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Authored by, Amay Mathur | Senior Editor
Amay Mathur is a business news reporter at Chegg.com. He previously worked for PCMag, Business Insider, The Messenger, and ZDNET as a reporter and copyeditor. His areas of coverage encompass tech, business, strategy, finance, and even space. He is a Columbia University graduate.
विद्यार्थी में “विद्या” का अर्थ “ज्ञान” और “अर्थी” का अर्थ “ज्ञान चाहने वाला” होता है। विद्यार्थी जीवन ही व्यक्ति और समाज का भविष्य निश्चित करता है। अच्छे विद्यार्थी के गुण ना सिर्फ व्यक्ति के काम आते है बल्कि वो समाज में भी एक बड़ा योगदान देते है। विद्यार्थी ही समाज के आने वाले कल कि नींव होते है। स्कूलों में सिर्फ एक विद्यार्थी नहीं होता बल्कि देश का आने वाला कल होता है जो देश को एक नई रोशनी कि तरफ लेकर जाता है। अगर देश के विद्यार्थी अच्छे गुणों को अपनाते है तो वो आगे जाकर बहुत सारे अच्छे बदलाव करते है।
विद्यार्थी जीवन के महत्व और अच्छे विद्यार्थी के गुणों के बारे में समझाने के लिए अक्सर इस पर निबंध लिखने के लिए भी दिया जाता है। हमारे इस ब्लॉग में आप सब जानेंगे काक चेष्टा बको ध्यानं श्लोक का अर्थ, vidyarthi ke 5 lakshan , अच्छे विद्यार्थी के 10 गुण, विद्यार्थी के लिए कुछ प्रेरणादायक सुझाव।
विद्यार्थी के अंदर अच्छे लक्षण होना बहुत जरूरी है। जिसके लिए संस्कृत में एक श्लोक भी लिखा गया है। जिसमे विद्यार्थी के कुछ मुख्य लक्षणों के बारे में बताया गया है, जो ना सिर्फ विद्यार्थी की मदद उनके विद्यार्थी जीवन में करेंगे बल्कि जिंदगी में आगे आने वाली कठिनाइयों का सामना करने में भी मदद करेंगे।
“काक चेष्टा बको ध्यानं , श्वान निद्रा तथैव च।
अल्पाहारी गृह गृहस्थ , मित्र पंच लक्षणं।।”
इस श्लोक में पशु- पंक्षियों कि मदद से विद्यार्थीयों को अनुशासन और एकाग्रता का महत्व समझाया गया है। जिन्हे अपना कर वो अपने जीवन को सही मार्ग पर ला सकते है।
vidyarthi ke 5 lakshan कुछ इस प्रकार है:-
काक चेष्टा का मतलब कौवे कि तरह धैर्य, कड़ी मेहनत और प्रयासों से है। हम सब ने बचपन में वो कहानी सुनी है जिसमे एक कौवे अपनी प्यास बुझाने के लिए इधर-उधर पानी कि तलाश में घूम रहा था लेकिन जब उसे पानी का एक घड़ा दिखाई दिया तो वो तुरंत उस घड़े के पास गया। कौवे ने देखा उस घड़े में पानी तो था लेकिन बहुत नीचे जहां तक उसकी चोंच नहीं पहुँच रही थी। कौवे ने सोच-विचार किया और फिर उसे एक उपाय सुझा।
कौवे ने पास में ही पड़े छोटे-छोटे कंकड़ एक-एक कर अपनी चोंच में लिए और उस घड़े में डालने लगा। वह कौवे तब तक मेहनत से उस घड़े में कंकड़ डालता रहा जब तक पानी ऊपर ना आ गया। आखिर कौवे कि कड़ी मेहनत और लग्न से पानी का स्तर घड़े के किनारे आ ही गया जिसे पीकर कौवे ने अपनी प्यास बुझाई।
ठीक इसी तरह अगर हमे अपने जीवन में काम करना है और अपने लक्ष्य को पाना है जिसके लिए हमे निरंतर कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी तभी हमे उसका फल मिलेगा।
सारस का गहन ध्यान उस समय देखा जा सकता है जब सारस अपने एक पैर पर पानी में खड़े होकर पानी में देखता है। उसकी नजरे सिर्फ पानी के अंदर होती है। वो छोटी मछलियों पर ध्यान नहीं देता, क्योंकि उसे बड़ी मछली का इंतज़ार रहता है, अगर वो छोटी मछली को पकड़ लेता तो बड़ी मछली उसके हाथ से निकल जाती। ऐसे ही जीवन में हमे महत्वपूर्ण चीजों का पता होना चाहिए ताकि किसी छोटी-मोटी चीजों के कारण उन्हे खो ना दे, और जीवन कि छोटी परेशानिया हमारा ध्यान ना भटका सके।
स्वान निद्रा का मतलब है कुत्ते कि तरह नींद। कुत्ता सोते वक़्त भी पूरी तरह से सतर्क रहता है। थोड़ी सी हलचल होने पर ही वो तुरंत अपनी आंखे खोल लेता है। इसी तरह जीवन में अपने लक्ष्य कि तरफ बढ़ते हुए हमे भी सतर्क रहना चाहिए और अपने आस-पास हो रही गतिविधियों का ज्ञान होना चाहिए। ज्ञान किसी एक जगह से नहीं मिलता हमारे चारों और ज्ञान का भंडार होता है हमे बस उस पर ध्यान देना पड़ता है।
अल्पहारी का मतलब है विद्यार्थी को कम भोजन करना चाहिए, ज्यादा भोजन करने से आलस आता है। जिसे काम करने कि जगह शरीर सोने कि मनोकामना करता है। भोजन कम और पौष्टिक होना चाहिए ताकि विद्यार्थी का स्वस्थ अच्छा रहे और वो बीमारियों से भी दुर रहे।
एक विद्यार्थी को अपने घर कि सुख-सुविधाओ से निकल कर खोज करनी चाहिए। ये दुनिया बहुत बड़ी है घर में आराम से बैठ कर हम विकास नहीं कर सकते। विकास के लिए हमे बाहरी दुनिया का ज्ञान होना भी जरूरी है। घर से निकलने के बाद ही असली संघर्ष के बारे में पता चलता है और चीजों के महत्व के बारे में पता चलता है।
इस श्लोक से मिलने वाले vidyarthi ke 5 lakshan सभी को अपने जीवन में शामिल करना चाहिए जिससे हम अपने जीवन को और भी ज्यादा बेहतर बना सके और अपने ज्ञान में बढ़ोतरी कर सके।
विद्यार्थी के अंदर अच्छे गुणों का होना अत्यंत आवश्यक है अच्छे विद्यार्थी का मतलब सिर्फ पढ़ाई में अच्छा होना नहीं होता बल्कि अपनी सामाजिक और नैतिक जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक रहना भी होता है। अच्छे विद्यार्थी को समय, मेहनत, अनुशासन का महत्व पता होता है। वो दूसरों कि मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहते है।
अच्छे विद्यार्थी के 10 गुण :-
इन सभी गुणों को अपना कर एक अच्छा विद्यार्थी बना जा सकता है, जिसे ना सिर्फ अपने समय का बल्कि अपनी जिम्मेदारियों का भी एहसास रहता है। विद्यार्थी को इन सभी गुणों कि जानकारी और इनके महत्व के बारे में शिक्षकों को बताना चाहिए ताकि वो भी एक अच्छे विद्यार्थी बन सके।
विद्यार्थी के जीवन को सही मार्गदर्शन देना बहुत जरूरी है ताकि वो आगे चल कर सफलता प्राप्त कर सके और एक महान इंसान बन सके। सही प्रेरणा विद्यार्थी को सही दिशा में लेकर जा सकती है तो गलत प्रेरणा विद्यार्थी को गलत राह पर भी लेकर जा सकती है। नीचे विद्यार्थी के लिए प्रेरणादायक सुझाव लिखे हुए है, जो उन्हे सफलता और सही दिशा कि और लेकर जाएंगे।
इन सुझाव कि मदद से विद्यार्थी अपने अंदर बदलाव कर सकते है जिसे ना सिर्फ स्कूल या कॉलेज में बल्कि जीवन के उस पड़ाव में जहां वो परेशानियों से घिरे हुए हो वहाँ भी वो बड़ी समझदारी से निकाल सकते है।
ऐसे बहुत सारे सदगुण होते है जो विद्यार्थी को महान बनाते है जो ना सिर्फ उन्हे बड़ी-बड़ी उपलब्धिया हासिल करवाते है बल्कि उनके पूरे व्यक्तित्व को निहारते है। ये वो गुण होते है जो सामाज में उन्हे इज्जत और एक अच्छा सुखमयी जीवन प्रदान करते है। कुछ प्रमुख सद्गुण नीचे लिखे गए है:-
विद्यार्थी के अच्छे गुण उसे सिर्फ विद्यार्थी जीवन में ही नहीं बल्कि जीवन भर उसकी सहायता करते है, और उसे एक महान व्यक्ति बनाते है। जो ना सिर्फ अपने परिवार के लिए बल्कि समाज और देश के लिए भी अपना योगदान देता है। एक अच्छा विद्यार्थी ही आगे चल कर एक अच्छा इंसान बनता है। जिसे अनुशासन, समय, आत्मविश्वास के महत्व का ज्ञान होता है। हर एक विद्यार्थी को अच्छा विद्यार्थी बनने का संकल्प लेना चाहिए जिसे वो अपने ज्ञान कि रोशनी से पूरे समाज और देश को रोशन कर सके। विद्यार्थी ही देश का भविष्य होते है, अच्छे विद्यार्थी ही हमेशा समाज को विकास कि और लेकर जाते है।
इस ब्लॉग के जरिए हमने विद्यार्थी के 5 लक्षण, अच्छे विद्यार्थी के 10 गुण, काक चेष्टा बको ध्यानं श्लोक के बारे में जाना जिसे न सिर्फ विद्यार्थी बल्कि हर कोई अपने जीवन में अपना कर अपने जीवन को सही दिशा दे सकता है। विद्यार्थी ही देश का भविष्य होते है अगर वो सही मार्ग पर होंगे तो देश भी उन्नति करेगा। अक्सर स्कूलो में अच्छे विद्यार्थी के 10 गुण या अच्छे विद्यार्थी के लक्षण पर निबंध लिखने के लिए दिया जाता है।
विद्यार्थी पंच लक्षणम एक संस्कृत श्लोक है जो एक आदर्श छात्र के पांच गुणों का वर्णन करता है। ये गुण हैं: काकचेष्टा: कौए की तरह तीव्र दृष्टि और चौकन्ना रहना।
बकोध्यानं: बगुले की तरह एकाग्रचित होकर अध्ययन करना।
श्वाननिद्रा: कुत्ते की तरह थोड़ी सी आवाज पर भी जाग जाकर अध्ययन करना।
अल्पहारी: कम खाना।
गृहत्यागी: घर से दूर रहकर अध्ययन करना।
विद्यार्थी का धर्म ज्ञान प्राप्त करना और उसे दूसरों तक पहुंचाना है। एक विद्यार्थी का कर्तव्य है कि वह अपने गुरु का आदर करे, अध्ययन में मन लगाए, और सदाचार का पालन करे।
संस्कृत में विद्यार्थी को छात्र या विद्यार्थी ही कहते हैं। इसके अलावा, शिष्य शब्द भी गुरु के शिष्य के लिए प्रयुक्त होता है।
एक विद्यार्थी के कई कर्तव्य होते हैं, जिनमें शामिल हैं:
गुरु का आदर करना
अध्ययन में मन लगाना
सदाचार का पालन करना
ज्ञान प्राप्त करना
ज्ञान का प्रचार करना
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