँ |
क्षोभमंडल के ऊपर स्थित | ओजोन परत जीवन को सुरक्षित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। | इस परत में तापमान ऊँचाई के साथ बढ़ता है। |
लगभग 15 से 50 किलोमीटर तक फैली होती है। | विमानन के लिए आदर्श क्षेत्र, क्योंकि यहाँ पर मौसम की अशांति कम होती है। | इसमें ओजोन परत स्थित है, जो सूर्य की हानिकारक UV किरणों को अवशोषित करती है। |
यह परत स्थिर होती है, जिसमें वायुमंडलीय अशांति कम होती है। |
मध्य मण्डल समतापमंडल के ऊपर और ताप मण्डल के नीचे स्थित है, जोकि पृत्वी से लगभग 50 किलोमीटर से 85 किलोमीटर की ऊँचाई तक फैला होता है। इस परत में तापमान ऊँचाई के साथ घटता है और यह परत उल्काओं को जलाने का काम करती है, जिससे पृथ्वी की सतह पर उनका प्रभाव कम हो जाता है। वायुमंडलीय दबाव इस परत में बहुत कम होता है, जिससे गैसों का घनत्व भी कम हो जाता है।
स्थान और ऊँचाई | महत्व | मुख्य विशेषताएँ |
समतापमंडल के ऊपर स्थित | यह परत वायुमंडलीय अनुसंधान के लिए महत्वपूर्ण है | वायुमंडलीय दबाव अत्यंत कम होता है |
लगभग 50 से 85 किलोमीटर तक फैली होती है | उल्काओं को पृथ्वी की सतह तक पहुँचने से पहले जलाकर नष्ट करती है | तापमान ऊँचाई के साथ घटता है, यह सबसे ठंडी परत है |
ताप मण्डल, मध्य मण्डल के ऊपर और बाह्य मण्डल के नीचे स्थित है, जो पृथ्वी से लगभग 85 किलोमीटर से 600 किलोमीटर की ऊँचाई तक फैला होता है। ताप मण्डल में तापमान ऊँचाई के साथ तेजी से बढ़ता है, जिससे यह परत वायुमंडल की सबसे गर्म परत बन जाती है। इस परत में ऑरोरा औरग्लो की घटनाएँ होती हैं, जो सूर्य से आने वाले आवेशित कणों के पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र के साथ प्रतिक्रिया के कारण होती हैं।
स्थान और ऊँचाई | महत्व | मुख्य विशेषताएँ |
मध्य मण्डल के ऊपर स्थित। | रेडियो तरंगों का परावर्तन और संचरण। | तापमान ऊँचाई के साथ तेजी से बढ़ता है और यहाँ ऑरोरा (Aurora) की घटना होती है। |
लगभग 85 से 600 किलोमीटर तक फैली होती है। | अंतरिक्ष यान और उपग्रहों के लिए आदर्श क्षेत्र। | यहाँ पर आयनमंडल स्थित होता है, जो रेडियो संचार के लिए महत्वपूर्ण है। |
बाह्य मण्डल वायुमंडल की सबसे ऊपरी परत है, जो लगभग 600 किलोमीटर से 10,000 किलोमीटर की ऊँचाई तक फैली होती है। इस परत में वायु अणु इतने विरल होते हैं कि वे आसानी से अंतरिक्ष में भाग सकते हैं।
बाह्य मण्डल में वायु अणुओं का घनत्व बहुत कम होता है और यह परत धीरे-धीरे अंतरिक्ष में विलीन हो जाती है। इस परत में उपग्रहों की कक्षाएँ स्थित होती हैं, जो पृथ्वी की सतह से डेटा एकत्र करने और संचार के लिए महत्वपूर्ण होती हैं।
स्थान और ऊँचाई | महत्व | मुख्य विशेषताएँ |
वायुमंडल की सबसे बाहरी परत। | वैश्विक संचार और अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए महत्वपूर्ण। | पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण शक्ति बहुत कम होती है। |
लगभग 600 किलोमीटर से 10,000 किलोमीटर तक फैली होती है। | वायुमंडल और अंतरिक्ष के बीच की सीमा बनाती है। | उपग्रह और अंतरिक्ष यान इसी परत में कक्षा में रहते हैं। |
आयनमंडल वायुमंडल का एक हिस्सा है जो मुख्य रूप से ताप मण्डल और बाह्य मण्डल के ऊपरी हिस्से में स्थित होता है। यह परत सौर विकिरण से प्रभावित होती है और इसमें आवेशित कणों की बड़ी मात्रा होती है।
स्थान और ऊँचाई | महत्व | मुख्य विशेषताएँ |
आयन मंडल वायुमंडल के ऊपरी हिस्से में स्थित होता है। | आयन मंडल रेडियो तरंगों को परावर्तित करता है, जिससे वैश्विक रेडियो संचार संभव होता है। | सूर्य से आने वाली विकिरण (सौर विकिरण) के कारण यहाँ वायुमंडलीय गैसें आयनित हो जाती हैं। |
यह लगभग 60 किलोमीटर से 1,000 किलोमीटर तक फैला होता है। यह मुख्य रूप से ताप मण्डल (Thermosphere) का हिस्सा है लेकिन मध्य मण्डल (Mesosphere) और समतापमंडल (Stratosphere) के ऊपरी हिस्सों में भी फैला होता है। | उपग्रहों से संचार और नेविगेशन में सहायता करता है। | आयनित कण रेडियो तरंगों को परावर्तित और संचरित करते हैं, जिससे लंबी दूरी की रेडियो संचार संभव होती है। |
ओजोन परत समतापमंडल में स्थित होती है और यह सूर्य की हानिकारक अल्ट्रावायलेट किरणों को अवशोषित करके पृथ्वी को बचाती है। ओजोन परत का क्षरण ग्लोबल वार्मिंग और अन्य पर्यावरणीय समस्याओं का कारण बन सकता है।
स्थान और ऊँचाई | महत्व | मुख्य विशेषताएँ |
ओजोन परत समतापमंडल (Stratosphere) में स्थित होती है। | ओजोन परत जीवन को UV किरणों के हानिकारक प्रभावों से बचाती है, जिससे त्वचा कैंसर, मोतियाबिंद, और अन्य स्वास्थ्य समस्याएँ नहीं होतीं। | इसमें ओजोन अणुओं की उच्च सघनता होती है, जो सूर्य की UV-B और UV-C किरणों को अवशोषित करती है। |
यह लगभग 15 से 35 किलोमीटर की ऊँचाई पर स्थित होती है, लेकिन इसकी अधिकतम सघनता 20 से 30 किलोमीटर के बीच होती है। | यह परत पर्यावरण और पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने में मदद करती है। ओजोन परत के बिना कृषि फसलों और समुद्री जीवों को नुकसान हो सकता है, जिससे खाद्य सुरक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। | यह परत सूर्य की हानिकारक पराबैंगनी किरणों (UV rays) को अवशोषित करती है, जिससे वे पृथ्वी की सतह पर नहीं पहुँच पातीं। |
वायुमंडल की प्रत्येक परत का अपना वैज्ञानिक महत्व है। ये परतें न केवल मौसम और जलवायु को नियंत्रित करती हैं, बल्कि वे अंतरिक्ष अनुसंधान और संचार के लिए भी महत्वपूर्ण हैं।
वायुमंडल के बिना, पृथ्वी पर जीवन असंभव हो जाएगा। वायुमंडल हमें ऑक्सीजन प्रदान करता है, जो हमारे जीवन के लिए आवश्यक है। यह हमें सूर्य की हानिकारक किरणों से बचाता है और मौसम संबंधी घटनाओं को नियंत्रित करता है। इसके बिना, पृथ्वी एक निर्जीव ग्रह बन जाएगी, जहां जीवन की कोई संभावना नहीं होगी।
इस ब्लॉग में हमने वायुमंडल की परतें कितनी होती है, वायुमंडल की 5 परतों के नाम, वायुमंडल कितनी ऊंचाई तक फैला हुआ है, वायुमंडल की परतें ट्रिक और वायुमंडल की परतें का चित्र को जानने की कोशिश की है। वायुमंडल पृथ्वी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसकी परतें हमें सुरक्षा, ऑक्सीजन, और जीवन के लिए आवश्यक अन्य तत्व प्रदान करती हैं। वायुमंडल की परतों की संरचना और विशेषताओं को समझना हमें हमारे पर्यावरण और ग्रह की बेहतर समझ प्रदान करता है। यह हमें बताता है कि किस प्रकार से वायुमंडल हमें जीवन जीने के लिए आवश्यक सुविधाएँ और सुरक्षा प्रदान करता है।
1- क्षोभमंडल (Troposphere)
2- क्षोभसीमा (Tropopause): क्षोभमंडल और समतापमंडल के बीच की संक्रमण परत है।
3- समतापमंडल (Stratosphere)
4- समतापसीमा (Stratopause): समतापमंडल और मध्यमंडल के बीच की संक्रमण परत है।
5- मध्यमंडल (Mesosphere)
6- मध्यवर्तीमंडल (Mesopause): मध्यमंडल और तापमंडल के बीच की संक्रमण परत है। यह वायुमंडल का सबसे ठंडा भाग है।
7- तापमंडल या आयनमंडल (Thermosphere or Ionosphere)
8- बाह्यमंडल (Exosphere)
आमतौर पर वायुमंडल को पांच मुख्य परतों में विभाजित किया जाता है।
आयन मंडल को तापमंडल भी कहा जाता है।
तापमंडल (या आयनमंडल) वायुमंडल की सबसे गर्म परत है। सूर्य से आने वाली पराबैंगनी किरणें इस परत की गैसों को गर्म करती हैं।
क्षोभमंडल वायुमंडल की सबसे निचली और सबसे पतली परत है।
हवा मुख्य रूप से दो गैसों से मिलकर बनी होती है:
• नाइट्रोजन (Nitrogen): लगभग 78%
• ऑक्सीजन (Oxygen): लगभग 21%
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