पोल्ट्री फार्म बिज़नेस: मुर्गी फार्म का नक्शा, निवेश व् लाभ के बारे में जानिये

November 29, 2024
पोल्ट्री फार्म
Quick Summary

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  • पोल्ट्री फार्म एक ऐसा स्थान है जहां मुर्गियों, बत्तखों, टर्की, और अन्य पक्षियों को पालन किया जाता है। इन पक्षियों को अंडों के उत्पादन, मांस के लिए, या दोनों उद्देश्यों के लिए पाला जा सकता है।
  • अण्डों के लिए पाली जाने वाली मुर्गियों को अंडा देने वाली मुर्गी कहा जाता है, जबकि मांस के लिए पाली जाने वाली मुर्गियों को ब्रॉयलर कहा जाता है।

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पशुपालन मतलब (Animal Husbandry) के चार प्रमुख प्रकार हैं, जैसे कि डेरी फार्मिंग, मुर्गी पालन, मछली पालन, मधुमक्खी पालन। इसमें सबसे फायदेमंद बिजनेस में से एक कुक्कुट/ मुर्गी फार्मिंग है, क्योंकि ये कम लागत और बड़े रिटर्न देने वाला बिजनेस है। पोल्ट्री फार्म को कुछ बेसिक चीजों की जरूरत होती है, जैसे पोल्ट्री हाउस या पिंजरा, अनाज, पानी, बिजली, आदि।

पक्षियों को इसलिए पाला जाता है क्योंकि अंडे और मांस प्रोटीन का एक बड़ा सोर्स हैं। यहां तक कि वेस्ट पदार्थ यानी मल का उपयोग भी खाद के रूप में किया जाता है। तो अगर आप भी पोल्ट्री फार्म शुरू करने के बारे में सोच रहें है और उससे जुडी सभी जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो यह लेख अंत तक पढ़िए।

पोल्ट्री फार्म क्या होता है?

पोल्ट्री फार्म

पोल्ट्री फार्म बिजनेस का मतलब है मुर्गियां, बत्तख, हंस, कबूतर, टर्की आदि जैसे पक्षियों को मांस और अंडे के लिए पालना और ब्रीडिंग कराना। भारत में ज्यादातर मुर्गियाँ बड़ी संख्या में पाली जाती हैं। मुर्गी पालन एक प्रकार का पशुपालन है, जहां मांस और अंडे के लिए मुर्गी और अन्य पक्षियों का पालन किया जाता है। अंडे के लिए पाली जाने वाली मुर्गियों को लेयर्स(Egg Layers) कहते हैं, जबकि मांस के लिए पाली जाने वाली मुर्गियों को ब्रॉयलर(Briolers) कहा जाता है। मुर्गीपालन फार्मिंग सेक्टर का सबसे तेजी से बढ़ने वाला सेक्टर है।

पोल्ट्री फार्म कैसे काम करता हैं?

पोल्ट्री फार्म में काम करने की प्रक्रिया कुछ इस प्रकार है:

  1. सबसे पहले उच्च गुणवत्ता वाले चूजों का चयन किया जाता है।
  2. चूजों को पहले कुछ हफ्तों के लिए ब्रूडर हाउस में रखा जाता है, जहां तापमान और आर्द्रता को उनके विकास के लिए अनुकूल स्तर पर बनाए रखा जाता है। उन्हें पौष्टिक भोजन और पानी प्रदान किया जाता है।
  3. जैसे जैसे चूज़े बड़े होते जाते है, अलग-अलग तरह की मुर्गियों और पक्षियों के लिए अलग-अलग पोल्ट्री हाउस तैयार किया जाता है और उन्हें वहॉं रखा जाता है।
  4. पक्षियों के उपयोग के हिसाब से उनको खाना दिया जाता है। जैसे कि Layers को अंडे देने के लिए प्रेरित करने के लिए प्रकाश व्यवस्था और आहार में हेरफेर किया जाता है।
  5. प्रजनन के लिए और लोगों के खाने के लिए अंडे इकट्ठे और साफ किये जाते है।
  6. जब चिकन वांछित वजन तक पहुंच जाते हैं, तो उन्हें मांस के लिए बेचने के लिए तैयार किया जाता है।
  7. प्रसंस्कृत चिकन और अंडे को खुदरा विक्रेताओं और उपभोक्ताओं को बेचा जाता है।

पोल्ट्री फार्म कैसे शुरू करें?

Step 1 – पोल्ट्री फार्म शुरू करने से पहले आपको ये तय करना जरूरी है की आप क्या बिजनेस करना चाहते है। मांस का प्रोडक्शन, अंडे का प्रोडक्शन, या अंडे और मांस की पैकेजिंग और मार्केटिंग, आदि। अपनी क्षेत्र में मुर्गी पालन और अंडे/मांस की मांग का अध्ययन करें।

Step 2 – पोल्ट्री फार्म लाइसेंस प्राप्त करें – स्थानीय नियमों और कानूनों की जानकारी प्राप्त करें। पोल्ट्री फार्म लाइसेंस पशुपालन विभाग या नगरपालिका द्वारा जारी किया जाता है, जो राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के आधार पर भिन्न होता है। आपको निम्न अनुमतियों की आवश्यकता होगी:

  • जिस क्षेत्र में आप पोल्ट्री फार्म स्थापित करने की योजना बना रहे हैं, वहां की स्थानीय सरकार से NOC / एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र)।
  • आपके पोल्ट्री बिजनेस के आकार के आधार पर बिजली के उपयोग की परमिशन।
  • क्षेत्र के प्रदूषण बोर्ड से एनओसी।
  • पानी की आपूर्ति के लिए भूजल विभाग से अनुमति।

Step 3 – पोल्ट्री फार्म के लिए जगह डिसाइड करें। उस स्थान को फाइनल कर लें, जहां से बिजनेस चलाना आसान हो। मतलब कस्टमर या मार्केट तक पहुंचना आसान हो और ट्रांसपोर्टेशन का भी खर्चा कम लगे।

Step 4 – फिर आपको जरूरत के अनुसार ब्रायलर, लेयर्स या दोनों को खरीद के पालना शुरू करना है। जैसे-जैसे बिजनेस बढ़ता है, आप मांग और प्रॉफिट के आधार पर और पक्षियों को जोड़ सकते हैं।

Step 5 – अपने बिजनेस को एक अच्छा नाम दें। अगर आप बिजनेस बढ़ाना चाहते हैं तो आप अपनी खुद की वेबसाइट बनाकर या कुछ ऑनलाइन सेलर्स से संपर्क करके इसे ऑनलाइन भी बेच सकते हैं।

Step 6 – मुर्गीपालन बिजनेस में बहुत ज्यादा निवेश की जरूरत नहीं होती है। लेकिन इसके लिए मेंटेनेंस, रॉ मैटेरियल, जगह, पक्षी, कर्मचारी, मुर्गियों का खाना और पानी आदि की जरूरत होती है। आपके पास एक अच्छा फाइनेंशियल प्लान होना चाहिए। आप बैंकों से लोन के लिए भी अप्लाई कर सकते हैं।

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मुर्गी फार्म में कितना फायदा है?

मुर्गी पालन के लिए इन्वेस्टमेंट 1,00,000 से शुरू होकर 10,00,000 तक जा सकता है। ये पूरी तरह से मुर्गियों के प्रकार और आप कितना बड़ा बिजनेस करना चाहते हैं, इस पर डिपेंड करता है। आपको पक्षी, पिंजरे, भोजन, जमीन आदि खरीदने के लिए धन की जरूरत होगी और अंडे और मांस की क्वांटिटी के अनुसार आपको भारत में हर साल मुर्गी पालन व्यवसाय से औसत मुनाफा 10-20% के बीच सकता है। कुछ सफल मुर्गी पालन व्यवसाय 30-40% तक का मुनाफा भी कमा सकते हैं।

निवेश –

  • छोटे पोल्ट्री फार्म – 50,000 से 1,50,000 रुपये
  • मीडियम पोल्ट्री फार्म – 1,50,000 से 3,50,000
  • बड़े पोल्ट्री फार्म – 6,00,000 से 10,00,000 रुपये

प्रॉफिट –

बिजनेस में प्रॉफिट आपके निवेश और मेहनत पर निर्भर है। देखा जाए तो मुर्गी फार्म में लगभग 10-12 लाख का प्रति वर्ष का लाभ मिलता है। यूं कहें तो 10-20% का प्रॉफिट मार्जिन है।

भारत में मुर्गी पालन को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार की स्कीम्स

योजनाविवरणलाभार्थी
National Livestock Mission (NLM)वैज्ञानिक प्रजनन प्रथाओं (scientific breeding practices ) और बेहतर फार्म प्रबंधन को बढ़ावा देता है। प्रति परियोजना ₹35 लाख तक का अनुदान प्रदान करता है ।मुर्गी पालन करने वाले किसान, FPOs, कोऑपरेटिवेस (सहकारी समितियां)
Sub-Mission on Agriculture Mechanization (SMAM)मुर्गी पालन उपकरण की लागत पर 40% तक सब्सिडी प्रदान करता है (अधिकतम सब्सिडी राशि ₹10 लाख)मुर्गी पालन करने वाले किसान, FPOs, कोऑपरेटिवेस (सहकारी समितियां)
Animal Husbandry Dairy & Fisheries (AHDF) Schemesछोटे पोल्ट्री किसानों, महिला उद्यमियों और एससी/एसटी (SC/ST) समुदायों को लक्षित सहायता प्रदान करता है। लाभों में चूजों पर सब्सिडी, चारा, टीकाकरण, बुनियादी ढांचे का विकास, विपणन सहायता (marketing assistance) और प्रशिक्षण कार्यक्रम शामिल हैं।छोटे पोल्ट्री किसानों, महिला उद्यमियों और एससी/एसटी (SC/ST) समुदाय

पोल्ट्री फार्म लाइसेंस कैसे प्राप्त करें?

पोल्ट्री फार्म लाइसेंस

पोल्ट्री फार्म लाइसेंस प्राप्त करने के लिए आवश्यक दस्तावेज:

  • आवेदन पत्र
  • पहचान प्रमाण (आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी)
  • पते का प्रमाण (बिजली बिल, राशन कार्ड)
  • जमीन का स्वामित्व या किराये का दस्तावेज
  • भवन निर्माण का नक्शा
  • पशु चिकित्सक का प्रमाण पत्र
  • पर्यावरणीय मंजूरी (यदि आवश्यक हो)
  • शुल्क भुगतान रसीद

पोल्ट्री फार्म लाइसेंस के लिए रजिस्टर कैसे करें

  • आप इसे पशुपालन की आधिकारिक वेबसाइट https://www.animalhusb.upsdc.gov.in/en से ऑनलाइन अप्लाई कर सकते है।
  • पोल्ट्री फार्म की लिंक पर क्लिक करें और योजना से जुड़े सभी बातों को ध्यान से पढ़ें।
  • इसके लिए जरूरी डॉक्यूमेंट्स जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक पासबुक, फोटो, आदि को स्कैन करके एप्लीकेशन सबमिट करें।
  • हर राज्य का अपना प्रोसेस होता है इसीलिए डॉक्यूमेंट्स, लोन, सब्सिडी, और लाइसेंस मिलने का वक्त अलग हो सकता है।
  • MSME या उद्यम रजिस्ट्रेशन करना आवश्यक तो नहीं है लेकिन करने पर इसके फायदे बहुत ज्यादा है। आपको लोन और सब्सिडी मिलने में आसानी होगी।

पोल्ट्री फार्म के लिए कितनी जगह जरूरी है ?

पोल्ट्री फार्म बिज़नेस(Poultry Farming Business) शुरू करने के लिए पोल्ट्री केज काफी अहम है। चिकेन का स्वास्थ्य काफी हद तक इस पर निर्भर करेगा कि पोल्ट्री केज उनके लिए कितना सुविधाजनक है। 1000 पक्षियों के लिए कम से कम 500 वर्गफीट जगह होनी चाहिए और इसमें पक्षियों के टहलने और नेचुरल लाइट और उचित वेंटिलेशन के लिए 100 वर्गफीट जगह और होने चाहिए।

मुर्गी फार्म बनाने का नक्शा

शेड की चौड़ाई आप कम से कम 30 फीट जरुर रखें और लम्बाई आवश्यकता अनुसार रखें। अगर आपको 1500 वर्गफीट जगह चाहिए तो लम्बाई 50 फीट और चौड़ाई 30 फीट, तब कुल जगह 30X50 = 1500 वर्गफीट.

  • शेड में दो तरफ जाली रहती है और दो तरफ दीवार रखी जाती है। जाली वाली साइड हमेशा उत्तर-दक्षिण दिशा में रखे ताकि हवा अंदर से गुजर सके। क्योंकि अधिकतर हवा उत्तर से दक्षिण ही अधिक बहती है। जाली वाली साइड की दीवार आधा फीट से अधिक ना रखे।
  • शेड का फर्श पक्का बनवाए।
  • शेड की छत सीमेंट की चद्दर से बनाये ताकि धूप में अधिक गर्मी ना रहे। इन सीमेंट चद्दरों को शेड से 3 फीट बहार निकाले ताकि बारिश में पानी अंदर ना आए।
  • शेड की छत ढलवा होती है जो बीच में से 15 फीट तक ऊँची और साइड में 10 फीट ऊँची रखें यानी झोंपड़ी का आकार देना है।
  • शेड के अंदर बिजली की व्यवस्था करें, गर्मियों में पंखे और कूलर तथा रात्रि में अच्छी रोशनी के बल्ब और सर्दियों में गर्म हवा देने वाली भट्टियाँ या बिजली से चलने वाले हीटर की व्यवस्था करें।
  • दो शेड पास-पास ना बनाए, एक लम्बा शेड बनाकर बीच में दीवारे खींचकर दो शेड का रूप देना बेहतर रहता है।

पोल्ट्री फार्म बिज़नेस के क्या फायदे और नुकसान है?

पोल्ट्री फार्म में बहुत से फायदे और नुकसान हैं। जैसे:

फायदेनुकसान
आय का स्रोत: मुर्गी पालन व्यवसाय आय का एक अच्छा स्रोत हो सकता है, खासकर यदि इसे कुशलतापूर्वक और बड़े पैमाने पर संचालित किया जाए।बीमारियों का डर: मुर्गी पालन व्यवसायों को बीमारियों का खतरा होता है, जो बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा सकता है।
ज्यादा डिमांड: मुर्गी पालन मांस और अंडे का उत्पादन करता है, जो दोनों ही महत्वपूर्ण खाद्य पदार्थ हैं।बाजार में उतार-चढ़ाव: मुर्गी और अंडे की कीमतें अस्थिर हो सकती हैं, जिससे मुनाफे में कमी हो सकती है।
बहुत अधिक कैपिटल की आवश्यकता नहीं है: अन्य कृषि व्यवसायों की तुलना में, मुर्गी पालन व्यवसाय को शुरू करने के लिए अपेक्षाकृत कम पूंजी की आवश्यकता होती है।चारा और अन्य आदानों की लागत: चारा और अन्य आदानों की कीमतें बढ़ने से मुनाफे पर असर पड़ सकता है।
तेज़ी से बढ़ने वाला व्यवसाय: मुर्गी पालन व्यवसाय दुनिया भर में तेजी से बढ़ रहा है।पर्यावरणीय प्रभाव: मुर्गी पालन व्यवसायों का पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, जैसे कि जल प्रदूषण और गंध उत्सर्जन।
सरकारी सहायता: कुछ सरकारें मुर्गी पालन व्यवसायों को सब्सिडी या अन्य सहायता प्रदान करती हैं। जिसकी वजह से आसान लोन मिल जाता है।अधिक श्रम की आवश्यकता: मुर्गी पालन व्यवसाय को श्रम-गहन माना जाता है, जिसके लिए नियमित देखभाल और रखरखाव की आवश्यकता होती है।
बहुत ज्यादा जगह की जरूरत नहीं हैप्रतिस्पर्धा: मुर्गी पालन व्यवसाय में कम्पटीशन तीव्र हो सकती है, खासकर बड़े पैमाने पर उत्पादकों के साथ।
कम मेंटेनेंस की जरूरत होती हैभोजन की कमी: आपको नियमित रूप से और सही मात्रा में खाना खिलाना होगा। अगर ऐसा नियमित रूप से न किया तो मुर्गी को नुक्सान हो सकता है।
आसानी से मिल जाता है लाइसेंसपक्षियों से इंसानों में बीमारी की संभावना
निवेश पर फास्ट रिटर्नपक्षियों की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी

निष्कर्ष

मुर्गी पालन/पोल्ट्री फार्म एक बहुत ही फायदेमंद बिजनेस है। अगर आप सोचते कि बहुत से लोग ऐसा कर रहे हैं इसलिए आपको ज्यादा कमाने का मौका नहीं मिलेगा लेकिन ये सच नहीं है। अंडे और मांस की डिमांड हमेशा बनी रहेगी। तो ये कारोबार तब ही ख़त्म होगा, जब लोग मांस खाना छोड़ देंगे। अगर आप सही ट्रेनिंग लेते हैं, तो आप बहुत सारा पैसा कमा सकते हैं।

सबसे खास बात सफाई एवं क्वालिटी बनाए रखना है। क्योंकि बर्ड फ्लू जैसी बीमारी के कारण आपका पूरा बिजनेस ठप हो सकता है। साथ ही खराब पानी और अन्य गंदगी की वजह से आस पास के लोगों को भी बीमारियां हो सकती हैं। पशुओं की सही और अच्छी नस्लों का चयन करें। बिजनेस बढ़ता रहे इसके लिए आपको अपने लाइवस्टॉक या पशु -पक्षियों का अच्छे से पालन-पोषण करना चाहिए।

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